05/12/2022
ये केवल एक मेसेज नहीं बहुत बड़ी विडंबना है कृपया सभी नर्सिंग ऑफ़िसर्स के साथ शेयर करे
*अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों के अधिकार*
*डॉक्टर के अधिकार :* पेशेंट के ट्रीटमेंट की 100% स्वतंत्रता
*एएनएम के अधिकार:*
प्रेग्नेंट वोमेन और बच्चों का टीकाकरण (किसी की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं )
जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन वेरीफाई करना
सामान्य प्रसव करवाना
*स्वीपर के अधिकार :* अस्पताल की सफ़ाई (किसी की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं )
*नर्सिंग अधिकारी के अधिकार :*
इंजेक्शन लगाना (डॉक्टर की लिखित स्वीकृति आवश्यक)
ड्रेसिंग करना (डॉक्टर की लिखित स्वीकृति आवश्यक)
टाँके लगाना (डॉक्टर की लिखित स्वीकृति आवश्यक)
डिलीवरी असिस्ट करना (साथ में डॉक्टर का होना आवश्यक )
पेशेंट को मेडिसिन देना (डॉक्टर की लिखित स्वीकृति आवश्यक)
इसे दो अलग अलग उदाहरणों के द्वारा समझाना चाहता हूँ :-
1.
मरीज़ to Anm: सिस्टर बच्चे को टीका लगाना है
एएनएम: हाँ ले आइए बच्चे को अभी लगा देती हूँ और पैरासिटमोल देती है और बोलती है अगर बच्चे को बुख़ार आये तो दे देना ।
मरीज़: धन्यवाद सिस्टर और घर चला जाता है
2.
मरीज़ to नर्सिंग ऑफिसर : सर तेज बुख़ार है
नर्सिंग ऑफिसर : पर्ची काटा ली
मरीज़ : जी सर
नर्सिंग ऑफिसर : पास वाले कमरे में डॉक्टर साब बैठे है दिखा दो
मरीज़ : सर डॉक्टर साब नहीं है आप ही देख लो
नर्सिंग ऑफिसर : नहीं भाई डॉक्टर साब ही देखेंगे
मरीज़ : सर बुख़ार ही तो है परसेटमोल दे दो
नर्सिंग ऑफिसर : बोला ना में नहीं दे सकता आज डॉक्टर साब छुट्टी पे है कल आ जाना
मरीज़ ग़ुस्से से : फिर आप किसलिए हो यहाँ मुझे बुख़ार अभी है कल तक क्या करूँ
मरीज़ और नर्सिंग ऑफिसर की बात लड़ाई झगड़े तक पहुँच जाती है मरीज़ के रिश्तेदार इलाज नहीं मिलने के कारण ग़ुस्सा होते है और नर्सिंग ऑफिसर को थप्पड़ मार देते है
नर्सिंग ऑफिसर नर्सिंग एसोसिएशन के पास जाता है
नर्सिंग एसोसिएशन धरना प्रदर्शन करती है और मरीज़ पर राजकीय कार्य में बाधा और ऑन ड्यूटी स्टाफ के साथ मारपीट का केस दर्ज कराती है
पुलिस आती है मरीज़ को गिरफ़्तार करती है
धरना ख़त्म हो जाता है
फिर एक दूसरे हॉस्पिटल में वापस ये ही घटना होती है और एसोसिएशन वापस धरना देती है
मैं पूछना चाहता हूँ सभी नर्सिंग एसोसिएशनों के पदाधिकारियों से की एक पैरासिटमोल की टेबलेट देने का अधिकार अगर उस नर्सिंग ऑफिसर के पास होता तो
- उसकी पिटाई नहीं होती
- उसकी समाज में इज्जत होती
-उसके उस मरीज़ के साथ रिश्ते अच्छे होते
- वो मरीज़ धन्यवाद बोलता और दुवाए देता
क्या चार वर्षों की कड़ी मेहनत एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, फ़ार्मेकोलॉजी, मेडिसिन एंड सर्जरी, रेहबिलिटेशन, न्यूट्रीशन, साइकिएट्रिक, गायनेकोलॉजी और पीडियाट्रिक ये सब पढ़ने के बाद भी एक नर्सिंग ऑफिसर इस इज्जत का हक़दार नहीं ।
क्या नर्सिंग एसोसिएशन हमेशा थप्पड़ खाने के बाद ही धरना प्रदर्शन करेगी वो थप्पड़ बार बार नर्सिंग ऑफिसर को ही क्यों ख़ाना पड़ता है इसका समाधान करने के लिए कुछ नहीं करेगी
क्या कभी नर्सिंग ऑफिसर को दवाई देने का अधिकार मिलेगा ?
क्या कभी कोई एसोसिएशन सरकार से इस माँग के लिए संघर्ष करेगी
हम सब ये भलीभाँति जानते है और मेडिकल कम्युनिटी भी ये जानती है की 90% प्राथमिक चिकित्सा नर्सिंग ऑफ़िसर्स के द्वारा दी जाती है और अगर नर्सिंग ऑफ़िसर्स बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के काम करना बंद कर दे तो पता नहीं सरकार की कितनी ही योजनाओं को शत प्रतिशत इंप्लिमेंट नहीं किया जा सकता हम सब सरकार की इन योजनाओं को सफल बनाने के लिए कार्य कर रहे है
आख़िर में मैं यही कहना चाहता हूँ नर्सिंग प्रोफेशन को अच्छी राजनीति की ज़रूरत है जो हम सब को थप्पड़ की जगह मान सम्मान दिलाये
🙏🙏🙏🙏
कृपया करके इसके लिए एक रूपरेखा बना कर इसे एक आंदोलन बनाया जाये इस मुद्दे को ज़ोर शोर से सरकार के समक्ष उठाया जाये और नर्सिंग ऑफ़िसर्स को ये मान सम्मान दिलाए
धन्यवाद
नर्सिंग ऑफिसर टीम