13/03/2025
हार्दिक प्रणाम।
रंगों की होली आई रे।
खिली खिली धूप है
मन में जगी उमंग है
नीले पीले हरित रंग
मस्त भंग की तरंग है
टेसू के नारंगी फूलों से
बनाया केसरिया रंग है
लगा गालों पर गुलाल
मेरी भाभी शरमाई रे
बसंती हवा साथ लिए
रंगों की होली आई रे।
पूर्णमासी की रात में
धूं धूं होलिका जले
सत्य की किरणों से
हर घर आरती जले
ईश भक्त प्रहलाद को
छू न पाई आग, पर
होली की आग में
बुआ होलिका जले।
भर भर पिचकारी से
तेरी चुनरी भिगोयी रे
फागुन की गंध लिए
सतरंगी होली आई रे।
फूलों की डाली पर
भौंरे गूंज गूंज रहे
अमराई में, दल बल
कोयलों के कूक रहे
धरती से लेकर नभ
कई रंगों से भर रहे
प्रीतम हैं बहुत दूर
पत्नी की तन्हाई रे
पूछें प्रेमी और प्रेमिका
अब कब होगी सगाई रे
मन में प्रेम की चाह लिए
सतरंगी होली आई रे।
होली के पावन पर्व पर आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं।
डॉ पवन कुमार जैन