Shri Param Hans Acupressure Heal & Learn Center

Shri Param Hans Acupressure Heal & Learn Center this is a therapy which can cure any problem or a deases with acupressure, acupuncture, sujok therap

11/09/2025

Walking 10,000 steps a day but seeing no results?
Harvard study reveals
5 bad habits that cancel out the benefits
1. Poor posture can create bigger problems.
2. The wrong shoes may be hurting your body.
3. Lack of hydration can lead to dizziness.
4. Skipping warm-up can risk injury.
5. Overstriding can damage joints.

10/09/2025

कैल्शियम की कमी

1.
पानी में अदरक डाल कर उबालें। इस पानी में शहद और हल्का नींबू निचोड़ें। सुबह 20 दिन तक पिएं। कैल्शियम की आपूर्ति होगी।
2.
अंकुरित अनाज में कैल्शियम प्रचूर मात्रा में होता है।

09/09/2025

*कमाल की है मूंग की दाल*

*हम इसे बीमारियों में क्यों खाते हैं..?*

सभी जानते हैं कि दालें प्रोटीन से भरपूर होती हैं, लेकिन दालों में सबसे उत्तम, स्वास्थवर्द्धक तथा शक्तिवर्द्धक दाल मूंग की होती है।

मूंग की दाल की खास बात है कि यह सुपाच्य होती है।
इसके अतिरिक्त मूंग की दाल में कार्बोहाइड्रेट, कई प्रकार के विटामिन, फॉस्फोरस और खनिज तत्व पाए जाते हें, जो अनेक बीमारियों से लड़ने की क्षमता रखते हैं।

मूंग साबूत हो या धुली, पोषक तत्वों से भरपूर होती है।

अंकुरित होने के बाद तो इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन्स की मात्रा दोगुनी हो जाती है।

अंकुरित मूंग दाल में मैग्नीशियम, कॉपर, फोलेट, राइबोफ्लेविन, विटामिन-सी, फाइबर, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन बी-6, नियासिन, थायमिन और प्रोटीन होता है।

कुछ लोगों को लगता है कि मूंग दाल बीमारी में खाने के लिए होती है, जबकि मूंग दाल में इतने पौष्टिक तत्व होते है कि अपनी खुराक में उसे शामिल करना ही चाहिए।

मात्र एक कटोरी पकी हुई मूंग की दाल में 100 से भी कम केलौरी होती है।

इसे खाने के बाद लम्बे समय तक भूख नहीं लगती है।

रात के खाने में रोटी के साथ एक कटोरी मूंग दाल खाने से भरपूर पोषण मिलता है और जल्द ही बढ़ा वजन कम होता है।

इस तरह मोटापा घटने में मूंग दाल महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

शोध बताते हैं कि मूंग दाल खाने से त्वचा कैंसर से सुरक्षा भी मिलती है।

मूंग की मदद से आसानी से *रक्तचाप* को नियंत्रित किया जा सकता है, साथ ही मूंग *कोलेस्ट्रॉल* के स्तर को भी कम करती है।

ये सोडियम के प्रभाव को कम कर देती है, जिससे रक्तचाप बढ़ता नहीं है।

मूंग *आयरन* की कमी को पूरा करने में सक्षम है।

आमतौर पर, शाकाहारी लोग अपने खाने में कम आयरन लेते हैं।

अपनी खुराक में मूंग को शामिल करके आयरन की कमी दूर की जा सकती है, जिससे एनीमिया का जोखिम भी अपनी आप कम हो जाएगा।

दाद, खाज-खुजली की समस्या में मूंग की दाल को छिलके सहित पीस कर लेप बनाकर उसे प्रभावित जगह पर लगाने से लाभ होता है।

टायफॉयड होने पर मूंग की दाल खाने से मरीज को बहुत आराम मिलता है।

किसी भी बीमारी के बाद शरीर कमजोर हो जाता है।

मूंग की दाल खाने से शरीर को ताकत मिलती है।

मूंग की दाल के लेप से ज्यादा पसीना आना भी रुक जाता है।

दाल को हल्का गर्म करके पीस लें। फिर इस पाउडर में कुछ मात्रा पानी की मिला कर लेप की तरह पूरे शरीर पर मालिश करें, ज्यादा पसीना आने की शिकायत दूर हो जाएगी।

मूंग को अंकुरित करके भी उपयोग में लाया जा सकता है, यह बहुत ही गुणकारी और स्वास्थ्वर्द्धक है तथा इसके सेवन से अनेक रोगों से बचाव किया जा सकता है और मुक्ति पायी जा सकती है।

अंकुरित मूंग का सेवन अवश्य करना चाहिए क्योंकि यह शरीर में आवश्यक तत्वों की कमी पूरी करती है और शरीर को मजबूत बनाती है।

यह सुपाच्य भी है।
इससे बेहतर शाकाहारी खाद्य सामग्री कोई नहीं होती है।

अंकुरित मूंग में ग्लूकोज लेवल बहुत कम होता है इस वजह से मधुमेह रोगी इसे खा सकते हैं।

अंकुरित मूंग के सेवन से पाचन क्रिया हमेशा सही बनी रहती है जिसके कारण पेट सम्बंधी समस्या नहीं होती है और जीवन खुशहाल रहता है।

अंकुरित मूंग में शरीर के विषाक्त तत्वों को निकालने का गुण होता है।

इसके सेवन से शरीर में विषाक्त तत्वों में कमी आती है और शरीर स्वस्थ तथा चुस्त रहता है।

अंकुरित मूंग का नियमित सेवन करने से उम्र का असर जल्दी ही चेहरे पर दिखाई नहीं देता है।

अंकुरित मूंग में पेप्टिसाइड होता है जो रक्तचाप को संतुलित रखता है और शरीर को स्वस्थ एवं सुदृढ़ बनाए रखने में कारगर होता है।

अंकुरित मूंग में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जिससे अपच और कब्ज की समस्या नहीं होती है तथा पाचन क्रिया दुरुस्त बनी रहती है।

मूंग की दाल में ऐसे गुण होते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देते हैं और उसे बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं।

08/09/2025
YOUR EAR: A GATEWAY TO WHOLE-BODY HEALING ✅
08/09/2025

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How to make detox drink?To make this detox drink, you need:• One tablespoon of cumin or jeera seeds• One tablespoon of c...
04/09/2025

How to make detox drink?

To make this detox drink, you need:
• One tablespoon of cumin or jeera seeds
• One tablespoon of carom or ajwain seeds
• One tablespoon of fennel or saunf seeds
• A glass of water
Method:
• Take a pan and roast all three seeds till they begin to release fragrance.
• Remove and add to a glass of water and leave it overnight.
• Next morning, strain the seeds and boil water for five minutes
• Add lemon for taste and a dollop of honey if you like it sweet.
Drink this water hot or lukewarm on an empty stomach every morning for the most effective results.

*हृदय रोग की अद्भुत औषधि अर्जुन की छाल!*अर्जुन एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो विशेष रूप से हृदय स्वास्थ्य के ल...
26/08/2025

*हृदय रोग की अद्भुत औषधि अर्जुन की छाल!*

अर्जुन एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो विशेष रूप से हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानी जाती है। आयुर्वेद में अर्जुन की छाल को दिल की मांसपेशियों को मजबूत करने, उन्हें टोन करने और हृदय को ऊर्जा देने के लिए एक प्रमुख औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। अर्जुन की छाल का सेवन हृदय के सभी पहलुओं का समर्थन करने और इसके स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है।
शरीर में आई सूजन को घटाने के लिए भी अर्जुन की छाल अच्छी मानी गई है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन घटाते हैं

*अर्जुन की छाल के मुख्य फायदे!*

*1. हृदय को मजबूत बनाती है!*
अर्जुन छाल रक्त संचार को सही रखती है और हृदय की धमनियों को स्वस्थ बनाए रखती है।

*2. ब्लड प्रेशर कंट्रोल करती है!*
हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर दोनों को संतुलित करने में मददगार है।

*3. कोलेस्ट्रॉल कम करती है!*
खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने में सहायक है।

*4. दिल की धड़कन को नियंत्रित करती है!*
अनियमित धड़कनों (Arrhythmia) को सही करने में मदद करती है।

*5. ब्लड शुगर को नियंत्रित करती है!*
मधुमेह के मरीजों के लिए भी यह फायदेमंद है।

*6. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर!*
शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करके एंटी-एजिंग प्रभाव डालती है।

*7. लिवर और किडनी के लिए लाभकारी!*
यह लिवर को डिटॉक्स करने और किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करती है।

*8. तनाव और चिंता को कम करती है!*
यह एक प्राकृतिक एडेप्टोजेन है, जो मानसिक शांति देती है।

*9. पाचन में सुधार!*
अपच, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं में फायदेमंद होती है।

*10. घाव भरने में मदद करती है!*
त्वचा के घावों को जल्दी भरने में उपयोगी है।

*अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करें?*

*आयुर्वेदिक चिकित्सक के अनुसार, अर्जुन की छाल का सबसे प्रभावी उपयोग अर्जुन की छाल की चाय के रूप में होता है!*

*1. अर्जुन चाय!*
1 चम्मच अर्जुन की छाल पाउडर को 1 कप पानी में उबालकर दिन में 1-2 बार पिएं।

*2. अर्जुन दूध!*
आधा चम्मच अर्जुन छाल पाउडर को 1 गिलास दूध में उबालकर सेवन करें।

*3. गर्म पानी!*
अर्जुन छाल एक छोटे से टुकड़े को कूट करके उसे रात के समय गर्म पानी में अच्छे से उबालकर के और रात भर भीगा रहने दे और सुबह छान करके खाली पेट पी लेने से पेट की सभी प्रकार की हृदय से संबंधित और पाचन प्रक्रिया से संबंधित कमियों को दूर करता है।
और अगर आप अकेले अर्जुन छाल नहीं पी सकते तो आप इसमें अदरक, शहद, गुड या मिश्री कोई भी एक चिक मिला करके भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं याद रखे इसमें चीनी नहीं मिलानी है,,

https://share.google/lA0tsVoC26MC0JavX

इसका प्रयोग नवंबर से लेकर के जनवरी या फरवरी तक ही करना चाहिए यानी ठंडी के समय बाकी बारिश के दिनों में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है लेकिन बहुत ही कम मात्रा में,,,

*4. कैप्सूल या टैबलेट!*
आयुर्वेदिक स्टोर्स में उपलब्ध अर्जुन कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं।

*सावधानियाँ!*

*गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपने वैध अथवा डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।*

*किसी भी दवा के साथ लेने से पहले अपने वैध अथवा डॉक्टर से परामर्श करें।*

*अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट दर्द या एसिडिटी हो सकती है।*

*अगर आप इसे अपने डेली रूटीन में शामिल करना चाहते हैं, तो अपने वैध अथवा डॉक्टर की सलाह जरूर लें!*

*पनीर*  *बीमारियों का सबसे बड़ा कारण होता है।*मनुष्य स्वयं को कितना भी आधुनिक बना ले लेकिन उसे लौट के अपने पुराने ज्ञान क...
19/08/2025

*पनीर*
*बीमारियों का सबसे बड़ा कारण होता है।*

मनुष्य स्वयं को कितना भी आधुनिक बना ले लेकिन उसे लौट के अपने पुराने ज्ञान की ओर पलटना ही पड़ता है। क्योंकि आधुनिक विज्ञान अधूरा है और प्राचीन शोध पूरी तरह जांचे-परखे और हानि रहित होते हैं।

अब बात करते हैं आज के सबसे प्रसिद्ध भोजन *पनीर* की...

भारतीय लोग तो पनीर के इतने दीवाने हो चुके हैं कि इन्हें पनीर जहां भी मिल जाए, बाकी सब चीज छोड़कर, सिर्फ पनीर ही मजे से ठूसने लगते हैं।

होटल में गए तो बिना पनीर खाये इनके गले से निवाला नही उतरता। कढ़ाई पनीर, शाही पनीर, मटर पनीर, चिली पनीर और भी न जाने कितने प्रकार के पनीर।

समोसे में पनीर, पकौड़ी में पनीर, पिज्जा में पनीर, बर्गर में पनीर, मतलब जहां देखो वहां पनीर।

भारत में शायद जितना दूध नही पैदा होता उससे ज़्यादा पनीर बनता होगा।

चिकित्सा विज्ञान में सबसे प्राचीन विधा आयुर्वेद में दूध, दही, घी का जिक्र तो हर जगह है, किन्तु इस नामुराद पनीर का जिक्र कहीं नही है। आखिर क्यों?

यदि पनीर इतना ही अच्छा है तो इसके बारे में किसी ऋषि ने कुछ क्यों नही लिखा?

जब गहराई से इसकी पड़ताल की तो पता चला कि...

*आयुर्वेद में पनीर को निकृष्टतम भोजन के रूप में बताया गया है। कचरा माना गया है। और कचरा भी ऐसा वैसा नहीं, जिसे जानवरों को भी खिलाने से मना किया गया है।*

दूध को फाड़ कर या दूध का रूप विकृत करके पनीर बनता है।

*जैसे कोई सब्जी सड़ जाए तो क्या उसे खाएंगे? पनीर भी सड़ा हुआ दूध ही है।*

भारतीय इतिहास में कहीं भी पनीर का उल्लेख नही है। न ही ये भारतीय व्यंजन है। क्योंकि भारत में प्राचीन काल से ही दूध को विकृत करने की मनाही रही है। आज भी ग्रामीण समाज में घर की महिलाएं अपने हाथ से कभी दूध नही फाड़ती।

*पनीर खाने के नुकसान...*

आयुर्वेद ने तो शुरू से ही बताया है कि विकृत दूध लिवर और आंतों को नुक्सान पहुंचाता है। लेकिन अब आधुनिक विज्ञान ने भी अपने शोध में साबित किया है कि पनीर खाने से आंतों पर अतिरिक्त दबाव आता है, जिससे पाचन संबंधित रोग होते हैं।

*पनीर में पाया जाने वाला प्रोटीन पचाने की क्षमता जानवरों में भी नही होती। फिर मनुष्य उसे कैसे पचा सकता है?*

नतीजा होता है खतरनाक कब्ज, फैटी लिवर और आगे चल कर हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह यानी डायबिटीज़। यही पनीर पेट की खतरनाक बीमारी IBS, (Irritable Bowel Syndrome यानी संवेदनशील आंत की बीमारी) को भी पैदा करता है।

ज़्यादा पनीर खाने से खून में थक्के जमने की शिकायत होती है, जो ब्रेन हैमरेज और हार्ट फेलियर का कारण भी बन सकता है।

वहीं ये पनीर हार्मोनल डिसबैलेंस का कारण भी बन सकता है, जिससे हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायराइडिज्म (Hyper/Hypo thyroid) भी पनप सकता है।

महिलाओं में गर्भ धारण करने की क्षमता कम होती है पुरुषों में नपुंसकता आती है।

कुल मिला कर देखा जाए तो पनीर से लाभ तो सिर्फ जीभ को ही होता है लेकिन हानि पूरे शरीर को होती है।

इसलिए अगली बार पनीर खाने से पहले सोचिएगा ज़रूर।

सभी देशवासियों को जन्माष्टमी की असीम शुभकामनाएं। आस्था, आनंद और उमंग का यह पावन-पर्व आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा और नए उ...
16/08/2025

सभी देशवासियों को जन्माष्टमी की असीम शुभकामनाएं। आस्था, आनंद और उमंग का यह पावन-पर्व आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा और नए उत्साह का संचार करे। जय श्रीकृष्ण!🙏🏻

 करी पत्ते के फायदे
08/08/2025


करी पत्ते के फायदे

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