14/09/2024
*कब्ज सैकड़ों बीमारियों की मां है*
अगर किसी इंसान का पेट साफ ना हो और उसके पेट में भरी गंदगी ना निकले तो उसका मसला बड़ा खराब हो जाता है। हर वक्त पेट फुला फुला लगता है, बेचैनी बनी रहती है, किसी काम में दिल नहीं लगता। कीमती वक्त का बड़ा हिस्सा ज़ोर लगाने में ही गुज़र जाता है।
कब्ज आंतों की बीमारी है। आंतें हरकत करके उनमें मौजूद गंदगी को बाहर निकाल देती हैं। अगर यह आंतें सुस्त हो जाएं और अपनी ड्यूटी सही अंजाम न दें तो पाखाना आंतों में भरा रहता है और उसके नतीजे में बहुत सारी बीमारियां जन्म लेती हैं। ऐसे शख्स का पेट अक्सर फुला रहता है, भूख नहीं लगती, खूब गैस बनती है, अगर पेट साफ करने में ज्यादा ज़ोर लगा ले तो बवासीर हो जाती है कभी उन मस्सों से खून भी आने लगता है, मोटापा बढ़ जाता है। वह खाना अंदर ही पड़ा पड़ा सड़ता है और फोड़े फुंसियां, दाद खाज खुजली, गंजापन आंखों के नीचे काले घेरे पैदा हो जाते हैं।
हमारे लीवर से पीला पीला Bile acid निकलता है, इसके बहुत से काम हैं जिनमें एक यह भी है कि यह आंतों में जाकर आंतों को धोता और उसकी गंदगी को साफ करता है। इसी से लैट्रिन करने की हाजत का एहसास होता है। अगर किसी वजह से लिवर में खराबी आ जाए तो Bile acid का Production कम हो जाता है और पेट साफ नहीं हो पाता। इसीलिए इस तरह के मरीजों को कब्ज की दवा के साथ लीवर की दवा भी दी जाती है तभी मुकम्मल इलाज हो पता है।
कब्ज के इलाज में दवा के साथ भारी खानों से परहेज करना बहुत जरूरी है। गोश्त, मांडे, समोसे, कचोरी, पोहा जलेबी और मैदे से बनी हर चीज खतरनाक साबित होती है। अक्सर खाली पेट ताजा दही खाने से आंते नरम रहती हैं और आसानी से पेट साफ हो जाता है। इसी तरह अंजीर भी कब्ज दूर करने में मुजर्रब है।
काली हरड़ थोड़े से अरंडी के तेल में बिरयां करके पाउडर बना लें। आधा चम्मच गर्म पानी के साथ यह पाउडर खाने से भी बहुत जल्दी आराम मिलता है। अगर यह तकलीफ पुरानी हो जाए तो फिर इसका बाकायदा इलाज होता है और मुकम्मल इलाज में टाइम भी लगता है। अगर मरीज दवा के साथ परहेज से काम ले तो अक्सर ठीक हो जाता है।
राब्ता करें
हकीम मुफ्ती आदिल मंसूरी का़समी
उकाज़ हर्बल वर्ल्ड
शास्त्री मार्केट, पुराना पत्ती बाजार, देवास
8770566687