Dr Babu Lal Godara

Dr Babu Lal Godara Dr. Babu Lal Godara is amongst the best Gynic in Dhorimana.

There are various kind of gynecological surgical techniques that are effectively used by Dr. Babu Lal Godara.

2 दिन पहले एक मरीज पेट में दर्द की शिकायत लेकर कृष्णा हॉस्पिटल धोरीमना दिखाने आया उसको पिछले 1 साल से पेट में दर्द था इस...
28/06/2023

2 दिन पहले एक मरीज पेट में दर्द की शिकायत लेकर कृष्णा हॉस्पिटल धोरीमना दिखाने आया उसको पिछले 1 साल से पेट में दर्द था इसलिए मैंने उस मरीज की सोनोग्राफी की तो मैंने देखा कि मरीज के बच्चेदानी में बहुत बड़ी (15. 6 X 10.00 Cm) गांठ थीl मैंने मरीज को ऑपरेशन की सलाह दीl मरीज का आज 28/06/ 2023 को ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया जिसमें 3 किलो की गांठ समेत बच्चेदानी को निकाला गया मरीज अभी स्वस्थ है l कृष्णा हॉस्पिटल धोरीमना पर विश्वास जताने के लिए आभार🙏🙏🙏

29/05/2023

Dr. Babu Lal Godara is amongst the best Gynic in Dhorimana. There are various kind of gynecological surgical techniques that are effectively used by Dr. Babu Lal Godara.

29/05/2023
19/05/2023

पधारो सा 🙏🙏
सुस्वागतम

18/09/2022

गर्भावस्था के दौरान क्यों व कितनी बार सोनोग्राफी करवानी चाहिए?

गर्भावस्था में नियमित अल्ट्रासाउंड जांच कराना बहुत जरूरी माना जाता है। अल्ट्रासाउंड जांच से डॉक्टर को ये समझने में मदद मिलती है कि गर्भस्थ शिशु की ग्रोथ सही चल रही है या नहीं। गर्भावस्था के दौरान कई प्रकार के अल्ट्रासाउंड डॉक्टर द्वारा सुझाए जा सकते हैं जैसे एनोमली स्कैन, एनोमली स्कैन क्या है (Anomaly Scan) यहाँ जानें।

मेडिकल साइंस इस बात की पुष्टि करता है कि गर्भावस्था के दौरान होने वाले अल्ट्रासाउंड से हानि की सम्भावना बेहद कम है और यह शिशु पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं डालता है। डॉक्टर हमेशा स्थिति की गंभीरता को समझते हुए ही अल्ट्रासाउंड की सलाह देते हैं। कुछ टेस्ट ऐसे होते हैं जो प्रत्येक तिमाही में एक बार जरूर कराने चाहिए।

गर्भावस्था में पहला अल्ट्रासाउंड, वायबेलिटी स्कैन नाम से जाना जाता है जो कि 6 से 9 सप्ताह में करवाने की सलाह दी जाती है।
इसके बाद एक न्युकल ट्रांसलुसेंसी अल्ट्रासाउंड होता है जिसे NT स्कैन कहा जाता है, यह एक जरूरी टेस्ट है जो कि ग्याहरवें हफ्ते से लेकर तेरहवें हफ्ते के बीच किया जाता है।
इसके बाद डॉक्टर 3 से 4 स्कैन और करते हैं जिससे शिशु की ग्रोथ का सटीक अनुमान लगा सकते हैं।
इस आधार पर कहा जा सकता है कि गर्भावधि के दौरान 4 से 5 अल्ट्रासाउंड करवाने में कोई हर्ज़ नहीं है।
गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड के फायदे -

अल्ट्रासाउंड गर्भावस्था की सटीक पुष्टि करता है।
अल्ट्रासाउंड से यह भी पता चलता है कि भ्रूण कहीं गर्भाशय के बाहर तो नहीं पनप रहा, इसे एक्टोपिक प्रेग्नेसी कहते हैं।
शिशु की दिल की धड़कन सही चल रही है या नहीं यह भी अल्ट्रासाउंड से पता किया जा सकता है।
शिशु के हाथ पैर और तंत्रिका तंत्र का सही विकास चल रहा है या नहीं, इसकी जानकारी अल्ट्रासाउंड से मिलती है।
अल्ट्रासाउंड से शिशु का वजन पता चलता है और यह एक्पेक्टेड डेट ऑफ़ डिलीवरी(EOD) भी बताता है।

डॉक्टर बाबूलाल गोदारा
प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ
कृष्णा हॉस्पिटल धोरीमना

02/07/2022

"Cesarean scar ectopic pregnancy "
एक 2 महीने की गर्भवती महिला सोनोग्राफी करवाने कृष्णा हॉस्पिटल धोरीमन्ना आई जिसके पहले दो बच्चे ऑपरेशन (Cesarean Section) से हुए थे इस बार इसके सोनोग्राफी करने पर पाया कि बच्चा ऑपरेशन के टांके (Cesarean scar ectopic pregnancy) वाली जगह पर लगा हुआ था इसमें जैसे जैसे गर्भावस्था बढ़ती है वैसे ही बच्चेदानी टांके वाली जगह से फट सकती है वह मरीज को जान का खतरा भी हो सकता है इस तरह के केस 2000 ऑपरेशन में से एक मैं हो सकता है
समय पर सोनोग्राफी करवाने पर बिना ऑपरेशन के इलाज हो गया वह मरीज की जान भी बच गई ।
Dr. Babu LAL Godara
Krishna Hospital Dhorimna

27/06/2022

दिनांक 24/06/2022 को एक गर्भवती महिला जिसको 3 महीने का गर्भ था, नियमित सोनोग्राफी के लिए कृष्णा हॉस्पिटल एंड सोनोग्राफी धोरीमना आई|
सोनोग्राफी के दौरान पाया कि महिला के पेट में दो बच्चे (Twins) हैं जिसमें से एक बच्चा सामान्य पर दूसरे बच्चे के हृदय नहीं बना हुआ (Acardiac twin) है साथ ही दूसरे बच्चे का चेहरा, सिर,रीड की हड्डी, पेट सही से नहीं बना है उसकी चमड़ी में बहुत ज्यादा सूजन थी (Fetal hydrops) फिर भी वह जिंदा था क्योंकि इसको खून की आपूर्ति (Blood supply) दूसरा सामान्य भ्रूण (Normal donar twin) कर रहा था इससे बिना हृदय (Acardiac twin) वाला बच्चा बाद में जिंदा नहीं रह पाएगा|
ऐसा 50000 में से एक गर्भवती महिला को होता है इसके सत्यापन के लिए रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर भजन सोनोग्राफी सांचौर पर भेजा गया वहां पर भी शत-प्रतिशत यही विकृतियां पाई गई |
जागरूक इंसान होने का यही फायदा है कि समय पर सोनोग्राफी करवाने से बच्चे में विकृति सही समय पर पकड़ में आ गई जिससे परिवार जनों को ज्यादा मानसिक व शारीरिक पीड़ा सहन नहीं करनी पड़ी |इसलिए गर्भवती महिला को पहली सोनोग्राफी 4 महीने से पहले पहले करवा लेनी चाहिए
कुदरत का करिश्मा'--- बिना दिल के जिंदा है क्योंकि उसका साथी उसको खून की सप्लाई कर रहा है
Dr. Babu Lal Godara
Krishna Hospital and Sonography Dhorimana

30/04/2022

दिनांक 27 /04/ 2022 को एक गर्भवती महिला पेट में दर्द होने पर कृष्णा हॉस्पिटल धोरीमना आई, जिसकी मैंने (डॉक्टर बाबूलाल गोदारा स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ कृष्णा हॉस्पिटल धोरीमना) सोनोग्राफी करने पर पाया कि बच्चे के सिर की हडी (occipital and parietal bone) नहीं बनी हुई है व सिर के पीछे रीड की हड्डी का ऊपरी भाग (craniovertebral junction) भी नहीं बना हुआ था जिससे पूरा दिमाग (brain parenchyma) पीछे जाकर इकट्ठा हो चुका था मेडिकल की भाषा में इसको Anencephaly कहते हैं इस तरह के बच्चे जिंदा भी नहीं रहते वह माता पिता के लिए मानसिक आघात होते हैं इसलिए मैंने परिजनों को डिलीवरी करवाने को बोला पर वह नहीं माने और मरीज को भोपा के पास लेकर गए |
महान ऐसे लोग ऐसे 🙏🙏

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