25/07/2024
👉 बदलते मौसम में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए इन चीजों को आहार में लें !
मौसम में बदलाव होने लगा है। धूल-कणों के नीचे रहने से सांस के पुराने रोगियों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। फेफड़े में संक्रमण की समस्या होने लगती है। वहीं अस्थमा पीड़ितों का दम फूलने लगा है। इसकी प्रमुख वजह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना है, जिससे बदलते मौसम में बीमारियां प्रभावी होने लगी हैं और लोग बीमार होने लगते हैं। ऐसे में आयुर्वेद को अपना कर प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) बढ़ाने के साथ बीमारियों को होने से भी रोका जा सकता है।
👉 अदरक, काली मिर्च और लौंग का काढ़ा
सांस की बीमारी है तो पांच ग्राम अदरक, दो काली मिर्च, दो लौंग को अच्छी तरह से कूटकर आधा लीटर पानी में उबाल लें। इस पानी को गुनगुना कर सुबह-शाम पीएं करें। इसके नियमित उपयोग से फेफड़ों को शक्ति मिलती है। सांस की तकलीफ कम होती है। श्वास नलिकाओं में चिपका हुआ बलगम आसानी से बाहर निकल जाता है। इसके सेवन से सांस और जकड़न वाली खांसी में आराम मिलता है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का भी कारगर उपाय है। इनसे इम्युनिटी भी बढ़ती है।
👉 बच्चों का सर्दी-खांसी से ऐसे करें बचाव
पांच वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को मौसम में बदलाव व सर्दी-खांसी से बचाने के लिए सुहागा के छोटे-छोटे टुकड़े करके तवे पर फुला लें। फिर चने के बराबर मात्रा शहद और अदरक के रस के साथ सेवन कराएं। इसके सेवन से बच्चों को सर्दी, खांसी, जुकाम, नाक बहना जैसी बदलते मौसम की तकलीफ नहीं होगी।
👉 गिलोय और एलोवरा भी फायदेमंद
गिलोय का रस 10 मिली (एमएल), तुलसी पत्ती का रस 10 एमएल और 50 एमएल एलोवेरा जूस को मिलाकर सुबह खाली पेट लेने से भी इम्युनिटी बढ़ती है और ठंड के प्रकोप से भी बचाव होता है। मौसम में बदलाव का शरीर पर प्रभाव नहीं पड़ता है। बुजुर्गों के लिए खास उपायः बुजुर्गों, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता एवं महिलाओं को सर्दी से बचाने के लिए दूध के साथ खजूर, काले तिल और अश्वगंधा लेना चाहिए। यह बुजुर्गों को अधिक सर्दी से बचाने का कारगर एवं सशक्त उपाय है। मुलेठी का एंटीवायरल गुण वायरस का संक्रमण रोकने के साथ गले के खरास और दर्द से राहत दिलाती है। ऐसी समस्या होने पर इसे चूसें।