12/02/2024
किसी वायरस से होने वाले बुखार को वायरल फीवर कहते है। यह ज्यादातर मौसम के बदलने के समय होता है। जब मौसम बदलता है तो तापमान कभी गर्म कभी ठंडा होता है, जिसकी वजह से शरीर की इम्युनिटी कम हो जाती है और वायरल फीवर हो जाता है। इसके और भी कारण हो सकते हैं जैसे की खान पान में परिवर्तन, शाररिक कमजोरी या फिर मौसम के परिवर्तन से लोग इस बीमारी से संक्रमित हो जाते हैं। वायरल फीवर हमारे शरीर के इम्युनिटी सिस्टम को बहुत कमजोर कर देता है जिसके कारण ये बहुत जल्दी एक इंसान से दूसरे इंसान में पहुंच जाते हैं। आम तौर पर वायरल बुखार के लक्षण नियमित बुखार की तरह ही होते हैं लेकिन इसमे आम बुखार की अपेक्षा व्यक्ति की हालत ज्यादा खराब हो जाती है।
वायरल फीवर क्या होता है?
वायरल फीवर संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है। वायरल बुखार के रोगी सिरदर्द, बुखार, शरीर में दर्द जैसी समस्याओं से पीडित रहते हैं। वायरल फीवर के उपचार उपलब्ध हैं और घरेलु उपचार से और भरपूर आराम से भी इसे ठीक किया जा सकता है। जब कोई वायरल बुखार से संक्रमित व्यक्ति को छींक या खांसी आती है और उसके पास कोई व्यक्ति होता है तो ये वायरस उनमे ट्रांसफर हो जाता है।
क्या है वायरल फीवर के लक्षण? (Symptoms of Viral Fever)
वायरल फीवर के आम तौर पर बहुत से लक्षण है जो की कई अन्य बीमारियों के लक्षणों के समान है। वायरल फीवर के कुछ महत्वपूर्ण लक्षणों को जानना बहुत जरूरी है। जिससे वायरल फीवर और दूसरी बीमारी में फर्क किया जा सके।
बुखार के स्तर को निर्धारित करने के लिए आपको लगातार शरीर के तापमान की जांच करनी चाहिए।
वायरल फीवर क्या होता है? (What is Viral Fever)
वायरल फीवर संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है। वायरल बुखार के रोगी सिरदर्द, बुखार, शरीर में दर्द जैसी समस्याओं से पीडित रहते हैं। वायरल फीवर के उपचार उपलब्ध हैं और घरेलु उपचार से और भरपूर आराम से भी इसे ठीक किया जा सकता है। जब कोई वायरल बुखार से संक्रमित व्यक्ति को छींक या खांसी आती है और उसके पास कोई व्यक्ति होता है तो ये वायरस उनमे ट्रांसफर हो जाता है।
क्या है वायरल फीवर के लक्षण? (Symptoms of Viral Fever)
वायरल फीवर के आम तौर पर बहुत से लक्षण है जो की कई अन्य बीमारियों के लक्षणों के समान है। वायरल फीवर के कुछ महत्वपूर्ण लक्षणों को जानना बहुत जरूरी है। जिससे वायरल फीवर और दूसरी बीमारी में फर्क किया जा सके।
बुखार के स्तर को निर्धारित करने के लिए आपको लगातार शरीर के तापमान की जांच करनी चाहिए।
वायरल फीवर क्या होता है? (What is Viral Fever)
वायरल फीवर संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है। वायरल बुखार के रोगी सिरदर्द, बुखार, शरीर में दर्द जैसी समस्याओं से पीडित रहते हैं। वायरल फीवर के उपचार उपलब्ध हैं और घरेलु उपचार से और भरपूर आराम से भी इसे ठीक किया जा सकता है। जब कोई वायरल बुखार से संक्रमित व्यक्ति को छींक या खांसी आती है और उसके पास कोई व्यक्ति होता है तो ये वायरस उनमे ट्रांसफर हो जाता है।
क्या है वायरल फीवर के लक्षण? (Symptoms of Viral Fever)
वायरल फीवर के आम तौर पर बहुत से लक्षण है जो की कई अन्य बीमारियों के लक्षणों के समान है। वायरल फीवर के कुछ महत्वपूर्ण लक्षणों को जानना बहुत जरूरी है। जिससे वायरल फीवर और दूसरी बीमारी में फर्क किया जा सके।
बुखार के स्तर को निर्धारित करने के लिए आपको लगातार शरीर के तापमान की जांच करनी चाहिए।
वायरल बुखार में सिरदर्द एक सामान्य लक्षण है।
· आंखों का लाल होना भी वायरल फीवर का एक लक्षण है।
· आंखों में जलन भी वायरल फीवर का लक्षण है।
· गले में दर्द वायरल फीवर का लक्षण है।
· बहुत ज्यादा ठंडा लगना भी वायरल फीवर के लक्षण मैं आता है।
· शरीर में दर्द इसका बहुत ही सामान्य लक्षण है।
· शरीर का तापमान बढ़ना या शरीर का बहुत अधिक गर्म होना वायरल बुखार के लक्षण हैं।
· जोड़ों का दर्द भी इस बीमारी का संकेत है।
बुखार एक दिन में आसानी से ठीक नहीं होता है, अगर रोगी को उचित इलाज मिल जाए तो कम से कम 4 से 5 दिन लगेंगे। इस बीमारी में मरीज को समय पर इलाज न मिलने पर काफी परेशानी हो सकती है।
वायरल फीवर और डेंगू में मुख्य अंतर क्या है?
दरअसल डेंगू की बीमारी मानसून के मौसम में ज्यादा फैलती है जबकि वायरल फीवर मौसम बदलने से ज्यादा होता है। दोनों बीमारियों के लक्षण बहुत हद तक एक जैसे हैं। डेंगू एडीज एजिप्टी नामक मच्छर के काटने से फैलता है जबकि वायरल फीवर संक्रमण से फैलता है। डेंगू का मच्छर साफ़ और गंदे दोनों पानी के ठहराव में पनपता है। डेंगू के टेस्ट में रिपोर्ट पहली बार में ही पॉजिटिव नहीं आ जाती है जबकि वायरल फीवर का पहली बार में ही पता लगाया जा सकता है। डेंगू वायरल फीवर से अधिक घातक बीमारी है, इसलिए डेंगू के मरीज को देखभाल की ज्यादा आवस्यकता होती है।
वायरल फीवर होने का मुख्य कारण क्या है?
वायरल फीवर बीमारी होने के बहुत से कारण है। यह बीमारी मौसम के बदलने और मानसून के समय अधिक होती है।
वायरल बुखार के कुछ कारण हैं जो नीचे सूचीबद्ध हैं:
· संक्रमित भोजन और पानी का सेवन वायरल बुखार का कारण हो सकता है।
· प्रदूषण के कारण कुछ ऐसे कण होते हैं जो शरीर के अंदर चले जाते हैं जिससे शरीर कमजोर हो जाता है और वायरल फीवर हो जाता है।
· कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण शरीर वायरल बुखार से संक्रमित हो जाता है।
· वायरल बुखार से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी वायरल बुखार फैलता है।
वायरल बुखार कितने दिन तक रहता है?
वायरल बुखार सामान्य बुखार के तुलनात्मक रूप से थोड़ा अधिक समय तक रहता है। वायरल फीवर के मरीज को अगर समय पर इलाज और देखभाल मिल जाए तो इसमें 5 दिन तक लग सकते हैं। अगर किसी मरीज को सही इलाज न मिले तो वायरल फीवर ठीक होने में 13 से 15 दिन तक का समय लग सकता है। ऐसे में मरीजों को जितना हो सके आराम करना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए। इससे उन्हें जल्द ठीक होने में मदद मिलेगी। अगर किसी मरीज की स्थिति गंभीर हो रही है और बुखार कम नहीं हो रहा है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चों में वायरल बुखार के लक्षण क्या हैं?
यह बीमारी उम्रदराज लोगों के साथ-साथ बच्चों में भी बहुत आम है। बच्चों में इसके लक्षण थोड़े अलग होते हैं। इस बीमारी में बच्चों को बड़ों की तुलना में ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। अगर बच्चों में वायरल फीवर के लक्षण हैं तो उनका इलाज सावधानी से करें।
आइए जानते हैं वायरल बुखार से पीड़ित होने पर बच्चों में क्या होते हैं लक्षण:
· अगर बच्चे को ज्यादा ठंड लगती है तो यह वायरल फीवर का कारण हो सकता है।
गले में दर्द भी वायरल फीवर का लक्षण हो सकता है।
· बच्चे में चिड़चिडापन वायरल बुखार का लक्षण हो सकता है।
· तेज खांसी के साथ साथ गले में दर्द होना भी एक लक्षण है।
बहुत तेज बुखार जो की जल्दी कंट्रोल ना हो, ये भी एक प्रमुख लक्षण है।
· बुखार की वजह से शरीर में दर्द और शरीर में अकड़न का होना।
घर पर बच्चों में वायरल बुखार कैसे कम कर सकते हैं
बच्चों में वायरल फीवर का इलाज घर पर ही किया जा सकता है। घरेलू उपचार और सही इलाज से बच्चों को इस बीमारी से उबरने में मदद मिल सकती है। बच्चों में बुखार की अधिक समस्या देखी गई।
ऐसे कई घरेलू उपचार हैं जो बच्चों को वायरल बुखार से उबरने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में:बारे में:
· सेब का सिरका बच्चों के इलाज के लिए घरेलू उपचार में इस्तेमाल किया जा सकता है।
· गिलोय का इस्तेमाल वायरल फीवर के इलाज में किया जा सकता है। इसमें बुखार और सर्दी का इलाज करने का गुण होता है।
· अदरक बुखार के इलाज में मदद कर सकता है।
· जायफल वायरल बुखार के इलाज में मदद कर सकता है। जायफल का पेस्ट बनाकर बच्चे की छाती पर लगाएं। इससे मदद मिलेगी।
· तुलसी के पत्तो को अदरक के साथ उपयोग करने से बुखार में फायदा होता है।
काली मिर्च और तुलसी के 2-3 पत्ते पीसकर शहद में मिलाकर खाने से वायरल बुखार में आराम मिलता है।
· तरल उत्पाद का भारी मात्रा में सेवन करना चाहिए जो जल्द ही ठीक होने में मदद करेगा।
· गीली पट्टी करनी चहिए इससे बुखार उतरने में मदद मिलती है।
· पीपल के फल को पीसकर उसके चूर्ण को शहद में मिलाकर बच्चे को चटाये इससे फायदा मिलता है।
वायरल फीवर के रोकथम और बचाव के समाधान
अब तक आपको वायरल फीवर क्या है और इसके लक्षण क्या हैं? इसकी जानकारी मिली अब हम आपको इससे बचाव के लिए जानकारी देंगे। दैनिक दिनचर्या और स्वस्थ आहार और कुछ सावधानियां इस संक्रमण को रोकने में आपकी मदद कर सकती हैं।
वॉशरूम इस्तेमाल करने के बाद, टॉयलेट करने के बाद, बाहर से घर आने के बाद या कुछ भी खाने से पहले अपने हाथ साबुन या किसी हैंडवाश से धोएं।
यदि आप अपने स्थान से बाहर हैं और बार-बार हाथ नहीं धो सकते हैं, तो आपको एक सेंसिटाइज़र लेना होगा और अपना हाथ बार-बार साफ करना होगा। इससे आप इस तरह के वायरस से बच सकते हैं।
खांसते और छींकते समय मुंह को ढक के रखे और भीड़भाड़ वाली जगह पर हमेशा मास्क का उपयोग करे ताकि आप किसी वायरल फीवर वाले व्यक्ति के संपर्क में आने पर अपना बचाव कर सके।
अगर कोई वायरल फीवर से संक्रमित हो तो उससे दूरी बनाए रखें। अगर उस व्यक्ति से मिलना महत्वपूर्ण है तो मास्क पहनें या अपना चेहरा ढकें और हाथ मिलाने या किसी भी संपर्क से बचें।
समय पर टीका लगवाएं और समय-समय पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
हरी सब्जियों और साफ पके हुए भोजन का प्रयोग करें। यह आपके इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाने में आपकी मदद करेगा।
अधिक पेय पदार्थों का प्रयोग करें और पौष्टिक आहार लें। हमेशा ठीक से पका हुआ खाना ही इस्तेमाल करें क्योंकि जब खाना ठीक से पकाया जाता है तो सारे बैक्टीरिया मर जाते हैं और खाना पौष्टिक हो जाता है।
यदि आप किसी दूसरे देश की यात्रा कर रहे हैं तो वैक्सीन लेने से पहले और यात्रा करते समय सावधानियों का पालन करने से आप इस तरह के हानिकारक वायरस से सुरक्षित रहेंगे।
निष्कर्ष
डिजिटल थर्मामीटर, टेम्पोरल थर्मामीटर और आर्टरी थर्मामीटर जैसे कुछ उपकरणों की मदद से बुखार का पता लगाया जा सकता है। यदि आप आराम करें और उचित उपचार करें तो वायरल बुखार का इलाज किया जा सकता है। यदि आप किसी भी गंभीर स्थिति का सामना करते हैं तो तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें। अधिकांश मामलों में वायरल संक्रमण बैक्टीरिया, वायरल और फंगल संक्रमण के कारण फैलता है। डॉक्टर इस बीमारी को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और एंटीफंगल जैसी दवा देते हैं। जो इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और वायरस से लड़ने में मदद करते हैं।