Vipin medical bakewar

Vipin medical bakewar Akhand Bharat

यह बहुत पुरानी तस्वीर है, क्या आप इसका नाम कमेंट में बता सकते हैं? 🤔📸👀
10/07/2025

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चित्तौड़गढ़ किला, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ शहर में स्थित एक ऐतिहासिक और भव्य किला है, जो भारत के सबसे बड़े किलों में से ए...
10/07/2025

चित्तौड़गढ़ किला, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ शहर में स्थित एक ऐतिहासिक और भव्य किला है, जो भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है। यह किला मेवाड़ राजवंश का प्रतीक है और अपनी वीरता, बलिदान और शौर्य की गाथाओं के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ चित्तौड़गढ़ किले की संक्षिप्त जानकारी दी जा रही है:स्थान और निर्माण:
चित्तौड़गढ़ किला बेराच नदी के किनारे एक 180 मीटर ऊँची पहाड़ी पर बना है। इसका निर्माण 7वीं शताब्दी में मौर्य या मेवाड़ के राजा चित्रांगद मौर्य द्वारा शुरू किया गया था, हालाँकि इसका विस्तार बाद के शासकों ने किया।ऐतिहासिक महत्व:यह किला मेवाड़ के राजपूतों का गढ़ था और तीन बार (1303, 1535, और 1568) में आक्रमणों का सामना करना पड़ा।अलाउद्दीन खिलजी, बहादुर शाह और अकबर के हमलों के दौरान यहाँ जौहर (स्वयंभू दहन) और शाका (आखिरी युद्ध) की घटनाएँ हुईं, जो राजपूतों की वीरता और बलिदान को दर्शाती हैं।रानी पद्मिनी, मीरा बाई, और पन्ना धाय जैसी ऐतिहासिक हस्तियों की कहानियाँ इस किले से जुड़ी हैं।वास्तुकला:किला 700 एकड़ में फैला है और इसमें 7 विशाल द्वार (पोल) हैं, जैसे पाडन पोल, भैरों पोल, हनुमान पोल आदि।यहाँ कई महल, मंदिर, जलाशय और स्मारक हैं, जिनमें राणा कुम्भा महल, रानी पद्मिनी महल, विजय स्तंभ, कीर्ति स्तंभ, और कालिका माता मंदिर प्रमुख हैं।विजय स्तंभ, जिसे 1458-68 में राणा कुम्भा ने बनवाया, मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी पर विजय का प्रतीक है।आज का महत्व:चित्तौड़गढ़ किला यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।यह पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है, जहाँ इतिहास, संस्कृति और वास्तुकला का अनूठा संगम देखने को मिलता है।किले में रात में होने वाला लाइट एंड साउंड शो इसकी गौरवशाली कहानियों को जीवंत करता है।विशेषताएँ:किले में गौमुख कुंड और अन्य जलाशय हैं, जो पानी की व्यवस्था के लिए बनाए गए थे।यहाँ मीरा मंदिर और जैन मंदिर भी हैं, जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं।चित्तौड़गढ़ किला न केवल एक स्थापत्य चमत्कार है, बल्कि राजपूतों की शौर्यगाथा और बलिदान का जीवंत साक्ष्य भी है। यह भारतीय इतिहास के गौरव का प्रतीक है।

गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारक है, जो अरब सागर के तट पर अपोलो बंदर के पास स्थित है। इसका ...
10/07/2025

गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारक है, जो अरब सागर के तट पर अपोलो बंदर के पास स्थित है। इसका निर्माण 1924 में किया गया था और यह ब्रिटिश वास्तुकला का प्रतीक है, जिसका डिज़ाइन इंडो-सरैसेनिक शैली में है। यह स्मारक ब्रिटिश राजा जॉर्ज पंचम और रानी मैरी के 1911 में भारत आगमन की याद में बनाया गया था। यह मुंबई का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और ताजमहल पैलेस होटल के सामने स्थित है। यहाँ से एलिफेंटा गुफाओं के लिए नौकाएँ भी चलती हैं। 🚣‍♀️🏞️🏛️🚣‍♂️

आमेर का किला, जिसे आमिर का किला भी कहा जाता है, राजस्थान के जयपुर से 11 किमी दूर अरावली पहाड़ियों पर स्थित है। इसे 1592 ...
09/07/2025

आमेर का किला, जिसे आमिर का किला भी कहा जाता है, राजस्थान के जयपुर से 11 किमी दूर अरावली पहाड़ियों पर स्थित है। इसे 1592 में राजा मान सिंह प्रथम ने बनवाया था। यह किला राजपूत और मुगल वास्तुकला का शानदार नमूना है, जो लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बना है। इसमें दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, शीश महल और सुख निवास जैसे प्रमुख हिस्से हैं। यह माओता झील के किनारे बसा है और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। रोजाना हजारों पर्यटक यहाँ आते हैं। 🏞️🏠👑

भारतीय क्रिकेट के दादा सौरव गांगुली आज अपना 53 वा जन्मदिन मना रहे हैं सौरव गांगुली, जिन्हें प्यार से "दादा" कहा जाता है,...
08/07/2025

भारतीय क्रिकेट के दादा सौरव गांगुली आज अपना 53 वा जन्मदिन मना रहे हैं सौरव गांगुली, जिन्हें प्यार से "दादा" कहा जाता है, का जन्म 8 जुलाई 1972 को हुआ। उनके जन्मदिन पर उनकी कुछ खासियतें:प्रेरणादायक नेतृत्व: गांगुली ने भारतीय क्रिकेट टीम को 2000 के दशक में नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। उनकी कप्तानी में भारत ने 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज़ जीती और 2003 विश्व कप के फाइनल तक पहुँचा।नन्हा-नन्हा गाना: उनकी आक्रामक शैली और आत्मविश्वास ने युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया। नेटवेस्ट ट्रॉफी जीत के बाद लॉर्ड्स की बालकपटनी में शर्ट उतारने का उनका जश्न आज भी यादगार है।शानदार बल्लेबाज़ी: बाएँ हाथ के इस बल्लेबाज़ ने वनडे में 11,363 रन बनाए, जिसमें 22 शतक शामिल हैं। उनकी ऑफ-साइड ड्राइव और लॉफ्टेड कवर ड्राइव लाजवाब थीं।खिलाड़ियों का समर्थन: गांगुली ने युवराज सिंह, हरभजन सिंह, और ज़हीर खान जैसे खिलाड़ियों को मौका देकर उनकी प्रतिभा को निखारा।प्रशासक के रूप में योगदान: बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में उन्होंने भारतीय क्रिकेट को और मज़बूत किया।सौरव गांगुली न केवल एक खिलाड़ी, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए एक प्रेरणा हैं। जन्मदिन की शुभकामनाएँ, दादा! #क्रिकेट

07/07/2025

Vashudev keh rahe hain school nahi jaana 🏫📚👦

07/07/2025

अजिंक्यतारा किला महाराष्ट्र के सातारा जिले में स्थित एक ऐतिहासिक दुर्ग है। यह सातारा शहर के पास अजिंक्यतारा पहाड़ी पर 3,300 फीट की ऊंचाई पर बना है। इसका निर्माण 1190 ई. में सिल्हारा वंश के राजा भोज द्वितीय ने करवाया था। बाद में इसे मराठा साम्राज्य के छत्रपति शिवाजी महाराज ने 1673 में जीता और इसका नाम "अजिंक्यतारा" (अजेय तारा) रखा। यह किला मराठा इतिहास में महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि यहाँ से सातारा की मराठा राजधानी की रक्षा होती थी।किले में मंगलादेवी मंदिर, हनुमान मंदिर, और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा जैसे प्रमुख स्थान हैं। यहाँ से सातारा शहर और आसपास की पहाड़ियों का मनोरम दृश्य दिखता है। किला ट्रेकिंग और ऐतिहासिक पर्यटन के लिए लोकप्रिय है।यदि आप और विस्तृत जानकारी चाहते हैं, तो बताएँ!

Enrofloxacin इंजेक्शन के बारे में जानकारी (हिंदी में): (Fluoroquinolone) समूह से संबंधित है। इसका सक्रिय घटक एनरोफ्लॉक्स...
07/07/2025

Enrofloxacin इंजेक्शन के बारे में जानकारी (हिंदी में): (Fluoroquinolone) समूह से संबंधित है। इसका सक्रिय घटक एनरोफ्लॉक्सासिन (Enrofloxacin) है, जो कई ग्राम-नकारात्मक और कुछ ग्राम-सकारात्मक बैक्टीरिया के खिलाफ प्रभावी है।उपयोग (Uses):एंडोफ्लॉक्सासिन इंजेक्शन का उपयोग पशुओं में निम्नलिखित स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है:श्वसन तंत्र के संक्रमण: जैसे न्यूमोनिया या ब्रोंकाइटिस।मूत्र मार्ग के संक्रमण: यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI)।त्वचा और नरम ऊतकों के संक्रमण: घाव या चोट से होने वाले इंफेक्शन।पाचन तंत्र के संक्रमण: जैसे डायरिया, जो बैक्टीरिया जैसे E. coli, Salmonella, या Campylobacter के कारण होता है।मवेशियों, भेड़, बकरी, सूअर, कुत्तों और अन्य पशुओं में बैक्टीरियल इंफेक्शन के लिए।यह दवा विशेष रूप से मवेशियों, भेड़, बकरियों, सूअरों और कुत्तों में प्रभावी है। कुछ मामलों में, इसे पक्षियों और छोटे स्तनधारियों में भी "ऑफ-लेबल" उपयोग के लिए पशु चिकित्सक द्वारा सुझाया जा सकता है।खुराक और उपयोग का तरीका (Dosage & Administration):खुराक: खुराक पशु की प्रजाति, वजन और संक्रमण की गंभीरता पर निर्भर करती है। सामान्य रूप से, यह 2.5-5 मिलीग्राम/किलोग्राम शरीर के वजन के हिसाब से दी जाती है।प्रशासन: यह इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है, जो आमतौर पर मांसपेशियों में (इंट्रामस्कुलर) या त्वचा के नीचे (सबक्यूटेनियस) लगाया जाता है। पशु चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही इसका उपयोग करें।खाली पेट: यह दवा खाली पेट देने पर बेहतर अवशोषित होती है, लेकिन अगर पशु को उल्टी या मतली होती है, तो इसे भोजन के साथ दिया जा सकता है।कार्य करने का तरीका (Mechanism of Action):एंडोफ्लॉक्सासिन बैक्टीरिया के डीएनए रेप्लिकेशन और ट्रांसक्रिप्शन को रोकता है, जिससे बैक्टीरिया की वृद्धि और प्रजनन रुक जाता है। यह E. coli, Salmonella, Pasteurella, Mycoplasma, और Campylobacter जैसे बैक्टीरिया के खिलाफ प्रभावी है। यह दवा तेजी से काम करती है और इंजेक्शन के 1-2 घंटे बाद प्रभाव दिखाना शुरू कर देती है।सावधानियां (Precautions):एलर्जी: यदि पशु को एनरोफ्लॉक्सासिन या फ्लोरोक्विनोलोन समूह की दवाओं से एलर्जी है, तो इसका उपयोग न करें।गुर्दे या यकृत की समस्या: गंभीर गुर्दे या यकृत की बीमारी वाले पशुओं में सावधानी बरतें।**गर्भावस्था/之前的: गर्भवती या दूध पिलाने वाली मादा पशुओं में इसका उपयोग सावधानी से करें।दवाओं के साथ परस्पर क्रिया: यह दवा कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन या एल्यूमीनियम युक्त दवाओं के साथ मिलाने पर अवशोषण प्रभावित हो सकता है।उम्र प्रतिबंध: इसे युवा पशुओं (जैसे बछड़ों) में सावधानी से उपयोग करें, क्योंकि यह हड्डियों और जोड़ों को प्रभावित कर सकता है।खाद्य पदार्थों के साथ सावधानी: कुछ खाद्य पदार्थों (जैसे डेयरी उत्पाद) के साथ इसका प्रभाव कम हो सकता है।दुष्प्रभाव (Side Effects):पेट खराब, उल्टी, या दस्त।बिल्लियों में आंखों की पुतलियों का फैलना या दृष्टि समस्याएं।इंजेक्शन स्थल पर अस्थायी जलन या सूजन।दुर्लभ मामलों में, एलर्जी प्रतिक्रियाएं।चेतावनियां (Warnings):पशु चिकित्सक की सलाह: इस दवा का उपयोग केवल पशु चिकित्सक की सलाह पर करें, क्योंकि गलत खुराक या उपयोग से बैक्टीरियल प्रतिरोध (Antibiotic Resistance) हो सकता है।खाद्य उत्पादन वाले पशु: मांस के लिए उपयोग किए जाने वाले पशुओं में, इस दवा के उपयोग के बाद 28 दिनों तक वध (Slaughter) न करें। दूध देने वाली गायों में इसका उपयोग 20 महीने से अधिक उम्र में नहीं करना चाहिए, क्योंकि दूध में दवा के अवशेष रह सकते हैं।भंडारण: दवा को ठंडी, सूखी जगह पर, 30 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर और तेज धूप से दूर रखें। तरल रूप को फ्रीज न करें।महत्वपूर्ण नोट:दवा की पूरी अवधि तक उपयोग करें, भले ही पशु बेहतर दिखाई दे, ताकि संक्रमण पूरी तरह से खत्म हो जाए।यदि पशु को दवा देने के बाद कोई असामान्य लक्षण दिखें, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें।भारत में इस दवा की कीमत ब्रांड और मात्रा (जैसे 50 मिली या 100 मिली) के आधार पर 145 रुपये से 250 रुपये प्रति शीशी तक हो सकती है।अधिक जानकारी के लिए: अपने पशु चिकित्सक से संपर्क करें या विश्वसनीय पशु चिकित्सा दवा निर्माता की वेबसाइट देखें।नोट: यह जानकारी सामान्य है। विशिष्ट खुराक और उपयोग के लिए हमेशा पशु चिकित्सक से परामर्श लें।

सरकारी अस्पताल में 7 मिनट तक मुंह से सांस देकर नवजात की जान बचाने वाली डॉक्टर सुरेखा को सैल्यूट 🙏💕👏
07/07/2025

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17/06/2024

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26/08/2023

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15/08/2023

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