06/03/2024
नीम गिलोय और तुलसी प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने के लिए प्राचीन काल से ही उपयोग में लाई जाती रही है । आज के समय में उच्च गुणवत्ता की यह तीनों ही औषधियां सामान्य सुलभ नहीं है। विशेष रूप से बड़े शहरों में रहने वाले लोगों के लिए इनका प्रबंध करना थोड़ा मुश्किल होता है। 4_6 दिनों के लिए तो ताजा की व्यवस्था लोग कर भी लेते हैं लेकिन यदि ज्यादा समय तक लेने की आवश्यकता हो तो मुश्किल होती है। इसी प्रकार डेंगू और दूसरी वायरस से होने वाली बीमारियों में जब प्लेटलेट कम हो जाता है तो पपीता के पत्ते का प्रयोग लोग करते हैं लेकिन यह भी सबको आसानी से नहीं मिल पाता।
वैसे तो इन सभी औषधीयों की टेबलेट सिरप आदि अब आसानी से मार्केट में मिलने लगे हैं। इन चारों के एक साथ बने हुए कॉन्बिनेशन भी टैबलेट और सिरप के रूप में मिल जाते हैं।
होम्योपैथी में भी यही दवाइयां मदर टिंक्चर के रूप में आसानी से किसी भी होम्योपैथी स्टोर पर प्राप्त की जा सकती है। इनका होम्योपैथिक रूप में प्रयोग करने का एक अतिरिक्त लाभ यह होता है कि mother tincture के रुप में इन औषधीयों के वास्तविक गुण संरक्षित रहते हैं। बहुत कम मात्रा में पानी में मिलाकर लेना भी टैबलेट और सिरप के मुकाबले अधिक उपयोगी बनाता है।