Dr Anupama Bakshi Ward 17

Dr Anupama Bakshi Ward 17 बीस वर्ष तक मेडिकल सेवा के उपरांत अब जन सेवा वा उनके मुख्य समस्याओं के निदान के लिए अब मैदान में

15/02/2025
नारी शक्ति का हो सम्मान …सीट रिज़र्व है महिला के लिए लेकिन लड़वाई जा रही हैं भाभियाँ जिनके पतियों या ससुरों का राजनीति म...
12/02/2025

नारी शक्ति का हो सम्मान …
सीट रिज़र्व है महिला के लिए लेकिन लड़वाई जा रही हैं भाभियाँ जिनके पतियों या ससुरों का राजनीति में दख़ल है लेकिन वार्ड नंबर 17 से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोकेंगीं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ अनुपमा बख्शी । डॉ अनुपमा और उनके पति डॉ डी एस बख्शी संघ के समर्पित स्वयंसेवक हैं और राजनीति में गंदगी की सफ़ाई के उद्देश्य से अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं VOF मीडिया परिवार ऐसे समर्पित उम्मीदवारों का समर्थन करता है।

07/09/2023

सब से प्यारा चोर 🥰

10/08/2023

हे प्रभु
हे रुद्र
मुझे यह सब प्रदान करो
अन्न, अन्नदान की अनुज्ञा, शुद्धि, अन्न-भक्षण की उत्कण्ठा, श्रेष्ठ संकल्प, सुन्दर शब्द, स्तुति-सामर्थ्य, वेदमन्त्र वा श्रवणशक्ति, ब्राह्मण, प्रकाश और स्वर्ग

प्राणवायु, अपानवायु, सारे शरीर में विचरण करने वाला व्यानवायु, मनुष्यों को प्रवृत्त करने वाला वायु, मानससंकल्प, बाह्यविषयसंबंधी ज्ञान, वाणी, शुद्ध मन, पवित्र दृष्टि, सुनने की सामर्थ्य, ज्ञानेन्द्रियों का कौशल तथा कर्मेन्द्रियों में बल

बल का कारणभूत ओज, देहबल, आत्मज्ञान, सुन्दर शरीर, सुख, कवच, हृष्ट-पुष्ट अंग, सुदृढ़ हड्डियाँ, सुदृढ़ अंगुलियाँ, नीरोग शरीर, जीवन और वृद्धावस्थापर्यन्त आयु

प्रशस्तता, प्रभुता, दोषों पर कोप, अपराध पर क्रोध, अपरिमेयता, शीतल-मधुर जल, जीतने की शक्ति, प्रतिष्ठा, संतान की वृद्धि, गृह-क्षेत्र आदि का विस्तार, दीर्घ जीवन, अविच्छिन्न वंश परंपरा, धन-धान्य की वृद्धि और विद्या आदि गुणों का उत्कर्ष

यथार्थ भाषण, परलोक पर विश्वास, गौ आदि पशु, सुवर्ण आदि धन, स्थावर पदार्थ, कीर्ति, क्रीड़ा, क्रीड़ादर्शन – जनित आनन्द, पुत्र से उत्पन्न संतान, होने वाली संतान, शुभदायक ऋचाओं का समूह और ऋचाओं के पाठ से शुभ फल

यज्ञ आदि कर्म और उनका स्वर्ग आदि फल, धातुक्षय आदि रोगों का अभाव तथा सामान्य व्याधियों का न रहना, आयु बढ़ाने वाले साधन, दीर्घायु, शत्रुओं का अभाव, निर्भयता, सुख, सुसज्जित शय्या, संध्या-वंदन से युक्त प्रभात और यज्ञ-दान-अध्ययनआदि से युक्त दिन

अश्व आदि का नियन्तृत्व और प्रजा पालन की क्षमता, वर्तमान धन की रक्षणशक्ति, आपत्ति में चित्त की स्थिरता, सबकी अनुकूलता, पूजा-सत्कार, वेदशास्त्र आदि का ज्ञान, विज्ञान-सामर्थ्य, पुत्र आदि को प्रेरित करने की क्षमता, पुत्रोत्पत्ति आदि के लिए सामर्थ्य, हल आदि के द्वारा कृषि से अन्न-उत्पादन और कृषि में अनावृष्टि आदि विघ्नों का विनाश

इस लोक का सुख, परलोक का सुख, प्रीति-उत्पादक वस्तु, सहज यत्नसाध्य पदार्थ, विषयभोगजनित सुख, मन को स्वस्थ करने वाले बन्धु-बान्धव, सौभाग्य, धन, इस लोक का और परलोक का कल्याण, धन से भरा निवासयोग्य गृह तथा यश

अन्न, सत्य और प्रिय वाणी, दूध, दूध का सार, घी, शहद, बान्धवों के साथ खान-पान, धान्य की सिद्धि, अन्न उत्पन्न होने के कारण अनुकूल वर्षा, विजय की शक्ति तथा आम आदि वृक्षों की उत्पत्ति

सुवर्ण, मौक्तिक आदि मणियाँ, धन की प्रचुरता, शरीर की पुष्टि, व्यापकता की शक्ति, ऎश्वर्य, धन-पुत्र आदि की बहुलता, हाथी-घोड़ा आदि की अधिकता, कुत्सित धान्य, अक्षय अन्न, भात आदि सिद्धान्न तथा भोजन पचाने की शक्ति

पूर्वप्राप्त धन, प्राप्त होने वाला धन, पूर्वप्राप्त क्षेत्र आदि, भविष्य में प्राप्त होने वाले क्षेत्र आदि, सुगम्य देश, परम पथ्य पदार्थ, समृद्ध यज्ञ-फल, यज्ञ आदि की समृद्धि, कार्यसाधक अपरिमित धन, कार्य साधन की शक्ति, पदार्थ मात्र का निश्चय तथा दुर्घट कार्यों का निर्णय करने की बुद्धि

उत्कृष्ट कोटि के धान्य, यव, उड़द, तिल, मूँग, चना, प्रियंगु, चीनक धान्य, सावाँ, नीवार, गेहूँ और मसूर

सुन्दर पाषाण और श्रेष्ठ मूर्त्तिका, गोवर्धन आदि छोटे पर्वत, हिमालय आदि विशाल पर्वत, रेतीली भूमि, वनस्पतियाँ, सुवर्ण, लोहा, ताँबा, काँसा, सीसा तथा राँगा

पृथ्वी पर अग्नि की तथा अन्तरिक्ष में जल की अनुकूलता, छोटे-छोटे तृण, पकते ही सूखने वाली औषधियाँ, जोतने-बोने से उत्पन्न होने वाले तथा बिना जोते-बोए स्वयं उत्पन्न होने वाले अन्न, गाय-भैंस आदि ग्राम्य पशु तथा हाथी-सिंह आदि जंगली पशु, पूर्वलब्ध तथा भविष्य में प्राप्त होने वाला धन, पुत्र आदि तथा ऎश्वर्य

गो आदि धन, रहने के लिए सुन्दर घर, अग्निहोत्र आदि कर्म तथा उनके अनुष्ठान की सामर्थ्य, इच्छित पदार्थ, प्राप्तियोग्य पदार्थ, इष्टप्राप्ति का उपाय एवं इष्टप्राप्ति

अग्नि और इन्द्र, सोम तथा इन्द्र, सविता और इन्द्र, सरस्वती तथा इन्द्र, पूषा तथा इन्द्र, बृहस्पति और इन्द्र

मित्रदेव एवं इन्द्र, वरुण तथा इन्द्र, धाता और इन्द्र, त्वष्टा तथा इन्द्र, मरुद्गण और इन्द्र, विश्वेदेव और इन्द्र

पृथ्वी और इन्द्र, अन्तरिक्ष एवं इन्द्र, स्वर्ग तथा इन्द्र, वर्ष की अधिष्ठात्री देवता तथा इन्द्र, नक्षत्र और इन्द्र, दिशाएँ तथा इन्द्र

अंशु, रश्मि, अदाभ्य, निग्राह्य, उपांशु, अन्तर्याम, ऎन्द्रवायव, मैत्रावरुण, आश्विन, प्रतिप्रस्थान, शुक्र और मन्थी

आग्रयण, वैश्वदेव, ध्रुव, वैश्वानर, ऎन्द्राग्न, महावैश्वदेव, मरुत्त्वतीय, निष्केवल्य, सावित्र, सारस्वत, पात्नीवत एवं हारियोजन

स्रुक्, चमस, वायव्य, द्रोणकलश, ग्रावा, काष्ठफलक, पूतभृत्, आधवनीय, वेदी, कुशा, अवभृथ और शम्युवाक

अग्निष्टोम, प्रवर्ग्य, पुरोडाश, सूर्यसंबंधी चरु, प्राण, अश्वमेधयज्ञ, पृथ्वी, अदिति, दिति, द्युलोक, विराट् पुरुष के अवयव, सब प्रकार की शक्तियाँ और पूर्व दिशाएँ

अग्निष्टोम, प्रवर्ग्य, पुरोडाश, सूर्यसंबंधी चरु, प्राण, अश्वमेधयज्ञ, पृथ्वी, अदिति, दिति, द्युलोक, विराट् पुरुष के अवयव, सब प्रकार की शक्तियाँ और पूर्व दिशाएँ

व्रत, वसन्त आदि ऋतुएँ, कृच्छ्र-चान्द्रायण आदि तप, प्रभव आदि संवत्सर, दिन-रात, जंघा तथा जानु – ये शरीरावयव और बृहद् तथा रथन्तर साम

मेरी आयु में वृद्धि हो,
मेरे प्राण बलिष्ठ हों,
नेत्रों की ज्योति बढ़े,
श्रवणशक्ति उत्कृष्टता को प्राप्त हो,
वाणी में श्रेष्ठता रहे,
मन सदा स्वच्छ रहे,
आत्मा बलवान हो,
सभी वेद मेरे ऊपर प्रसन्न रहें,
मुझे परमात्मा की दिव्य ज्योति प्राप्त हो,
स्वर्ग की प्राप्ति हो,
संसार का सर्वश्रेष्ठ सुख प्राप्त हो,

महायज्ञ करने की सामर्थ्य प्राप्त हो,
त्रिवृत्पंचदश आदि स्तोम, यजुर्मन्त्र, ऋचाएँ, साम की गीतियाँ, बृहत्साम और रथन्तर साम – ये सब मेरे ऊपर अनुग्रह करें,
मैं देवत्व को प्राप्त कर स्वर्ग जाऊँ तथा अमर हो जाऊँ,
हम हिरण्यगर्भ प्रजापति की प्रियतम प्रजा हों।

आज वार्ड 7 की JJP से प्रत्याशी सीमा सितोरिया जी हमारे नर्सिंग होम आईं। बहुत ही स्नेहिल मुलाकात रही और मेडिकल से अतिरिक्त...
09/07/2023

आज वार्ड 7 की JJP से प्रत्याशी सीमा सितोरिया जी हमारे नर्सिंग होम आईं।
बहुत ही स्नेहिल मुलाकात रही और मेडिकल से अतिरिक्त अनेक विषयों पर चर्चा भी हुई।
💐💐💐

सैद्धान्तिक राजनीति के अंतिम महानायक पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चन्द्रशेखर जी की पुण्यतिथि पर उनके चरणों मे कोटि कोटि नमन🙏व...
08/07/2023

सैद्धान्तिक राजनीति के अंतिम महानायक पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चन्द्रशेखर जी की पुण्यतिथि पर उनके चरणों मे कोटि कोटि नमन🙏

वही चन्द्रशेखर जिन्होंने अपने जीवनकाल में अपने पुत्रों को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी नही बनाया।

वही चन्द्रशेखर जिन्होंने अपने नाम से अपना सरनेम "सिंह" हटाकर प्राचीन क्षत्रिय परम्परा को स्थापित किया, कि जन्म से कोई सिंह नही होता बल्कि कर्म से होता है।

भारतीयता का प्रतीक धोती कुर्ता पहना और यह साबित किया, कि केवल केसरिया साफ़ा क्षत्रियता का प्रतीक नही है।

कभी भी लिखित भाषण को नही पढ़ा।

कभी भी जय राजपुताना नही बोला क्योंकि ऐसा बोलने से उस क्षात्र धर्म को ठेस पहुचता जिसमे अपने बारे में जय कहना मना है

मात्र 4 महीने की अल्पमत सरकार में राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद को सुलझाने के लिए गम्भीर प्रयास किया।
चन्द्रशेखर राममन्दिर बनवाने पर हिन्दू, मुस्लिम दोनो तरफ से सहमति प्राप्त कर चुके थे।
जिसको सफल नही होने देने के लिए उनसे समर्थन वापस लिया गया। ताकि वोट की फसल काटने के लिए हिन्दू, मुस्लिम हमेशा होता रहे।

पहले राजीव गांधी ने चन्द्रशेखर सरकार से समर्थन वापसी के लिए धमकी दी, पर चन्द्रशेखर कहां धमकी से डरने वाले थे!

फिर उनसे प्रधानमंत्री बने रहने के लिए विनती की गई परन्तु चन्द्रशेखर न कहने पर कहा मानने वाले थे।सांसद, मंत्री और प्रधानमंत्री बनने के लिए किसी के दर पर दस्तक नही दी।

चन्द्रशेखर जिन्हें भारतीय राजनीति में उनके वसूलों से कोई उन्हें डिगा नही सका! उन्हें कोई झुका नही सका!

चन्द्रशेखर ने धार्मिक और जातीय कट्टरता का आजीवन विरोध किया।

उन्होंने अकेले रहना स्वीकर किया पर अपनी विचारधारा से समझौता नही किया।

नेहरू, इंदिरा, राजीव, अटल, मोदी को संगठन ने बड़ा बनाया परंतु चन्द्रशेखर के पास कोई संगठन नही रहा।
जब रहा तो उन्होंने उससे कुछ पाया नही।

जब 1977 में अटल,आडवाणी मंत्री बने तब चन्द्रशेखर उस जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे जो सत्ता में थी, परन्तु चन्द्रशेखर ने मोरारजी देसाई सरकार में मंत्री बनने से इंकार कर दिया था।

ऐसे थे जनता के प्रिय चन्द्रशेखर

II श्रीहनुमानजीके द्वादश नाम IIहनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल: ।                      रामेष्ट:फाल्गुनसख:पिङ्गाक्षोऽमि...
08/07/2023

II श्रीहनुमानजीके द्वादश नाम II

हनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल: ।
रामेष्ट:फाल्गुनसख:पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम:।।
उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन: ।
लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा ।।
एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन: ।
स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत् ।।
तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भेवत् ।।

हनुमान
अंजनीसूनु,
वायुपुत्र,
महाबल,
रामेष्ट यानी श्रीराम के प्रिय,
फाल्गुनसख यानी अर्जुन के मित्र,
पिंगाक्ष यानी भूरे नेत्रवाले,
अमितविक्रम,
उदधिक्रमण यानी समुद्र का अतिक्रमण करने वाले,
सीताशोकविनाशन यानी सीताजी के शोक का नाश करने वाले, लक्ष्मणप्राणदाता यानी लक्ष्मण को संजीवनी बूटी द्वारा जीवित करने वाले
दशग्रीवदर्पहा यानी रावण के घमंड को दूर करने वाले

इन बारह नामों को सोने के समय, सुबह जगने पर और यात्रा के समय जो पढ़ता है , उसको भय नहीं रहता और युद्ध में विजयी होता है ।

🔥🔥🔥
05/07/2023

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रुद्रावतार मारुति नंदन के दिन से हो रही सावन के महीने की शुरुआत और वो भी 8 सोमवार कीअब तो सभी सभी साधकों को आनंद ही आनंद...
03/07/2023

रुद्रावतार मारुति नंदन के दिन से हो रही सावन के महीने की शुरुआत और वो भी 8 सोमवार की

अब तो सभी सभी साधकों को आनंद ही आनंद होगा

माता गौरी का भी यही दिन है
अति आनंद

राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने।।

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