16/09/2025
कुण्डलिनी जागरण के दौरान कामवासना को नियंत्रित करने के लिए, ध्यान, योग, और आध्यात्मिक अभ्यास जैसे तकनीकों का उपयोग करें, जो मन को शांत और केंद्रित करने में मदद करते हैं.
यहाँ कुछ और तरीके दिए गए हैं:
ध्यान और योग:
नियमित रूप से ध्यान और योग करने से मन शांत होता है और कामवासना पर नियंत्रण रखने में मदद मिलती है.
आध्यात्मिक अभ्यास:
आध्यात्मिक ग्रंथों का अध्ययन और आध्यात्मिक गुरु से मार्गदर्शन प्राप्त करना भी कामवासना को कम करने में मदद कर सकता है.
स्वयं को नियंत्रित करना:
अपनी वाणी और विचारों पर नियंत्रण रखें, क्योंकि वे भी कामवासना को बढ़ा सकते हैं.
पर्याप्त नींद और स्वस्थ आहार:
पर्याप्त नींद और स्वस्थ आहार लेने से शरीर और मन दोनों को आराम मिलता है, जिससे कामवासना कम होती है.
योग गुरु से सलाह:
यदि आपको कुंडलिनी जागरण के दौरान कामवासना को नियंत्रित करने में परेशानी हो रही है, तो किसी योग्य योग गुरु से सलाह लें. ऐसा विडियो यू tube पर बनाकर सब बता रहे है परन्तु इसके बाद कुछ नही बता पाते ?
काम वासना तब तक सताती हैं जब तक सिद्ध गुरु नही मिल जाता, इसके आगे काम उर्जा का ही खेल है आपकी वासना प्रबल होकर काम उर्जा के साथ मिलकर आपके वीर्य बिंदु के साथ मिलकर रमण (आलिंगन) करती हुई कमलदल पर पहुँचती है तब जाकर अग्नि बिंदु या ज्योति आकार की लो में ध्यान सिद्ध होता है यदि अग्नि बिंदु मे ध्यान लगे तो लययोग और ज्योति मे ध्यान लगे तो कामकला सिद्ध होती है लययोग से राजयोग और कामकला से भोतिक सिद्धी होती है और तीसरा नेत्र खुलता है