Dr.verma pisns

Dr.verma pisns my name is Mamta soni.i am creator of this page.i am accupressure therapist
(2)

आप सभी का दिन मंगलमय हो राधे-राधे 🙏🏻🙏🏻
13/10/2025

आप सभी का दिन मंगलमय हो राधे-राधे 🙏🏻🙏🏻

13/10/2025

मनुष्य के शरीर में कितना खून होता हैं?
🤔🤔🤔
A. 4L B. 3L
C. 2L D. 5L

12/10/2025
12/10/2025
12/10/2025
12/10/2025
12/10/2025
12/10/2025

चाय के साथ क्या खाने से आदमी मर भी सकता हैं

A.बिस्कुट B. डबल ब्रेड
C. हल्दी D. रोटी

12/10/2025

Today live session at 6 pm
Dr.verma pisns

🇮🇳 पंचकर्म चूर्ण – आयुर्वेद का शुद्धिकरण और स्वास्थ्य राज पंचकर्म चूर्ण आयुर्वेद का एक अद्भुत औषधीय मिश्रण है, जिसे शरीर...
11/10/2025

🇮🇳 पंचकर्म चूर्ण – आयुर्वेद का शुद्धिकरण और स्वास्थ्य राज

पंचकर्म चूर्ण आयुर्वेद का एक अद्भुत औषधीय मिश्रण है, जिसे शरीर से विषाक्त पदार्थ (Ama) निकालने और दोष संतुलित करने के लिए तैयार किया जाता है। इसे “शरीर का डिटॉक्सिफायर” भी कहा जाता है।

मुख्य उद्देश्य: वात, पित्त और कफ दोष को संतुलित करना, पाचन सुधारना और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना।

🔹 आयुर्वेदिक लाभ (Labh & Use)

1. शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालता है

भोजन, प्रदूषण और जीवनशैली के कारण जमा हुए विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है।

2. पाचन और मेटाबॉलिज्म को मजबूत करता है

गैस, कब्ज, अपच, और भारीपन जैसी समस्याओं में मदद करता है।

3. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

नियमित सेवन से सर्दी, खांसी, जुकाम और वायरल संक्रमण कम होते हैं।

4. त्वचा और बालों के लिए लाभकारी

त्वचा की गंदगी और दाने कम करता है।

बालों की जड़ें मजबूत होती हैं।

5. ऊर्जा और मानसिक शक्ति बढ़ाए

शरीर हल्का और ताजगी से भरा महसूस करता है।

मानसिक तनाव और थकान कम होती है।

🔹 सामग्री (Ingredients)

पंचकर्म चूर्ण में कई जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है। मुख्य सामग्री:

1. त्रिफला – आँवला, हरितकी, बिभीतकी

2. त्रिकटु – काली मिर्च, शुंखपुष्पी, अदरक

3. हरीतकी – पाचन सुधार

4. गोक्षुर – शक्ति वर्धक और वीर्य वर्धक

5. शिलाजीत या अश्वगंधा (Optional) – शक्ति और ऊर्जा

🔹 बनाने की विधि (Method to Prepare)

1. सफाई और सुखाना:

सभी जड़ी-बूटियों को अच्छी तरह से धोकर धूप में या हवादार जगह पर सुखाएँ।

नमी बिल्कुल न रहे।

2. पीसना:

सुखी हुई जड़ी-बूटियों को छोटे टुकड़ों में काटकर मिक्सर या ग्राइंडर में बारीक पाउडर बनाएं।

3. मिश्रण तैयार करना:

सभी पाउडर को बराबर मात्रा में मिलाएँ।

अगर चाहो तो हल्का शहद या गुड़ मिलाकर स्वाद और स्थिरता बढ़ा सकते हैं।

4. भंडारण:

एयरटाइट कंटेनर में रखें।

ठंडी और सूखी जगह पर रखा हुआ चूर्ण 6–12 महीने तक सुरक्षित रहता है।

🔹 सेवन विधि (Dosage & Use)

खुराक: 1–2 ग्राम (लगभग ½–1 चम्मच)

कैसे लें:

सुबह खाली पेट गर्म पानी या दूध के साथ

पाचन और ऊर्जा के लिए नियमित रूप से लें

विशेष उपयोग: सर्दी, खांसी या थकान में काढ़ा बनाकर सेवन करना ज्यादा प्रभावी है।

🔹 रहस्य:

पंचकर्म चूर्ण आयुर्वेद में शरीर की सफाई और संतुलन का राज माना जाता है।

यह न केवल रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है, बल्कि मानसिक ताजगी और ऊर्जा भी देता है।

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