Mata Tirath Devi Ayurvedic Kidney, cancer & General Hospital

Mata Tirath Devi Ayurvedic Kidney, cancer  & General  Hospital According to Mata Tirath Devi Ayurvedic Kidney, Cancer & General Hospital , Ayurveda literally means 'Essence Of life'.

It is the most comprehensive holistic medical system passed down from Gods to holy men in India, and these ancient holistic physicians

*शुगर रोग का 100% आयुर्वेदिक समूल नष्टकारक उपचार*कुछ ही दिनों के उपचार से रोज-रोज के दवा एवं इन्शूलीन से हमेशा के लिए छु...
20/09/2021

*शुगर रोग का 100% आयुर्वेदिक समूल नष्टकारक उपचार*
कुछ ही दिनों के उपचार से रोज-रोज के दवा एवं इन्शूलीन से हमेशा के लिए छुटकारा पायें। फिर पूरी जिंदगी शुगर रोग की कोई दवा नहीं खाना है।
*रिजल्ट* :- पहले दिन से।
*माता तीरथ देवी आयुर्वेदिक अस्पताल* स्प्रींग फील्ड मार्केट समीप मेवला महाराजपुर मैट्रो स्टेशन, फरीदाबाद दिल्ली NCR, मो०9891856335, 9211925525

*100% आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों द्वारा सेक्स* समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा। 60 वर्ष की आयु  में भी,16 वर्ष जैसा सैक्स पा...
08/08/2021

*100% आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों द्वारा सेक्स* समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा। 60 वर्ष की आयु में भी,16 वर्ष जैसा सैक्स पावर।
*माता तीरथ देवी आयुर्वेदिक अस्पताल* स्प्रींग फील्ड मार्केट समीप मेवला महाराजपुर मैट्रो स्टेशन फरीदाबाद। मो० 9891856335, 9211925525

जंगल से नीम की गिलोय का कलेक्शन।
20/07/2020

जंगल से नीम की गिलोय का कलेक्शन।

10/06/2020

शारीरिक प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाने की अचूक औषधि:-
जड़ी-बूटी:-
(1) अजवाइन - 200 ग्राम
(2) सौंफ -200"
(3) सोंठ -200"
(4) लौंग -100"
(5) काली मिर्च -100"
(6) पीपली - 100"
(7) मुलेठी - 50"
(8) गेहूं का आंटा - 200"
(9) गेहूं की सूजी - 200"
(10) हल्दी पाउडर -400"
(11)देशी खाण्ड -500"
(12) शुद्ध सरसों का तेल - 500"
निर्माण विधि:-
पहले सारी काष्ट औषधियों को बारीक पीस लें, तत्पश्चात इसमें आंटा, सूजी, हल्दी को भी मिला लें।
अब एक बड़ी कढ़ाई को हल्के आंच के चूल्हे पर रख कर सरसों का तेल डाल दें, जब तेल गर्म हो जाय तो सारी मिक्स औषधि को कढाई में डाल कर चलाते रहें जब यह भुन जाय तो चूल्हे से उतार लें।
पूरी तरह ठंडा होने पर उपरोक्त औषधि में खाण्ड को अच्छी मिक्स कर लें।
नोट:- कढ़ाई में भूनते समय यह ध्यान रहे कि सारी औषधियां कहीं जादा न जला दें,नहीं तो औषधियों का गुण खत्म हो जाय गा।
गुण व धर्म :- यह औषधि इम्यूनिटी बुस्टर है, गलें व फेफड़े के कई समस्याओं व इनफेक्शन में लाभकारी है, तथा कफ निषकारक है।
सेवन विधि:-
इसको आवश्यकता अनुसार दिन में 3 से 5 बार आधा चम्मच बिना पानी के खायें। इसके ऊपर से पानी कदापि न पीयें। 45 मिनट बाद पानी पी सकते हैं।
परहेज :-
इसके सेवन काल में ठंढ़ा कोई भी खाद्य, पेय, तली-भुनी व खट्टी चीज का सेवन वर्जित है।
गुनगुना पानी, गर्म भोजन ही खायें।
विशेष:-
इस औषधि को धूप,पानी और सीलन से बचायेंगे तो यह 6माह तक खराब नहीं होगी।

04/04/2020

।।।कोरोना फोबिया को मिटाएं।।

1):-. क्या कोरोना वायरस को ख़त्म किया जा सकता है?*
*उत्तर:-*
नहीं! कोरोना वायरस एक निर्जीव कण है जिस पर *चर्बी की सुरक्षा-परत* चढ़ी हुई होती है। *यह कोई ज़िन्दा चीज़ नहीं है, इसलिये इसे मारा नहीं जा सकता* बल्कि यह ख़ुद ही रेज़ा-रेज़ा (कण-कण) होकर ख़त्म होता है।

*प्रश्न( 02):-. कोरोना वायरस के विघटन (रेज़ा-रेज़ा होकर ख़त्म होने) में कितना समय लगता है?*
*उत्तर:-*
कोरोना वायरस के विघटन की मुद्दत का दारोमदार, *इसके आसपास कितनी गर्मी या नमी है? या जहाँ ये मौजूद है, उस जगह की परिस्थितियां क्या हैं?* इत्यादि बातों पर निर्भर करता है।

*प्रश्न(03):-. इसे कण-कण में कैसे विघटित किया जा सकता है?*
*उत्तर:-*
कोरोना वायरस बहुत कमज़ोर होता है। *इसके ऊपर चढ़ी चर्बी की सुरक्षा-परत फाड़ देने से यह ख़त्म हो जाता है।* ऐसा करने के लिये साबुन या डिटर्जेंट के झाग सबसे ज़्यादा प्रभावी होते हैं। *20 सेकंड या उससे ज़्यादा देर तक साबुन/डिटर्जेंट लगाकर हाथों को रगड़ने से इसकी सुरक्षा-परत फट जाती है* और ये नष्ट हो जाता है। इसलिये अपने शरीर के खुले अंगों को बार-बार साबुन व पानी से धोना चाहिये, ख़ास तौर से उस वक़्त जब आप बाहर से घर में आए हों।

*प्रश्न(04):- क्या गरम पानी के इस्तेमाल से इसे ख़त्म किया जा सकता है?*
*उत्तर:-*
हाँ! गर्मी चर्बी को जल्दी पिघला देती है। इसके लिये कम से कम 25 डिग्री गर्म (गुनगुने से थोड़ा तेज़) पानी से शरीर के अंगों और कपड़ों को धोना चाहिये। छींकते या खाँसते वक़्त इस्तेमाल किये जाने वाले रुमाल को 25 डिग्री या इससे ज़्यादा गर्म पानी से धोना चाहिये। गोश्त, चिकन या सब्ज़ियों को भी पकाने से पहले 25 डिग्री तक के पानी में डालकर धोना चाहिये।

*प्रश्न(05):- क्या एल्कोहल मिले पानी (सैनीटाइजर) से कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को तोड़ा जा सकता है?*
*उत्तर:-*
हाँ! लेकिन उस सैनीटाइजर में एल्कोहल की मात्रा 65 पर्सेंट से ज़्यादा होनी चाहिये तभी यह उस पर चढ़ी सुरक्षा-परत को पिघला सकता है, वर्ना नहीं।

*प्रश्न(06):-क्या ब्लीचिंग केमिकल युक्त पानी से भी इसकी सुरक्षा-परत तोड़ी जा सकती है?*
*उत्तर:-*
हाँ! लेकिन इसके लिये *पानी में ब्लीच की मात्रा 20% होनी चाहिये।* ब्लीच में मौजूद क्लोरीन व अन्य केमिकल कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को तोड़ देते हैं। *इस ब्लीचिंग-युक्त पानी का उन सभी जगहों पर स्प्रे करना चाहिये जहाँ-जहाँ हमारे हाथ लगते हैं।* टीवी के रिमोट, लैपटॉप और मोबाइल फ़ोन को भी ब्लीचिंग-युक्त पानी में भिगोकर निचोड़े गये कपड़े से साफ़ करना चाहिये।

*प्रश्न(07):-क्या कीटाणुनाशक दवाओं के द्वारा कोरोना वायरस को ख़त्म किया जा सकता है?*
*उत्तर:-*
नहीं! कीटाणु सजीव होते हैं इसलिये उनको *एंटीबायोटिक* यानी कीटाणुनाशक दवाओं से ख़त्म किया जा सकता है लेकिन *वायरस निर्जीव कण होते हैं, इन पर एंटीबायोटिक दवाओं का कोई असर नहीं होता।* यानी कोरोना वायरस को एंटीबायोटिक दवाओं से ख़त्म नहीं किया जा सकता।

*प्रश्न(08):-कोरोना वायरस किस जगह पर कितनी देर तक बाक़ी रहता है?*

*उत्तर:-*
*० कपड़ों पर :* तीन घण्टे तक
*० तांबा पर :* चार घण्टे तक
*० कार्डबोर्ड पर :* चौबीस घण्टे तक
*० अन्य धातुओं पर :* 42 घण्टे तक
*० प्लास्टिक पर :* 72 घण्टे तक

*इस समयावधि के बाद कोरोना वायरस ख़ुद-ब-ख़ुद विघटित हो जाता है। लेकिन इस समयावधि के दौरान किसी इंसान ने उन संक्रमित चीज़ों को हाथ लगाया और अपने हाथों को अच्छी तरह धोये बिना नाक, आँख या मुंह को छू लिया तो वायरस शरीर में दाख़िल हो जाएगा और एक्टिव हो जाएगा।*

*प्रश्न(09):-क्या कोरोना वायरस हवा में मौजूद हो सकता है? अगर हाँ तो ये कितनी देर तक विघटित हुए बिना रह सकता है?*
*उत्तर:-*
जिन चीज़ों का सवाल न. 08 में ज़िक्र किया गया है उनको हवा में हिलाने या झाड़ने से कोरोना वायरस हवा में फैल सकता है। कोरोना वायरस हवा में तीन घण्टे तक रह सकता है, उसके बाद ये ख़ुद-ब-ख़ुद विघटित हो जाता है।

*प्रश्न(10):-किस तरह का माहौल कोरोना वायरस के लिये फायदेमंद है और किस तरह के माहौल में वो जल्दी विघटित होता है?*
*उत्तर:-*
कोरोना वायरस क़ुदरती ठण्डक या एसी की ठण्डक में मज़बूत होता है। इसी तरह अंधेरे और नमी (Moisture) वाली जगह पर भी ज़्यादा देर तक बाक़ी रहता है। यानी इन जगहों पर ज़्यादा देर तक विघटित नहीं होता। *सूखा, गर्म और रोशनी वाला माहौल कोरोना वायरस के जल्दी ख़ात्मे में मददगार है।* इसलिये जब तक इसका प्रकोप है तब तक एसी या एयर कूलर का इस्तेमाल न करें।

*प्रश्न(11):-सूरज की तेज़ धूप का कोरोना वायरस पर क्या असर पड़ता है?*
*उत्तर:-*
सूरज की धूप में मौजूद *अल्ट्रावायलेट किरणें* कोरोना वायरस को तेज़ी से विघटित कर देती है यानी तोड़ देती है क्योंकि सूरज की तेज़ धूप में उसकी सुरक्षा-परत पिघल जाती है। इसीलिये चेहरे पर लगाए जाने वाले फेसमास्क या रुमाल को अच्छे डिटर्जेंट से धोने और तेज़ धूप में सुखाने के बाद दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।

*प्रश्न(12):-क्या हमारी चमड़ी (त्वचा) से कोरोना वायरस शरीर में जा सकता है?*
*उत्तर:-*
नहीं! तंदुरुस्त त्वचा से कोरोना संक्रमण नहीं हो सकता। अगर त्वचा पर कहीं कट लगा है या घाव है तो इसके संक्रमण की संभावना है।

*प्रश्न(13):-क्या सिरका मिले पानी से कोरोना वायरस विघटित हो सकता है?*
*उत्तर:-*
नहीं! सिरका कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को नहीं तोड़ सकता। इसलिये सिरका वाले पानी से हाथ-मुंह धोने से कोई फ़ायदा नहीं है।

साभार
वाशिंगटन युनिवर्सिटी
USA

30/03/2020

साधरण खांसी, जुकाम को क्रोना न समझ लें क्रोना एक वाइरल बूखार है,जिसका लक्षण नीचे देखें।
www.mtdayurvedichospital.com

24/03/2020

यदि किसी को 3-4 दिन तेज बुखार के बाद जुकाम खांसी हो तो उसको हल्के में न लें हो सकता है, वह कोरोनावायरस का ही प्रकोप न हो ? स्वास्थकेन्द्र में जाॅॅंच करायें।
और तुरन्त प्राथमिक उपचार अरम्भा करें-
काली-25दाने+पीपली-20दाने+काली तुलसी 60पत्ती+अजवायन25ग्रा०+सोंठ15ग्रा०
विधि:- सबको अधकुटा करके 2ली०पानी में पकायें जब 500ग्रा० पानी रह जाये तो इसको छान कर इसमें 3 बराबर भाग करके दिन में 3 बार गर्म करके पीयें।
और नमक पानी गर्म करके 2-2 घण्टे बाद गरारा करते रहें और 20-20 मिनट के अन्तराल में गर्म पानी पिया करें। और दिन में हर 4 घण्टे बाद, काली मिर्च और पिपली का बराबर पाउडर 2ग्रा०,आधा चम्मच देशी घी में मिलाकर चाटते रहें।

24/03/2020




डॉक्टरों द्वारा कोरोना वायरस से #मारे_गए_लोगो का पोस्ट-मोर्टेम करने के बाद इस वायरस से सम्बंधित बहुत अहम् जानकारी दी गयी गई |

ये वायरस स्वास नली में जाकर म्यूकस की लेयर बना लेता है जो सॉलिड हो जाती है और स्वास नली बंद हो जाती है . इलाज़ के लिए डॉक्टर्स इसी नली को खोलने की कोशिश करते हैं और दवाई देते हैं, हलाकि इसमें कई दिन लगते हैं और पेशेंट क्रिटिकल हो जाता है. इससे बचने के कुछ उपाय है जो की नीचे है -

१. दिन भर समय समय पर गरम पेय का सेवन करें जैसे की कॉफी, चाय, सूप, गरम पानी| हर २० mins में गरम पानी पिए| ऐसा करने से मुँह सूखेगा नहीं और अगर कोई वायरस आ गया होगा तो वो पेट में चला जायगा और गैस्ट्रिक juices की वजह से ख़तम हो जायगा इसके पहले की वो lungs तक पहुंच के पकड़ बना पाए.

२. हर दिन antiseptic जैसे की विनेगर या लेमन या साल्ट और गरम पानी से गरारे करें .

३. वायरस बालो और कपड़ो में चिपक जाता है| किसी भी साबुन या डिटर्जेंट से वो मर जाता है| इसलिए बाहर से घर आते ही सबसे पहले बिना कहीं बैठे सीधे बाथरूम जाके नहा लें | अगर कपडे धो नहीं सकते तुरंत तो धुप में रख देख कपड़ो को |

४. मैटेलिक जगहों पर वायरस 9 दिन तक रह सकता है . इसलिए ऐसी कोई चीज़ हो तो उसे जरूर साफ़ करें| सीढ़ीओं की रेलिंग, डोर हैंडल्स आदि को छूने से बचे और घर साफ़ करते रहे

५. सिगरेट न पियें

६. हर 20 mins में 20 sec के लिए किसी भी झाग वाले साबुन से अच्छे से हाथ धोएं |

७. सब्जियां और फल खाएं | Zinc और विटामिन-c दोनों को बढ़ाने की कोशिश करें

८. जानवरो से ये इंसानो को नहीं हो सकता | ये इंसान से इंसान को होता है |

९. एहतियात बरते की आपको वायरल फीवर या नार्मल कोल्ड और फ्लू ना होने पाए क्यूंकि उससे इम्युनिटी सिस्टम (रोग से लड़ने की शरीर की क्षमता) कमजोर हो जाता है | ठंडा पानी या ठन्डे पेय ना पिएं

१०. अगर आपको इन दिनों कभी भी गला ख़राब या खांसी या खराश लगे तो ऊपर बताये गए सुझावों को तुरंत प्रयोग ही करें | वायरस शरीर में ३-४ दिन इसी तरह गले में रह कर lungs में पहुंच जाता है | इसलिए बचाव के तौर पर एवं कोई भी लक्षण आने पर ऊपर बताय तरीके अपनाये |

अपना ध्यान रखें और सभी को भेजे |

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20/03/2020

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Address

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