
04/06/2025
🙏🏻🌹📌
समाज सेवा केलिए चिकित्सा कर्म करते हुए मुझे 30 साल हुए, सहयोग करने वाले कम मिले लेकिन टांग खींचने वाले कई मिले!
बवासीर फिसर के इलाज में नर्सिंग होम वाले 30/40 हजार रुपया लेते हैं!
कॉरपोरेट हॉस्पिटल वाले लगभग एक लाख रुपया लेते हैं, लेकिन मैं केवल 7/8 हजार में इलाज पूरा कर देता हूं, वो भी बिना किसी अल्ट्रासाउंड, एंडोस्कोपी, कोलोनोस्कोपी, खून जांच करवाए, कभी कभी यह सब करवाना पड़ता है किसी गंभीर मरीज केलिए, लेकिन उनको मैं हमेशा कहता हूं, मैं केवल आपका छोटा सा इलाज मस्सों का करता हूं, किसी इमरजेंसी केलिए और अन्य बीमारियों केलिए आवश्यकता पड़ने पर आप कभी भर्ती हो सकते हैं, उसमें मेरी कोई जिम्मेदारी और जरूरत नहीं होती, वो मेरा काम नहीं है, जैसे ज्यादा खून बहने से खून की कमी हो जाए, लिवर और दिल की दिक्कत, शुगर रोगी अपनी सावधानी बरतने केलिए तैयार रहें!
📌
गरीब आदमी और रहीस भी बवासीर फिसर पीड़ित लोग मुझे ढूंढते आते हैं, जब कोई पुराना ठीक हुआ मरीज उनको भेजता है!
लेकिन डॉक्टर और स्टोर वाले मरीजों को नहीं भेजते, क्योंकि उनको भारी कमीशन नहीं देते हम! अखबार और मीडिया वाले खबर नहीं छापते क्योंकि उनको बड़ी धनराशि वाले विज्ञापन नहीं देते हम! इसलिए पुराने मरीज ही हमसे प्रसन्न होकर हमारे पास अपने जानकारों को भेजते हैं!
📌
आप सब के आशीर्वाद से 95% नतीजे अच्छे रहते हैं! कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ती है! ऑपरेशन जिनके सफल नहीं को पाते वो मरीज भी आते हैं तो ठीक हो जाते हैं!
आप भी आइए, और लाभ उठाएं!
📌 *संजीवनी सहाय धर्मार्थ क्लीनिक,*
नैन चौक फरीदाबाद, हरियाणा
और
📌 *संजीवनी सहाय धर्मार्थ क्लीनिक,*
श्रीरामकृष्ण धर्मशाला,
इंदरगंज चौक, ग्वालियर!
📌
कृपया एक दिन पहले समय ले लें और कोई भी जानकारी चाहें तो ले ले, लेकिन बीमारी के बारे में जानकारी केवल प्रकाशन करने के बाद दी जा सकती है!
इलाज लेने केबाद लगभग एक से दो महीने में स्वस्थ हो जाते हैं, दवाई भी 4/5 सप्ताह खानी होती है!
सावधानी यह रखें कि सफाई अच्छी रहे, ज्यादा से पानी से शौच करे, परात में चार लीटर पानी में थोड़ा आधा ढक्कन savlon lotion डाल कर पानी में बैठें (Sitzbath) इससे गंदगी धुल जाती है, क्रीम उंगली से अंदर की तरफ लगाएं और ट्यूब के साथ आए नॉब या पाइप का प्रयोग न करें!
📌
दस्त पतले करने की दबाई ठीक होने के बाद भी लें, क्योंकि दस्त सख्त नहीं आना चाहिए!
अधिक जानकारी केलिए व्हाट्सएप करें:
नंबर: बानवे बारह ग्यारह ग्यारह बाइस
🙏🙏
*डॉ राकेश सहाय, सामाजिक चिंतक और चिकित्सक*
🙏🏻 गरीब वर्ग केलिए काम करना बहुत मुश्किल है, जबकि रहीस वर्ग केलिए काम करना आसान है, क्योंकि गरीबों के पास लेनदेन केलिए कुछ नहीं होता, जबकि रहीस अपनी सुविधानुसार लेता देता है!
🙏🏻