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Jaundiceइसका मुख्य कारण शरीर में सही ढंग से खून ना बनना हैं। इस कारण शरीर में पीलापन आ जाता हैं। सबसे पहले आंखों में पील...
31/05/2022

Jaundice

इसका मुख्य कारण शरीर में सही ढंग से खून ना बनना हैं। इस कारण शरीर में पीलापन आ जाता हैं। सबसे पहले आंखों में पीलापन आता हैं उसके बाद शरीर और मूत्र पीला होता हैं। भूख न लगना, भोजन को देखकर उल्टी आना, मुंह का स्वाद कड़वा होना, नाड़ी की गति धीरे चलना आदि लक्षण हैं।

• गिलोय का चूर्ण एक-एक चम्मच सुबह-शाम सादे पानी के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ मिलता हैं।

• त्रिफला चूर्ण का काढा बनाएँ उसमें मिश्री और घी मिलाकर सेवन करें।

• 10 ग्राम सौंठ का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर सुबह-शाम उपयोग करें।

19/03/2022
नजला जुकामसामान्य रूप से ठंड लगने, या ठंडे पानी में चलने-फिरने से नजला-जुकाम हो जाता हैं। यह एक प्रकार का संक्रामक रोग ह...
06/03/2022

नजला जुकाम

सामान्य रूप से ठंड लगने, या ठंडे पानी में चलने-फिरने से नजला-जुकाम हो जाता हैं। यह एक प्रकार का संक्रामक रोग हैं। जुकाम होने पर बार-बार छींके आती हैं और नाक से पानी आता हैं कभी-कभी बलगम भी आता हैं।

• कच्चे लहसुन की 1-2 कली चबाकर खायें और पानी पीयें।

• 10 पत्ते पुदीना और 6 दाने काली मिर्च और 1 चुटकी सेंधा नमक और 10 पत्ते तुलसी इन सबको मिलाकर काढ़ा बनायें तथा आधा पानी रह तने पर काढ़ा पिलाएं।

• आँवले के रस को शहद में मिलाकर चाटने से आराम मिलता हैं।

• राई पीसकर नाक पर लगाने से जुकाम में आराम मिलता हैं।

• दालचीनी और जायफल बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनायें और सुबह शाम लें।

• गाय का घी नाक में डालें।

खाज खुजलीखाज-खुजली एक संक्रामक रोग हैं। जिसके कारण त्वचा पर छोटी-छोटी फुन्सियां निकल आती हैं और उनमें से पानी भी निकलता ...
02/03/2022

खाज खुजली

खाज-खुजली एक संक्रामक रोग हैं। जिसके कारण त्वचा पर छोटी-छोटी फुन्सियां निकल आती हैं और उनमें से पानी भी निकलता हैं। कभी-कभी पेट साफ न होने से, कब्ज रहने से तथा खून में अशुद्धि होने से भी ये खुजली पैदा होती हैं।

• नारियल के तेल में थोड़ा सा कपूर मिलाकर गरम करें और खुजली वाले स्थान पर लगायें।

• गाय के घी में कुछ लहसुन मिलाकर गर्म करें और उसकी मालिश खुजली वाले स्थान पर करें।

• नींबू के रस में पके हुए केले को मसलकर खुजली वाले स्थान पर लगायें।

• भुने हुए सुहागे को पानी में मिलाकर लगाने से खुजली में आराम मिलता हैं।

दमा, अस्थमा, ब्रोन्कियल अस्थमा• आधा कप देशी गाय का गोमूत्र सुबह पीने से दमा अस्थमा, ब्रोन्कियल अस्थमा सब ठीक होता हैं, औ...
22/02/2022

दमा, अस्थमा, ब्रोन्कियल अस्थमा

• आधा कप देशी गाय का गोमूत्र सुबह पीने से दमा अस्थमा, ब्रोन्कियल अस्थमा सब ठीक होता हैं, और गोमूत्र पीने से टीबी भी ठीक हो जाता हैं, लगातार पांच छह महीने पीना पड़ता हैं।

• दमा अस्थमा की और एक अच्छी दवा हैं दालचीनी, इसका पाउडर प्रतिदिन सुबह आधे चम्मच खाली पेट गुड़ या शहद मिलाकर गर्म पानी के साथ लेने से दमा अस्थमा ठीक कर देती हैं।

अर्थराइटिस/गठिया/जोड़ो का दर्दजब हम खड़े होकर पानी पीते हैं, तो पानी के साथ वायु हमारे घुटनों तक पहुँच जाती हैं, जिससे ग...
07/02/2022

अर्थराइटिस/गठिया/जोड़ो का दर्द

जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं, तो पानी के साथ वायु हमारे घुटनों तक पहुँच जाती हैं, जिससे गठिया बाय का रोग हो जाता हैं। जब भोजन नही पचता तो कच्चा रस इकट्ठा होने लगता हैं जिस कारण गठिया होने लगती हैं। ये रोग ज्यादातर आरामदायक जीवन बिताने वालो को होता हैं, मोटापा, धूम्रपान, अनियमित या जल्दी में भोजन करना, कब्ज रहना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।

• 1 दिन में 2 ग्राम (गेहूँ के दाने के बराबर) चूना छाछ या दही के साथ खाने से 3 महीने में पुरानी से पुरानी गठिया ठीक हो जाती हैं।

• मेथी दाना रात को पानी में भिगोकर रख दे, सुबह उठकर मेथी दाने को चबाचबा कर खायें और पानी को पी लें।

05/02/2022
खाज खुजलीखाज-खुजली एक संक्रामक रोग हैं। जिसके कारण त्वचा पर छोटी-छोटी फुन्सियां निकल आती हैं और उनमें से पानी भी निकलता ...
24/01/2022

खाज खुजली
खाज-खुजली एक संक्रामक रोग हैं। जिसके कारण त्वचा पर छोटी-छोटी फुन्सियां निकल आती हैं और उनमें से पानी भी निकलता हैं। कभी-कभी पेट साफ न होने से, कब्ज रहने से तथा खून में अशुद्धि होने से भी ये खुजली पैदा होती हैं।

• नारियल के तेल में थोड़ा सा कपूर मिलाकर गरम करें और खुजली वाले स्थान पर लगायें।

• गाय के घी में कुछ लहसुन मिलाकर गर्म करें और उसकी मालिश खुजली वाले स्थान पर करें।

• नींबू के रस में पके हुए केले को मसलकर खुजली वाले स्थान पर लगायें।

• भुने हुए सुहागे को पानी में मिलाकर लगाने से खुजली में आराम मिलता हैं।

18/01/2022
आँखों के रोगअधिक ठंड, अधिक गर्मी, या आँखों में धूल जाने से या आँखों में किसी संक्रामक बीमारी के कारण दर्द होना शुरू हो ज...
16/01/2022

आँखों के रोग
अधिक ठंड, अधिक गर्मी, या आँखों में धूल जाने से या आँखों में किसी संक्रामक बीमारी के कारण दर्द होना शुरू हो जाता हैं और आँखें आ जाती हैं। इस कारण आँखों से पानी निकलता हैं और आँखें लाल हो जाती हैं। आँखों में से कीचड़ निकलना शुरू हो जाता हैं।

• सफेद प्याज का रस आँखों में लगाने से दर्द में कमी होती हैं।

• सुबह उठकर बासी मुहँ की लार आँखों में लगाने से आँखों के प्रत्येक रोग दूर होते हैं।

• त्रिफला चूर्ण, घी और शहद मिलाकर खाने से आँखों की बीमारी दूर होती हैं।

• देशी गाय का घी आँख में लगाने से जलन दूर होती हैं।

• गुलाब जल में फूली फिटकरी डालकर आँखों को धोने से जलन एवं सूजन समाप्त होती हैं। केवल गुलाबजल डालने से भी आँखों में राहत मिलती हैं।

• बथुए के रस को 1-1 बूंद करके आँखों में डालें।

• गुलाब जल, ताजे खीरे का रस और थोड़ा सा ठंड़ा दूध मिलाकर इसमें रूई के फोहो को भिगोकर पलकों के ऊपर रखे। आँखों में अनार का रस डालने से भी काफी लाभ होता हैं।

08/01/2022
दमा जब फेफड़ों में जकड़न एवं संकुचन होने के कारण साँस लेने में तकलीफ हो तो दमा की स्थिति कहलाती हैं। ज्यादातर यह रोग अधि...
08/01/2022

दमा
जब फेफड़ों में जकड़न एवं संकुचन होने के कारण साँस लेने में तकलीफ हो तो दमा की स्थिति कहलाती हैं। ज्यादातर यह रोग अधिक उम्र के लोगों को होता हैं। धूल और धुआँ भरे माहौल में रहने के कारण भी यह हो सकता हैं। प्रायः यह रोग अनुवांशिक होता हैं। अत्याधिक धूम्रपान करने वालों को भी यह रोग होता हैं। इसमें रोगी को साँस लेने में तकलीफ होती हैं यह तकलीफ कभी कम कभी ज्यादा घटती-बढ़ती रहती हैं। कभी-कभी खाँसी के साथ कफ निकलता हैं तो रोगी को आराम मिलता हैं। बलगम न निकले तो रोगी का हाल बेहाल हो जाता हैं।

• तेजपात के पत्तों का चूर्ण अदरक के रस के साथ लेने से दमे में काफी लाभ होता हैं।

• प्रातः काल खाली पेट 3-4 चम्मच अदरक का रस शहद के साथ लेने से काफी आराम मिलता हैं।

• तुलसी के पत्तों के साथ 2-3 काली मिर्च चबाने से रोग में आराम मिलता हैं।

• जब दमे का दौरा पड़े उस समय जरा सी फिटकरी जीभ पर रखकर चूसने से तुरंत आराम मिलता हैं।

• लहसुन की कच्ची कली पर लौंग के तेल की दो-तीन बूंदे चबायें और गर्म पानी पीयें। दमा के दौरे नहीं पड़ेगे।

मधुमेहआजकल मधुमेह की बीमारी आम बीमारी हैं। जब किसी व्यक्ति को मधुमेह की बीमारी होती हैं। इसका मतलब हैं वह व्यक्ति दिन भर...
04/01/2022

मधुमेह
आजकल मधुमेह की बीमारी आम बीमारी हैं। जब किसी व्यक्ति को मधुमेह की बीमारी होती हैं। इसका मतलब हैं वह व्यक्ति दिन भर में जितनी भी मीठी चीजें खाता हैं (चीनी, मिठाई, शक्कर, गुड़ आदि) वह ठीक प्रकार से नहीं पचती अर्थात् उस व्यक्ति का अग्नाशय उचित मात्रा में उन चीजों से इन्सुलिन नहीं बना पाता

इसलिए वह चीनी तत्व मूत्र के साथ सीधी निकलता हैं। इसे पेशाब में शुगर आना भी कहते हैं। जिन लोगों को अधिक चिंता, मोह, लालच, तनाव रहते हैं। उन लोगों को मधुमेह की बीमारी अधिक होती हैं। मधुमेह रोग में शुरू में तो भूख बहुत लगती हैं, लेकिन धीरे-धीरे भूख कम हो जाती हैं। शरीर सूखने लगता हैं, कब्ज की शिकायत रहने लगती हैं। अधिक पेशाब आना और पेशाब में चीनी आना शुरू हो जाती हैं और रोगी का वजन कम होती जाता हैं। शरीर में कही भी जख्म/घाव होने पर वह जल्दी नहीं भरता।

• जामुन मधुमेह के रोगी के लिए सर्वोत्तम दवाई हैं। सीधे जामुन खाना लाभदायक तो है ही, लेकिन जामुन की गुठली का चूर्ण ताजे पानी के साथ दिन में 2-3 बार लेने पर मधुमेह में बहुत लाभकारी होता हैं। इसके साथ जामुन के हरे पत्तों की चटनी बनाकर 1 ग्लास पानी में प्रतिदिन पीने से लाभ होता हैं।

• पान के साथ चार पत्ती बंग भस्म लेने से मधुमेह दूर होता हैं।

• प्रातःकाल 20 ग्राम गिलोय का रस बराबर मात्रा में शहद के साथ मिलाकर लेने से बीमारी में लाभ मिलता हैं।

• प्रतिदिन रात्रि विश्राम से पहले शहद के साथ त्रिफला चूर्ण लेने से लाभ होता हैं।

• इन्द्र जौ, बादाम और चने का चूर्ण बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाकर प्रतिदिन सुबह और शाम फीके दूध से लें।

• त्रिफला चूर्ण में मैथी के दानों का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाये और प्रतिदिन प्रातः काल 2 चम्मच चूर्ण गुनगुने जल के साथ सेवन करें।

शरीर में जब वसा की मात्रा बढ़ जाती हैं और वह शरीर में एकत्र होने लगती हैं तो इसी से मोटापा आता जाता हैं। वह एकत्र वसा ही...
30/12/2021

शरीर में जब वसा की मात्रा बढ़ जाती हैं और वह शरीर में एकत्र होने लगती हैं तो इसी से मोटापा आता जाता हैं। वह एकत्र वसा ही मोटापा हैं। मोटापा आने के बाद शरीर में सुस्ती रहती हैं, थकान होने लगती है। इसी कारण शुगर, ह्रदय रोग, अपच, कब्ज आदि बीमारी होने लगती हैं।

• सुबह-शाम खाली पेट गर्म पानी में नींबू निचोड़कर, सेंधा नमक मिलाकर पीयें।

• 10 ग्राम सौंठ को शहद में मिलाकर चाटने से भी मोटापा कम होता हैं।

• मूली के सलाद में नींबू और नमक मिलाकर प्रतिदिन लें,।

• खाने के बाद एक चुटकी काले तिल चबाकर खायें।

पेट में कब्ज के दौरान अम्लपित्त बनने लगता हैं। खट्टी डकारें आती हैं। पेट में भारीपन लगता हैं। कुछ भी खाने की इच्छा नहीं ...
29/12/2021

पेट में कब्ज के दौरान अम्लपित्त बनने लगता हैं। खट्टी डकारें आती हैं। पेट में भारीपन लगता हैं। कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होती।

1.अजवायन का चूर्ण शहद में मिलाकर लेने से बदहजमी दूर होती हैं।

2.अजवायन और नमक की फंकी गर्म पानी के साथ लें।

3.एक ग्राम सौंठ के चूर्ण में चुटकी भर हींग और सेंधा नमक मिलाकर सुबह शाम पानी के साथ सेवन करें।

कबज  को  ठीक करने के 5 उपाये हमारे द्वारा भोजन ग्रहण करने के बाद उसका पाचन संस्थान द्वारा पाचन होता हैं। इस प्रक्रिया मे...
25/12/2021

कबज को ठीक करने के 5 उपाये

हमारे द्वारा भोजन ग्रहण करने के बाद उसका पाचन संस्थान द्वारा पाचन होता हैं। इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की रूकावट होती हैं, तो फिर भोजन सही ढंग से नहीं पचता तथा अपच होती है और फिर कब्ज होती हैं। सही ढंग से मल का न निकलना कब्ज कहलाता हैं।

1 सौंठ+काली मिर्च+पीपल को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनायें, सुबह-शाम एक-एक चम्मच लें। कब्ज दूर होगी।

2 रात में दूध के साथ दो चम्मच ईसबगोल खाने से कब्ज में आराम मिलता हैं।

•3रात को गर्म दूध के साथ एक चम्मच त्रिफला लेने से कब्ज दूर होगा।

•4भोजन के साथ सुबह शाम पपीता खाने से कब्ज दूर होता हैं।

•5सौंठ + हरड़ + अजवायन को समान मात्रा में पानी में उबालें तथा वह पानी लेने से कब्ज दूर होगा।

ड़ेंगु क्या होता है। ......,..
24/12/2021

ड़ेंगु क्या होता है। ......,..

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