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*Health Blood Test:* 30 के बाद रूटीन में शामिल कर लें ये  टेस्ट, गंभीर बीमारियों से कभी नहीं होगा सामनाBest blood test f...
11/03/2023

*Health Blood Test:*

30 के बाद रूटीन में शामिल कर लें ये टेस्ट, गंभीर बीमारियों से कभी नहीं होगा सामना

Best blood test for overall health:
खून की पहुंच बॉडी के सभी अंगों तक होती है। इसलिए इसे टेस्ट करके शरीर में चल रही गतिविधियों का पता लगाया जाता है। सब कुछ सही और स्वस्थ्य तरीके से काम कर रहा है या नहीं। ऐसा करने कई तरह के इंफेक्शन और बीमारियों का समय रहते पता चल जाता है।

खून की जांच(Blood Test) आमतौर पर आपने तब ही करवाया होगा जब आप बीमार हो चूके होंगे। अक्सर डॉक्टर की सलाह पर ही लोग टेस्ट करवाना जरूरी समझते हैं। लेकिन ये गलत है। अब आपके मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि जब स्वस्थ्य है, तो फिर ब्लड टेस्ट क्यों करवाना चाहिए? दरअसल, खून की पहुंच बॉडी के सभी अंगों तक होती है। इसलिए इसे टेस्ट करके शरीर में चल रही हर छोटी-बड़ी गतिविधियों का पता लगाया जा सकता है। सब कुछ सही और स्वस्थ्य तरीके से काम कर रहा है या नहीं। ऐसा करने से कई तरह के इंफेक्शन और बीमारियों का समय रहते पता चल जाता है।

ऐसे ही कुछ न्यूट्रिशनिस्ट निकिता तनवर भी मानती हैं। हाल ही में इंस्टाग्राम पर ब्लड टेस्ट की एक पूरी लिस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है कि सभी को 30 से 50 की उम्र तक ये टेस्ट हर साल जरूर करवाना चाहिए। स्क्रीनिंग टेस्ट से किसी भी बीमारी का लक्षण दिखने से पहले ही उसका निदान कर सकते हैं। इससे समय रहते गंभीर से गंभीर बीमारी के उपचार में मदद मिलती है। हालांकि, याद रखें कि सभी लैब रिपोर्टों की समीक्षा एक प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा की जानी चाहिए, क्योंकि जो स्थिति एक व्यक्ति के लिए सामान्य हो सकता है वह दूसरे के लिए नहीं होता है। यह बात व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करती है।

CBC-कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट का उपयोग आपके समग्र स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने और एनीमिया, संक्रमण और ल्यूकेमिया सहित बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसमें लाल रक्त कोशिकाएं को मापा जाता है, जो शरीर के सभी भागों में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती है।

HBA1C-इस टेस्ट की मदद से पिछले दो से तीन महीनों में औसत ब्लड में शुगर की मात्रा का पता लगाया जाता है। इससे आसानी से टाइप1 और टाइप 2 डायबिटीज को होने से रोका जा सकता है।

LIPID PROFILE-कोलेस्ट्रॉल टेस्ट को लिपिट पैनल या प्रोफाइल नाम से भी जाना जाता है। खून में इसकी मात्रा अधिक होने पर यह धमनियों में ब्लॉकेज पैदा करने लगती है। जिससे धमनी और हृदय रोगों का जोखिम बढ़ जाता है। इससे आपको दिल का दौरा पड़ने, स्ट्रोक, पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का खतरा भी होता है। समय पर इसकी मात्रा पता होने से आप इस खतरे से बच सकते हैं।

VITAMIN B12- ये पोषक तत्व बॉडी की एनर्जी और फर्टिलिटी के लिए मुख्य रूप से जरूरी होते हैं। इसके लिए करवाया जाने वाला ब्लड टेस्ट दिमाग, तंत्रिका तंत्र की गतिविधियों की जानकारी देने में मदद करता है ।

इसके इलावा लीवर गुर्दे थायराइड टेस्ट से इन सभी की बीमारियों का पता लगाया जा सकता है।

किसी भी लैब से कोई भी टेस्ट करवाने के लिए कॉल करे।
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19/02/2023

ज्यादातर लोग दूध का सेवन सिर्फ इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि दूध पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं। लेकिन हकीकत ये है कि दूध में कैल्शियम के अलावा भी कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद हैं। न्यूट्रिशन नाम की पत्रिका में साल 2014 में प्रकाशित एक स्टडी की मानें तो दूध पीने को लेकर कितने ही विवाद क्यों न हो, अध्ययनों में यह बात साबित हो चुकी है कि दूध, हमारी सेहत को बनाए रखने में अहम रोल निभाता है। इसके अलावा दूध पीने से हृदय रोग, कई तरह का कैंसर, मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियों को भी रोकने में मदद मिलती है।

वैसे तो ज्यादातर लोग दूध की खूबियों से वाकिफ होते हैं और सभी घरों में दूध का इस्तेमाल जरूर होता है। लेकिन पिछले कुछ सालों में ऐसी कई स्टडीज सामने आयी है जिसमें दूध में पाए जाने वाले लैक्टोज की वजह से दूध को पाचन तंत्र से संबंधित बीमारियां जैसे- दस्त, गैस, पेट फूलना, पेट दर्द आदि के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इसके अलावा दूध पीने से कोलेस्ट्रॉल और कफ की भी समस्या हो सकती है।

इन सबकी वजह से बहुत से लोगों ने दूध पीना बंद भी कर दिया है। बावजूद इसके दूध के फायदों को नकारा नहीं जा सकता और आज भी ज्यादातर घरों में बच्चों को रोजाना दूध जरूर पिलाया जाता है। लेकिन क्या सिर्फ बच्चों को ही रोज दूध पीना चाहिए? क्या वयस्कों को दूध की जरूरत नहीं है? इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि आखिर बच्चों की ही तरह वयस्कों को भी प्रतिदिन कितना दूध पीना चाहिए।

पोषक तत्वों का बेहतरीन स्त्रोत है दूध
ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि दूध में कैल्शियम होता है इसलिए यह हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है। लेकिन दूध में कैल्शियम के अलावा भी कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जिस कारण दूध अपने आप में एक कम्प्लीट मील यानी संपूर्ण भोजन माना जाता है। दूध सिर्फ कैल्शियम का बेस्ट स्त्रोत ही नहीं बल्कि दूध में पाया जाने वाले कैल्शियम को हमारा शरीर आसानी से सोख लेता है। कैल्शियम के अलावा दूध में विटामिन डी, प्रोटीन, पोटैशियम, फॉस्फॉरस, मैग्नीशियम, विटामिन बी12 और जिंक भी पाया जाता है।

कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है
पोटैशियम ब्लड प्रेशर को बनाए रखने में अहम रोल निभाता है
विटामिन डी, बच्चों में रिकेट्स और वयस्कों में ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे से बचाता है
विटामिन बी12 सेंट्रल नर्वस सिस्टम को बनाए रखने में मदद करता है
विटामिन ए रोग प्रतिरोधक क्षमता को स्वस्थ बनाने में मददगार है
जिंक भी इम्यूनिटी मजबूत बनाने और सर्दी-जुकाम दूर रखने में मदद करता है
रोजाना कितना दूध पीना चाहिए?
आपको रोज कितना दूध पीना चाहिए यह आपकी शरीर की जरूरतों और उम्र दोनों पर निर्भर करता है। उम्र के हिसाब से जानते हैं कि रोजाना कितना दूध पीना चाहिए:

जन्म से 1 साल तक
जन्म से लेकर 6 महीने तक डॉक्टर शिशु को सिर्फ मां का दूध पिलाने की ही सलाह देते हैं क्योंकि इस दौरान विकास के लिए बच्चे को ज्यादा पोषण की जरूरत होती है जो उसे सिर्फ मां के ब्रेस्टमिल्क से ही मिल सकती है। 6 महीने के बाद भी जब तक शिशु 1 साल का न हो जाए उसे गाय का दूध नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें कई तरह का नुकसान हो सकता है। इसलिए 6 महीने से 1 साल तक के बच्चे को सॉलिड चीजें खिलाने के साथ ही मां का दूध या फॉर्मूला मिल्क जरूर पिलाना चाहिए।

1 से 3 साल तक
1 से 3 साल तक के बच्चों को रोजाना करीब 350 मिलिग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है और इसलिए इस उम्र के बच्चों को प्रतिदिन करीब 100 से 200 मिलीलीटर दूध जरूर पिलाना चाहिए। दूध के अलावा बच्चों को दही और चीज जैसे दूध से बने प्रॉडक्ट्स भी देने चाहिए।


4-10 साल तक
4 से 10 साल तक के बच्चों के लिए रोजाना करीब 450 से 500 मिलिग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है और इसके लिए उन्हें 200 से 300 मिलीलीटर दूध पिलाना जरूरी होता है और साथ में डेयरी प्रॉडक्ट्स भी।


11 से 18 साल तक
इस दौरान बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बेहद तेजी से होता है, जिसमें दूध अहम रोल निभाता है। लिहाजा 18 साल तक के किशोर बच्चों को रोजाना करीब 3 कप तक दूध जरूर पिलाना चाहिए।

वयस्कों को इतने दूध की जरूरत
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की रिपोर्ट की मानें तो एक वयस्क भारतीय यानी 18 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को रोजाना 600 मिलिग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है यानी करीब 2 गिलास दूध। हालांकि रोजाना करीब 200 मिलिलीटर यानी 1 गिलास दूध या 1 कटोरी दही वयस्कों के रोजाना के कैल्शियम की जरूरत के लिए काफी है। बाकी कैल्शियम की जरtरतें पारंपरिक भारतीय भोजन का अहम हिस्सा मानी जाने वाली फलियां, दालें, बीन्स, सब्जियां, सीरियल आदि से पूरी हो जाती हैं।

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