29/06/2020
IMC Herbal Agro Growth Booster
हर्बल ऑर्गेनिन एग्रो ग्रोथ बूस्टर
गौमूत्र, एलोवेरा, लेहबेरी, आंवला, नीम एवं जड़ी-बूटियों से युक्त
हर मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए पोषक-तत्वों की आवश्यकता होती है जैसे विटामिन्स, प्रोटीन, मिनरल्स इत्यादि। इसी तरह से पौधों में भी जान होती है इसलिए उन्हें भी अपने विकास के लिए पोषक-तत्वों की आवश्यकता होती है। पोषक-तत्वों की कमी ही फसलों की कमजोरी का मुख्य कारण बनती है।
पौधे अपना भोजन एवं महत्वपूर्ण पोषक-तत्व मिट्टी से अपनी जड़ों एवं पत्तों के द्वारा प्राप्त करते है। अगर पौधों को अच्छी खुराक न मिले तो पौधों का विकास रुक जाता है उनमें कई प्रकार की विकृतियां आ जाती हैं। पौधे रंगहीन हो जाते हैं।रासायनिक खादों और कीटनाशकों का छिड़काव इन पोषक-तत्वों को नष्ट कर देता है।
हर्बल एग्रो ग्रोथ बूस्टर पौधों के लिए हर्बल जैविक एवं पौष्टिक भोजन है। यह पौधों को आवश्यक पोषक तत्व जैसे – विटामिन्स, प्रोटीन, लेह बेरी, मिनरल्स इत्यादि प्रदान करने एवं उनके विकास में अत्यंत सहायक हैं।
हर्बल एग्रो ग्रोथ बूस्टर एक रिसर्च आधारित उत्पाद है जिसमें प्राकृतिक रूप से उपलब्ध विटामिन्स, मिनरल्स एवं प्रोटीन इत्यादि विद्यमान है। यह जैविक रूप से उगाये गये एलोवेरा,नीम, आंवला, लेह बेरी एवं गौमूत्र इत्यादि से निर्मित है जिसमें प्राकृतिक, प्रोटीन,मिनरल्स,विटामिन एवं एमीनो एसिड विद्यमान है।
#एलोवेरा :-
एलोवेरा में लगभग 200 तरह के पौष्टिक-तत्व पाये जाते हैं। इसमें 20 आवश्यक खनिज लवण, 8 आवश्यक एमीनो एसिड्स, 11 द्वितीय श्रेणी के एमीनो एसिड्स हैं तथा विटामिन ए, बी-1, बी-5, बी-6, बी-12, सी तथा ई पाये जाते हैं।
इसमें प्रकृति प्रदत्त कैल्शियम, कॉपर, लौह, फॉस्फोरस, मैगनीज, पोटाशियम, मैग्नेशियम, सोडियम, खनिज, बीटा-कैरोटिन, एंटी-ऑक्सीडेंट्स, जिंक तथा एन्जाईम्स होते हैं।
एलोवेरा जीवाणु नाशक (एंटी-बैक्टीरिअल, एंटी-सैप्टिक एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-बायोटिक, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, फफूदनाशी इत्यादि है। एलोवेरा प्राकृतिक आर्द्रता (नमी) प्रदान करता है। एलोवेरा में अपार क्षमतायें हैं। यह संसार की सबसे श्रेष्ठ प्राकृतिक औषधि है। एलोवेरा में मौजूद सभी पौष्टिक तत्व पौधों की उत्तम खुराक है जिससे पौधों का विकास होता है एवं बीमारियों से बचे रह सकते हैं।
#नीम :
यह एंटी-बॉयोटिक, एंटी-बैक्टीरियल एवं एंटी-सेप्टिक है। जिसके कारण पौधों में कीड़े, मकौड़ों से लड़ने की क्षमता आती है जैसे सफेद मक्खियां, पतिखनिक, भृंग, एफिड, झींगा, सफेद चिंटियां,मिलीबग इत्यादि।
#लेह_बेरी :-
लेह बेरी को ऑक्सीजन, विटामिन एवं मिनरल्स का भण्डार कहा जाता है। इसमें विटामिन सी का अनन्त भण्डार है। इसमें 100 से अधिक पौष्टिक तत्व, विटामिन-सी, ए, ई, बी-1, बी-2 का भण्डार, 24 मिनरल्स एवं 18 एमीनो एसिड हैं। यह पौधो के लिए अत्यन्त लाभकारी है।
#आंवला :-
यह विटामिन-सी का भण्डार है, जो पौधों के विकास के लिए अनिवार्य है। यह पौधे को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है।
#गौमूत्र :-
गौमूत्र में ऐसे कई तरह के तत्व पाये जाते है जो पौधों के लिए आवश्यक है जैसे पौटाशियम, नाईट्रोजन, फॉस्फोरस, सोडियम, कैल्शियम इत्यादि । इन पौष्टिक तत्वों के अभाव में एक स्वस्थ पौधे की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। गौमूत्र मिट्टी के भौतिक गुणों को बेहतरीन बनाता है।
हर्बल एग्रो ग्रोथ बूस्टर के उपयोग :-
शक्तिवर्धक, फूलोत्तेजक एवं उपज वृद्धिकारक उत्पाद है।
यह फसल को रोग प्रतिरोधक शक्ति प्रदान कर बीमारियों से बचाता है, फूल झड़ना बंद करता है एवं पैदावार बढ़ाता है।
इसे कीटनाशक एवं फफूंदी-नाशक के साथ मिलाकर भी प्रयोग किया जा सकता है।
हर वातावरण एवं स्थिति में भीपौधों को स्वस्थ रखने का कार्य करता है।
इसे किसी भी खाद के साथ मिलाकर उपयोग किया जा सकता है।
यह पौधों को नई ऊर्जा प्रदान करता है, फूलों और फलों को शक्ति प्रदान करता है एवं बढ़ाता है, पौधों के लिए एक अतिरिक्त खुराक है।
यह कपास, धान, , सोयाबीन, मिर्च, बैंगन, आलू, टमाटर, चना तथा सभी प्रकार के दलहन, सब्जियों, फल-फूलों के लिए अत्यंत लाभकारी है।
#उपयोग_विधि :-
फसल बोते या रोपन के समय बीजोपचार करें :-
एक लीटर पानी में 200 मि.ली. एग्रो ग्रोथ बूस्टर डालकर बीजों को 24 घंटे डूबा रहने दें फिर बीजारोपन करें।
हर 20 से 25 दिन पश्चात् छिड़काव करते रहें।
फूल एवं फल धारण के समय भी छिड़काव करते रहें।
मात्रा :
10 से 15 मि.ली. प्रति लीटर पर्याप्त पानी में छिड़काव करें।
इसे फ्लड व ड्रिप इरिगेशन के द्वारा 500 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से उपयोग कर सकते हैं।
नोट :-
फसल में हर्बल एग्रो ग्रोथ बूस्टर डालने से अप्रत्याशित वृद्धि होती है इसलिए मिट्टी में पर्याप्त नमी बनाए रखें। इस्तेमाल करने से पहले बोतल को हिला दें।
अधिक जानकारी के लिए कॉल
A. D. HEALTH CARE
W/N 9913467656
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