Ayurvedic medicine

Ayurvedic medicine ख़ुश खबरी। ख़ुश खबरी

07/07/2025

आज इस पेज को बनाए हुए पूरे 5 वर्ष हो चुका है आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद
हर हर महादेव 🙏

20/09/2024

जब है समाधान तो क्यों है परेशान

मासिक धर्म प्रारंभ करने के आयुर्वेद प्रयोग :-------
1- जुन्देबेदस्तर 1. 5 ग्राम, नीले सोसन की जड़ 9 ग्राम, पोदीने का पानी या अर्क 2 गिलास और शहद 31 ग्राम को, ( यह दो बार सेवन करना है) दो बार सेवन कराने से , रूका हुआ मासिक धर्म प्रारंभ हो जाता है।
2- लाल लोबिया, मेथी दाना, रूमी सौंफ 10 - 10 ग्राम और मजीठ ( अध कुचली ) 14 ग्राम । इन सभी को , एक प्याला पानी में उबालें। जब आधा कप पानी रह जाएं , तो छान लें। 45 ग्राम सिकंजबीन मिलाकर, थोड़ा गुनगुना करके सेवन करा दें।
इसके साथ योनि में निम्न औषधीय के महीन चूर्ण --बूल 14 ग्राम, पोदीना 19 ग्राम देवदारू 28 ग्राम, तुतली 36 ग्राम, मुनक्का ( बीज निकाल कर ) 70 ग्राम के चूर्ण को बैल के पित्ते में मिलाकर, रखवा दें । ये ' तिब्बे अकबरी ' का प्रयोग है। इस औषधीय से सात वर्ष से रूका हुआ मासिक धर्म प्रारंभ हो जाता है।
3- तौम्बा , लाल मजीठ, मेथी के बीज, गाजर के बीज, सोये के बीज, मूली के बीज, अजवाइन, सौंफ, तितली की पत्तियां और गुड़। सभी को समान मात्रा में लेकर, काढा़ बना लें और काढे़ को छान लें। रूके मासिक धर्म वाली स्त्री को, दोनों समय दो - दो चम्मच बराबर से ज्यादा पानी मिलाकर सेवन करा दें। अवश्य लाभ होता है और गर्भ भी गिर जाता है।
4- अखरोट की छाल, मूली के बीज, अमलतास के छिलके, परसियावसान और बायबिड़ग को 9 - 9 ग्राम लेकर मोटा - मोटा कूट लें और दोगुना गुड़ मिला दें। इन सभी को खूब उबालकर, स्त्री को सेवन करा दें । इसके सेवन से, मासिक धर्म प्रारंभ हो जाता है और गर्भ भी गिर जाता है।
5- यदि मासिकधर्म के होने के साथ स्त्री की कमर में दर्द होता है , तो सौंठ और बायबिड़ग 5-5 ग्राम और गुड़ 40 ग्राम । इन सभी को उबाल कर, दोनों समय सेवन कराएं, अवश्य लाभ होगा।

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19/09/2024

जब है समाधान तो क्यों है परेशान

गुग्गुल (गुगल)

कैशोर गूगल : वात रक्त और खून की खराबी के कारण शरीर में फोड़ा, फुंसी या चकत्ता होना, कुष्ठ, व्रण आदि व्याधियों में लाभकारी। मात्रा 1 से 2 गोली सुबह-शाम गर्म जल से।

नवक गूगल : मेद वृद्धि (मोटापा) व आमवात नाशक। मात्रा 2-2 गोली सुबह-शाम।

पुनर्नविद गूगल : वातरक्त, शोथ, गृध्रसी तथा प्रबल आमवात का नाश होता है। मात्रा 1 से 2 गोली सुबह-शाम गर्म जल से।

महायोगराज गूगल : 80 प्रकार के वात रोगों में लाभकारी। समस्त वात विकार, संधिवान, अर्द्धगावात, कमर व मेरुदण्ड का दर्द, सर्वांग शूल, व्रण, भगंदर, अर्श वात रक्त आदि रोगों की प्रसिद्ध दवा। मात्र 1 से 2 रत्ती गोली सुबह-शाम रास्नादि क्वाथ, गर्म जल या चाय के साथ।

योगराज गूगल : महायोगराज गूगल के समान गुण पर कुछ कम असर करने वाली।

रास्नादि गूगल : आमवात, गठिया जोड़ों का दर्द आदि विकारों में लाभकारी। मात्रा 1 से 2 रत्ती सुबह-शाम।

लाक्षादि गूगल : हड्डियों की बीमारी व सूजन, चोट लगने के बाद होने वाले दर्द, टूटी हड्डियों को जोड़ने एवं रक्त के जमाव को दूर करने में लाभकारी। मात्रा 1 से 2 गोली सुबह-शाम गर्म जल अथवा दूध से।

सप्तविंशति गूगल : भगंदर, पुराने घाव, शूल आदि रोगों में लाभकारी। बवासीर, नाड़ी त्रण, आंत्र वृद्धि तथा वस्ति विकारों पर। मात्रा 1 से 2 गोली सुबह-शाम गर्म जल से।

सिंहनाथ गूगल : वातरक्त, आमावत, संधिवात, गुल्म, शूल, उदर रोग, पथरी व कुष्ठ आदि में लाभदायक। अग्निदीपक है। मात्रा 1 से 2 गोली जल या रास्नादि काढ़े के साथ।

सिंहनाथ गूगल : वातरक्त, आमवात, संधिवात, गुल्म शूल, उदर रोग, पथरी व कुष्ठ आदि में लाभदायक, अग्निदीपक है। मात्रा 1 से 2 गोली जल या रास्नादि काढ़े के साथ।

त्रियोदांश गूगल : गृध्रसी आदि भयंकर वात रोगों में लाभकारी। मात्रा 1 से 2 गोली सुबह-शाम।

त्रिफला गूगल : भगंदर, गुल्म सूजन और बवासीर आदि में अत्यंत लाभकारी। मात्रा 1 से 2 गोली सुबह-शाम।
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19/09/2024

जब है समाधान तो क्यों है परेशान
---------: नतादि तैल :---------
( प्रथम )
" नतादि तैल " आयुर्वेद में एक औषधीय तेल है जिसका उपयोग जोड़ों के दर्द, सूजन और अन्य शारीरिक पीड़ा को कम करने के लिए किया जाता है। इसे बनाने के लिए, कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और तेलों का उपयोग किया जाता है।
1- घटक द्रव्य ---------
नता की जड़ 100 ग्राम, तिल का तेल 1 लीटर, गुग्गुल 50 ग्राम, अश्वगंधा 50 ग्राम, हरीतकी 50 ग्राम,
बीजमूल 50 ग्राम, जल 4 लीटर।
2- निर्माण विधि ---------
(1) जड़ी-बूटियों का काढ़ा बनाएं -------
* सबसे पहले नता की जड़, गुग्गुल, अश्वगंधा, हरीतकी और बीजमूल को पानी में डालें।
* इस मिश्रण को धीमी आंच पर तब तक उबालें जब तक पानी 1/4 रह जाए।
* इसे छान लें और काढ़े को अलग रख लें।
(2) तेल का मिश्रण तैयार करें --------
* एक बड़े बर्तन में तिल का तेल लें और उसमें तैयार किया हुआ काढ़ा डालें।
* इस मिश्रण को धीमी आंच पर पकाएं, जब तक पानी पूरी तरह से सूख न जाए और सिर्फ तेल बचा रहे।
* ध्यान रखें कि तेल को अधिक गरम न करें, इसे धीमी आंच पर धीरे-धीरे पकने दें।
(3) तेल को छानें और संग्रहित करें -------
* जब तेल पूरी तरह पक जाए और उसमें जड़ी-बूटियों की सुगंध आने लगे, तो उसे छान लें।
* तेल को ठंडा करके कांच की बोतल में भरकर सुरक्षित रखें।
3- गुणकारी व उपयोगी ----------
* इस तेल का उपयोग जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द, सूजन और अन्य वात विकारों के उपचार के लिए किया जाता है।
* इसे प्रभावित हिस्से पर लगाकर धीरे-धीरे मालिश करें और फिर गर्म कपड़े से ढक लें।

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18/09/2024

जब है समाधान तो क्यों है परेशान

लिंग के लिए

काले सांप की चर्बी मछली की चर्बी और जंगली सूअर की चर्बी इन तीनों को बराबर बराबर लेकर खरल में डालकर ऊपर से बकरी का पेशाब डालकर 3 दिन तक घोटे इस लेप को लिंग पर लगाने से लिंग की सारी समस्याएं दूर हो जाती है

तिल का तेल आधा शेर रेडी की गिरी एक पाव दोनों को आग पर रखकर
औटे अगर हाथरस से लिंग सुस्त या टेढ़ा हुआ हो तो आराम हो जाता है

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पवन मिश्र 8863984676

18/09/2024

जब है समाधान तो क्यों है परेशान

भगंदर चिकित्सा

तिल बच लोध घर का धुआंसा नीम के पत्ते हल्दी दारूहल्दी और हरड इन सब को समान ले कर और पानी के साथ महीन पीस कर लेप करने से भगंदर ठीक हो जाता है

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18/09/2024

जब है समाधान तो क्यों है परेशान

लक्षण मस्तक में दर्द और फोड़े में सुई चुभने की भयंकर पीड़ा जोर प्यास संधि टूटना और लालापन यह बात विस्फोट के लक्षण होते हैं

गंधक 100 ग्राम भुनी हुई तूतिया 25 ग्राम इनको 21 बार धोएं हुए गाय के घी में मिलाकर दादा पर वाले 1 घंटे बाद ठंडा पानी से स्नान कर ले

कमल मुलेठी लोध्र हल्दी तगर कूट दारूहल्दी इलायची तेजपत्ता नीलाथुथा और राल सबको समान मात्रा में ले ले और पानी के साथ सिल पर पीस ले फिर लुगदी से चौगान घी और घी से चौगान पानी मिलकर घी पका लें इस घी को लगाने से सभी तरह का विस्फोट और साइरोसिस रोग नष्ट हो जाते हैं
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16/09/2024

जब है समाधान तो क्यों है परेशान

पक्षाघाट के लिए औषधि

अरंड धतूरा आक सहदेई सहजन असगंध और संभालू इन सब के पत्तों का स्वरस निकल ले।
और इन सब के रस के बराबर मीठा तेल मिलाकर हल्के आंच पर पकाए जब तेल मात्र रह जाए छान ले और उसमें दो-दो तोले सोठ और कड़वा कूट पीसकर मिला दे इस तेल से लकवा में अच्छा लाभ होता है

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16/09/2024

जब है समाधान तो क्यों है परेशान
सफेद कोढ़ की दावा
चीते की छाल 50 ग्राम
सफेद घुघची 25 ग्राम
वावची 75 ग्राम
जंगली अंजीर 25 ग्राम
सब मिला कर गोमूत्र में खरल करे
इसका पेस्ट कोढ़ पर लगाए
छाला फुट कर जब मवाद निकल जाए तब नीम के तेल लगाए ।

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15/09/2024

*पेट रोगों का चूर्ण -*
250 ग्राम छोटी हरड़ को 500 ग्राम अरंडी तेल में भूनें। जब फूलकर गुलाबी सी हो जाएं तो ठंडा करके पीस लें।
अब 50-50 ग्राम सौंफ व अजवायन को अलग अलग भूनकर पीस लें। अब 50-50 ग्राम सौंफ अजवायन को कच्चा ही पीस लें।
अब इसमें 100 ग्राम ईसबगोल और 30 ग्राम काला नमक डालकर सबको मिला लें। चाहो तो इसमें 10 ग्राम हींग भी मिला सकते है।
पेट खुलकर साफ होगा, गैस, तेजाब, पेट की जलन, खट्टी डकार, बदहजमी, मंदाग्नि, भूख कम लगना, सिर दर्द लिवर दोष आदि में कारगर है।
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15/09/2024

जब है समाधान तो क्यों है परेशान जटिल से जटिल एवं पुराने रोगों का आयुर्वेदिक उपचार संभव है

शुगर के लिए अचूक औषधि

चित्रण
हरे बहेड़ा अमला नीम के अंदर की छाल पटोल पत्र मुलेठी दालचीनी नागकेसर अजवाइन अमलबेल चिरायता दारूहल्दी इलायची के दाने नागर मोथा पित पापड़ा नीला थोथा की भस्म कुटकी भारंगी चब्बाय पढ़क्ख खुरासानी अजवाइन पीपल काली मिर्च निसोच जमालगोटा शुद्ध कचूर सोठ पोकरमूल सफेद जीरा देवदारू तमालपत्र कुड़ा की छाल रसना तमाशा गिलोय निसौत तालिश पत्र काला नमक सेंधा नमक कचिया धनिया अजमोद सॉफ सुवर्णमाक्षी भस्म जायफल वंशलोचन असगंध अनार की छाल कंकोल नेत्रबाला सजी और जवाखार यह सभी दवाइयां चार-चार तोला लेना है शुद्ध शिलाजीत 32 टोला गूगल शुद्ध 32 टोला लौह भस्म सप्तपुति 32 टोला चांदीमक्खी भस्म 8 तोला सबका चूर्ण बनाकर मिश्री 64 टोला गाय का की 16 टोला शहर 32 टोला मिलाकर मिट्टी के बर्तन में रखें अथवा गोलियां बना लें खुराक 5/5 ग्राम प्रातः और शाम दूध के साथ
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पवन मिश्र 8863984676

14/09/2024

जब है समाधान तो क्यों है परेशान

कुछ औषधीय की पहचान मैं आज आप लोगों को बताने जा रहा हूं

भीलवा जो पानी में डालने से डूब जाए वह अच्छा होता है

हरड छोटी गुठली और अधिक गुडे वाली अच्छी होती है नई चिकनी भारी गोल जल में डूब जाने वाली हरड उत्तम होती है इन गुना के सिवा यदि हरड तोल में दो तोले की हो तो वह सर्वश्रेष्ठ होती है

बराहीकंद जो सूअर के माथे के समान हो वह उत्तम होती है

संचर नमक जो कांच के समान हुआ उत्तम होता है

सोनामक्खी सोने के समान कांति वाली अच्छी होती है

मैंशील इंद्रधनुष के समान अच्छा होता है

शिलाजीत जमीन पर गिरने से फैले नहीं जल भरे कांच के बर्तन में डालने से सूत के समान बड़े वही अच्छा होता है
कपूर कसैला और चिकन अच्छा होता है

इलायची जिसके दाने सूक्ष्म हो वह अच्छी होती है

सफेद चंदन भारी और खुशबूदार हो तो अच्छा होता है

लाल चंदन अधिक लाल हो अच्छा होता है

अगर कौवे की चोंच के समान चिकनी और भारी अच्छी होती है
देवदारू हल्की और सूखी अच्छी होती है

जायफल भारी चिकन गोल और भीतर से सफेद हो वह अच्छा होता है

दारू हल्दी अत्यंत पीली अच्छी होती है
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