
22/08/2025
गिरिडीह जिले के डुमरी थाना क्षेत्र से एक दिल द,हला देने वाला मामला सामने आया है। महज़ 13 साल की मासूम बच्ची ने बुधवार को धनबाद एसएनएमएमसीएच अस्पताल के प्रसव कक्ष में एक बेटे को जन्म दिया। जन्म के समय बच्ची और नवजात दोनों की हालत बेहद गंभीर हो गई, जिसके बाद उन्हें डॉक्टरों की विशेष निगरानी में रखा गया है।
जानकारी के अनुसार, आरोपी सुभाष सिंह (18 वर्ष) ने नाबालिग को पहले दोस्ती, फिर प्रेम के नाम पर भरोसा दिलाया और उसके बाद शारीरिक शोषण किया। धीरे-धीरे बच्ची गर्भवती हो गई। गर्भ की जानकारी होने पर आरोपी ने किनारा कर लिया और मासूम को उसके हाल पर छोड़ दिया।
परिजनों को कुछ माह पहले ही बच्ची की गर्भावस्था की जानकारी हुई थी, लेकिन तब तक काफी समय बीत चुका था। अपमान और बेटी की जा,न के डर से परिवार ने उसे घर में ही छिपाने की कोशिश की। मंगलवार देर रात जब बच्ची को तेज प्रसव पीड़ा हुई, तो परिजनों ने पहले उसे डुमरी के एक अस्पताल में भर्ती कराया। वहां डॉक्टरों ने बच्ची की नाजुक स्थिति को देखते हुए तुरंत धनबाद रेफर कर दिया।
इस घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। बच्ची की हालत देखकर अस्पताल के डॉक्टर और नर्स भी भावुक हो उठे। दूसरी ओर, सरायढेला पुलिस ने मामले की पुष्टि करते हुए उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी है।
स्थानीय लोग और परिजन आरोपी को कठोर सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं ताकि नाबालिग बच्ची को न्याय मिल सके।
चिकित्सकों का कहना है कि इतनी कम उम्र में गर्भधारण और प्रसव मां और बच्चे दोनों के लिए बेहद खतरनाक होता है। फिलहाल बच्ची और उसका नवजात बेटे, दोनों की हालत नाजुक बनी हुई है और उन्हें डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में रखा गया है।
यह घटना न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि समाज के लिए भी एक गहरी चेतावनी है कि मासूम बच्चों की सुरक्षा और संवेदनशीलता को लेकर और सजग रहने की जरूरत है।
सवाल है कि आखिर समाज कब जागेगा और मासूमों की सुरक्षा को लेकर क्यों अब तक ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे?