Drx Mukesh Kumar

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गिरिडीह जिले के डुमरी थाना क्षेत्र से एक दिल द,हला देने वाला मामला सामने आया है। महज़ 13 साल की मासूम बच्ची ने बुधवार को...
22/08/2025

गिरिडीह जिले के डुमरी थाना क्षेत्र से एक दिल द,हला देने वाला मामला सामने आया है। महज़ 13 साल की मासूम बच्ची ने बुधवार को धनबाद एसएनएमएमसीएच अस्पताल के प्रसव कक्ष में एक बेटे को जन्म दिया। जन्म के समय बच्ची और नवजात दोनों की हालत बेहद गंभीर हो गई, जिसके बाद उन्हें डॉक्टरों की विशेष निगरानी में रखा गया है।
जानकारी के अनुसार, आरोपी सुभाष सिंह (18 वर्ष) ने नाबालिग को पहले दोस्ती, फिर प्रेम के नाम पर भरोसा दिलाया और उसके बाद शारीरिक शोषण किया। धीरे-धीरे बच्ची गर्भवती हो गई। गर्भ की जानकारी होने पर आरोपी ने किनारा कर लिया और मासूम को उसके हाल पर छोड़ दिया।
परिजनों को कुछ माह पहले ही बच्ची की गर्भावस्था की जानकारी हुई थी, लेकिन तब तक काफी समय बीत चुका था। अपमान और बेटी की जा,न के डर से परिवार ने उसे घर में ही छिपाने की कोशिश की। मंगलवार देर रात जब बच्ची को तेज प्रसव पीड़ा हुई, तो परिजनों ने पहले उसे डुमरी के एक अस्पताल में भर्ती कराया। वहां डॉक्टरों ने बच्ची की नाजुक स्थिति को देखते हुए तुरंत धनबाद रेफर कर दिया।
इस घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। बच्ची की हालत देखकर अस्पताल के डॉक्टर और नर्स भी भावुक हो उठे। दूसरी ओर, सरायढेला पुलिस ने मामले की पुष्टि करते हुए उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी है।
स्थानीय लोग और परिजन आरोपी को कठोर सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं ताकि नाबालिग बच्ची को न्याय मिल सके।
चिकित्सकों का कहना है कि इतनी कम उम्र में गर्भधारण और प्रसव मां और बच्चे दोनों के लिए बेहद खतरनाक होता है। फिलहाल बच्ची और उसका नवजात बेटे, दोनों की हालत नाजुक बनी हुई है और उन्हें डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में रखा गया है।
यह घटना न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि समाज के लिए भी एक गहरी चेतावनी है कि मासूम बच्चों की सुरक्षा और संवेदनशीलता को लेकर और सजग रहने की जरूरत है।
सवाल है कि आखिर समाज कब जागेगा और मासूमों की सुरक्षा को लेकर क्यों अब तक ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे?

*ये एक स्थिर इमेज है जापानी न्यूरोलॉजी प्रोफेसर यामामोटो ने तैयार की है उनके अनुसार ये*1) यदि ये आपको स्थिर दिखती है  तो...
21/08/2025

*ये एक स्थिर इमेज है जापानी न्यूरोलॉजी प्रोफेसर यामामोटो ने तैयार की है उनके अनुसार ये*

1) यदि ये आपको स्थिर दिखती है तो आप स्वस्थ हैं।
2) यदि धीरे धीरे हिलती देखे तो आप थोड़े स्ट्रेस में हैं या रात में नींद पूरी नही हुई है।
3) यदि धीरे धीरे घूमती दिखे तो आप तनाव में हैं और आपको विश्रांति की जरूरत है।
4) यदि लगातार घूमती दिखती है तो आप बहुत तनाव में है और आपको उपचार की जरूरत है।
*यदि चाहें तो इसे save कर लें, ताकि समय समय पर अथवा आवश्यकता पड़ने पर आप स्वयं की जांच कर सकें🙏🏼

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में, शुक्रवार को उदैतापुर गाँव में लकड़ियाँ बीनते समय एक 15 वर्षीय लड़के को ज़हरीले कोबरा ने डस ल...
17/08/2025

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में, शुक्रवार को उदैतापुर गाँव में लकड़ियाँ बीनते समय एक 15 वर्षीय लड़के को ज़हरीले कोबरा ने डस लिया। उसकी चीख-पुकार सुनकर उसके परिवार और गाँव वाले मदद के लिए दौड़े। उन्होंने कोबरा को मार डाला और लड़के को तुरंत ज़िला अस्पताल ले गए।

लड़के की हालत बहुत गंभीर थी, इसलिए डॉक्टर ने तुरंत इलाज शुरू कर दिया। साँप का ज़हर इतना तेज़ था कि डॉक्टर को उसे दो घंटे के अंदर 76 इंजेक्शन लगाने पड़े। डॉक्टर की मेहनत की बदौलत लड़के की जान बच गई।

फ़िलहाल, उसकी हालत स्थिर है, लेकिन उसे अभी भी कड़ी निगरानी में रखा गया है। परिवार मृत कोबरा को भी एक बोतल में अस्पताल ले आया, ताकि डॉक्टर यह पता लगा सकें कि उसे किस साँप ने काटा था।

पार्लर में थ्रेडिंग धागे के रीयूज से हेपेटाइटिस और एचआईवी का खतरा, डॉक्टर ने दी चेतावनी खूबसूरती के लिए पार्लर में थ्रेड...
12/08/2025

पार्लर में थ्रेडिंग धागे के रीयूज से हेपेटाइटिस और एचआईवी का खतरा, डॉक्टर ने दी चेतावनी

खूबसूरती के लिए पार्लर में थ्रेडिंग करवाना आम बात है, लेकिन अगर सावधानी न बरती जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है। एमबीबीएस डॉक्टर अदितिज धमीजा ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कुछ पार्लरों में थ्रेडिंग के लिए एक ही धागे का बार-बार इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे उपयोग से पहले साफ भी नहीं किया जाता। इस प्रक्रिया में त्वचा पर छोटे-छोटे कट लगते हैं, और अगर यह धागा पहले किसी संक्रमित व्यक्ति की त्वचा पर इस्तेमाल हुआ हो, तो यह हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी और यहां तक कि एचआईवी जैसे गंभीर संक्रमण फैला सकता है।
डॉ. धमीजा ने एक 28 वर्षीय महिला का उदाहरण दिया, जो नियमित रूप से एक स्थानीय पार्लर में थ्रेडिंग करवाने जाती थी। वहां रीयूज किए गए धागे के कारण उनकी त्वचा पर हुए कटों से वायरस उनके खून में प्रवेश कर गया, जिसके परिणामस्वरूप उनका लिवर फेल हो गया। डॉ. धमीजा ने चेतावनी दी कि अस्वच्छ परिस्थितियों में थ्रेडिंग से न केवल त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, बल्कि यह लिवर सिरोसिस और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण भी बन सकता है।
विशेषज्ञों की सलाह: जुपिटर अस्पताल, ठाणे के इंटरनल मेडिसीन डायरेक्टर डॉ. अमित सराफ ने बताया कि थ्रेडिंग अपने आप में खतरनाक नहीं है, लेकिन अस्वच्छ धागे, उपकरणों या अप्रशिक्षित स्टाफ के कारण संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि थ्रेडिंग करवाने से पहले सुनिश्चित करें कि पार्लर में नया और डिस्पोजेबल धागा इस्तेमाल हो, स्टाफ के हाथ सैनिटाइज हों, और प्रक्रिया से पहले और बाद में त्वचा को अच्छी तरह साफ किया जाए।
बचाव के उपाय:
हमेशा ऐसे पार्लर चुनें जो स्वच्छता मानकों का पालन करते हों।
नया और डिस्पोजेबल धागा उपयोग करने की मांग करें।
त्वचा पर पहले से कट, घाव या इंफेक्शन होने पर थ्रेडिंग से बचें।
हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाएं और असामान्य लक्षण जैसे थकान, पीलिया या गहरे रंग का पेशाब दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि खूबसूरती के चक्कर में अपनी सेहत से खिलवाड़ न करें। थोड़ी सी सावधानी आपको गंभीर बीमारियों से बचा सकती है।

11/08/2025
11/08/2025

PMCH Patna

रूस ने कैंसर की वैक्सीन बना ली है... कैंसर दुनिया की सबसे खतरनाक और गंभीर बीमारियों मे से एक है... कैंसर मे अकसर लोगी को...
04/08/2025

रूस ने कैंसर की वैक्सीन बना ली है...

कैंसर दुनिया की सबसे खतरनाक और गंभीर बीमारियों मे से एक है... कैंसर मे अकसर लोगी को मौत का सामना करना पड़ता है, इसी बीच रूस ने कैंसर के इलाज के लिए एक वेक्सीन बना ली है, जो 2025 में जल्द ही लॉन्च होंगी... ये वेक्सीन रूस में मुफ्त मे दी जाएगी और इसका मानव परीक्षण जल्द शुरू होगा... व्यक्तिगत हालात के अनुसार इस वेक्सीन की खुराक तय की जाएगी...

वास्तव में ये दुनिया के कई देशो के लिए बहुत अच्छी खबर है... रूस की कैंसर वैक्सीन अभी मानव परीक्षण के शुरुआती चरण में है और रूसी नागरिकों के लिए ये मुफ्त उपलब्ध होगी... भारत द्वारा इसे खरीदने की कोई अभी तक आधिकारिक घोषणा या योजना नहीं आई है... क्योंकि यह अभी अंतरराष्ट्रीय बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है... भविष्य में प्रभावी साबित होने पर अन्य देशों की रुचि इसमें हो सकती है...

फ़िलहाल भारत में लोगों को ऊँची जाति नीची जाति, मंदिर मस्जिद, श्मशान कब्रिस्तान, मस्जिद के आगे नाचने और दूसरों का खाना झांकने से ही फुर्सत नहीं है...

#कैंसर #वैक्सीन

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