16/09/2021
वीएचसीए फाउंडेशन द्वारा छठे हिंदी दिवस समारोह का आयोजन घरौंडा स्थित वी एच सी ए मुख्यालय में किया गया, जिसकी मुख्य अतिथि घरौंडा की उपमंडल अधिकारी डॉ पूजा भारती रही। वैध हरिकृष्ण अग्रवाल एवं फाउंडेशन की अध्यक्षा अनुराधा अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत किया। समारोह में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पांच साहित्यकारों को उनके हिंदी भाषा के प्रचार, प्रसार एवं सवर्धन में योगदान हेतु पुरुस्कृत लिया गया, हिंदी विभूषण लहना सिंह, हिंदी भूषण जयप्रकाश भारद्वाज, हिंदी गौरव अंजू चौधरी, हिंदी रत्न अजय गुप्ता, हिंदीश्री गुलाब पांचाल को दिया गया।। इस के साथ साथ समारोह मे डॉ मुकेश अग्रवाल के दो काव्य संग्रह 'वक़्त के दरमियाँ' एवं 'भोर की ओर', लहना सिंह का हरियाणवी में 'महाभारत का सार', डॉ ज्ञानी देवी के उपन्यास 'सूखती नही खिलता कमल', अजय राणा के काव्यसंग्रह 'तुम जिंदा हो माँ' तथा राजबीर वर्मा के 'रंगीला हरियाणा' का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि डॉ पूजा भारती ने अपने व्यक्तव्य में
डॉ मुकेश अग्रवाल के काव्यसंग्रह के बारे में बात करते हुए कहा कि एक इंसान के अंदर काबलियत के साथ साथ मानवीय गुणों का होना ज्यादा महत्व रखता है। हमे अंग्रेजी भाषा से कोई दुश्मनी नही है पर हिंदी हमारी मातृभाषा है, इसी में हम अपने भावों को अच्छी तरह प्रकट कर सकते है, यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने बच्चो को हिंदी भाषा का सम्मान करना सिखाए। मुख्यवक्ता पलवल कन्या महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ कृष्ण कुमार ने हिंदी की वर्तमान परिपेक्ष्य में महता बहुत हो सुंदर तरीके से बताई, जिसे सबने बहुत सराहा। सम्माननीय अतिथि डॉ अशोक भाटिया, डॉ प्रवीण गुप्ता एवं डॉ अरुण गुप्ता ने फाउंडेशन की इस पहल की प्रशंसा की। डॉ मुकेश अग्रवाल ने फाउंडेशन की तमाम गतिविधियों एवं भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ राधेश्याम भारती व मदन लाल ने किया। समारोह में दूर दराज से साहित्यकार एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
गौरतलब है कि वीएचसीए फाउंडेशन के इस वार्षिक उत्सव को ले कर हिंदी प्रेमियों में बहुत उत्साह रहता है और कई राज्यो से साहित्यकार इस मे भाग लेने के लिए आते है।