Piles care centre

Piles care centre Ayurvedic kshar Sutra therapy

05/10/2023
Kshar Sutra therapy
04/10/2023

Kshar Sutra therapy

04/10/2023

बवासीर के कारण – Haemorrhoids Causes in Hindi
गर्भावस्था, बवासीर (piles) के जोखिम को बढ़ा सकती है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान शरीर में दबाव बढ़ जाता है। रक्त वाहिकाओं में दबाव के कारण गुदा के चारों ओर नसों में फैलाव होता है, या सूजन आ जाती है। जिससे निचले गुदा में बढ़ते दबाव के कारण बवासीर होता हैं। अतः बवासीर होने के निम्न कारण हो सकते है –

मलोत्सर्जन के दौरान तनाव
स्थायी दस्त या कब्ज
मोटापा
गर्भावस्था
गुदा संभोग
भारी वजन उठाना
बवासीर का एक पारिवारिक इतिहास होना
फाइबर आहार (मक्का, दालें, फल, गेहूं का आटा, ब्राउन राइस इत्यादि) का कम सेवन करना भी हेमोराइड का कारण बनता है।
शौचालय पर लंबे समय तक बैठना भी बवासीर के खतरे को बढ़ाता है।

डिजिटल परीक्षण  (Digital examination)इसे डिजिटल रेक्टल परीक्षण के रूप में जाना जाता है। इस परीक्षण के दौरान, आपका डॉक्टर...
04/10/2023

डिजिटल परीक्षण (Digital examination)

इसे डिजिटल रेक्टल परीक्षण के रूप में जाना जाता है। इस परीक्षण के दौरान, आपका डॉक्टर आपके गुदा में, दस्ताने पहनकर और स्नेहक युक्त उंगली डालता है। यदि डॉक्टर को असामान्य महसूस होता हैं, तो वे एक अन्य परीक्षण सिग्मोइडोस्कोपी (sigmoidoscopy) का आदेश दे सकते हैं।

दृश्य निरीक्षण (Visual inspection)

आंतरिक हेमोराइड में रेक्टल परीक्षा के दौरान बवासीर को महसूस कर पहचानना बहुत कठिन होता हैं। इसलिए डॉक्टर एनोस्कोप, प्रोक्टोस्कोप या सिग्मोइडोस्कोप की सहायता से कोलोन (colon) और गुदा के निचले भाग का परीक्षण करते है।

आंतरिक हेमोराइड (piles) का निदान करने के लिए सिग्मोइडोस्कोपी (sigmoidoscopy) में एक छोटे से कैमरे का उपयोग किया जाता है। यह छोटा फाइबर ऑप्टिक कैमरा (fiber-optic camera), एक छोटी ट्यूब के सहारे गुदा में प्रवेश कराया जाता है। इस परीक्षण में गुदा के अंदर बवासीर की जाँच दृश्य फिल्म के माध्यम से की जाती है। इस जाँच से डॉक्टर बवासीर की स्पष्ट जानकारी प्राप्त कर लेता है।

कॉलोनोस्कोपी (colonoscopy)
यदि बवासीर के संकेत ओर लक्षण, पाचन तंत्र रोग और कोलोरेक्टल कैंसर (colorectal cancer) के खतरे को प्रदर्शित करते है तो डॉक्टर कॉलोनोस्कोपी की सिफारिश कर सकता है।

04/10/2023

डेंगू का सीजन चरम सीमा पर है , ..
पहले 3 दिन 102 तक बुखार में सिर्फ पैरासिटामोल ले कोई भी पेनकिलर बिल्कुल नही ले
बुखार तेज है तो ठंडे पानी की पट्टी रखें
पूरी तरह बेड रेस्ट पर रहे

डेंगू के नाम पर घबराने की जरूरत नही , पानी जूस लिक्विड ज्यादा से ज्यादा ले

प्लेटलेट के नाम पर बहुत बड़ा खेल चल रहा है 50 हजार तक आने पर भी कोई खतरे वाली बात नही होती .. जितनी जल्दी घटती है उतनी जल्दी बढ़ जाती हैं ।

अपने डॉक्टर के सम्पर्क में रहें .. बहुत ज्यादा कमजोरी बहुत तेज बुखार उल्टी दस्त पेट दर्द हो तो तुरंत अस्पताल में एडमिट हो जाये
🙏🙏

04/10/2023

पाइल्स या बवासीर की रोकथाम के लिए घरेलू उपचार अपनाकर हल्के दर्द और सूजन से छुटकारा पाया जा सकता हैं।

(और पढ़े – बवासीर का सफल घरलू इलाज़)

गर्म जल (Warm water) – गर्म पानी से भरे टब में बैठने से बवासीर के कारण उत्पन्न सूजन और जलन को कम करने में मदद मिलती है।

एलोवेरा (Aloe vera) – बवासीर पर शुद्ध एलोवेरा जेल का उपयोग करना चाहिए। क्योंकि इसके anti-inflammatory गुण बवासीर के लक्षणों जैसे जलन, खुजली और सूजन से राहत प्रदान करते है।

नारियल का तेल (Coconut oil) – यह एक प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र है, जो हेमोराइड (बवासीर) के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। प्रभावित जगह पर नारियल के तेल को लगाने से जलन और सूजन कम होती है।

बर्फ (Ice) – पाइल्स में बर्फ या ठंडे पैक लगाने से दर्द और सूजन से छुटकारा पाने में भी मदद मिलती है।

ढीले और सूती कपड़े (Loose, cotton clothing) – कपास (ultra-breathable cotton) के साथ पॉलिएस्टर से बने कपड़ों को पहनने से गुदा क्षेत्र (बवासीर वाले क्षेत्र) को साफ और सूखा दोनों रखने में मदद मिलती है।
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