20/10/2025
दिवाली और काली पुजा -- जाने गुरूजी से
|| जय माँ काली ||
जिस प्रकार अग्नि के संपर्क में आने के पश्चात् पतंगा भस्म हो जाता है, उसी प्रकार काली देवी के संपर्क में आने के उपरांत साधक के समस्त रोग, द्वेष, विघ्न आदि भस्म हो जाते हैं।
कालीका के प्रमुख तीन स्थान है:- कोलकाता में कालीघाट, उज्जैन में भैरवगढ़ में गढ़कालिका मंदिर और गुजरात में पावागढ़ की पहाड़ी पर स्थित महाकाली का जाग्रत मंदिर ।
10 महाविद्याओं में से महाकाली की साधना को सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली मानते हैं, जो किसी भी कार्य का तुरंत परिणाम देती हैं। साधना को सही तरीके से करने से साधकों को अष्टसिद्धि प्राप्त होती है। 10 महाविद्याओं में से एक मां काली के 4 रूप हैं:- दक्षिणा काली, शमशान काली, मातृ काली और महाकाली।
हालांकि मां कालिका की साधना के कई रूप हैं लेकिन भक्तों को केवल सात्विक भक्ति ही करना चाहिए। शमशान काली, काम कला काली, गुह्य काली, अष्ट काली, दक्षिण काली, सिद्ध काली, भद्र काली आदि कई रूपों से मां की साधना होती है।
काली की पूजा या साधना के लिए किसी गुरु का संरक्षण लेना जरूरी है।
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