11/07/2025
#स्वप्न #ना #आना #या #ना #दिखना
#क्या #ये #भी #बीमारी #का #संकेत #है ??
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स्वप्न ना आना (नींद में सपने न देखना या सपनों की कमी) कुछ मामलों में किसी बीमारी या स्वास्थ्य समस्या का लक्षण हो सकता है, हालांकि यह हमेशा रोग का संकेत नहीं होता।
*आधुनिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार*-
निद्रा की एक विशेष अवस्था जिसे REM Sleep कहते हैं में ही सपने आते हैं ।
REM sleep, or Rapid Eye Movement sleep, is a unique phase of sleep characterized by increased brain activity, rapid eye movements, and vivid dreaming ( सपने देखना )During REM sleep, the body experiences temporary muscle paralysis, increased heart rate and blood pressure, and irregular breathing. This stage is thought to be crucial for memory consolidation and learning.
यदि कोई व्यक्ति अधिकांशतः सपने नहीं देख रहा, तो यह कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का Indication हो सकता है ।यथा -
1. अनिद्रा (Insomnia):
अपर्याप्त या खराब नींद के कारण REM Sleep की Cycle disturb हो जाती है ,जिससे सपने नहीं आते।
2. अवसाद (Depression):
अवसादग्रस्त लोगों में Sleep Patterns में बदलाव हो सकता है, जिससे उसे सपने कम या बिल्कुल नहीं दिखते ।
3. तनाव और चिंता (Stress/Anxiety):
मानसिक तनाव के कारण मस्तिष्क Hyperactive हो सकता है, जिससे REM Sleep प्रभावित होती है।
4. न्यूरोलॉजिकल विकार:
जैसे पार्किंसंस रोग, अल्जाइमर, या अन्य Nuro degenerative रोगों में नींद और सपनों की प्रक्रिया disturb हो सकती है।
5. कुछ दवाओं का प्रभाव:
दवाएं, जैसेAnti depressants , Anti Psychotics, या Sleeping Pills REM Sleep को दबा सकती हैं, जिससे सपने कम दिखते हैं।
6. नींद की बीमारियां:
जैसे Sleep Apnea या Narcolepsy जो नींद की Cycle को disturb करती हैं,वो भी सपने नहीं आने देतीं ।
7. मस्तिष्क की चोट:
सिर में चोट या मस्तिष्क से संबंधित अन्य समस्याएं सपनों को प्रभावित कर सकती हैं।
उपरोक्त के अतिरिक्त कुछ सामान्य कारणों से भी नींद में सपने नहीं आते ।कई बार लोग सपने देखते हैं, लेकिन उन्हें याद नहीं रहता। यह सामान्य है और जरूरी नहीं कि यह किसी बीमारी का लक्षण हो।
Life style के चलते Adequate Sleep न लेने से REM Cycle तक पहुंचने का समय कम मिलता है।इसके अलावा अनियमित नींद, शराब, कैफीन, या ड्रग्स का सेवन भी सपनों को प्रभावित कर सकता है।
*आयुर्वेद मतानुसार* —-
आयुर्वेद में सपनों (स्वप्न) को मन, मस्तिष्क, और वात दोष के साथ जोड़ा जाता है। स्वप्न न आना निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:
1. वात दोष का असंतुलन:
अत्यधिक वात दोष (जैसे अनिद्रा, तनाव, या अनियमित दिनचर्या के कारण) गहरी नींद को प्रभावित करता है, जिससे सपने कम या बिल्कुल न दिखें।
2. पित्त और कफ दोष का प्रभाव:
पित्त की अधिकता से नींद की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है, और कफ की अधिकता से नींद गहरी हो सकती है, जिसमें सपने याद नहीं रहते।
3. मानसिक स्वास्थ्य:
चिंता, तनाव, या अवसाद (आयुर्वेद में मनोविकार) के कारण मस्तिष्क की सामान्य प्रक्रिया बाधित हो सकती है, जिससे सपने कम दिखते हैं।
4. धातुक्षय:
विशेष रूप से मज्जा धातु (नर्वस सिस्टम) या ओजस (जीवन शक्ति) की कमी से मस्तिष्क की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
5. अनुचित आहार और जीवनशैली:
रूक्ष (सूखा) और हल्का भोजन, अनिद्रा, या अत्यधिक शारीरिक/मानसिक श्रम वात को बढ़ाते हैं, जो सपनों को प्रभावित कर सकता है।
दोनों ही पद्धतियों में कारणों के निवारण से यह समस्या दूर हो सकती है ।