FEMS

FEMS Reality is the reliabilty.

06/12/2018
21/11/2018

--------बहम बहस सच्चाई जीवनशैली और जीवन की मजबूरी------

हाथ धो लो कोई क्रीम दवाई यूज करो मतलब बचो कैसे भी बचो, कीड़े मार दो नही तो तुम्हें मार देंगे। डेंगू मच्छर मलेरिया मच्छर चिकनगुनिया, अभी और नई बिमारियां आ सकती हैं। आखिर क्यों ये सब, क्यों इतने डर?

क्योंकि एक अरब 50 करोड़ जनता इडिंया की है। क्या इतने लोगों के लिए असली उत्पादन सम्भव है कभी नही। अब नकली खा कर क्या बहम और कैसी बहस। गलत खान पान मे गलत जीवन शैली ऊपर से बहम हम सही हैं गजब ।
जहाँ सांस लेने के लिए शुद्ध और पूरी हवा ही न हो तो क्या कोई रास्ता है?

न. 1 नकली खाना न. 2 गलत दिनचर्या न.4 अशुद्ध अपूर्ण हवा ,
अब सावधानियों के कलेश --> ये मत करो, वो मत करो, ये ठीक नही, वो ठीक नही ये अच्छा, वो अच्छा, अबे क्या है यारो। जिसको जितना जादा समझ आया उतना चिल्लायेगा।
देखो कर दी न मैने भी बकवास सॉरी दोस्तों मेरे अपने हो झेल लेना।
मेरी बकवास ही नही जीवन की मजबूरी भी हसते हुए झेलना।
और वो मत करना जो समझ रहे हो वो करो जो जरूरी है
नरक की इस आंधी मे अब समझने सोचने का समय नही है।
उलझी सोच से कमजोर होता मन, नियम संयम से गिरता तन, कल लोग साथ होंगे आप खुद अपने साथ न होंगे।

16/11/2018

*Who is your life partner ?*

Mom
Dad
wife
Son
Husband
Daughter
friends...????

not at all

*Your real life partner*
*is Your Body..*

Once your body stops responding no one is with you.

You and your body stay together from Birth till Death.

What you do to your
body is your
responsibility and
that will come back
to You.

The more you care
for your body, the
more your body will
care for You.

What you eat,
What you do for being Fit,
How u deal with
stress,
How much rest you
give to it..
Will decide how your body gonna respond.

Remember your body is the only permanent address where You live

Your body is your asset/liabilty, which no one else can share.

Your body is your
responsibility.
Because...
You are the real
life partner.

Be Fit forever
Take care ur self
Money comes & goes
Relatives & Friends
are not permanent.

Remember
No one can help your body other than you.

*For Healthy Living*

*Pranayama - for Lungs*
*Meditation - for Mind*
*Yoga-asanas - for Body*
*Walking - for Heart*
*Good food - for intestines*
*Good thoughts – for Soul*
*Good Karma - for World*
Pranaam
🙏🙏🙏

WE PROVIDE IT
15/11/2018

WE PROVIDE IT

10/11/2018

कुंडली के12भाव मे हैं आपके सारे सुख कैसे?

नजरिया कैसे बदले----> देखिये कुण्डली का भाव 2--> दूसरा भाव-- मुख्यतः ये भाव वाणी का है। वाणी दो तरह से काम करती है, एक इसकी शक्ति, दूसरी इसकी क्वालिटी। शक्ति डिस्टर्ब हो तो गूंगापन, हकलाहट, क्वालिटी बहुत से प्रभाव के कारण प्रभावित होती है।जैसे जन्म किस तरह के परिवार,जाती, सामाजिक स्तर इत्यादि। बोलने पर बहुत कुछ निर्भर करता है।क्योंकि हम बोलते अपनी टोटल इटैलीजैंसी के आधार पर हैं। धन, कुटुम्ब, आँखें, मुंह, चेहरा, सब इसमें आता है।
इसका बेसिक स्वामी बुद्ध है।

बुरे ग्रहों के कारण ये घटते क्रम में होता है।
अच्छे ग्रहों के कारण बढ़ते क्रम में होता है।
हम अपनी दैनिक दिनचर्या मे बदलाव लाकर ज्ञानवर्धन का समय निकाल कर इसे परिवर्तित कर सकते हैं।

09/11/2018

संस्कृति की ओर एक कदम! आयुर्वेद-->

कितना जरूरी कितना बेकार
आयुर्वेद मे खाने को 6भागों मे बाँटा गया है और उससे उत्पन्न होने वाले 3 तत्व,


पहले 6 भाग जान लें इन्हें 6 रस कहते हैं, रस भी 2 प्रकार के होते है एक वो जो सभी तरह के खाने मे मौजूद होते हैं दूसरे वो जो खाने के अमाशय(stomache) मे पाचन के बाद बनते हैं, जैसे हरी मिर्च खाने मे कड़ुवी अमाशय(stomache) मे पाचन के बाद मीठी हो जाती है
6 रस इस प्रकार हैं न.1 मीठा, न.2 नमकीन, न.3 खट्टा, ये तीनों कफ बढ़ाते हैं मतलब जो पचने के बाद मीठे नमकीन खट्टे हो, जिन्हें कफ हो उन्हें ये कम खाने चाहिए।
मीठे का स्वामी गुरु मकान मे इसका ईशान कोण(दिशा) होता है
जिसको मीठा हानिकारक हो तो कुण्डली मे गुरु मकान मे ईशान कोण 100% खराब होता है।

ऐसा नही होता कि पंडित जी ने बृहस्पतिवार का ब्रत बताया और आप मीठा जम के खाएं और ईशान कोण दूषित हो, और आप सोचें कि रिजल्ट आ जाये, मुश्किल है
क्रमश:

08/11/2018

संस्कृति की ओर एक कदम!
शरीर स्वस्थ रखना है = आयुर्वेद = आयु + जीवन शक्ति, वेद = ज्ञान, अर्थ जीवन शक्ति को बढ़ाने का ज्ञान केवल आयुर्वेद मे है इसे अपनाना हमारी ड्यूटी है , और कोई रास्ता नही है। विज्ञान की खोजें अभी थोड़ी दूर हैं।

संस्कृति की ओर एक कदम!
मन ठीक रखना है तो भविष्य को जान कर लाईफ प्रोग्राम बनाये, इसके लिये एक ही शास्त्र है ज्योतिष नजरिया बदले यूज़ करें।

संस्कृति की ओर एक कदम!
परिवार ठीक रखना है तो वास्तु अपनाये, अच्छे से समझेंगे तो जरूरी नही की मकान तुड़वायें। बहुत उपाय होते हैं, जो बिना किसी तोड़ फोड़ के बहुत पॉजिटिव होते है।

संस्कृति की ओर एक कदम!
आत्मा को सद्गति देनी है, बुद्धि को सारथी बनाना है, मन को घोड़े, शरीर को रथ तो कुछ भी असम्भव नही।
योग अपनाये जीवन सफल बनायें।

कड़ुआ सच जरा मीठा मिला के खाने मे कोई दिक्कत नही------> आप न मरिये स्वर्ग ना जाईये। समय निकाल कर खुद जाने, जहाँ चाह वहाँ राह।

06/11/2018

------ज्योतिष कितना सच कितना झूठ-------
दोस्तों मैं ज्योतिषी हूँ। मेरे पास लोग अपनी समस्या लेकर आते हैं। एक बार एक जजमान अपने बेटे के लिए उसकी शिक्षा के बारे मे पूछने आए कि पंडित जी आप ये बताएं कि इसको कौन से विषय दिलाएं जाएं, जिसमें भविष्य मे ये तरक्की करे।

मैंने देखा और बताया कि विज्ञान और मैथ मे ये बच्चा मास्टर माईंड होगा। तब मैंने ज्योतिष ज्ञान तो ले लिया था, तजुर्बा नही था, जब जजमान बोले जी ये पढ़ता लिखता ही नही है।खेल और शैतानी मे ध्यान है।

तब मुझे समझ आया कि मैंने बच्चे का माता पिता का वक्त धर्म बुद्धि तो बच्चे कि कुण्डली से देखा नही, तो मैंने उन्हें कहा रुको अभी चैक करता हूँ।

पिता का दो वर्ष बाद बुरा वक्त आयेगा, और कोई साथ नही देगा। मै थोड़ा सावधान हुआ। पिता कि दिनचर्या पूछी, वो टोटल अस्त व्यस्त थी, पूजा पाठ धर्म कर्म खाना सोना सब।

ये था कि पैसा आ रहा था इन्कम कमाई सुपर थी। अब उन्होंने तो कुछ समझना था ही नही।आने वाले बुरे वक्त का ऐहसास होने का मतलब ही नही था।

और बच्चे पर राहु कि महादशा अभी शुरू हुई थी, निगेटिव थी, तो बच्चे ने तो पढ़ना ही नही था। क्योंकि जब पिता का धर्म कमजोर पड़ जाए, और पिता पुत्र दोनो का वक्त खराब आने वाला हो, तो आप समझ सकते हैं।

मैने थोड़ा बच्चे के पिता को समझाने की कोशिश की वो नही समझे। मैंने थोड़ा पूजा पाठ दान बताया, मुझे यकीन था वो नही करेंगे।

अभी 6 वर्ष बाद मुझे मार्केट मे मिले, मुझे सुन कर दुख हुआ, मकान बिक गया, व्यवसाय खत्म हो गया, 12 लाख का कर्जा हो गया।

अब कोई उपाय लगेगा नही और strong उपाय के लिए भी धन नही है।

इसलिए दोस्तो सच्चाई ये है कि जब पूरा परिवार मिलकर कर नेक नियत के साथ धर्म कर्म पूजा पाठ दान करें, आने वाले भविष्य के लिए आज से ही अच्छे बीज बोंये तो भविष्य मे आने वाला बुरा वक्त भी निकल जाता है।

सबसे बड़ी बात ये है की माता पिता का धर्म कर्म ठीक हो तो बच्चे तरक्की करते हैं। वरना तो किसी विरले भिखारी के घर मे राजकुमार पैदा होते हैं। वो भी उनके पिछले कर्म बहुत ही अच्छे हो तब।

विशेष--> ज्योतिष से वो न पूछे जो आप चाहते हैं, पूछें निकट भविष्य मे यदि बुरा वक्त हो तो आज ऐसा क्या करें और क्या न करें जो कल धनवान बना दे।

क्योंकि हम अच्छे वक्त मे लापरवाही और बुरे वक्त मे चिड़चिड़ापन मे जीते है। ज्योतिष का सही उपयोग भविष्य जानने मे नही पास्ट जानकर भविष्य सुधारने में है इसके लिए औसत आयु 85 वर्ष तक का निचोड़ पूछे, और सुपर प्लानिंग करके मजे से जिये। इसलिए कहता हूँ दोस्तो छोटे छोटे सवाल करके खुद भी परेशान न हो और ज्योतिषी को भी आधा अधूरा काम करने का मौका न दें।

05/11/2018

A season of joy and prosperity to all 🙏

05/11/2018

---------FEMS ASTROLOGY------------
-------FOR FREEDOM, ENJOY--------
---------MONEY, SECURITY------------
कुण्डली दिखाए
₹ 100/- मे एक प्रश्न पूछ सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें ज्योतिषी भगवान नही होता है ज्योतिष भी एक विज्ञान है भगवान शिव का त्रिनेत्र नही। ज्योतिषी को बिना जाने समझे व्यर्थं आशा न करें।
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फेम्स से सम्पर्क - 1-फोन न. 9643990407
समय - प्रातः 10 बजे से शाम 5 बजे तक। सिगनल प्राब्लम से फोन न मिले तो वाट्सएप करें।
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2- वाट्सएप न. 9643990407 जादा सुविधाजनक है रिकॉर्ड रखना ईजी है
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3- Facebook- Vasudev Mishra (fems)
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email. femsaltc321@gmail.com
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डिटेल भेजें
नाम.............
जन्म तारीख वर्ष सहित.................
समय..................
स्थान...................
पेटियम करें.... जवाब 48 घंटे मे आपके द्वारा दिये गये वाट्सएप न. ईमेल, पर भेज दिया जायेगा।

05/11/2018

----------वक्त की महिमा अपरम्पार----------
कहते हैं जब रब मेहरबान तो गधा पहलवान
दोस्तों अब तक आप मेरे लेखों से इतना तो समझ गये होंगे कि रब का इससे कोई लेना देना नही है ये आपके अपने कर्म अपनी सोच समझ अपने दिमाग कि उपज है अपने दिमाग का कीड़ा है ईश्वर तो न्यूट्रल है।

आपको यकीन नही होगा, अक्सर ऐसा होता है कि जब बुराई या बुरे कि बात चले तो हम समझते हैं हमारे लिए नही है। ये बहुत कम लोगों को समझ आता है कि टैलेंट, मेहनत, ईमानदारी, पॉजिटिव सोच निगेटिव सोच बुरे वक्त मे सब धरा रह जाता है।

और अब एक ही रास्ता सही लगता है कि भाई चुपचाप हाथ जोड़कर निकल लो कल पता चला कि और न फंस जाए कहीं।

राष्ट्रीय सहारा जैसे लोग आज जेल मे हैं, कभी इनवैस्टर को बेवकूफ समझते थे, या विजय माल्या और बहुत से बिल्डर इस समय पानी भर रहे हैं। बड़े बड़े बिल्डर को गवर्नमेंट का बड़ा बड़ा पैसा देना है। जीवन यापन व्यापार सब दिक्कत मे है। ये वक्त भूल गये।

आम आदमी भी अपनी घर गृहस्थी बाहरी जीवन उसी अकड़ धकड़ मे जीता है। इसको समझा उसको बता, बस वक्त भूल जाते हैं।

अब किसी का वक्त खराब हो बेचारा न समझ पाता हो औरत बच्चा आदमी पति पिता माँ बहन कोई भी हो सकता है। औरतों को तो पत्नी या माँ के रूप मे हम वैल्यू ही नही देते, कई तो पत्नी या सास भी आदमियों का जीवन नर्क करने मे पीछे नही रहते। बस वक्त भूल जाते हैं। वास्तव मे ये वक्त भूलने वाले लोग हैं।

इसलिए दोस्तों इन्सान को सदा एक रस प्यार मोहब्बत के साथ जीना चाहिए । अपने से कमजोर को बड़ सलीके से जीने का मौका देना चाहिए । आपका टैलेंट किसी को टॉर्चर करे तो समझ लेना आपके लिए गढ्ढा खुद रहा है।

03/11/2018

-----1-------प्रार्थना------
ये महत्वपूर्ण बात शेयर कर रहा हूँ कि मैंने अपनी जिंदगी के 25 बसन्त इस खोज में लगाए कि बिना किसी बाधा के, तनाव के, बिमारी के, एक खूबसूरत जिन्दगी को मेरे ये साथी कैसे जिये?
------2
ये खोजते -खोजते मैं बहुत दूर निकल आया। और मेरे सामने जो सत्य आया वो बहुत कठोर है । मृत्युलोक मे जिवात्मा कैसे कैसे दुख भोगती है इससे कोई भी अनजान नही है। कितनी बार ये महसूस होता है कि भगवान दयावान है भी या नही। और यहां की इस आराम पसन्द जिन्दगी को जिसे हम सब जीते हैं, वो उस सत्य से इतनी दूर है, कि लगता है कि इस गैप को भरना असम्भव सा है। ये सोच कर हिम्मत जवाब दे जाती है।
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इतनी ऐशो आराम कि जिन्दगी को त्यागना, जरूरतों को कम करना, जहाँ स्टेटस जीने न दे, जिन्दगी मरने न दे, खुद को और अपनों को त्यागने को तैयार आज का ये मनुष्य कहां रुकेगा, रुक पायेगा या नहीं कहना मुश्किल है।
-------4
सत्य कि इस कठोरता से अनभिज्ञ लोगों को भयंकर सजा दुख दर्द तनाव परेशानी लाचार से इन्सान को जब देखो, हम तब भी नहीं समझते जब बॉस को दस लाख कमा के देने के बदले में पचास हजार सेलरी लेते है , उल्टा ठीक लगता है।
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सत्य की उस कठोरता और आज कि इस वैज्ञानिक सुविधाओं के साथ चलती नाजुक जिन्दगी को जीते हुये लोगों का, हम सब का हश्र क्या होगा। क्योंकि विग्यान की मुक्ति देने की खोज अभी दूर है। सोचो धर्म मे हम भ्रमित, विज्ञान उस स्तर पर नही फिर जिम्मेदार कौन?सोच कर दिल बड़ा घबरा जाता है।

इसी घबराहट, डर, टेन्शन, दुख ने फेम्स को जन्म देने को मजबूर किया।
--------6
दोस्तों बिना कॉस्मिक ऐनर्जी से जुड़े कोई धर्म कर्म, पूजा पाठ, जाप तपस्या, कोई माई बाप, हमदर्द, सहारा सब एक दिन धरा रह जाएगा। इन्सान जानवरों कि तरह अपनी एनर्जी को लेकर उसी की तरह मर जाता है।
---------7
दोस्तों प्रार्थना ये है कि जब मेरे हर दुख दर्द मे आप सब साथ होते हो तो मै इस दर्द को अकेले
कैसे, क्यों झेलूं। आप सब आओ साथ। हम सब मिलकर एक खूबसूरत दुनिया बनाए।

दोस्तो जीवन की ये यात्रा कठोर जरूर है असम्भव नही। और अकेले की भी नहीं है।

आईये साथ मिल कर नई दुनिया बनायें। जिसमें कोई दुख दर्द तकलीफ टेनशन दुर्घटनायें मिसहैपनिंग न हो क्योंकि सबका मलिक एक ही तो है। फिर ये अलगाव भेदभाव लड़ाई झगड़े कही हमारे अन्दर ही है।
चलो चलते हैं खुशहाल जिन्दगी की ओर।

01/11/2018

---------ज्योतिष का सही उपयोग----------
पहले गलत उपयोग समझ ले---> माना कि कुंडली में गुरु (जूपिटर ) खराब हो, क्योंकि गुरू लीवर का मालिक है, और ईशान कोण(दिशा) का भी मालिक है।
आपका गुरु या तो राहु के साथ हो या राहु की दृष्टि पड़ रही हो। और गुरु कमजोर हो, तो आप मजे से गुरु के पदार्थ खायेंगे।
इस तरह से आपके जीवन मे गुरू, राहु, ईशान, कोण का नुकसान, पूजा पाठ, अन्य सुखों मे बाधा को आप अब रोक नही पायेंगे।

----सही उपयोग---->अब आपको एक ऐसे विद्वान की जरूरत है जो ज्योतिष, आयुर्वेद, वास्तु, योग का जानकार हो। अब 4 विषयों का विद्वान कोई एक आदमी तो हो नही सकता, इसलिये बड़े बड़े गरुओं के आश्रम से शिक्षा लेकर भी हम कुछ नही कर पाते। इसलिए हमें ये ग्रुप बनना पड़ा। जिससे चारो विद्वान मिल कर निर्णय लें कि आपके लिए क्या उचित है।

01/11/2018

इसलिए तरक्की के लिए सिस्टम होना सिस्टम से जुड़ना सिस्टम को विकसित करना आपकी हमारी ड्यूटीज़ मे आता है आजकल सोच पर्शनल हो गई है। प्रोग्रेस के लिए या तो किसी सिस्टम से जुड़़ो या विकसित करो।

01/11/2018

दुनिया मे एक चीज और होती है सिस्टम। जैसे बड़ी कम्पनी, सोसायटी, बड़े बड़े बिजनेस ग्रुप्स, हमारा ब्रह्माण्ड सब सिस्टम मे है। जो सिस्टम मे है सेफ है सुरक्षित है जो सिस्टम से बाहर है, वो सूखे पत्तों की तरह पेड़ से अलग बिखरने को तैयार है। कहावत है प्रैक्टिस मेक ए मैन परफेक्ट। मै कहता हूं सिस्टम मेक ए मैन हाई ऐन्ड सेफ।

01/11/2018

2सरा मैसेज---> दुनिया मे दो चीज हैं, ड्यूटीज़(कर्तव्य)-- राईट्स(अधिकार)। फेम्स ग्रुप ड्यूटीज़ पर जोर देता है।

01/11/2018

------- सफलता क्यों नहीं मिलती-------
आज का जीवन- विषाक्त भोजन और बीमार शरीर की बीमार जीभ की मान कर खाने के चक्कर मे फंसा यह जीवत्मा(मनुष्य) असयमित दिनचर्या, जरूरतों के बजाए स्टेटस, ईगो सैटिस्फैक्शन, आराम पसंद जिन्दगी जीने की चाह, आलस्य, कमजोरी, बीमारी मे काम टालने की पलती फलती फूलती आदतें। कम उमर मे बीमारी व दवाईयों का अड्डे बनते शरीर क्या शुद्ध ऐनर्जी को बना पाने में सक्ष्म होंगे?

अपनी ड्यूटी इज़ ब्यूटी जैसी जिन्दगी को तिलांजलि देती सोच के कारण टूटते रिस्ते बिखरते परिवार, अपनी कमजोरी अज्ञानता मे अपनी कमियों को छुपा कर दूसरे को गलत बताने और अन्दर से भयभीत ये जीवात्मा, की सोच पवित्र और मॉरल होगी?

दोस्तों परमात्मा ने चैक करके फल देना है जिसने आपको बांधा नही, सब कुछ दिया तब भी हम मन से ले और दे नही पाते, जैसा चाहते हैं जी नही पाते, मरने पर सूई तक लेके नही जा पाते। समझना तो पड़ेगा कि माजरा क्या है।

अब इन सबके बावजूद फल की आशा कैसी।
कैसा धर्म कर्म पूजा पाठ दान ध्यान भजन कीर्तन ।

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Ghaziabad
201017

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