Shree RAM Sharnam.

Shree RAM Sharnam. Contact information, map and directions, contact form, opening hours, services, ratings, photos, videos and announcements from Shree RAM Sharnam., Shree Ram Sharnam Ashram , Hariyana Dist Sonipat, Gohana.

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08/03/2015

M/s PHUTELA HONDA Authorised SUB Dealer OF M/s Honda Motorcycle & Scooter India Pvt. Ltd.

01/01/2015

New Year Message of Pujya Krishanji Maharaj (Sri Ram
Sharnam Gohana)
-------------------------------------------卐 राम
卐---------------------------------------------
“सर्व शक्तिमते परमात्मने श्री रामाय नम:”
नव वर्ष 2015 के आगमन पर साधकों के लिए पूज्य कृष्ण
जी महाराज (श्री राम शरणम् गोहाना) का शुभ सन्देश
आज हम नव वर्ष 2015 में प्रवेश कर रहे हैं । इस पावन बेला पर
आइए , हम सब मिलकर गुरुजनों से शुभ आशीर्वाद एवं
कृपा याचना प्राप्त करें । सद्गुरुदेव स्वामी सत्यानन्द
जी महाराज एवं पूज्य पिताजी महाराज के उपकार का ऋण
हम कभी भी नहीं चूका पाएंगे । उनकी अपार कृपा और
प्रयासों से हम सब जिस आनंद और सुख को प्राप्त कर रहे हैं ,
उसके लिए उनके श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम करते हैं ।
पथ में प्रगटे सद्गुरु, हस्त पकड़ कर आप|
ताप तप्त को शांत कर, दिया नाम का जाप||
गुरुदेव ! आप हमें राम नाम के अटूट पावन सम्बन्ध से जोड़ कर गए हैं
। इस मंगलमय महामंत्र के दान-आदान से हम सब आत्मा से
निकटतर हो गए हैं । इस रिश्ते को और सुदृढ़ करना है ।
हमारी राम नाम के प्रति आस्था दिन प्रतिदिन और भी सबल
और प्रबल हो । हर क्षण हर पल राम नाम की मधुर ध्वनि हमारे
भीतर गूंजती रहे और इस आलोकिक आनंद की प्राप्ति सदैव
होती रहे । हम आपके कृपा पात्र बने । हमारा जीवन आप ही के
अनुरूप और आपकी इच्छा अनुसार बने । आपके कार्यों के लिए
सदैव तत्पर एवं समर्पित रहें ।
प्रियजनों ! पूज्य महाराज जी ने कहा है "साधक प्रबल
मनोभावना बनाएं कि जैसे तन में औषधि काम करती है , ऐसे मेरे
रोगों को, मेरी चिंताओं को, मेरे मलिन विचारों को दूर करने
का काम मेरे राम नाम जपने से हो रहा है । पूरी श्रद्धा ,
भावना और भरोसे के साथ आराधन करिये । हमें
यही भावना रखनी है कि जिस प्रकार सूर्य की रोशनी जड़
जंगम जगत को ज्योति , जीवन, बल , शक्ति और ऊर्जा सहज से
ही प्रदान किया करती है , उसी प्रकार राम नाम के आराधन
से मेरा आत्मा विकसित हो रहा है ।
ऐसा निश्चय रखें कि श्री राम हमारे अंग संग हैं । सदाचार,
शुद्ध-व्यवहार और पवत्र विचारों के द्वारा अपने अंतःकरण के
द्वार खोलकर राम कृपा को प्रवेश करने का मार्ग देना है ।
यही परम कल्याण का मार्ग है और सच्चा धर्म है ।
मार्ग सत्य दिखाइए, संत सुजन का पाथ|
पाप से हमें बचाइये, पकड़ हमारा हाथ||
इसी प्रार्थना के साथ नव वर्ष का अभिनन्दन करते हुए
आपको बहुत बहुत बधाई देता हूं । प्रभु हम सबको अपनी राह पर
स्वयं चलाएं और हमारा पथ प्रदर्शन करते रहें ।
आशीर्वाद एवं शुभ कामना सहित,
आपका
कृष्ण
1/1/2015
------------------------------------------------卐
राम 卐----------------------------------------
“सर्व शक्तिमते परमात्मने श्री रामाय नम:”
New Year Message 2015 by Pujya Krishanji Maharaj (Sri
Ram Sharnam, Gohana)
Today the New Year 2015 begins and we all have gathered
here to welcome it. At this juncture, let us all seek the
divine blessings and the auspicious grace of our revered
Gurujans. We shall always be indebted to our spiritual
mentors -His Holiness Sri Swami Satyanandji Maharaj and
His Holiness Pitaji Maharaj ! Salutations to the divine
Masters, as it is with their unending benignity and
exertions, that we are all experiencing this divine bliss and
happiness.
पथ में प्रगटे सद्गुरु, हस्त पकड़ कर आप|
ताप तप्त को शान्त कर दिया नाम का जाप||
Divine Master!! Thine presence has been evident upon the
Divine Path, Thee caught hold of my hand,
Solaced my weal and woes, and blessed me with the
incantations of the Lord!
Gurudev! You have bound us all in this everlasting Divine
communion. By absorbing the endowment of this
exuberantly Divine Mantra, we have achieved proximity
with our true selves, our pure pious souls. We ought to
strengthen this inner connect. Our faith in “Raam-Naam”
should become more potent and invigorated with each
passing day. May the melodious and divine incantations of
Raam-Naam reverberate within us all the time. Let us
receive the Holy bliss, every moment of our lives; Let us
be the recipient of your divine grace! Our lives be in
accordance to your will and your wishes. And we always
be committed and devoted towards executing thine work.
Revered Maharajji, expounded that the devotee must have
a strong conviction that “Raam-Naam” is the panacea of
all ills and mental sufferings, and it ameliorates us of
malignant thoughts, just like the medicine cures the
physical ailments. The adulation of the Lord must be done
with firm faith, deep adoration and strong belief. We must
have a resilient conviction that as the resplendent
sunshine provides light, life, energy and power to an
inanimate volatile world, similarly the Simran of “Raam-
Naam” glorifies, elevates and nourishes our soul.
We must resolve to experience the proximity of the
omnipresent Lord Ram. Righteous conduct, ethical
behavior, and pious thoughts are the means to open our
inner sanctums for receiving His Celestial Grace. This is
the divine path to experience the ultimate bliss and is the
true form of religion.
मार्ग सत्य दिखाइए, संत सुजन का पाथ|
पाप से हमें बचाइये, पकड़ हमारा हाथ||
Lord, show me true path, as followed by thy Holy Saints,
Hold my hand and guide me to salvation from all sins.
With this prayer, I wish to congratulate you all on the
advent of the New-Year. I wish that Lord Ram guides us
on His sacred path and continues to enlighten our spiritual
journey
Choicest Blessings and Greetings
Krishan
01/01/2015

12/12/2014

मेरे राम!" नाम दिवाना मुझे बनादे , लोभ मोह अभिमान
मिटादे । मांगु तेरा जाप ! तेरे चरणो में "..... राम राम राम राम
राम राम राम राम राम.....

07/11/2014

आदरणीय भाभी माँ के जन्मदिवस पर सभी साधकों की तरफ
से बहुत बहुत बधाई। भगवान उन्हें लम्बी आयु दें
यही प्राथना करते है और उनकी मधुर आवाज़ हमारे जीवन में रस
घोलती रहे।

29/10/2014

जो सतगुरू से अंत समय तक सचाई से निभाते है
सतगुरू भी उनहे अंत समय तक सहयोग देते है।
सतगुरू महाराज की जय।

23/10/2014

आप सभी को सपरिवार सहित दीपावली की हार्दिक
बधाईयां....!!
सभी मिल मंगल गाओ रे, अवध में राम आये हैं।
सभी मिल मंगल गाओ रे....
दशरथ के घर इक दिन आये, विश्वामित्र मुनि ज्ञानी,
संग चले ले राम लखन को, कहते ज्ञान कहानी।
चलते-चलते मिली ताड़का, उसको मार गिराया,
चरणो की ठोकर से शिला को, नारी रूप बनाया।
कि महिमा लखी न जाये रे, अवध मेँ राम आये हैँ।
सभी मिल मंगल गाओ रे, अवध में राम आये हैं......
धनुष यज्ञ मेँ बैठ गये जा, दशरथ राज दुलारे,
शिव का धनुष टूटे न किसी से, हिम्मत कर सब हारे।
उठे सच्चिदानन्द राम तब, शिव का धनुष उठाया,
कर दो टुकड़े शिव धनुआ के, जनक का ताप मिटाया।
सिया वर माल पहराये रे, अवध मेँ राम आये हैँ।
सभी मिल मंगल गाओ रे, अवध में राम आये हैं......
दशरथ के महलो मेँ रहती, मंथरा नाम की दासी,
उसी के कारण श्री रघुनंदन, राम बने बनवासी।
संग चले सीता और लक्ष्मण, योगी का वेष बना के,
चलते-चलते ठहर गये वे, गंगा किनारे जा के।
कि केवट नाव न लाये रे, अवध मेँ राम आये हैँ।
सभी मिल मंगल गाओ रे, अवध में राम आये हैं......
प्रभु बोले अब देर करो न पार उतारो भाई,
केवट कहता डरता हूँ मैँ, आज राम रघुराई।
चरणोँ की ठोकर से शिला को, नारी रूप बनाया,
मेरी तो यह काठ की नैय्या, छूते ही उड़ जाये।
कि पहले चरण धुलाओ रे, अवध मेँ राम आये हैँ।
सभी मिल मंगल गाओ रे, अवध में राम आये हैं......
गंगापार उतर कर रघुवर, देने लगे उतराई,
केवट कहता लूँगा न मैँ, आज राम रघुराई।
मैँने तुमको पार किया है, यह तुम भूल न जाना,
घाट तुम्हारे जब भी आऊँ, मुझको पार लगाना।
कि भव भंजन मिट जाये रे, अवध मेँ राम आये हैँ।
सभी मिल मंगल गाओ रे, अवध में राम आये हैं......
पंचवटी मेँ रावण ने फिर सीता आन चुराई,
राम-राम श्री राम पुकारे, देती राम दुहाई।
वन-वन डोले श्री रघुनंदन, मन मेँ थे अकुलाते,
सेवक बनकर तब चरणोँ मेँ, पवन पुत्र फिर आते।
कि लंका खूब जलाई रे, अवध मेँ राम आये हैँ।
सभी मिल मंगल गाओ रे, अवध में राम आये हैं......
दल बल के संग लंकपति पर, राम ने करी चढ़ाई,
तीखे शर से रावण मारा, विजय ध्वजा फहराई।
पृथ्वी का सब भार मिटा कर, फिर लौटेँ रघुराई,
अवध पुरी के नर नारी ने, मिलकर खुशी मनाई।
कि महिमा लखी न जाये रे, अवध मेँ राम आये है।
सभी मिल मंगल गाओ रे, अवध में राम आये हैं......
सभी मिल मंगल गाओ रे, अवध में राम आये हैं।
सभी मिल मंगल गाओ रे....
जय जय श्री राम।

23/10/2014

सभी मिल मंगल गाओ रे अवध मे श्री राम आये है ।अवध मे राम
आये है !! happy diwali to all ...

08/09/2014

राम राम जी !!
परम पूज्य पिताजी महाराज के महासमाधि के उपरांत,
श्रद्धांजलि सत्संग का कार्यक्रम:
श्री राम शरणम् गोहाना : 6 सितम्बर से 14 सितम्बर तक
का कार्यक्रम
· प्रातः 5.15 से 6.00 : अमृतवाणी पाठ
· प्रातः 11.00 से 12.00 : श्रीमद भगवद्गीता पाठ
· साय: 8.15 से 9.00: श्रीमद भगवद्गीता पाठ
· अखण्ड जाप (6-सितम्बर से 14-सितम्बर )
· महाराज के अस्थि कलश के दर्शन (10 सितम्बर तक)
प्रार्थना सभा एवं अस्थि विसर्जन: गुरूवार 11 सितम्बर
नीलधारा ध्यान कुण्ड , हरिद्धार
दोपहर 12.00 बजे
प्रार्थना सभा एवं श्रद्धांजलि समारोह, रविवार, 14
सितम्बर , श्री राम शरणम् गोहाना , दोपहर 1.30 से 3.00 बजे
तक होगा ।
परम धाम श्री राम शरणम् डलहौजी : गुरूवार 18 सितम्बर से
शनिवार 20 सितम्बर

06/09/2014

भक्त हंसराज का चौथा कार्यक्रम शनिवार को होगा। 11
सितंबर को उनकी अस्थियां हरिद्वार में विसर्जित
की जाएगी। 14 सितंबर को दोपहर 1.30 बजे से तीन बजे तक
रस्म क्रिया का कार्यक्रम होगा।
अस्ति विसर्जन 11 को होेगा
महात्मा भक्त श्री हंसराज जी को श्रद्धांजलि देने के लिए
सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बड़े भाई इंद्रसिंह हुड्डा, इनेलो के
सांसद दुष्यंत चौटाला, गोहाना के विधायक जगबीर मलिक,
बरोदा के विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा, नगर परिषद चेयरमैन
राजकुमार शर्मा, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव जैन सहित
कई नेता पहुंचे। उन्होंने भक्त हंसराज के निधन पर गहरा शोक
व्यक्त किया। श्रद्धांजलि देने के लिए कई राज्यांे से
भक्तों का भारी संख्या आना जारी था। उन्होंने
कहा कि हंसराज के निधन से जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई
कभी नहीं हो सकती। भक्त हंसराज ने भटके हुए युवाओं को नई
दिशा देने के लिए जो कार्य शुरू किया था, उसे जारी रखने
की जिम्मेदारी सभी की है। उनके जाने से समाज को क्षति हुई
है, उसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता। भक्त हंसराज ने
हमेशा जरूरतमंदों की मदद की है। भक्त हंसराज त्याग और तप के
पर्याय थे। वे भले हमारे बीच नहीं हो, लेकिन विचारों के रूप में
हमेशा हमारे बीच रहेंगे। फोटोपेज 15 पर भी
विचारों के रूप में जिंदा रहेंगे भक्त हंसराज जी
300 भक्तों के साथ शुरू किया था आश्रम
भक्त हंसराज ने वर्ष 1987 में आश्रम का निर्माण कार्य शुरू
कराया, उस समय आश्रम से करीब 300 भक्त जुड़े थे। हंसराज के
व्यवहार और प्रचार करने के तरीके को देख लोग उनसे जुड़ते चले
गए। सबसे ज्यादा उनसे पंजाब के लोग प्रभावित हुए। उनके
प्रभाव का ही परिणाम है कि आज आश्रम से लाखों भक्त जुड़े
हुए है। भक्त हंसराज केवल आध्यात्मिक ज्ञान ही नहीं देते थे।
लोगों की सेवा करने में भी वे पीछे नहीं थे। आश्रम
की स्थापना करने के बाद उन्होंने शहर के लोगों के लिए एक
स्कूल, आई अस्पताल और काया शोधन केंद्र को शुरू किया।
हंसराज
का मानना था कि जितनी भी लोगों की सेवा करोगे,
उतना ही ऊंचा उठोगे। इसलिए जब भी उन्हें मौका मिलता वे
लोगों की सेवा करने पीछे नहीं हटते थे। आश्रम में गरीब कन्याओं
की शादी भी कराते थे। उनकी सेवा भाव को देख लोग उनके
साथ जुड़ते चले गए।
अंतिम क्रिया का कार्यक्रम आश्रम में हुअा, उनके बेटे कृष्ण विज
और पुत्रवधू रेखा विज ने मुखाग्नि दी

sarvshaktimaya ram ji akhil visv ke nathshuchita satay suvishvas de sir pr dhar kar nathparam guru jai jai ramparam guru...
06/09/2014

sarvshaktimaya ram ji akhil visv ke nath
shuchita satay suvishvas de sir pr dhar kar nath
param guru jai jai ram
param guru jai jai ram......

Guruji drshn....ram sharnam gohana ram ram
04/09/2014

Guruji drshn....ram sharnam gohana ram ram

04/09/2014

Woh chod gaye Sansar, sab tarf viraani hai..
Bas unke bataye sanskaron ki, hamein mala pironi hai.
Param pujya pita ji maharaj us sarvshaktishali ishwar ki jyoti
mein leen ho gaye hai..aao natmastak hokar us parampita
parmeshwar se aagreh kare k hum sab ko unke bataye marg
par chalne ki shakti de.

04/09/2014

Hamare sir se pita ji ka saya uth gaya pita ji ram
charno me lean ho gaye.....ram ram

23/08/2014

एकदा गोस्वामी संत तुलसी दास जी से किसी ने पूछा -
कभी-२ भक्ति करने को मन नहीं करता फिर भी राम-राम
जपने के लिये बैठ जाते है ;क्या उसका भी कोई फल
मिलता है ?
तुलसी दास जी ने मुस्करा कर कहा -
तुलसी मेरे राम को रीझ भजो या खीज ;
भौम पड़ा जामे सभी उल्टा सीधा बीज !
अर्थात भूमि में जब बीज बोये जाते है तो यह
नहीं देखा जाता कि बीज उल्टे पड़े है या सीधे पर फिर
भी कालांतर में फसल बन जाती है इसी प्रकार राम नाम कैसे
भी लिया जाये उसके जपने का फल अवश्य
ही मिला करता है !
जय श्री राम !

20/08/2014

maine ram nam dhan paya
mere jivan me ras aya
mere satguru kripa kinhi
mujhe nam ki sampati dini....
ram siya ram
jai jai ram siya ram.........

18/08/2014

तुमने बांसुरी को पकड़ा है और हमने तुम्हे पकड़ा है, तुम उसे
छोड़ नहीं सकते और हम तुम्हे छोड़ नहीं सकते, बात तो बंधन
की है कन्हैया, निभाना तुम्हे भी है और निभाना हमें भी है...
Happy Janmastami to all my friends! May you
all be blessed in Krishna Consciousness
throughout the coming year!

13/08/2014

मैने राम को अपना मान लिया फिर बाकि जहान
का क्या करना,
इक राम सहारा मिल जाये...... फिर जग के दु:खो से
क्या डरना.
इक राम की नगरी बसी हुयी......... नाम है रामाशरणम
जी,
इस नगरी मे आश्रय मिल जाये.... फिर महल चौबारे
क्या करना.
राम नाम की धुन ये हर पल....... मन मे मेरे बसती जाये,
ये राम की ज्योति अन्तरमन मे जल जाये... फिर बाहर
उजाला क्या करना.
राम नाम के मोती बिखरे नगरी नगरी गली गली,
सत गुरु की किरपा से झोली भर जाये .....फिर झुठे पत्थर
क्या करना.

03/08/2014

भगवान राम और कृष्ण में कोई अंतर नहीं है।
कृष्ण के चरित्र और लीला को समझने के लिए
श्रीराम के चरित्र तथा मर्यादा का पालन
करना आवश्यक है।
जब हम श्रीराम की मर्यादा का पालन करते हैं,
तभी श्रीकृष्ण की लीला समझ में आती है।
जब भगवान का नाम जाप करते समय भक्त की आंखों में
आंसू आने लगें
तो समझना चाहिए कि उस भक्त पर भगवान
की कृपा होने लगी है।
कलियुग में भगवान का नाम जाप करना ही एक
मात्र कल्याण का उपाय है।
नाम जाप उल्टा-सीधा कैसा भी हो, वह फलदाई
होता है।
वाल्मीकि जी ने उल्टा नाम जाप किया। इससे
उनका उद्धार हो गया।
हरे कृष्ण ! हरे कृष्ण ! कृष्ण ! कृष्ण ! हरे ! हरे !
हरे राम ! हरे राम ! राम !राम ! हरे ! हरे !
हरि बोल !

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Shree Ram Sharnam Ashram , Hariyana Dist Sonipat
Gohana

Telephone

01263-252159

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