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06/08/2025

अगर आपको या आपके किसी परिचित को Diabetes है तो ये पोस्ट ज़रूर पढ़ें और साझा करें:-

टाइप 2 डायबिटीज़: क्या यह रिवर्स हो सकती है?

प्रो. रॉय टेलर (Newcastle University, UK) के शोध से यह बात सामने आई है कि टाइप 2 डायबिटीज़ लाइलाज नहीं है और इसे कुछ मामलों में रिवर्स किया जा सकता है।

रिसर्च के मुख्य बिंदु:

रोग की वजह:
जब शरीर में कैलोरी ज़्यादा होती है, तो लिवर और पैंक्रियास में चर्बी जमा हो जाती है।

इससे इंसुलिन रेज़िस्टेंस और बीटा-सेल फेल्योर होता है और यही टाइप 2 डायबिटीज़ की जड़ है।

यदि यह आंतरिक चर्बी घटाई जाए, तो शरीर की इंसुलिन प्रतिक्रिया सामान्य हो सकती है।

रिसर्च का तरीका:

1. Counterpoint Study (2011)
Newcastle University
Sample size: 11
8 हफ़्तों की 800 कैलोरी/दिन की डाइट से लिवर और पैंक्रियास की चर्बी घटी
शुगर लेवल सामान्य, दवाइयों की ज़रूरत नहीं रही

2. Counterbalance Study (2016) Newcastle University
Sample size: 30
इसमें दिखाया गया कि बीटा-सेल फंक्शन वापस आ सकता है, यदि वज़न कम किया जाए और स्थिर रखा जाए

3. Direct Trial (2017–2023)
Newcastle University + University of Glasgow
Sample size: 298 (GP clinics में)

पहले शोधों की बड़े स्तर पर पुष्टि हुई ।

46% मरीजों ने 1 वर्ष में डायबिटीज़ रिवर्स की

36% लोग 2 वर्षों तक बिना दवा के नियंत्रित रहे

5 वर्षों में, जिनका वज़न स्थिर रहा, उनमें लंबे समय तक रिवर्सल बना रहा

निष्कर्ष:

✅ टाइप 2 डायबिटीज़ कुछ लोगों में सही आहार और वज़न नियंत्रण से रिवर्स की जा सकती है

✅ यह प्रभाव केवल तब तक रहता है जब तक वज़न नियंत्रित रहे

✅ बीमारी की अवधि जितनी कम हो, रिवर्सल की संभावना उतनी अधिक होती है

✅ इस रिसर्च की पुष्टि कई नियंत्रित अध्ययनों में हुई है

————————॥॥———————

🟥 । चेतावनी । 🟥

यदि आप डायबिटीज की दवा पर हैं तो डॉक्टर की निगरानी में ही अपने Diet में किसी तरह का बदलाव लायें ।

यह अध्ययन टाइप 1 डायबिटीज या डायबिटीज़ के साथ अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों पर नहीं

15/05/2025
Add - Dubey Complex Gonda Mahila hospital ke bagal.
23/04/2025

Add - Dubey Complex Gonda
Mahila hospital ke bagal.

🌹पेट में गैस  की समस्या एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो अधिकांश लोगों को कभी न कभी होती है। यह तब होता है जब गैसें पेट...
31/03/2025

🌹पेट में गैस की समस्या एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो अधिकांश लोगों को कभी न कभी होती है।
यह तब होता है जब गैसें पेट और आंतों में इकट्ठा हो जाती हैं। हालांकि यह एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन अधिक गैस का निर्माण और इसके कारण होने वाली असुविधा व्यक्ति की जीवनशैली और आहार में असंतुलन को दर्शाता है।

पेट में गैस बनने के कारण:

1. खानपान और आहार:

फाइबर युक्त आहार: फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियाँ, और साबुत अनाज पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकते हैं और अधिक गैस बना सकते हैं।

दूध और डेयरी उत्पाद: कुछ लोगों को लैक्टोज (दूध में पाया जाने वाला शर्करा) का पाचन ठीक से नहीं होता है, जिससे गैस और अपच की समस्या हो सकती है।

फ्रूट्स और सब्जियाँ: कुछ फल (जैसे सेब, नाशपाती, और अंगूर) और सब्जियाँ (जैसे ब्रोकोली, फूलगोभी, और बीन) पेट में गैस पैदा कर सकती हैं।

भोजन में बदलाव: अचानक से भारी भोजन या अत्यधिक मसालेदार खाद्य पदार्थ खाने से भी पेट में गैस बन सकती है।

2. पाचन तंत्र का कार्य:

पाचन तंत्र में कुछ बैक्टीरिया गैस का निर्माण करते हैं, खासकर जब हमारी आंतों में कुछ खाद्य पदार्थों का ठीक से पाचन नहीं हो पाता।

यह गैस आमतौर पर बड़कर पेट में इकट्ठी हो जाती है और बाहर निकलने के लिए शरीर से उत्सर्जित होती है।

3. खाना जल्दी-जल्दी खाना:

जल्दी-जल्दी खाना खाने या बहुत अधिक हवा निगलने से भी गैस का निर्माण हो सकता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हम खाते समय अधिक हवा निगलते हैं, जिससे पेट में गैस बन जाती है।

4. आंतों की समस्याएँ:

इरीटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS): यह एक आम पाचन समस्या है जिसमें पेट में दर्द, सूजन, और गैस की समस्या उत्पन्न होती है।

लैक्टोज असहिष्णुता: लैक्टोज असहिष्णुता में दूध और डेयरी उत्पादों का पाचन सही तरीके से नहीं हो पाता, जिससे गैस, दस्त और पेट में ऐंठन होती है।

Celiac रोग: इस स्थिति में ग्लूटेन (जो गेहूं, जौ और राई में पाया जाता है) से शरीर को एलर्जी होती है, जिसके परिणामस्वरूप पेट में गैस बन सकती है।

5. तनाव और मानसिक स्थिति:

मानसिक तनाव, चिंता, और अवसाद भी पेट में गैस बनने का कारण बन सकते हैं, क्योंकि ये पाचन क्रिया को प्रभावित करते हैं।

पेट में गैस के लक्षण:

1. पेट में सूजन और दर्द: गैस के कारण पेट में सूजन, भारीपन और असहजता महसूस होती है।

2. बार-बार डकार या ब्रूथिंग: गैस के प्रभाव से व्यक्ति बार-बार डकार ले सकता है।

3. पेट में ऐंठन: गैस के कारण पेट में अचानक से ऐंठन और दर्द महसूस हो सकता है।

4. सांस की गंध: पेट में गैस की वजह से कभी-कभी सांस की गंध भी बदल सकती है।

5. बदबूदार गैस का उत्सर्जन: पेट में गैस बनने पर इसमें से निकलने वाली गैस में बदबू हो सकती है।

6. मल त्याग में कठिनाई: कभी-कभी पेट में गैस की अधिकता मल त्याग में कठिनाई पैदा कर सकती है।

पेट में गैस के उपाय:

1. संतुलित आहार:

उच्च फाइबर युक्त आहार खाने से पेट को आराम मिल सकता है, लेकिन यदि गैस की समस्या अधिक हो तो फाइबर का सेवन धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए।

मसालेदार और तला हुआ भोजन कम करना चाहिए।

दूध और डेयरी उत्पादों का सेवन कम या पूरी तरह से बंद कर सकते हैं यदि आपको लैक्टोज असहिष्णुता हो।

2. खाने की आदतें सुधारें:

भोजन को धीरे-धीरे और अच्छी तरह से चबाकर खाएं।

एक बार में बहुत अधिक भोजन न करें। छोटे-छोटे भोजन करें।

खाना खाने के बाद तुरंत न लेटें।

3. पानी का सेवन:

ज्यादा पानी पीने से पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है और गैस की समस्या कम हो सकती है। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और आंतों को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है।

4. व्यायाम और शारीरिक गतिविधि:

नियमित रूप से हल्का व्यायाम जैसे वॉकिंग या योग करने से पाचन प्रक्रिया को मदद मिलती है, जिससे गैस की समस्या कम होती है।

5. हीनोज़ी:

गर्म पानी के बोतल से पेट पर सेंकने से गैस से राहत मिल सकती है।

6. पेट की मसाज:

पेट की हल्की मालिश करने से गैस बाहर निकलने में मदद मिलती है।

7. औषधियाँ:

अगर घरेलू उपाय काम नहीं करते, तो गैस के लिए कुछ औषधियाँ उपलब्ध हैं जैसे एंटीसिड, सिमेथिकोन (जो गैस को कम करता है) आदि। इनका उपयोग डॉक्टर की सलाह से करें।

8. प्राकृतिक उपाय:

पुदीना: पुदीना का सेवन पेट की गैस को कम करने में मदद कर सकता है। आप पुदीने की चाय या पुदीना की पत्तियां चबा सकते हैं।

जीरा: जीरा गैस की समस्या को कम करने में मदद करता है। आप जीरे का पानी पी सकते हैं या जीरा पाउडर का सेवन कर सकते हैं।

अदरक: अदरक भी गैस को कम करने में प्रभावी है। अदरक की चाय या अदरक का सेवन कर सकते हैं।

पेट में गैस बनना एक सामान्य समस्या है, लेकिन जब यह बार-बार होने लगे या असहनीय दर्द का कारण बने, तो इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता होती है। संतुलित आहार, सही खाने की आदतें, व्यायाम, और प्राकृतिक उपचार से आप गैस की समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं। अगर समस्या बनी रहती है, तो चिकित्सक से परामर्श लेना महत्वपूर्ण होता है,,,।।।

29/03/2025

डायबिटीज के मरीजों के लिए 5 बेस्ट फ्रूट्स! 🍏🍇

क्या आप जानते हैं कि सही फल खाने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रह सकती है? 🤔 अगर आप डायबिटीज से जूझ रहे हैं, तो ये 5 सुपरफ्रूट्स आपकी हेल्थ के लिए बेहतरीन हैं! 👇

🍇 जामुन – शुगर कंट्रोल करने वाला नेचुरल मेडिसिन!
🍏 सेब – हेल्दी और फाइबर से भरपूर, जिससे शुगर तेजी से नहीं बढ़ती!
🍐 नाशपाती – कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला, जिससे शुगर लेवल बैलेंस रहता है!
🥭 अमरूद – टेस्टी, हेल्दी और फाइबर का खजाना!
🥝 कीवी – विटामिन C और फाइबर से भरपूर, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है!

आप इन फलों में से कौन-सा रोज खाते हैं? 🤔 कमेंट में बताइए! ⬇️💬

28/03/2025

ग्रीष्म ऋतु की दिनचर्या

ग्रीष्म ऋतु में सूर्य की तेज किरणों और बढ़ते तापमान के कारण शरीर पर विशेष प्रभाव पड़ता है। इस ऋतु में स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए उचित दिनचर्या का पालन करना आवश्यक होता है।

प्रातःकाल (Morning)

1. जल सेवन: सुबह उठते ही तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीना लाभदायक होता है। यह शरीर को डिटॉक्स करता है।

2. व्यायाम: हल्का योग या प्राणायाम करें। ग्रीष्म में अधिक पसीना आने के कारण अधिक परिश्रम करने से बचें।

3. स्नान: ठंडे पानी से स्नान करें। गुलाबजल या चंदन पाउडर का प्रयोग कर सकते हैं।

दोपहर (Afternoon)

1. आहार: इस समय हल्का और सुपाच्य भोजन करें। खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा जैसे जलयुक्त फल और सब्जियां खाएं।

2. पेय पदार्थ: छाछ, लस्सी, नींबू पानी, बेल का शरबत आदि पीना लाभदायक होता है।

3. विश्राम: दोपहर में कुछ देर आराम करना शरीर के लिए अच्छा होता है।

सायंकाल (Evening)

1. सैर: सूरज ढलने के बाद हल्की सैर करें। यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है।

2. हल्का आहार: रात के समय हल्का और सुपाच्य भोजन करें। तली-भुनी चीजों से बचें।

3. जल सेवन: सोने से पहले एक गिलास पानी अवश्य पिएं, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।

अन्य महत्वपूर्ण बातें

ढीले और सूती कपड़े पहनें।

तेज धूप में बाहर निकलने से बचें या छतरी और टोपी का उपयोग करें।

दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।

मांसाहार और तले हुए भोजन से बचें।

शरीर को ठंडा रखने वाले उपाय करें, जैसे पुदीना और धनिया का सेवन।

इस प्रकार ग्रीष्म ऋतु में सही दिनचर्या का पालन करके स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है।

15/12/2024

Kidney failure par samnya charcha ..

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Kamla Complex
Gonda Oudh
NEAR MAHILA HOSPITAL GONDA

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