Lele Neuro-Psychiatry Clinic

Lele Neuro-Psychiatry Clinic लेले न्यूरो-साईकायट्री केयर क्लीनिक
डॉ. अक्षय लेले
न्यूरोसायकायट्रिस्ट, नशामुक्ती, मिर्गी और सेक्स रोग विशेषज्ञ! MD (Psychiatry)
7972510962

24/02/2025

इन समस्याओ के लिए संपर्क करे - अत्यधिक उदासी, चिड़चिड़ापन, नींद मे कमी, बेहोश होना, चक्कर आना, नसो का दर्द, दारू, गांजा, स्मैक इत्यादी की लत, सेक्स संबन्धित समस्याओ के निवारण के लिए!
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"अतीचंचलता" और "एकाग्रता" मे कमी बच्चों मे होने वाली "न्यूरो विकास" की बीमारी है! इसे सामान्य "चंचलता" से बिलकुल अलग समझ...
18/10/2022

"अतीचंचलता" और "एकाग्रता" मे कमी बच्चों मे होने वाली "न्यूरो विकास" की बीमारी है! इसे सामान्य "चंचलता" से बिलकुल अलग समझना चाहिए, इस बीमारी मे बच्चा "अत्यंत तेजी में रहता है" जैसे हरदम "मोटर पे सवार हो" "अपने क्रम के लिए रुकना नामुनकीन होता है" "चीजे गुमाता रहता है" "अक्सर सवाल खत्म होने के पेहले ही बोल पड़ता है" एकाग्रता की कमी अक्सर "पढाई पे असर डालती है" "बताई गई बात बच्चा अनसुनी कर देता है" अच्छा इलाज ना होना बच्चे के "विकास" पे तो असर डालता ही है उसके "आत्मविश्वास" को भी आघात पोहचाता है!
डा0 अक्षय लेले
एम.डी. (साईकायट्री)
पूर्व चिकित्सक सायन अस्पताल, मुंबई, जिला चिकित्सालय, ठाणे(मुंबई)
सम्पर्क सूत्र - 7972510962

"एक अजीब सा खालीपन आँखों में लिए" "साथ ही मन में ये डर की आज जो मेरा सगा है वो मुझे छोड़ देगा" "मन में एक टीस, एक तूफान, ...
04/10/2022

"एक अजीब सा खालीपन आँखों में लिए" "साथ ही मन में ये डर की आज जो मेरा सगा है वो मुझे छोड़ देगा" "मन में एक टीस, एक तूफान, एक कोलाहल जैसे किसी ने अंगार पे रख दिया हो" मजबूर कर देता है अचानक "खुद को या दूसरों को नुक्सान पोहचाने को" "हाथ पे कुछ 2-3 छूरी से काटे निशान, अंदर की पीडा को दर्शा रहे थे" ये युवती पिछले एक साल से इलाज ले रही है! इसे समझना जितना कठिन है, इसके साथ "जीवन जीना उससे कहीं ज्यादा कठिन"!!
इस तरह का व्यक्तित्व का दोष "Borderline Personality Disorder" इस नाम से सम्बोधित किया जाता है! कहते हैँ किसी भी मनोचिकित्सक के क्लिनिक में ये "व्यकतित्व दोष" सबसे सामान्य रूप में देखा जाता है!!
डा0 अक्षय लेले
एम.डी. (साईकायट्री)
पूर्व चिकित्सक सायन अस्पताल, मुंबई, जिला चिकित्सालय, ठाणे(मुंबई) - 7972510962

"डिमेंशिया" याने धीरे धीरे "ढ़लते दिमाग के संचालन तन्त्र" जैसे "याद्दाश्त" "नाम" "पेहचान" "रोज़ाना"  के कार्य जैसे "कपडे ...
20/09/2022

"डिमेंशिया" याने धीरे धीरे "ढ़लते दिमाग के संचालन तन्त्र" जैसे "याद्दाश्त" "नाम" "पेहचान" "रोज़ाना" के कार्य जैसे "कपडे पेहनना" "बाल झाडना" करने की क्षमता, यही नहीं "भाषा" का प्रयोग भी कई बार "विलुप्त" हो जाता है!
21 सितम्बर, "विश्व डिमेंशिया जागरुती दिवस" मनाया जाता है, याद रखें ये "सिर्फ याद्दाश्त की कमी" "नहीं" है!! ये एक "गंभीर" दिमागी बीमारी है, और समय पे "निदान" ही उपचार की एक मात्र उम्मीद है...
इलाज में देरी जीवन को हमेशा के लिए "अपंग" कर सकती है!!
लेले न्यूरो-साईकायट्री क्लीनिक
डा0 अक्षय लेले
एम.डी. (साईकायट्री)
गोण्डा (उ.प्र.)
सम्पर्क सूत्र - 7972510962

"चक्कर" या "घुमनी" की बीमारी अत्यंत कष्ट दायक हो सकती है और इसका "उचित" इलाज संभव है!लेले न्यूरो-साईकायट्री क्लीनिकडा0 अ...
19/09/2022

"चक्कर" या "घुमनी" की बीमारी अत्यंत कष्ट दायक हो सकती है और इसका "उचित" इलाज संभव है!
लेले न्यूरो-साईकायट्री क्लीनिक
डा0 अक्षय लेले
एम.डी. (साईकायट्री)
गोण्डा (उ.प्र.)
सम्पर्क सूत्र - 7972510962

अत्यंत विवादास्पद और "अवधारणा" का शिकार होता है विषय "पुरूष लैंगिकता" "Male Sexuality" जिसका फायदा उठाते हैं, "स्वघोषित"...
19/09/2022

अत्यंत विवादास्पद और "अवधारणा" का शिकार होता है विषय "पुरूष लैंगिकता" "Male Sexuality" जिसका फायदा उठाते हैं, "स्वघोषित" Experts....कोशिश करते हैं कुछ "मिथक" मिटाने की!!
क्या "धात" का बनना और उसका लिंग से बाहर निकलना समान्य प्रक्रिया है?
जाने कितने लोग, इस ताथाकथित "रोग" से व्याकुल होते हैं! पर यह अत्यंत समान्य प्रक्रिया है और ऐसा ना होना जरूर कोई रोग हो सकता है!
क्या "धात" का शरीर से बाहर जाना कोई कमजोरी ला सकता है?
समान्य तौर पर 5 मि.लि. धात में मुशकिल से 30 से 40 कि.कैल. याने "शक्कर के आधे चम्मच" जितनी ऊर्जा होती है, बस उतनी ही कमजोरी हो सकती है, अन्यथा "लैंगिक तन्त्र" और "पचन तन्त्र" पूरी तरह भिन्न हैं!
क्या "शौच" में धात जा सकता है?
अगर आपके शरीर में कोई "बनावटी दोश" हो तो,
अत्यंत दूर्मिल स्थिती में "पेशाब में धात" हो सकता है, पर उससे किसी भी प्रकार की कोई हानी नहीं है!

एक कोशिश थी "पुरूष लैंगिकता" से सम्बंधित "अवधारणा" "Misinformation" दूर करने की, अन्य किसी सहायता के लिए संपर्क करें -
लेले न्यूरो-साईकायट्री क्लीनिक
डा0 अक्षय लेले
एम.डी. (साईकायट्री)
गोण्डा (उ.प्र.)
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"अवसाद" के प्रमुख लक्षण भले ही "उदास मन" "ढलता उत्साह" और "कभी ना खत्म होने वाली थकावट" हो पर कई बार इसके सिवा "शारीरिक ...
09/09/2022

"अवसाद" के प्रमुख लक्षण भले ही "उदास मन" "ढलता उत्साह" और "कभी ना खत्म होने वाली थकावट" हो पर कई बार इसके सिवा "शारीरिक दर्द" "सर दर्द" "चक्कर" "सनसनाहट" जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं, और "जानकारी के अभाव" में व्यक्ति बस भटकता रहता है...
लेले न्यूरो-साईकायट्री क्लीनिक
डा0 अक्षय लेले
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"लगभग 2 से 3 साल हो गए" पता नहीं क्यो हमेशा सुस्ती बनी रहती है" पेहले तो चीजों में "दिलचस्पी रहती थी, अब वो भी पसंद नहीं...
08/09/2022

"लगभग 2 से 3 साल हो गए" पता नहीं क्यो हमेशा सुस्ती बनी रहती है" पेहले तो चीजों में "दिलचस्पी रहती थी, अब वो भी पसंद नहीं आती" ऐसा नहीं है बोहत दुख है! पर ना जाने क्या बात है? बस "मन अच्छा ही नहीं रहता!" "जीवन की गाड़ी बस खिच रही है"....
बिना किसी शारीरिक रोग के ऐसे परिस्थिती को "Dysthymia" कहते हैं....
लोग इसको शुरुवात में अक्सर नज़रअंदाज करते हैं, जब तक "खिच रही गाड़ी बंद ना होने लगे"...
लेले न्यूरो-साईकायट्री क्लीनिक
डा0 अक्षय लेले
एम.डी. (साईकायट्री)
गोण्डा (उ.प्र.)
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क्या होती है "शक की बीमारी" और "कब बन जाती है ये नासूर"??Schizophrenia का सबसे समान्य स्वरूप "Paranoid" कहलाता है, जो अक...
07/09/2022

क्या होती है "शक की बीमारी" और "कब बन जाती है ये नासूर"??
Schizophrenia का सबसे समान्य स्वरूप "Paranoid" कहलाता है, जो अक्सर 20-40 उम्र की माहिलाओं में पाया जाता है!
इस प्रकार के "शक या वेहेम" जिसे "Delusion" कहते हैँ, इसमे ऐसा भ्रम होता है "लोग मरीज के बारे में अनुचित बातें करते हैँ" "मरीज को मारने का प्रयत्न कर रहे हैँ या साजिश कर रहें हैँ" "कभी अपने वैवाहिक साथी के दूसरे सम्बंध होने" का भ्रम पैदा होता है" "यहां तक की कभी ऐसा लगने लगता है जाने पेहचाने लोग बदल दिये गए हैँ, और उनकी जगह बेहरूपिए स्थापित हैँ जो साजिश का भाग है"!
यकीन मानिये इस "भ्रमात्मक स्थिती" के साथ रहना अत्यंत कष्टकारक है, मरीज को संवेदना से समझे!
लेले न्यूरो-साईकायट्री क्लीनिक
डा0 अक्षय लेले
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गोण्डा (उ.प्र.)
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