Dr.Anand Pratap Singh

Dr.Anand Pratap Singh Medical education, Moral boosting and Social engineering.

11/04/2025
29/03/2025

जो लोग आध्यात्मिक चिंतन से विमुख होकर केवल लोकोपकारी कार्य में लगे रहते हैं, वे अपनी ही सफलता पर मोहित हो जाते हैं। ऐसी अवस्था में वे आशा करते हैं कि सभी उनकी प्रसंशा करें और उनका कहा मानें। यही अभिमान उन्हें लोगों का शत्रु बना देता है, और वो लोकसेवक न रहकर लोकशत्रु बन जाते हैं।

03/03/2025

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के ख़तरे को समझिए।

जिनको जेकेन्स्की जोकर लगता है, उनके लिए ये खबर आज दैनिक जागरण के मुख पृष्ठ पर छपी है।पूरा यूरोप जेकेन्स्की और यूक्रेन के...
03/03/2025

जिनको जेकेन्स्की जोकर लगता है, उनके लिए ये खबर आज दैनिक जागरण के मुख पृष्ठ पर छपी है।
पूरा यूरोप जेकेन्स्की और यूक्रेन के साथ खड़ा हो गया है।
ट्रूप चिचा, जोकर जेलेन्सकी नहीं तुम हो।
दो कौड़ी के घटिया जोकर।

03/03/2025

अमेरिका कैन नेवर बी ग्रेट अगेन..

आप जोकर को राजा बना दें, तो राजमहल सर्कस में बदल जाता है।

ट्रम्प-2 के इनॉगरेशन के साथ, दुनिया का सबसे ताकतवर ऑफिस भी सर्कस में बदल चुका है।
नए नए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर, टैरिफ बढ़ाना- घटाना, और उलटबांसी की विदेश नीति ने अमेरिका को मीम मटेरियल में बदल दिया है।

टैरिफ तो इस तरह बढाये जैसे किसी देश पर जुर्माना ठोक रहे हों, उसकी औकात दिखा रहे हों।

सचाई यह, की आप किसी देश के सामान पर टैरिफ बढाते है, तो मूल्य वृद्धि आपके अपने देश मे होती है।

अगर लाख रुपये की कार पर आप 100% टैरिफ लगायें, तो जनता को वह 2 लाख में मिलेगी। यह एक तरह का लोकल टैक्स ही है। भरेगी अमेरिकी जनता।

लेकिन उससे बड़ी बात यह कि आप पूरी सप्लाई चेन, और उसके डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क से जुड़े बिजनेस पर चोट कर रहे है। याने टैरिफ अमेरिकी अर्थव्यवस्था को ही चोट है।

इमिग्रेंट्स को जिस तरह उन्होंने निकाला, एक आजाद और न्यायपूर्ण समाज के रूप में अमेरिकी छवि का आकर्षण नष्ट हुआ है।

आने वाले दौर में अमेरिका को विश्व का बेहतरीन टैलेंट, पहले विकल्प के रूप में नही देखेगा।फायदा यूरोप उठाएगा। अमेरिकन्स के लिए नौकरियां बढ़ेंगी, इसकी गारंटी नही। लेकिन बड़ी मात्रा में लेबर शॉर्टेज और उत्पादन मूल्य वृद्धि की गारंटी जरूर है।

विदेश नीति के मुद्दे पर अमेरिका सबसे बड़े संकट को खड़ा कर रहा है। विश्व के दरोगा की जगह खाली करने के बाद, वहां शून्य नही बना रहेगा। नए विकल्प आएंगे, सेंटर स्टेज लेंगे।

ट्रम्प की बारगेनिंग और ट्रांजेक्शनल एप्रोच, किसी गरिमाहीन गंवई बनिये जैसी है। मित्र, शत्रु किसी की परवाह नहीं।

आंकड़ो का झूठी तोप वे दनादन दागते हैं।व्हाइट हाउस, व्हाइट लाइज का गढ़ हो चुका।

हाल में फ्रांस और ब्रिटिश पीएम ने उन्हें टोक कर, सही तथ्य और आंकड़े बता दिए। जब उनके तर्क और बारगेन की हवा निकल गयी, तो वे जिद्दी बच्चे की तरह विहेव करने लगे।

अमेरिकन राष्ट्रपति पद पर बैठे शख्स का यह बर्ताव अजीब है।

सबसे मूर्खतापूर्ण था, जेलेन्सकी के साथ उनकी हाई लेवल टॉक्स का मीडिया के कैमरों के सामने करना !! इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ।

और इसमे अमेरिकी पक्ष, किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को घेरकर, एम्बुश लगाकर दबाव डालने की कोशिश करता दिखा। एकतरफा लेक्चर, धमकबाजी, झूठ और हेकड़ी। छवि ओवल ऑफिस की बिगड़ी। झेलिन्सकी तो फाइट करते दिखे।

और सबसे खराब चीज- अमेरिकन प्रेसिडेंट, जुआरी और रूसी एजेंट की तरह बात कर रहा था।

यू हैव नो कार्ड्स!!
यू आर गैम्बलिंग विद थर्ड वर्ल्ड वॉर!!
आई कैन टॉक टू पुतिन!!

जनाब, एक देश के भविष्य, और लाखों जिंदगियों का सवाल है, आप ताश की बाजी खेल रहे हो।

यदि यूक्रेन को अपने मिनरल्स कूड़े के भाव बेचने ही पड़ेंगे, तो वह पुतिन को बेच सीधे शांति खरीद लें।

किसी थर्ड पार्टी दलाल को क्यो बेचेगा??

ट्रम्प बात बात पर पूर्व प्रेसिडेंट्स को कोसते हैं। शायद किसी दोस्त से सीखा हो?

अपने देश की सॉवरिन गवरमेंट्स, गवरमेंट लेवल टॉक्स में, विदेशियों के सामने को कोसना एक परम क्षुद्र व्यवहार है।

दरअसल जीत जाने के बावजूद, जो बाइडन से मिली पिछली हार की हीन भावना मिटी नही है।

अमेरिका का चाहे जो हो, उसका आंतरिक मसला है। लेकिन नाटो, यूएन और यूरोपीय देशों के उनका रवैया, विश्व को भारी पड़ने वाला है।

एक देश मे रूप में उसकी विश्वसनीयता, उसकी सरकारों की गारण्टीज, की वकत शून्य हो जाएगी। उसके समर्थंक नये ठिये खोजेंगे।अंतरास्ट्रीय जिम्मेदारियाँ कोई न कोई ओढ़ लेगा।

पुराना ऑर्डर टूटेगा,
नए समीकरण बनेगे।
संघर्ष होगा।
बड़ा उथल पुथल का दौर होगा।

लेकिन सब कुछ कहीं तो सेटल होगा। उस विश्व व्यवस्था के केंद्र में अमेरिका नही होगा। क्योकि उसके त्यागपत्र से ही तो यह व्यवस्था बनने की नौबत आई।

घरेलू मोर्चे पर उनकी कांग्रेस, सुप्रीम कोर्ट, मीडिया, राज्यो के गर्वनर से झगड़े चलते रहेंगे। इन पदों पर चमचे बिठाने की उनकी कोशिशें होती रहेंगी।

और इनसिक्योर, तुनकमिजाज ट्रम्प उनकी वफादारी पर जरा शक होते ही हटाते भी रहेंगे। तमाम इंस्टीट्यूशन्स की जड़ खोदकर, ब्यूरोक्रेसी डिसराप्ट करके, समाज को बुरी तरह विभाजित कर,

ट्रम्प आखिरकार झोला उठाकर चल देंगे।

चार साल बाद जब ट्रम्प के चँगुल से अमेरिका आजाद होगा, तो उसका वकार इतना गिर चुका होगा, कि

अमेरिका कैन नेवर बी ग्रेट अगेन..

तनाव आपकी क्या हालत कर सकता है?ये तस्वीर इसका जवाब है।ये तस्वीर एक ही व्यक्ति की है, पहली तस्वीर 1941 और दूसरी 1945 की ह...
11/01/2025

तनाव आपकी क्या हालत कर सकता है?
ये तस्वीर इसका जवाब है।
ये तस्वीर एक ही व्यक्ति की है, पहली तस्वीर 1941 और दूसरी 1945 की है।
इस दौरान इस व्यक्ति ने,जो कि एक फौजी सिपाही था, दृतीय विश्वयुद्ध में हिस्सा लिया था।

26/12/2024

साँपों को दूध पिलाना सुना था,
आज चावल खिलाना भी देख लिया।
धिक्कार है सरकार

इसमे gst जोड़ा है कि नहीं?अगर gst नहीं जोड़ा है तो ये राजद्रोह माना जायेगा।
24/12/2024

इसमे gst जोड़ा है कि नहीं?
अगर gst नहीं जोड़ा है तो ये राजद्रोह माना जायेगा।

23/12/2024

होम लोन के काग़ज़ दान पेटी में गिर जायें तो लोन कौन भरेगा?!

काश की मंदिर भी भगवान की ही तरह दयालु होते।
22/12/2024

काश की मंदिर भी भगवान की ही तरह दयालु होते।

एक बने - नेक बने।
20/12/2024

एक बने - नेक बने।

16/12/2024

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