Dr Ketan Agarwal

Dr Ketan Agarwal Dr Ketan Agarwal has done Masters in ENT and is a gold medalist. He has been trained in all type of ear, nose, throat and head & neck surgeries.

After PG he underwent training in BDBA Hospital, Shatabdi Hospital & Tata Memorial hospital in Mumbai.

एडेनॉयड हाइपरट्रॉफी क्या है?एडेनॉयड (Adenoids) नाक के पीछे, गले के ऊपरी हिस्से में स्थित एक लसीका (lymphoid) ऊतक होते है...
14/09/2025

एडेनॉयड हाइपरट्रॉफी क्या है?
एडेनॉयड (Adenoids) नाक के पीछे, गले के ऊपरी हिस्से में स्थित एक लसीका (lymphoid) ऊतक होते हैं।

लक्षण (Symptoms):
1.लगातार नाक बंद रहना
2.मुंह से सांस लेना
3.खर्राटे (Snoring)
4.नींद में रुक-रुक कर सांस लेना (Sleep apnea)
5.नाक से आवाज़ आना (Nasal voice)
6.कान में बार-बार इन्फेक्शन या कम सुनाई देना (Eustachian tube blockage)

एंडोस्कोपिक एडेनॉइडेक्टॉमी (Endoscopic Adenoidectomy) इस प्रक्रिया का एक आधुनिक और सुरक्षित तरीका है जिसमें एंडोस्कोप (एक पतली ट्यूब जिसमें कैमरा और लाइट होती है) की मदद से एडेनॉयड को हटाया जाता है।

"डॉ. केतन अग्रवाल, श्रीयन हॉस्पिटल में माइक्रोडिब्राइडर और कोब्लेटर जैसी अत्याधुनिक तकनीकों की सहायता से एंडेनॉइडेक्टॉमी (Adenoidectomy) सर्जरी सफलतापूर्वक करते हैं, जिससे मरीजों को कम दर्द, कम रक्तस्राव और तेज़ रिकवरी का लाभ मिलता है।"

02/09/2025

CSOM क्या है?
CSOM (Chronic Suppurative Otitis Media) एक कान का संक्रमण है जिसमें कान के परदे (कर्ण-पटल) में छेद हो जाता है और कान से बार-बार मवाद निकलता है।
यह संक्रमण आमतौर पर 3 महीने या उससे अधिक समय तक बना रहता है।
📌 लक्षण (Symptoms):
👂🏻 कान से लगातार या बार-बार मवाद आना
🔇 सुनने में कमी (hearing loss)
🤕 कभी-कभी हल्का दर्द या कान में भारीपन
😷 सिर दर्द या चक्कर (कुछ मामलों में)
👃🏻 नाक बंद रहना या सर्दी-जुकाम का इतिहास
🎯 CSOM के प्रकार (Types of CSOM):
ट्यूबोटाइम्पैनिक प्रकार – कम खतरनाक, आमतौर पर सामने की ओर छेद होता है
एट्टिकोएन्ट्रल प्रकार – ज़्यादा खतरनाक, हड्डी तक नुकसान पहुंचा सकता है (cholesteatoma बन सकता है)
⚠️ CSOM के कारण (Causes):
बार-बार होने वाला अक्यूट कान का संक्रमण
नाक या गले के संक्रमण का बार-बार होना
नाक से कान में पानी या बैक्टीरिया पहुंचना
कान में गंदगी या बार-बार साफ करने की आदत
इम्युनिटी कम होना या पोषण की कमी
⚕️ इलाज (Treatment):
🔬 सर्जरी
टायम्पैनोप्लास्टी (Tympanoplasty) – छेद को बंद करने की सर्जरी
मास्टॉइडेक्टोमी – अगर संक्रमण हड्डी तक फैल गया हो
इसका इलाज डॉ केतन अग्रवाल करते है , पता- श्रीयन हॉस्पिटल , छात्र संघ चौराहा , गोरखपुर , 063889 60632

🔵 घेंघा (Ghenga) क्या है?घेंघा गले के सामने की ओर थायरॉयड ग्रंथि की सूजन होता है।📌 घेंघा के कारण:आयोडीन की कमी (सबसे आम ...
21/08/2025

🔵 घेंघा (Ghenga) क्या है?
घेंघा गले के सामने की ओर थायरॉयड ग्रंथि की सूजन होता है।

📌 घेंघा के कारण:

आयोडीन की कमी (सबसे आम कारण)
थायरॉयड हार्मोन की गड़बड़ी
थायरॉयड नोड्यूल या ट्यूमर

🔴 घेंघा के लक्षण:

गले में सूजन
निगलने में कठिनाई
साँस लेने में परेशानी
आवाज में भारीपन
थकान, चिड़चिड़ापन, वजन में बदलाव

🔪 इलाज:

आयोडीन युक्त नमक का सेवन (बचाव के लिए)
दवाओं से हार्मोन नियंत्रण
सर्जरी (थायरॉयडेक्टोमी)

🔪 थायरॉयडेक्टोमी (Thyroidectomy) क्या है?
थायरॉयडेक्टोमी एक सर्जरी होती है जिसमें थायरॉयड ग्रंथि का आंशिक या पूरा हिस्सा निकाल दिया जाता है। यह तब किया जाता है जब:

✔ थायरॉयड में कैंसर हो
✔ ग्रंथि बहुत बड़ी हो और सांस लेने में दिक्कत हो
✔ लगातार हार्मोनल गड़बड़ी हो
✔ ग्रंथि में सख्त गांठें या ट्यूमर हों

✅ इलाज और देखभाल:
📌 थायरॉयडेक्टोमी के बाद डॉक्टर थायरॉइड हार्मोन की गोली देते हैं
📌 नियमित जाँच (TSH, T3, T4 टेस्ट) ज़रूरी होती है
📌 जीवनभर दवा की आवश्यकता हो सकती है
📌 आयोडीन युक्त नमक का सेवन करें (रोकथाम के लिए)

इसका इलाज डॉ केतन अग्रवाल करते है , पता- श्रीयन हॉस्पिटल , छात्र संघ चौराहा , गोरखपुर , 063889 60632

20/08/2025

🐟 गले में मछली का कांटा फँस जाना (Fishbone in Throat)
⚠️ यह क्या स्थिति है?

गले में मछली का कांटा फँस जाना एक आम लेकिन असुविधाजनक और कभी-कभी खतरनाक स्थिति हो सकती है। मछली खाते समय कभी-कभी पतला या नुकीला कांटा गले में चिपक जाता है, जिससे दर्द, खरोंच या सूजन हो सकती है।

🔍 लक्षण (Symptoms):

निगलते समय दर्द
गले में कुछ चुभता हुआ महसूस होना
बार-बार खाँसी आना
बोलने या साँस लेने में कठिनाई (अगर कांटा बड़ा है)
खून की हल्की छींट (कभी-कभी)
गले में जलन या सूजन

Dr Ketan Agarwal ENT (नाक-कान-गला) विशेषज्ञ से तुरंत संपर्क करें। वे एंडोस्कोपी या विशेष उपकरण से कांटे को सुरक्षित निकाल सकते हैं।

🟡 क्या होता है इम्पैक्टेड वैक्स?कान में एक प्राकृतिक चिपचिपा पदार्थ बनता है जिसे ईयर वैक्स (earwax) या कान की मैल कहा जा...
19/08/2025

🟡 क्या होता है इम्पैक्टेड वैक्स?

कान में एक प्राकृतिक चिपचिपा पदार्थ बनता है जिसे ईयर वैक्स (earwax) या कान की मैल कहा जाता है। यह धूल, गंदगी, और कीटाणुओं को रोकने का काम करता है।
लेकिन जब ये वैक्स जरूरत से ज्यादा जमा हो जाता है और कान के भीतर सख्त हो जाता है, तो इसे इम्पैक्टेड ईयर वैक्स (Impacted Ear Wax) कहा जाता है।

🔍 मुख्य लक्षण (Symptoms):

कान में भारीपन या ब्लॉकेज महसूस होना
सुनने में परेशानी (कानों का बंद होना)
कान में दर्द या खुजली
टिनिटस (कानों में सीटी जैसी आवाज़ें आना)

🧾 कारण (Causes):

बार-बार ईयरबड्स (cotton swabs) का इस्तेमाल करना

अधिक मात्रा में वैक्स बनना (कुछ लोगों में स्वाभाविक रूप से अधिक बनता है)

कान की बनावट में तंग या घुमावदार होना

🧼 इलाज (Treatment):

1.ईयर ड्रॉप्स
2.ईयर सिंरिंजिंग / इरिगेशन
3.मैनुअल रिमूवल (क्लिनिक में) – डॉक्टर विशेष उपकरणों से कान की मैल को निकालते हैं।

🚫 क्या न करें:

खुद से कांटे, पिन, माचिस की तीली या कॉटन बड से कान न साफ करें — इससे वैक्स और अंदर जा सकता है या कान को चोट लग सकती है।

अगर बुखार, तेज दर्द या बहाव हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

👨‍⚕️ कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?

अगर सुनाई देना कम हो गया है
बार-बार वैक्स जमा हो रहा है
कोई संक्रमण या तेज़ दर्द हो

इसका इलाज डॉ केतन अग्रवाल करते है , पता- श्रीयन हॉस्पिटल , छात्र संघ चौराहा , गोरखपुर , 063889 60632

🔍 नेजल पॉलीप क्या होते हैं?नेजल पॉलीप नाक के अंदर की लाइनिंग (म्यूकोसा) से बनने वाले नरम, बिना दर्द वाले, गैर-कैंसरयुक्त...
17/08/2025

🔍 नेजल पॉलीप क्या होते हैं?
नेजल पॉलीप नाक के अंदर की लाइनिंग (म्यूकोसा) से बनने वाले नरम, बिना दर्द वाले, गैर-कैंसरयुक्त (non-cancerous) मांस के छोटे-छोटे उभार होते हैं।
जब ये पॉलीप एलर्जी के कारण बनते हैं, तो इसे एलर्जिक नेजल पॉलीप कहते हैं।

📌 लक्षण (Symptoms):
नाक से सांस लेने में परेशानी
नाक बंद रहना (खासकर दोनों नथनों से)
लगातार बहती नाक या पोस्ट-नेजल ड्रिप (नाक से गले में गिरना)
सूंघने की शक्ति कम होना या खत्म हो जाना (Smell loss)
नाक में दबाव या भारीपन महसूस होना
नाक में बार-बार एलर्जी जैसी खुजली या छींकें
सिरदर्द या चेहरे में दबाव

🎯 कारण (Causes):
लंबे समय से चल रही एलर्जी (जैसे धूल, धुआं, पराग)
नाक की बार-बार सूजन (Chronic Rhinitis)
साइनस इन्फेक्शन (Chronic Sinusitis)
अस्थमा
एस्पिरिन से एलर्जी (Aspirin sensitivity)

⚕️ इलाज (Treatment):
🧴 दवाईयाँ (Medicines):
नेज़ल स्टेरॉयड स्प्रे
एंटीहिस्टामिन – एलर्जी के लिए
नमक वाले पानी से नाक धोना (Saline nasal rinse)
एंटीबायोटिक (अगर इन्फेक्शन हो)

🩺 सर्जरी:
अगर दवाइयों से आराम नहीं मिले, तो Endoscopic Sinus Surgery से पॉलीप को हटाया जा सकता है।

🚫 एलर्जी से बचाव:
धूल, धुआं, पराग, पालतू जानवर के बाल आदि से बचाव
मास्क पहनना
घर साफ और हवादार रखना

🧠 महत्वपूर्ण जानकारी:
समय पर इलाज न हो तो साइनस की तकलीफ, बार-बार इंफेक्शन या सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।

इसका इलाज डॉ केतन अग्रवाल करते है , पता- श्रीयन हॉस्पिटल , छात्र संघ चौराहा , गोरखपुर , 6388960632

🔍 CSOM क्या है?CSOM (Chronic Suppurative Otitis Media) एक कान का संक्रमण है जिसमें कान के परदे (कर्ण-पटल) में छेद हो जात...
15/08/2025

🔍 CSOM क्या है?
CSOM (Chronic Suppurative Otitis Media) एक कान का संक्रमण है जिसमें कान के परदे (कर्ण-पटल) में छेद हो जाता है और कान से बार-बार मवाद निकलता है।
यह संक्रमण आमतौर पर 3 महीने या उससे अधिक समय तक बना रहता है।

📌 लक्षण (Symptoms):
👂🏻 कान से लगातार या बार-बार मवाद आना
🔇 सुनने में कमी (hearing loss)
🤕 कभी-कभी हल्का दर्द या कान में भारीपन
😷 सिर दर्द या चक्कर (कुछ मामलों में)
👃🏻 नाक बंद रहना या सर्दी-जुकाम का इतिहास

🎯 CSOM के प्रकार (Types of CSOM):
ट्यूबोटाइम्पैनिक प्रकार – कम खतरनाक, आमतौर पर सामने की ओर छेद होता है

एट्टिकोएन्ट्रल प्रकार – ज़्यादा खतरनाक, हड्डी तक नुकसान पहुंचा सकता है (cholesteatoma बन सकता है)

⚠️ CSOM के कारण (Causes):
बार-बार होने वाला अक्यूट कान का संक्रमण
नाक या गले के संक्रमण का बार-बार होना
नाक से कान में पानी या बैक्टीरिया पहुंचना
कान में गंदगी या बार-बार साफ करने की आदत
इम्युनिटी कम होना या पोषण की कमी

⚕️ इलाज (Treatment):
🔬 सर्जरी
टायम्पैनोप्लास्टी (Tympanoplasty) – छेद को बंद करने की सर्जरी

मास्टॉइडेक्टोमी – अगर संक्रमण हड्डी तक फैल गया हो

इसका इलाज डॉ केतन अग्रवाल करते है , पता- श्रीयन हॉस्पिटल , छात्र संघ चौराहा , गोरखपुर , 6388960632

नाक में विदेशी वस्तु (Foreign Body in Nose) – मरीजों के लिए जानकारी🔍 यह क्या है?जब कोई असामान्य वस्तु, जैसे – बटन, मोती,...
14/08/2025

नाक में विदेशी वस्तु (Foreign Body in Nose) – मरीजों के लिए जानकारी
🔍 यह क्या है?
जब कोई असामान्य वस्तु, जैसे – बटन, मोती, कागज, बीज, छोटा खिलौना, रबर का टुकड़ा, या कोई भी छोटी चीज़ नाक के अंदर फंस जाती है, तो उसे Foreign Body in Nose (नाक में विदेशी वस्तु) कहते हैं।

यह समस्या अक्सर छोटे बच्चों में होती है, लेकिन कभी-कभी बड़े लोग भी गलती से ऐसा कर सकते हैं।

निकालना (Removal):

डॉक्टर वस्तु को सुरक्षित तरीके से सर्जिकल उपकरण से निकालते हैं।

छोटे बच्चों को कभी-कभी हल्का बेहोश किया जा सकता है ताकि दर्द और डर न लगे।

इसका इलाज डॉ केतन अग्रवाल करते है , पता- श्रीयन हॉस्पिटल , छात्र संघ चौराहा , गोरखपुर , 6388960632

बच्चों में एडिनोइड्स के लक्षण :Dr Ketan Agarwal M.S..ENT(Gold Medialist) Ear, Nose & Throat SurgeonShriyan HospitalChatr...
26/07/2025

बच्चों में एडिनोइड्स के लक्षण :

Dr Ketan Agarwal M.S..ENT
(Gold Medialist) Ear, Nose & Throat Surgeon
Shriyan Hospital
Chatrasangh Chauraha, next to Raj Eye Hospital, Gorakhpur, Uttar Pradesh
Contact: +91-6388960632
www.shriyanhospital.com

India Republic Day 26th January
26/01/2025

India Republic Day 26th January

मकर संक्रान्ति की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
14/01/2025

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HAPPY LOHRI Wishing you all a very happy and prosperous lohri
13/01/2025

HAPPY LOHRI Wishing you all a very happy and prosperous lohri

Address

Shriyan Hospital 34, Kasiya Road, Chatra Sangh Chauraha
Gorakhpur
273001

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