
25/08/2024
फोटो बहुत वायरल है, और बहुत लोग पूछ रहे हैं करें तो क्या करें?
एक ही व्यक्ति की अलग अलग उंगलियों में अलग अलग Heart Rate एवं अलग अलग !
ऑक्सीजन का स्तर है । तो इनमें से कौन सा ऑक्सीमीटर सही है ? क्या सभी ऑक्सीमीटर ख़राब हैं ? कौन सी रीडिंग सही मानी जाए ? यूं तो कोई सीरियस हो सकता है , मुगालते में रह सकता है कि, मेरा Spo2 सही है । वहीं कोई व्यर्थ घबरा सकता है कि मेरा Spo2 कम हो गया ।
इस फोटो के हिसाब से तो यह मशीन विश्वसनीय नहीं है । तो करते हैं शुरू इन्वेस्टीगेशन ।
ये खुरापात क्यों किसी को सूझी होगी पता नहीं, कोई पल्स ऑक्सीमीटर का सेल्स मेन होगा जो बैठे बैठे चेक कर रहा हो । और दोस्त ने क्लिक किया...पता नहीं ।
यह लेख फ़ोटो से उत्पन्न भ्रमों को ध्वस्त करने के लिए है । उम्मीद है मदद मिलेगी ।
निम्न बातें समझ लें
1. यह पोर्टेबल पल्स ऑक्सीमीटर हैं जो बहुत सस्ते 500 rs से लेकर 3 से 5 हज़ार तक भी आ सकते हैं ।
घरों में उपयोग के लिए सस्ता लिया जा सकता है ।
कुछ ऑक्सीमीटर ग़लत रीडिंग देने वाले हो सकते हैं, किसी भी अन्य मशीन की तरह । अच्छा होगा दो सामान्य व्यक्तियों की इंडेक्स फिंगर (तर्जनी ) में लगा कर देख लिया जाए । सामान्य वयस्क में पल्स ऑक्सीमीटर 97 से 100 के बीच रीडिंग देता है ।
यह रीडिंग बदलती रहती है । कुछ सेकण्ड्स के लिए नीचे जाए और फिर बढ़ जाये तो चिंता न करें ।
ऐसा उंगली के हिल जाने से भी हो सकता है ।
2. सबसे अच्छी उंगली व्यस्कों में इंडेक्स फिंगर होगी इसे लगा कर देखने के लिए । किसी भी हाथ की इंडेक्स फिंगर में लगा कर देखिए ।
3. उंगली गीली हो ( पसीना , पानी ) , ठंडी हो ( आप अभी हाथ धो कर आये हैं ) तब रीडिंग गलत आ सकती है ।
साथ ही उंगली का प्लेसमेंट ढीला हो , तब भी ग़लत रीडिंग हो सकती है । ऐसा पतली उंगलियां, बच्चों की उंगलियां इत्यादि के साथ देखने मिल सकता है ।
हाथ स्थिर न हो तब भी गलत रीडिंग आ सकती है । हाथ को किसी भी सतह जैसे पलंग या टेबल पर स्थिर रख लें
रीडिंग कम आने पर ( 94 से नीचे ) कुछ देर लगे रहने दें । यदि रीडिंग स्वतः न बढ़े तो दूसरे हाथ की index finger में लगा कर देखें । फ़िर भी कम दिखे तो इसे कम मानें । लेकिन पहले उंगली को कपड़े से अच्छे से पोंछ लें ।
मेरे एक परिचित बहुत घबरा गए थे और मुझे भी उन्हें अर्जेंट भर्ती करवाना पड़ा , क्योंकि उन्होंने मुझे Spo2 92 बताया ।
जबकि वे सही ढंग से पोर्टेबल मशीन को लगा नहीं रहे थे ।
कई बार आरंभिक कुछ सेकंड पल्स ऑक्सीमीटर गलत रीडिंग दे सकता है । अतः कुछ देर धैर्य रखें । कुछ देर में रीडिंग सेटल होती हैं ।
जैसे इस स्थिर चित्र में किस समय कौन सा ऑक्सीमीटर लगा नहीं पता है हमें, हाथ हिल रहा है या स्थिर है ? , उंगली हिलायी गई नहीं पता, क्या कोई उंगली गीली है अथवा ढीला प्लेसमेंट है नहीं पता । अतः सभी मशीन सही होते हुए भी अलग अलग रीडिंग मिल सकती है उपरोक्त कारणों की वजह से ।
आप चित्र में देखें तो सिर्फ़ 98 प्रतिशत दिखाने वाली उंगली ही ठीक से भीतर है पल्स ऑक्सेमीटर के , बाकी उंगलियां हल्की बाहर दिख रही हैं। मतलब प्लेसमेंट सही नहीं है ।
अंत मे बेहद अहम बात और सबसे आसान भी ।
जो रीडिंग अधिकतम हो और कुछ देर को ठहरे ...
जैसे इस फ़ोटो में 98 को मैं इस व्यक्ति का सही Spo2 मानूंगा ।
और यदि यह Spo2 97 99 के इर्द गिर्द बना रहता है अधिकांशतः तो यह इस व्यक्ति का सही Spo2 है ।
भले ही कुछ देर को किसी और उंगली में 70 ही क्यों न आया हो ।
कम Spo2 मशीन या हाथ की बहुत सी गलतियों से आ सकता है , लेकिन अधिक Spo2 तभी आएगा जब सब कुछ परफेक्ट हो ।
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अब ज़रा टेक्निकल पक्ष :
बीच मे देखिए HR और SP02 के, Pi नाम की चीज़ लाल रंग में लिखी है ।
Pi का अर्थ है Pulsatile Index ।
यह यदि अधिक है मतलब अच्छी पल्स मिल रही हैं ऑक्सीमीटर को और वह सही रीडींग देगा ।
जबकि अत्यधिक कम है तो वह गलत हो सकता है ।
सामान्य रेंज 1 से 30 हो सकती है ।
हालांकि आम लोगों को इसे देखने या इस विषय में सोचने की आवश्यकता नहीं है ।
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