Om Sainath Child Care Center

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20/10/2022

जब कोई बुद्धिजीवी और समृद्ध व्यक्तित्व अपनी समीक्षा करना बंद कर दे तो व्यक्तित्व का अभाव social media पर अपूर्ण लगता है।उनका हिन्दुत्व के प्रति वाद विवाद करना बहुत से अनछुए पहलू को पतल पर लाकर संग्रहित करना गर्व का आभास होता है।
मेरा संदेश है कि आप अपने अध्ययन से लोगो को अवगत कराइये।कमेंट तो प्रभु श्रीराम को भी मिला है ।😊

19/10/2022

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मैं ही गरीब क्‍यों?

क्यों पढ़े - आजकल के दौर में अधिकतर लोग अपने जीवन से असंतुष्ट हैं। उन्हें लगता है कि मैं ही गरीब क्यों। मैं ही दूसरों से कमजोर क्यों हूँ? उन्हें अपने आप में दूसरों के मुकाबले कमी लगती है वे इसका दोष भगवान को देते हैं उन्हें अपनी स्थिति का कारण ठहराते हैं।

इस कहानी में आपको इस प्रश्न का संपूर्ण उत्तर मिल जाएगा और आप अपने जीवन से संतुष्ट भी महसूस करेंगे।

भगवान गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानी

बहुत समय पहले की बात है एक गाँव में धर्म उपदेश देने के लिए लगे हुए शिविर में भगवान गौतम बुद्ध पहुँचे। गाँव के लोग अपनी-अपनी समस्याएं लेकर उनके पास जाते और उनसे समाधान प्राप्त कर नई ऊर्जा के साथ वापस लौटते।

गाँव के बाहर एक गरीब राह में बैठा, बुद्ध के पास आते-जाते लोगों को निहारता रहता, उसने क्या देखा? “दुखी चेहरा लिए भारी क़दमों से लोग भगवान गौतम बुद्ध के शिविर में जाते और नई ऊर्जा के साथ चेहरे पर खुशी व आंनद लिए वापस लौटते।”

गरीब ने सोचा क्‍यों न मैं भी भगवान के पास अपनी समस्या लेकर जांऊ? यह सोचकर हिम्मत करके वह भी शिविर की ओर चल देता है, शिविर में एक-एक कर क्रमबद्ध तरीके से व्यक्ति को प्रवेश मिलता है, इसलिए वह भी अपनी बारी की प्रतीक्षा करने लगा। जो कुछ उसने रास्ते में देखा, अब यहाँ उसे साक्षात्‌ देखने को मिल रहा है। लोग एक-एक कर अपनी समस्याएँ बता रहे थे, भगवान गौतम बुद्ध चुपचाप शांति से सब की समस्या सुनते और जवाब देते।

उसकी भी बारी आई उसने भगवान गौतम बुद्ध को प्रणाम किया और बोला- “भगवन्‌ मैं ही गरीब क्यों?” भगवान गौतम बुद्ध मुस्कुराए और बोले- “तुमने कभी किसी को दिया ही नहीं इसलिए गरीब हो।” इस पर वह आश्चर्य से वह भगवान गौतम बुद्ध का मुँह ताकने लगा और बोला “भगवन्‌ मेरे पास कुछ देने के लिए है ही नहीं, बड़ी मुश्किल से गुजारा हो पाता है और कभी-कभी तो भूखे ही सोना पड़ता है इतना गरीब हुँ।”

भगवान गौतम बुद्ध शांत भाव से बोले- “तुम्हारे पास एक चेहरा है किसी को भी मुस्कराहट दे सकते हो, तुम्हारे पास मुँह है किसी को भी प्रशंसा भरे कुछ शब्द दे सकते हो, जो हाथ तुम्हारे पास है किसी की भी मदद कर सकते हो।” दरअसल जिस के पास में ये तीन चीजें हैं, वह भला कैसे गरीब हो सकता है? गरीबी का भाव मन में होता है मन से यह भ्रम निकाल दो। लोगों को देते जाओ गरीबी अपने आप ही दूर हो जाएगी। यह बातें सुनकर उस गरीब का चेहरा दमक उठा। उसे अपने प्रश्न का उत्तर मिल चुका है। अब उसके मन से गरीबी का
भाव दूर हो गया।

इस शिक्षा को जीवन में उतार कर कुछ ही दिनों में उसका जीवन भी खुशियों से भर गया।

जीवन की सीख

मंदिर में भी लोग जाते है तो कुछ न कुछ मांगते रहते है और जीवन भर घुट-घुटकर, रो-रोकर समय बिता देते हैं, वे ईश्वर की कृपाओ को कभी कम समझे ही नहीं। जीवन की महत्वता को कभी जाना ही नहीं। इस पर कबीर दास जी ने बहुत बेहतरीन दोहे कहे है आइए पढ़ते है और समझते है।

“सब के पल्‍ले लाल है सभी साहुकार,
गांठ खोल परखा नहीं, या विधि रहा कंगाल”

यानि सभी के पास ज्ञान है, जो कि ईश्वर की अनमोल देन है।
जिसे हम कभी जानने-समझने की कोशिश ही नहीं की इसलिए हम सुख का आंनद नहीं ले पाते।

मित्रों “मनुष्य जीवन” एक अनमोल अवसर है और विधाता की असीम कृपा का तोहफा है, हमारा सर्वप्रथम यह कर्तव्य होता है कि हम उस परम-परमेश्वर की इनायतों को समझें, ईश्वर की कृपा को जानने की कोशिश करें और इसका सबसे आसान तरीका है खुद को समझना, हमारा अस्तित्व क्या है, हमारा लक्ष्य क्या है, हमारे क्या कर्म (अच्छे कार्य) है आदि आदि।

उपरोक्त सभी बातों को पढ़कर आज हम यह पूर्णयता समझ चुके हैं कि हमारे पास ईश्वर की दी हुई वो अनमोल तोहफे है जिनसे आज मानव नई-नई उपलब्धियों को पा रहा है, असीम ऊंचाइयों को छू रहा है। बस जरूरत है तो सही मार्गदर्शन की, जो कि आज से मैं इन बातों को अपने जीवन में उतारने की कोशिश कर दी है।

आपको बस यह करना है

1. हर रोज अपनी एक कमीं को दूर करो चाहे वह आपका गुस्सा हो या फिर नका‌रात्मक सोच
2. जब भी कुछ सोचो तो अच्छा सोचो
3. अगर कुछ करना का सोचा है तो तब तक उसके पीछे लगे रहो जब तक कि वह काम हो नहीं जाता
4.पढनेके बाद लाइक करें और अपने कमेन्ट दिजिए।
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Hospital

19/10/2022

हनुमान जी को माँ सीता ने कहा कहो लाडले आँखों में नीर क्यो राम भक्त हनुमान की कहानी का अध्ययन करे ...
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एक दिन हनुमानजी जब सीता जी की शरण में आए, नैनों में जल भरा हुआ है बैठ गए शीश झुकाए,
सीता जी ने पूछा उनसे कहो लाडले बात क्या है, किस कारण ये छाई उदासी, नैनों में क्यों नीर भरा है.........
हनुमान जी बोले मैया आपनें कुछ वरदान दिए हैं, अजर अमर की पदवी दी है, और बहुत सम्मान दिए हैं, अब मैं उन्हें लौटानें आया, मुझे अमर पद नहीं चाहिए, दूर रहूं मैं श्री चरणों से, ऐसा जीवन नहीं चाहिए...........
सीता जी मुस्काकर बोली बेटा ये क्या बोल रहे हो, अमृत को तो देव भी तरसे, तुम काहे को डोल रहे हो..........
इतने में श्रीराम प्रभु आ गए और बोले, क्या चर्चा चल रही है मां बेटे में.............
तब सीताजी बोली सुनो नाथ जी, ना जाने क्या हुआ हनुमानको, पदवी अजर-अमर लौटानें आया है ये मुझको.........
राम जी बोले क्यों बजरंगी ये क्या लीला नई रचाई, कौन भला छोड़ेगा , अमृत की ये अमर कमाई.........
हनुमानजी रोकर बोले, आप साकेत पधार रहे हो, मुझे छोड़कर इस धरती से, आप वैकुंठ सिधार रहे हो, आप बिना क्या मेरा जीवन अमृत का विष पीना होगा, तड़प-तड़प कर विरह अग्नि में जीना भी क्या जीना होगा...........
हनुमान जी बोले प्रभु अब आप ही बताओ, आप के बिना मैं यहां कैसे रहूंगा.............
तब इस पर प्रभु श्रीराम बोले.............
हनुमान सीता का यह वरदान सिर्फ आपके लिए ही नहीं है, बल्कि यह तो संसार भर के कल्याण के लिए है,, तुम यहां रहोगे, और संसार का कल्याण करोगे..........
मांगो हनुमान वरदान मांगो:- इस पर श्री हनुमान बोले........
जहां जहां पर आपकी कथा हो, आपका नाम हो,, वहां-वहां पर मैं उपस्थित होकर हमेशा आनंद लिया करूं,,
सीताजी बोलीं देदो प्रभु देदो,,
तब भगवान राम नें हंसकर कहा,तुम नहीं जानती सीता ये क्या मांग रहा है,, ये अन्गिनत् शरीर मांग रहा है,, जितनी जगह मेरा पाठ होगा उतनें शरीर मांग रहा है,,
तब सीताजी बोलीं, तो देदो फिर क्या हुआ, आपका लाडला है........
तब इस पर प्रभु श्रीराम बोले........... तुम्हरी इच्छा पूर्ण होगी,, वहां विराजोगे बजरंगी, जहां हमारी चर्चा होगी,, कथा जहां पर राम की होगी, वहां ये राम दुलारा होगा,, जहां हमारा चिंतन होगा, वहां पे जिक्र तुम्हारा होगा..........
कलयुग में मुझसे भी ज्यादा पूजा हो हनुमान तुम्हारी, जो कोई तुम्हरी शरण में आए, भक्ति उसको मिले हमारी,, मेरे हर मंदिर की शोभा बनकर आप विराजोगे,, मेरे नाम का सुमिरन करके सुधबुध खोकर नाचोगे.............
नाच उठे ये सुन बजरंगी, चरणन शीश नवाया,, दुख-हर्ता सुख-कर्ता प्रभु का, प्यारा नाम ये गाया............ ⚡
जय सियाराम जयजय सियाराम,,
जय सियाराम जयजय सियाराम जय जय सियाराम जय जय सियाराम
।। जय श्रीराम ।।

!! जय श्री राम !!
इतना सच्चा हो हमारा विश्वास,
हमारे हृदय में ” श्री राम” सदा करे वास.
!! जय श्रीराम !!
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