12/12/2021
हमारी एक मुहिम - #सर्वप्रथम_आयुर्वेद
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दुनिया के किसी भी देश का स्वास्थ्य क्षेत्र तीन अप्रोच पर काम करता है-प्रिवेंटिव, क्यूरेटिव और प्रोमोटिव।
आयुर्वेद का भी उद्देश्य स्वस्थ प्राणी के स्वास्थ्य की रक्षा तथा रोगी की रोग को दूर करना है -
प्रयोजनं चास्य स्वस्थस्य स्वास्थ्यरक्षणं आतुरस्यविकारप्रशमनं च ॥
(चरकसंहिता, सूत्रस्थान ३०/२६)
आयुर्वेद के दो उद्देश्य हैं :
👉 स्वस्थ व्यक्तियों के स्वास्थ्य की रक्षा करना,
👉 रोगी (आतुर) व्यक्तियों के विकारों को दूर कर उन्हें स्वस्थ बनाना।
जब पाश्चात्य देश इस नीति को अपना सकते हैं जो की हमारे पास आदि अनादि काल से चली आ रही है तो क्या ना हम विश्व गुरु की अपनी छवि को दोबारा स्थापित करें, वो भी आयुर्वेद के साथ !
आयुर्योगी हैल्थ केयर आपसे अपनी इस मुहिम #सर्वप्रथम_आयुर्वेद से जुड़ने का अनुरोध करता है !
👉आयुर्वेद अपनायें और स्वस्थ एवं निरोगी जीवन पाएँ ।
👉पैकेज्ड खाने और पेय पदार्थों (बेवरेज) का उपयोग अभी बंद करें !
क्यों न हम खुद अपनी आगे आने वाली पीढ़ी के लिए एक अच्छा एवं स्वस्थ भविष्य तैयार करें !
👉मुश्किल जरूर होगा पर नामुमकिन नहीं !
भारत के लिए इस अध्ययन और अमेरिका की स्वास्थ्य नीति में बदलाव के बड़े मायने हैं। हमारे देश में 40 फीसदी बीमारियां दूषित जल पीने, साफ-सफाई के अभाव और कुपोषण से फैलती हैं, जिनमें मलेरिया, डायरिया हैजा, माहवारी संबंधी इनफेक्शन, नवजात शिशु और गर्भवती महिलाओं से संबंधित बीमारियां शामिल हैं।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का एक ताजा अध्ययन बताता है कि यदि हम पैकेज्ड खाने में 20 फीसदी और पेय पदार्थों (बेवरेज) में 40 प्रतिशत शुगर कंटेंट कम कर दें, तो दिल से संबंधित 2.48 लाख बीमारियों के मरीज को कम कर सकते हैं !
इससे मधुमेह के 7.5 लाख मरीजों की संख्या कम की जा सकती है !
एक बार इन सब फैक्ट्स पर गौर जरूर करें !
आप क्या सोचते हैं, अपने विचार नीचे कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं !
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आयुरयोगी हेल्थ केयर एक आयुर्वेदिक चि?