
30/10/2023
स्वस्थ जीवन सुखी जीवन...............................
जब भी आप बीमार पड़ते हैं तो कुछ दवाइयां खाकर जल्दी से राहत पा लेते हैं लेकिन कुछ दिनों बाद आप फिर उसी बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं।
असल में कई ऐसे रोग होते हैं जिन्हें अगर जड़ से खत्म ना किया जाए तो वे बार-बार आपको परेशान करते हैं। आज की हमारी आधुनिक चिकित्सा प्रणाली रोग को जड़ से खत्म करने की बजाय उसके लक्षणों से तुरंत आराम दिलाने में ज्यादा कारगर है।
यही वजह है कि अब लोगों का रुझान #आयुर्वेद की तरफ ज्यादा बढ़ रहा है। #आयुर्वेद की मदद से आप रोग से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।
प्राचीन काल से ही मनुष्य रोगों को दूर करने की कोशिशें करता रहा है। उस समय ऋषि मुनियों ने जड़ी बूटी और सही जीवनशैली के आधार पर चिकित्सा प्रणाली विकसित की जिसे #आयुर्वेद का नाम दिया गया। #आयुर्वेद शब्द का मतलब है : #आयुष + #वेद, अर्थात इस शब्द का अर्थ हुआ : जीवन का विज्ञान।
साधारण शब्दों में कहें तो जीवन को ठीक तरह से जीने का विज्ञान ही #आयुर्वेद है।
#आयुर्वेद की मूल रचना संस्कृत में होने के कारण लोगों को आयुर्वेद के मूल नियमों को समझने में काफी मुश्किलें आती हैं। आयुर्वेदिक पद्धति से जुड़े दोष, गुण, रस और प्रकृति जैसे शब्दों को लोग जानते तो हैं लेकिन असल में इन शब्दों के सही मायने समझ नहीं पाते हैं। इसलिए हमारा यह प्रयास है कि हम आपको अपने लेखों के जरिये आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों को ठीक से समझा सकें और इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा सकें।
#आयुर्वेदिक #पद्धति में इलाज के दौरान #चिकित्सक सिर्फ़ #रोग के #लक्षणों को ही नहीं देखता बल्कि आपके #मन, #प्रकृति, #दोषों (वात-पित्त-कफ) और #धातुओं की स्थिति को भी ध्यान में रखता है।
यही वजह है कि एक ही रोग से पीड़ित होने के बावजूद भी अलग-अलग मरीजों की प्रकृति और दोष के अनुसार उनकी दवाइयां अलग अलग हो सकती हैं।
धन्यवाद🙏🙏
विशेष जानकारी के लिए संपर्क कर सकते हैं।
Chiranjeev Mishra, Ayurveda Consultent.
Mb. No. 8860765601.