12/09/2025
गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय का माइक्रोबायोलॉजी विभाग बना प्रदेश का पहला एनएबीएल मान्यता प्राप्त विभाग
- अधिष्ठाता प्रो.डॉ.आर.के.एस. धाकड़ ने विभागाध्यक्ष व स्टाफ को दी बधाई
ग्वालियर, 12 सितंबर 2025। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय (जीआरएमसी) ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम की है। महाविद्यालय का माइक्रोबायोलॉजी विभाग प्रदेश का पहला ऐसा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय बन गया है, जिसे नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेट्रीज (एनएबीएल) से मान्यता प्राप्त हुई है। यह मान्यता आईएसओ 15189:2022 मानक के अंतर्गत दी गई है, जो मेडिकल लेबोरेट्रीज़ में गुणवत्ता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का मानक माना जाता है।
विभाग के प्रोफेसर डॉ. के.पी. रंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि एनएबीएल से प्राप्त यह मान्यता इस बात का प्रमाण है कि विभाग में किए जाने वाले सभी प्रकार के मेडिकल टेस्ट अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में सर्वप्रथम माइक्रोबायोलॉजी विभाग को कुछ चुनिंदा टेस्टों के लिए एनएबीएल मान्यता मिली थी, लेकिन अब पूरे विभाग में होने वाले करीब सभी प्रकार के जांचो को यह मान्यता प्राप्त हो चुकी है। यह उपलब्धि विभाग की उत्कृष्टता, पारदर्शिता और गुणवत्ता की सशक्त पहचान है। डॉ. रंजन ने आगे कहा, यह सफलता अधिष्ठाता प्रो. डॉ. आर.के.एस. धाकड़ और विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. नीलिमा रंजन सहित पूरे विभागीय स्टाफ के सहयोग और विश्वास से संभव हो पाई है। सभी के निरंतर प्रयासों और मेहनत ने आज यह गौरव दिलाया है।
अधिष्ठाता प्रो. डॉ. आर.के.एस. धाकड़ ने भी इस अवसर पर विभाग को बधाई देते हुए कहा कि माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने न केवल गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा, एनएबीएल से पूरे विभाग को मान्यता मिलना किसी भी मेडिकल संस्थान के लिए अत्यंत गर्व की बात है। इससे जहां मरीजों को विश्वसनीय और गुणवत्तापूर्ण जांच सुविधा मिलेगी, वहीं संस्थान की प्रतिष्ठा भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मजबूत होगी।
विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. नीलिमा रंजन ने भी इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि यह सफलता अधिष्ठाता के मार्गदर्शन और विभागीय टीम के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।