
10/09/2025
*🌷ॐ नमो परमात्मने 🌷*
*पितृ पक्ष में कौओं को भोजन कराने का महत्व*
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*!!!..-सनातन धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व होता है, इस साल पितृपक्ष 7 सितम्बर से 21 सितम्बर तक चलेगा, पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है, इसके साथ ही इस दिन कौओं को भी भोजन कराया जाता है, इस दिन कौओं को भोजन कराना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना जरूरी माना जाता है, यदि कोई व्यक्ति ऐसा नहीं करता तो उसे पितरों का श्राप लगता है, लेकिन शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध करने के बाद जितना जरूरी भांजे और ब्राह्मण को भोजन कराना होता है, उतना ही जरूरी कौओं को भोजन कराना होता है, माना जाता है कि इस समय में हमारे पितृ कौए का रूप धारण करके पृथ्वी पर उपस्थित रहते हैं।*
*इसके पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी है जो कि इस प्रकार है:- इन्द्र के पुत्र जयन्त ने ही सबसे पहले कौए का रूप धारण किया था, यह कथा त्रेतायुग की है, जब भगवान श्रीराम ने अवतार लिया और जयंत ने कौए का रूप धारण कर माता सीता के पैर में चोंच मारा था, तब भगवान श्रीराम ने तिनके का बाण चलाकर जयंत की आंख फोड़ दी थी, जब उसने अपने किए की क्षमा मांगी, तब राम ने उसे यह वरदान दिया कि तुम्हें अर्पित किया भोजन पितरों को मिलेगा, तभी से श्राद्ध में कौओं को भोजन कराने की परंपरा चली आ रही है, यही कारण है कि श्राद्ध पक्ष में कौओं को ही पहले भोजन कराया जाता है। इसी कारण कौओं को न तो मारा जाता है और न ही किसी भी रूप से सताया जाता है, यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे पितरों के श्राप के साथ- साथ अन्य देवी देवताओं के क्रोध का भी सामना करना पड़ता है और उन्हें जीवन में कभी भी किसी भी प्रकार का कोई सुख और शांति प्राप्ति नहीं होती है। पितर पक्ष के समय पंच बली जरूर निकाले 1. चींटी, 2. गाय, 3.कौआ, 4. कुत्ता, 5. देवादि बलि यह जरूर करनी चाहिए।*
*कौए से जुड़े शकुन और अपशकुन का रहस्य?*
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*प्राचीन समय के ऋषियों मुनियों ने अपने शोध में बताया था कि प्रत्येक जानवर के विचित्र व्यवहार एवं हरकतों का कुछ न कुछ प्रभाव अवश्य होता है. जानवरों के संबंध में अनेकों बातें हमारे पुराणों एवं ग्रंथों में भी विस्तार से बतलाई गई हैं।*
*हमारे सनातन धर्म में माता के रूप में पूजनीय गाय के संबंध में तो बहुत सी बाते आप लोग जानते ही होंगे परन्तु आज हम जानवरों के संबंध में पुराणों से ली गई कुछ ऐसी बातों के बारे में बतायेंगे जो आपने पहले कभी भी किसी से नहीं सुनी होंगी. जानवरों से जुड़े रहस्यों के संबंध में पुराणों में बहुत ही विचित्र बातें बतलाई गईं जो किसी को भी आश्चर्य में डाल देंगी।*
*कौए का रहस्य*
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*कौए के संबंध में पुराणों में बहुत ही विचित्र बातें बतलाई गईं हैं मान्यता है कि कौआ अतिथि आगमन का सूचक एवं पितरों का आश्रम स्थल माना जाता है।*
*हमारे धर्म ग्रन्थ की एक कथा के अनुसार इस पक्षी ने देवताओं और राक्षसों के द्वारा समुद्र मंथन से प्राप्त अमृत का रस चख लिया था. यही कारण है की कौआ की कभी भी स्वाभाविक मृत्यु नहीं होती. यह पक्षी कभी किसी बिमारी अथवा अपने वृद्धा अवस्था के कारण मृत्यु को प्राप्त नहीं होता. इसकी मृत्यु आकस्मिक रूप से होती है।*
*यह बहुत ही रोचक है की जिस दिन कौए की मृत्यु होती है, उस दिन उसका साथी भोजन ग्रहण नहीं करता. ये आपने कभी ख्याल किया हो तो यह बात गौर देने वाली है की कौआ कभी भी अकेले में भोजन ग्रहण नहीं करता यह पक्षी किसी साथी के साथ मिलकर ही भोजन करता है।*
*कौआ की लम्बाई करीब 20 इंच होती है, तथा यह गहरे काले रंग का पक्षी है. जिनमें नर और मादा दोनों एक समान ही दिखाई देते हैं. यह बगैर थके मीलों उड़ सकता है. कौए के बारे में पुराण में बतलाया गया है कि भविष्य में होने वाली घटनाओं का आभास पूर्व ही हो जाता है.*
*पितरों का आश्रय स्थल👉 श्राद्ध पक्ष में कौए का महत्व बहुत ही अधिक माना गया है . इस पक्ष में यदि कोई भी व्यक्ति कौओं को भोजन कराता है तो यह भोजन कौआ के माध्यम से उसके पीतर ग्रहण करते हैं. शास्त्रों में यह बात स्पष्ट बतलाई गई है की कोई भी क्षमतावान आत्मा कौए के शरीर में विचरण कर सकती है।*
*भादों की पूर्णिमा से क्वांर की अमावस्या तक 16 दिन कौआ हर घर की छत का मेहमान बनता है. ये 16 दिन श्राद्ध पक्ष के दिन माने जाते हैं. कौए एवं पीपल को पितृ प्रतीक माना जाता है. इन दिनों कौए को खाना खिलाकर एवं पीपल को पानी पिलाकर पितरों को तृप्त किया जाता है।*
*कौए से जुड़े शकुन और अपशकुन*
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*1 . यदि आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हों तो कौआ को भोजन कराना चाहिए।*
*2 . यदि आपके मुंडेर पर कोई कौआ बोले तो मेहमान अवश्य आते हैं।*
*3 . यदि कौआ घर की उत्तर दिशा से बोले तो समझें जल्द ही आप पर लक्ष्मी की कृपा होने वाली है।*
*4 . पश्चिम दिशा से बोले तो घर में मेहमान आते हैं।*
*5 . पूर्व में बोले तो शुभ समाचार आता है।*
*6 . दक्षिण दिशा से बोले तो बुरा समाचार आता है।*
*7 . कौए को भोजन कराने से अनिष्ट व शत्रु का नाश होता है।।*