13/08/2025
🫴"युवा – ऊर्जा से बीमारी तक का सफर"
आज का भारतीय युवा प्रतिभा, मेहनत और नवाचार के दम पर विश्व में अपनी पहचान बना रहा है। विज्ञान, तकनीक, खेल, कला—हर क्षेत्र में हमारी युवा पीढ़ी लहरें पैदा कर रही है। लेकिन इस चमकदार तस्वीर के पीछे एक सच्चाई है जो उतनी ही गंभीर और चिंताजनक है—तेज़ रफ्तार जीवनशैली, अनियमित दिनचर्या, फास्टफूड और ऊर्जा के नाम पर बेवजह सप्लीमेंट्स का प्रयोग, नींद और व्यायाम की अनदेखी ने युवाओं को अकाल वृद्धावस्था की ओर धकेल दिया है।
मोटापा – बीमारियों का सबसे बड़ा दरवाज़ा*
भारत में 18 से 35 वर्ष की आयु के युवाओं में मोटापा अब ‘लाइफस्टाइल महामारी’ बन चुका है। जंकफूड, शुगर ड्रिंक्स, देर रात का खाना, और दिनभर स्क्रीन पर चिपके रहने की आदत ने न केवल शरीर का संतुलन बिगाड़ा है, बल्कि यह गंभीर बीमारियों का स्थायी निमंत्रण बन गया है। मोटापा, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, दिल के रोग, फैटी लिवर और स्ट्रोक जैसी समस्याओं का सबसे बड़ा कारण बन चुका है।
*कम उम्र में बढ़ती ‘बुजुर्ग’ बीमारियां*
पहले जो रोग 50-60 की उम्र में होते थे, अब 25-30 की उम्र में आम हो गए हैं—उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल असंतुलन, थायरॉयड विकार, लिवर-किडनी की समस्याएं, यहां तक कि हृदयाघात भी। शरीर का यह समय, जब जोश और ताजगी का शिखर होना चाहिए, अब थकान, दवाइयों और जांच रिपोर्टों के बोझ से दब गया है।
*लड़कियों में बढ़ रहे हार्मोनल रोग और निसंतानता*
लड़कों के साथ साथ लड़कियों में मासिक चक्र की समस्या, गर्भाशय या अंडाशय में गांठ (PCOD), किसी विशेष कारण के बिना निसंतानता के मामले काफी बढ़ रहे हैं। जिसके मूल कारण में खराब भोजन और जीवन शैली है।
*इंश्योरेंस लिमिट बढ़ा रहे, लेकिन लाइफस्टाइल वैसी की वैसी*
स्वास्थ्य सुधारने की दिशा में कदम उठाने के बजाय युवा अब मेडिकल इंश्योरेंस की लिमिट बढ़ाने में ही राहत ढूंढ रहे हैं। यह मानसिकता बताती है कि हम बीमारी के इलाज के लिए तैयार हैं, लेकिन बीमारी से बचाव के लिए नहीं। बीमा की सीमा बढ़ाने से शायद खर्च कम हो जाए, लेकिन जीवन की गुणवत्ता कम होने से नहीं बचाई जा सकती।
*संघर्ष के बाद सुख की जगह अस्पताल के चक्कर*
हमारे युवा सालों तक पढ़ाई और करियर के लिए जी-जान लगाते हैं। सपनों की नौकरी, अपना घर, परिवार के साथ वक्त बिताने के दिन आने से पहले ही कई लोग अस्पतालों के चक्कर लगाने लगते हैं। 30 साल की उम्र से पहले ही ब्लड प्रेशर की दवाइयां, शुगर कंट्रोलर, कोलेस्ट्रॉल मैनेजर, और विटामिन सप्लीमेंट्स उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन जाते हैं।
*बीमारी का असली कारण—जीवनशैली का असंतुलन*
*भोजन में गड़बड़ी:* घर के ताज़ा, संतुलित भोजन की जगह प्रोसेस्ड,पेकिंग वाले खाने और फास्टफूड का बढ़ता चलन।
*व्यायाम की कमी:* जिम के नाम पर सिर्फ फोटो पोस्ट, असल में कोई शारीरिक सक्रियता नहीं।
*नींद का त्याग:* देर रात तक जागना, मोबाइल और लैपटॉप पर समय बिताना।
*मानसिक दबाव:* सोशल मीडिया की तुलना, कॉर्पोरेट टार्गेट्स, और भविष्य की अनिश्चितता।
*सप्लीमेंट्स का अंधाधुंध प्रयोग:* बिना विशेषज्ञ सलाह के प्रोटीन, फैट बर्नर, और स्टेरॉयड का सेवन।