12/12/2023
3 Meals 2 Snacks:
ये diet formula बताया जाता है Diabetes और obesity के रोगियों को, ये मै नही, modern dietician और diabetologist बताते हैं अपने रोगियों को!
उनका जो concept है वह ये है कि भूख न लगने पाए, क्योंकि जब भूख ज्यादा लगती है तो हमारी cravings high calorie food के लिए ज्यादा होती है. तेज भूख लगने पर आप परहेजी खाना नही खा सकते, मनपसंद खाना ही चाहिए होता है तब।
ये थोड़ा थोड़ा कई बार खाने से Blood sugar की रिपोर्ट तो सामान्य आती रहती है, फिर भी शुगर के complications (neuropathy, dyslipidemia, hypertension, nephropathy etc.) मरीज मे दिखने लगते हैं और ये माना जाता है कि शुगर मे ये सब होना अवश्यंभावी है और यही माना जा रहा है।
अब मुझे तो 3 meals 2 snacks के concept से कोई मतलब है नही, मुझे तो जो आचार्य चरक आदि ने कहा वही सही लगता है.
चरक संहिता मे एक जगह नही बल्कि कई स्थानों पर वर्णित है कि अध्यशन/अजीर्णशन आम दोष एवं त्रिदोष(वात,पित्त,कफ) तीनो को बढ़ाने वाला होता है।
पहले का खाया भोजन पूर्णतयः पचा ना हो,ऊपर से फिर कुछ खा लेना यही अध्यशन है, और ये अध्यशन हमारे अनेकानेक रोगों का कारण है।
Metabolic disorders की सबसे बड़ी वजह अध्यशन है sedentary lifestyle फिर भी secondry cause है. हमारे पास विकल्प है खाने पीने के, किचन मे जहां भी हाथ डालिए खाने की चीजे भरी हैं, फ्रिज वो भरा है tempting stuff से. swiggy और zomato आपको reminders भेजते रहते हैं कि बहुत समय हो गया कुछ मंगा लो खा लो। भूख से खाते ही नही हम लोग, पेट से दिमाग को सिग्नल जाने ही नही देते, बल्कि दिमाग पेट को सिग्नल देने लगता है कि बढ़िया है खा लो।
कुल मिलाकर, बार बार थाेड़ा थोड़ा तभी खाया जाता है जब जठराग्नि (digestive fire) बहुत तेज हो. Diabetes के कुछ cases मे ऐसा होता है, ऐसे रोगी कुछ समय तक ये अभ्यास कर सकते हैं चिकित्सक की सलाह से, परन्तु दीर्घकालिक अध्यशन पहले जठराग्नि को फिर भूताग्नि तथा अंत मे धात्वाग्नि को मंद और विकृत करता जाता है जिससे शरीर मे आम दोष (undesirable substances in the body) बढ़ते रहते हैं और रोगी धीरे धीरे पहले कागजों पर (blood reports) और फिर भौतिक रूप मे कमजोर और बीमार होता चला जाता है।
एक सरल, स्वस्थ एवं पहला संकल्प होना ही चाहिए-अध्यशन कभी नही।★
★कभी-कभी कर भी सकते हैं😊