30/08/2024
🕉️🌺🌼 एक गृहस्ती कथावाचक हुए आशाराम 2013 के प्रयागराज कुम्भ मेले में अपना बहोत बड़ा कैम्प लगाए बैठे थे पूरे प्रयागराज में अपना पोस्टर लगाए दूल्हे वाली टोपी लगाए हुए थे 🕉️🌺🌼 हमारे तपोनिधि पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के बाहर भी बड़े बड़े पोस्टर लगाए हुए थे 🕉️🌺🌼 जिससे मुझे अपने गुरु जी निरंजन देव जी ( कार्तिकेय स्वामी , दादा महादेव और दादी आदिशक्ति के बड़े पुत्र ) का मुझे अपमान महसूस हुआ 🕉️🌺🌼 चारो तरफ सिर्फ कथावाचक आशाराम के पोस्टर मुझसे अपने गुरु जी का अपमान सहन नही हुआ 🕉️🌺🌼 एक दिन नहर के किनारे मैं घूमने निकला एक खंबे में आशाराम का पोस्टर लगा हुआ था 🕉️🌺🌼 बस कुछ नही एक ईंट का रोड़ा उठाया और आशाराम के पोस्टर पर दे मारा उसका पोस्टर फट गया उसी रात आशाराम का कैम्प जल गया और उसे प्रयागराज कुम्भ छोड़ कर जाना पड़ा 🕉️🌺🌼 और बाद में क्या हुआ ये सब जानते हैं 🕉️🌺🌼 आशाराम तो निर्दोष है 🕉️🌺🌼 जब गुरु जी की इच्छा होगी तो उसे छमा कर देंगे 🕉️🌺🌼 हमको क्या पता था कि एक ईंट का रोड़ा इतना खतरनाक निकलेगा 🕉️🌺🌼 हमारे गुरु जी से ज्यादा कोई सिध्द बनने की कोशिश किया तो फिर गुरु जी ही जाने हम तो अपने गुरु श्री निरंजन देव के छोटे से बालक है 🥰 🕉️🌺🌼 श्री गुरु कार्तिकेभ्यो नमः 🙏🕉️🌺🌼🌏🌍🌎