
17/10/2023
धातु Dhatu रोग Rog यह रोग व्यक्ति के दिल-दिमाग की शक्ति को कमजोर करके शरीर को बेजान बना देता है। इस शिकायत में मल या मूत्र के समय थोड़ा-सा भी जोर लगाने पर तुरन्त इन्द्री के मुख से वीर्य की बूंद टपकने लगती है या लार निकलने लगती है।यह शिकायत उन्हीं लोगों में ज्यादा होती है जिनका वीर्य किसी न किसी कारण से काफी पतला बन चुका होता हैं और इन्द्री की नसें भी कमजोर व ढीली प़ड़ चुकी होती हैं क्योंकि ऐसी स्थिति में इन्द्री की नसों में पतले वीर्य को रोकने की शक्ति नहीं रहती और थोड़ा सा दबाव पड़ने की स्थिति में धात बहने लगती है जिसके अधिक समय तक गिरने से व्यक्ति की कमर-शरीर व पिंडलियों में दर्द महसूस होने लगता है, बालों के झड़ने या सफ़ेद होने की समस्या होने लगती है, शरीर मैं थकान सुस्ती आलास बन ने लगता है, चिड़चिड़ापन होने लगता है, मानसिक तनाव मैं रहने लगता है और दिमाग़ कमजोर हो जाता है, उठते-बैठते चक्कर व कमजोरी की अनुभूति होती है जिससे वह अपना रोजाना का काम-काज भी पूरी चुस्ती-फुर्ती से नहीं कर पाता। धात रोग की शुरुआत चिपचिपा पानी निकालने जैसी समस्या से होती है संभोग से पहले कुछ चिपचिपा पानी निकालने कुछ वीडियोस देखने पर या फ़ोन पर बात करने से वीर्य बूँद कर के टपक जाना यह शुरुआत है धात रोग की और शीघ्रपतन तनाव ना आना जैसी समस्याओं से ग्रस्त हो जाता है ऐसी हालत में जब वह इधर-उधर के भ्रामक विज्ञापन पढ़कर ताकत-जवानी वाले किसी हकीम या दवाखाने में जाता है तो वहां उसे बिना सोचे-समझे बिना उसकी समस्या का मुख्य कारण जाने कुछ बाजारू उत्तेजक गोलियां दे दी जाती हैं। उसकी वास्तविक कमजोरी का कारण जानने की कोई कोशिश नहीं की जाती। धातु रोग शीघ्रपतन और तनाव नहीं आने का कारण बन सकता है और यह समस्या हार्मोन्स की कमी से होती है और नसों की कमजोरी से होता है ज़्यादा वीर्य का नाश kar के आप अपने टेस्टोस्टेरोन हार्मोन्स की कमी कर देते है वीर्य में शुक्राणुओं की कमी और मोटेलिटी कम कर देते है नसें कमजोर कर देते है यह कारण है इन समस्याओं के तो समाधान इन्ही कमियोंका करे
*Dr Rajesh Gupta*
*Sexologist/Diabetes specialist*
*19 years of experience*
*Vedic Arogyam*
*8076666412*