Shrimad Bhagwat Katha evm bhakti sangeet

Shrimad Bhagwat Katha evm bhakti sangeet पिवत भागवतं रसमालयम।

परम पिता परमात्मा द्वारा की गई अहेतु की कृपा एवं जन्मजन्मांतरों के संचित पुण्यकर्मों के पुण्य प्रताप से जीवात्मा नाना यो...
20/02/2024

परम पिता परमात्मा द्वारा की गई अहेतु की कृपा एवं जन्मजन्मांतरों के संचित पुण्यकर्मों के पुण्य प्रताप से जीवात्मा नाना योनियों में भटकता हुआ मानव - योनि को प्राप्त करता है । मानव देह को प्राप्त करके भी संसार की विविध प्रवृत्तियों में बड़ा हुआ व्यक्ति , सुयोग से ही आस्तिक बनता है । स्वयं के साथ साथ समाज के कल्याण की कामना से ईश्वर में श्रद्धा रखकर , पूजा पाठ संस्कार यज्ञ अनुष्ठानों को संम्पन्न करवाने की विद्या तो बिना परमात्मा की कृपा के एवं बिना गुरु अनुग्रह के प्राप्त करना अति कठिन है । उसमें भी वैदिक विधि द्वारा देवपूजन करना , अथवा यजमानों के द्वारा यज्ञ पूजन करवाना तो अति दुर्लभ ही है । क्योंकि वैदिक विधि द्वारा किया गया देवार्चन ही भुक्ति मुक्ति को देने वाला होता है , अतः देवपूजन संम्पन्न करवाने वाले सभी जनों को सर्वप्रथम वैदिक पूजा पद्धति का समुचित ज्ञान अवश्य ग्रहण करना चाहिए । वैदिक कर्मकांड अर्थात पूजा में शास्त्रविधि की आवश्यकता स्वयं भगवान श्री कृष्ण जी ने श्रीमद्भगवद्गीता में बतलाई है -
यः शास्त्रविधिमुत्सृज्य वर्तते कामकारतः ।
न स सिद्धिमवाप्नोति न सुखं न परां गतिम् ।।
यदि शास्त्रविधि का त्याग कर कोई भी कार्य किया जाए तो उस कार्य में सिद्धि प्राप्त नहीं होती और ना ही सुख प्राप्त होता है । अतः हजारों वर्षों से चली आ रही वैदिक कर्मकांड पूजा पद्धति का ज्ञान , सुख प्राप्ति , मनोकामना पूर्ति के साथ ही मोक्षप्राप्ति में पूर्ण सहायक होता है । ' बहुत से जनमानस का मानना है कि मानसिक ध्यान - जप आदि ही श्रेष्ठ हैं , बाह्य - पूजा - विधान अर्थात कर्मकांड यज्ञ पूजा आदि आडम्बर मात्र हैं, किन्तु यह कथन वास्तविकता से बहुत दूर है । क्योंकि शास्त्र कहते हैं कि -
पूजनं त्रिविधं प्रोक्तं मनः साक्षाद् वचोमयम् ।
मानसं योगिनां प्रोक्तं साक्षात् पूजा गृहं प्रभो ॥
वाचामयं तामसानां नृपाणां कामिनां तथा ।।
अर्थात् , पूजा तीन प्रकार की होती है , मानसिक , प्रत्यक्ष और वाचिक । इनमें योगियों के लिए मानसिक पूजा श्रेष्ठ है , गृहस्थों के लिए प्रत्यक्ष पूजा उत्तम हैं और राजाओं तथा कामासक्तों तामस लोगों के लिए वाचिक पूजा श्रेष्ठ है । यदि पूजा समय की बात करें तो गृहस्थों के लिए यथा समय पूजा , अर्थात नैमित्तिक पूजन मुहूर्त के अनुसार एवं नित्य पूजा प्रातःकाल एवं सन्ध्या समय में करना श्रेष्ठ है । ब्रह्मचारी के लिए त्रिकाल सन्ध्या एवं योगियों के लिए सर्वकाल में पूजा करने का निर्देश है । अतः सभी को शास्त्र आज्ञानुसार वैदिक विधि से ही पूजन सम्पादित करना चाहिए । सर्वप्रथम नित्यकर्म अर्थात सन्ध्या पूजन अवश्य करें , तत्पश्चात् नैमित्तिक कर्मों में प्रयोग होने वाले वैदिक मंत्रों को गुरुमुख से पढ़कर , पूजन विधियों को जानकर फिर आवश्यकतानुसार स्वयं के एवं यजमानों के कल्याण हेतु प्रयोग करे । यही वैदिक कर्मकांड हेतु उत्तम मार्ग है । अतः गुरु के द्वारा बतलाए गए वैदिक मार्ग का ही अनुसरण करना श्रेष्ठ है । पूजन से पूर्व आत्म रक्षा के लिए न्यास , कवच पाठ अवश्य सीखने चाहिए ।
पूजन विधि एवं मंत्रो में मानवीय त्रुटियां हो जाती हैं अतः पूजन के उपरांत किये जाने वाले स्तुति पाठ , अपराध क्षमापन भी अवश्य गुरुदेव से विधिवत सीख लेने चाहिए । कभी - कभी अपने पूर्व - संस्कारों की दुर्बलता के कारण पूरा प्रयास करने पर भी ज्ञानार्जन में न्यूनता रह जाती है । ऐसी स्थिति में अविश्वास , अश्रद्धा अथवा / निन्दा बुद्धि नहीं करनी चाहिए और मन को धैर्य दिलाने के लिए अपने ही दोष रह गये होंगे , यह विचार कर पुनः शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए तथा प्रार्थना करनी चाहिए । ज्ञानप्राप्ति के प्रति आतुरता , विह्वलता अथवा विकलता से मन में चंचलता बढ़ जाती है । अतः वैदिक कर्मकांड के ज्ञान प्राप्ति हेतु संयम , शान्ति एवं धैर्य की परम आवश्यकता होती है । सदाचार , पवित्रता , उदारता , परोपकारिता , अयाचकता आदि ऐसे गुण हैं जो ज्ञानप्राप्ति में सहायक होते हैं । इन्हीं गुणों से एक उत्तम आचार्य उत्तम पुरोहित बना जा सकता है । हालांकि शास्त्र बहुत हैं विधाएं बहुत हैं मन्त्र बहुत हैं और यहां तक कि पूजन की परम्पराएँ भी बहुत हैं किन्तु सीमित समय मे यदि विधिवत कर्मकांड सीखना चाहते हैं तो आपका स्वागत है।

कर्मपात्र पूजन | पूजा करना सीखें | puja shuroo karane se pahale kaun sa mantr bola jaata hai? ...

https://youtu.be/_cDfBSrXWP4यदि जन्मकुंडली में परिवर्तन योग की स्थिति बन रही हो तो इसका विशेष प्रभाव देखा जा सकता है। व्...
19/02/2022

https://youtu.be/_cDfBSrXWP4

यदि जन्मकुंडली में परिवर्तन योग की स्थिति बन रही हो तो इसका विशेष प्रभाव देखा जा सकता है। व्यक्ति के जीवन में आने वाले उतार-चढावों में ग्रहों के गोचर की स्थिति और दशाओं का संबंध बहुत गहरा प्रभाव दिखाने वाला होता है।

https://youtu.be/_cDfBSrXWP4
https://youtu.be/_cDfBSrXWP4
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AACHARYA HIMANSHU DHOUNDIYALEmail - vedicastrocare.india@gmail.comWhatsapp number - 09634235902FOR INQUIRY - 09012754672हम वैदिक ज्योतिष शास्त्र, स्थापत्य वा...

वैदिक ऐस्ट्रो केयर की ऑनलाइन पूजा सेवा:सनातन हिंदू धर्म का डिजिटल समावेशकोरोना काल के इस दौर में ‘लॉकडाउन लाइफ’ की शुरुआ...
04/08/2021

वैदिक ऐस्ट्रो केयर की ऑनलाइन पूजा सेवा:सनातन हिंदू धर्म का डिजिटल समावेश

कोरोना काल के इस दौर में ‘लॉकडाउन लाइफ’ की शुरुआत हो गई हैं और उसी के साथ ही भगवान पर लोगों का विश्वास और आस्था भी पहले से और भी गहरी व मजबूत हुई है। क्योंकि कोरोना महामारी से जहां पूरी दुनिया जूझ रही थी, तब भगवान के प्रति आस्था व पूजा-पाठ ने ही लोगों के मन में उम्मीद की नई किरण जगाई। शायद तभी आज के इस दौर में जहां सब कुछ डिजिटल होने लगा है, लोगों में मंदिर जाकर पूजा-पाठ करने की जगह, किसी योग्य पंडित के मार्गदर्शन में ऑनलाइन पूजा-अनुष्ठान की मांग में भी काफी वृद्धि देखी गई है। ऐसे में सनातन धर्म के अनुयायी भगवद्भक्तों की सहायतार्थ वैदिक ऐस्ट्रो केयर ने ऑनलाइन पूजा सेवाओं के रूप में अपने दर्शकों के लिए विश्वास और टेक्नोलॉजी का एक बहुत ही अद्भुत समागम करते हुए, एक अनोखी पहल की है। ऐसे में आप पूर्ण विश्वास के साथ घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित व ज्योतिषियों के दिशा-निर्देश में ऑनलाइन पूजा-अनुष्ठानों एवं ज्योतिषीय समाधानों का लाभ उठा सकते हैं।
वैदिक ऐस्ट्रो केयर समय की आवश्यकताओं और मांगों को ध्यान में रखते हुए रुद्राभिषेक, ग्रहशांति यज्ञ, चंडीपाठ, ग्रहों की शांति के लिए जप, महामृत्युंजय जप, बाधा हरण पूजन, ग्रह दोष निवारण पूजा, आदि अनेक वैदिक पूजन ऑनलाइन प्रदान करता है। सिर्फ इतना ही नहीं यदि इसके अतिरिक्त भी आप अपने जीवन में वांछित जीवनसाथी, करियर में सही दिशा और व्यवसाय में सफलता व जीवन में आ रही हर प्रकार की बाधाओं से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो भी आप उससे जुड़ी पूजा करा सकते हैं। इन पूजा-अनुष्ठानों को बहुत ही सटीकता और विधि-अनुसार किया जाता है, ताकि व्यक्ति को जीवन में सभी दोषों के नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति मिले। जातकों को इन पूजा सेवाओं से संबंधित हर विषय पर अपडेट किया जाता है, जिससे वैदिक ऐस्ट्रो केयर के प्रति उनका विश्वास और प्रेम निरन्तर बना रहे।
वैदिक कर्मकांड पूजा विशेषज्ञ आचार्य हिमांशु ढौण्डियाल जिनके मार्गदर्शन में ऑनलाइन पूजा अनुष्ठान सटीकता के साथ आयोजित किए जाते हैं, इस विचार की बहुत प्रशंसा करते हैं और कहते हैं, आज तक जिन भी लोगों ने वैदिक ऐस्ट्रो केयर की ऑनलाइन पूजा सेवाओं को चुना है, उन्होंने इसका सकारात्मक प्रभाव अपने जीवन पर पड़ते देखा है और उनके जीवन से हर प्रकार की बाधाएं कष्ट व परेशानियां अवश्य ही दूर हुई है। यह केवल धार्मिक परिणाम ही नहीं बल्कि बहुत ही मानवीय भी है, क्योंकि जिस तरह से हम इस दौरान अपने ग्राहकों के साथ बातचीत करते हैं, वह इस पूरी प्रक्रिया के बारे में बहुत कुछ बताता और दर्शाता है। हम उन्हें हर एक मंत्र का अर्थ समझाने से लेकर, हर विधि से अवगत कराते हैं, जिससे उनकी हर एक शंका दूर हो और उनके संतुष्ट होने के बाद ही हम आगे बढ़ते हैं। आचार्य श्री के मार्गदर्शन में वैदिक कर्मकांडी ब्राह्मणों की एक मंडली यजमान की ओर से संकल्प लेकर वैदिक मंत्रों के माध्यम से इन पूजा अनुष्ठानों को पूरा करती है। सिर्फ इतना ही नहीं पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वीडियो कॉल , फ़ोटो और वीडियो हमारे ग्राहकों के साथ साझा किए जाते हैं। हमारे आचार्य न केवल जातक की निरंतर दुविधा को समझते हैं, बल्कि उनकी समस्या को सटीक और विस्तार से हल करने का भी प्रयास करते हैं।”
यदि आप अपनी कुंडली और ग्रहों की स्थिति के अनुसार सही पूजा जानना चाहते हैं तो, आप पूजा विशेषज्ञ आचार्य हिमांशु जी से कॉल पर बात कर सकते हैं।
9012754672 / 9634235902

वैदिक ऐस्ट्रो केयर ने ज्योतिष के क्षेत्र में, अनेकों परिवारों को सटीक ज्योतिषीय समाधान देते हुए, उनके दैहिक दैविक भौतिक कष्टों को दूर किया है। साथ ही ऑनलाइन पूजा सेवाओं के माध्यम से, वैदिक ऐस्ट्रो केयर ने युवा पीढ़ी को हिंदू धर्म की जड़ों के साथ डिजिटल रूप से जोड़ने की एक अनोखी पहल भी की है। वैदिक ऐस्ट्रो केयर ने पश्चिमीकरण के युग में वैदिक ज्योतिष के माध्यम से परंपराओं, संस्कृति और मूल्यों को बचाए रखने की निरंतर कोशिश की है।
श्रावण माह में आशुतोष भगवान शिव की पूजा कर आप भी जीवन में चल रही किसी भी परेशानी, दुख, तकलीफ या कष्ट से छुटकारा पाकर, भगवान शिव की दिव्य कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इस सुनहरे अवसर का सर्वोत्तम लाभ उठाएं, और अपने जीवन को धन्य करें।

वैदिक ऐस्ट्रो केयर के ऑनलाइन पूजा-अनुष्ठान 100% वास्तविक हैं, जो वैदिक मंत्रों, अनुष्ठानों और आह्वान के साथ विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में किए जाते हैं। इन ऑनलाइन पूजा सेवा की सबसे विशिष्ट बात यह है कि अपने घर पर होते हुए भी, जातक को ऐसा प्रतीत होता है कि वह मंत्रों की सकारात्मकता से घिरा हुआ है। अतः ऑनलाइन पूजा सेवाओं के लिए वैदिक ऐस्ट्रो केयर सबसे अच्छा विकल्प है।
वैदिक ऐस्ट्रो केयर द्वारा ऑनलाइन पूजा सेवाएं आपको एक योग्य ब्राह्मण-पुरोहित से तुरंत जोड़ती हैं, जिन्होंने वर्षों से कई प्रमाणित पूजा जैसे कि दोष निवारण पूजा, गृह शांति पूजा आदि को सफलतापूर्वक संपन्न किया है। इन अनुष्ठान की शुरुआत में पंडित जी आपके सभी सवालों का जवाब भी स्पष्टता के साथ देते हैं। इसलिए एक अच्छा पंडित ढूंढने के लिए परेशान होने की झंझट से भी आपको मुक्ति मिलती है।
ऑनलाइन माध्यम ग्राहकों को उनके द्वारा चुनी गई पूजा में अधिक सकारात्मक फल प्राप्त करने के लिए पूजा से संबंधित मंत्र व जप सक्षम बनाते हैं। पंडितों द्वारा उच्चारण किए गए मंत्र सीधे प्राचीन शास्त्रों और ग्रंथों से लिए जाते हैं, जो इस पूजा की प्रक्रिया को और भी अधिक प्रामाणिक बनाते हैं।
वैदिक ऐस्ट्रो केयर पारदर्शिता में विश्वास करता है, ऐसे में वे ग्राहकों को वीडियो कॉल के माध्यम से पूजा का विवरण देते हुए, ये जानकारी प्रदान करता हैं कि उनकी पूजा कैसे आगे बढ़ रही है।
पूजा कराने के इच्छुक लोग, अब कही भी फ़ोन की सहायता से ऑनलाइन पूजा बुक कर सकते हैं। आचार्यो द्वारा पूजा के फलदायी आयोजन के लिए ग्राहकों को शुभ मुहूर्त भी बताया जाता है। ये पूजा डिजिटल होते हुए भी, ईश्वर के प्रति समर्पण और श्रद्धा से भरपूर रहती है।
किसी की कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए पूजा-अनुष्ठान को सबसे प्रभावशाली विकल्प माना गया है। ऐसे में वैदिक ऐस्ट्रो केयर के जाने-माने और विशेषज्ञ वैदिक कर्मकांडी ब्राह्मणों की देखरेख में ही विधि-विधान अनुसार पूजा-अनुष्ठान संपन्न किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप जातक को उस पूजा के शुभ और सकारात्मक परिणाम मिलना संभव होता है।
सम्पर्क सूत्र - 9012754672 / 9634235902
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नमस्कार। वैदिक ऐस्ट्रो केयर में आपका हार्दिक अभिनंदन है।  प्रायः ईश्वर के प्रति आस्थावान व्यक्ति भी यह कहने में द...

जय श्री कृष्ण। 🌹🙏 श्रीमद्भगवद्गीता के विस्तृत ज्ञान हेतु दिए गए लिंक को खोलकर वीडियो देखें, साथ ही आध्यात्म संस्कृति यूट...
22/07/2021

जय श्री कृष्ण। 🌹🙏
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श्रीमद् भगवत गीता सार ( हिंदी में ) | Bhagavad Gita Saar (in Hindi) GeetaUpdesh | AadhyatmSanskritiहम वैदिक सनातन धर्म के मूल ग्रन्थों वेद, पुराण, उपनिषद, व...

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26/06/2021

श्रीमद्भगवद्गीता के समुचित ज्ञान हेतु आप इस आध्यात्म संस्कृति यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं। आपका सब्सक्राइब करना, लाइक करना, शेयर करना हमें सनातन धर्म के मूल ग्रन्थों को आम जनमानस तक सहजता से पंहुचाने की दिशा में कार्य करने की प्रेरणा देते हैं। आपसे अनुरोध है कि वीडियो देखकर सहयोग करें। जय श्री कृष्ण

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हम वैदिक सनातन धर्म के मूल ग्रन्थों वेद, पुराण, उपनिषद, वैदिक ज्योतिष शास्त्र, पर आधारित अनेकों विषयों पर इस आध्यात....

संसार में मुख्यतः यदि देखा जाये तो दो प्रकार के लोग होते है, एक आस्तिक, जो ईश्वर को मानते है, और दुसरे नास्तिक, जो ईश्वर...
05/05/2021

संसार में मुख्यतः यदि देखा जाये तो दो प्रकार के लोग होते है, एक आस्तिक, जो ईश्वर को मानते है, और दुसरे नास्तिक, जो ईश्वर को नहीं मानते है। नास्तिक होना भी तब तक बुरा नही है जब तक कि आप दुसरे की भावनाओं को ठेस ना पहुचायें।अनुभव की बात है कि आस्तिक लोगों में एक अलग ही प्रकार की शक्ति होती है, जिसे अपने आराध्य के प्रति श्रद्धा और विश्वास की शक्ति कहा जा सकता है। यह श्रद्धा यह विश्वास, किसी भी देवी देवता के प्रति हो सकता है। बस इसमें निरन्तरता और दृढ़ता होनी परम् आवश्यक है। आराध्य रुचि के अनुसार कोई भी हो सकता है, श्रद्धा रखकर पूर्ण विश्वास के साथ की गई आराधना का मनोनुकूल फल मिलता अवश्य है। यदि आपके पास ईश्वर विश्वास की शक्ति है तो आप इस दुनिया के सबसे खुशहाल व्यक्ति हो सकते है । क्योंकि जिसको ईश्वर में विश्वास होता है, उसी को ईश्वर की प्रेरणा, और ईश्वर का अनुग्रह प्राप्त होता है। पूरा वीडियो देखने के लिए नीचे दिए हुए लिंक को खोलें। साथ ही आपसे निवेदन है कि चैनल को सब्सक्राइब अवश्य करें।

https://youtu.be/71HfvFP1hSE
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संसार में मुख्यतः यदि देखा जाये तो दो प्रकार के लोग होते है, एक आस्तिक, जो ईश्वर को मानते है, और दुसरे नास्तिक, जो ईश्.....

सनातनी वैष्णव भक्तों का परम प्रिय वरुथिनी एकादशी का व्रत सुख और सौभाग्य का प्रतीक है। वरुथिनी एकादशी व्रत के दिन व्रत धा...
04/05/2021

सनातनी वैष्णव भक्तों का परम प्रिय वरुथिनी एकादशी का व्रत सुख और सौभाग्य का प्रतीक है। वरुथिनी एकादशी व्रत के दिन व्रत धारण कर भक्तिभाव से भगवान मधुसुदन की पूजा करने से समस्त पाप, ताप सन्ताप दूर होते हैं और साथ ही भक्तिपूर्ण ओजस्वी जीवन के साथ साथ अनंत शक्ति भी मिलती है। कहा जाता है कि सूर्य ग्रहण के समय जो फल स्वर्ण दान करने से प्राप्त होता है, वही फल वरूथिनी एकादशी का उपवास करने से मिलता है। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य लोक और परलोक दोनों में सुख भोगता है। वरुथिनी एकादशी व्रत एवं पूजा विधि, व्रत कथा के साथ ही मुहूर्त की सही जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए लिंक को खोलकर वीडियो को अंत तक अवश्य देखें, साथ ही वैदिक ऐस्ट्रो केयर चैनल को सब्सक्राइब कर नए वीडियो के नोटिफिकेशन की जानकारी के लिए वैल आइकन दबाकर ऑल सेलेक्ट अवश्य करें।

https://youtu.be/rQ_cTxgjIZc
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हम वैदिक ज्योतिष शास्त्र, स्थापत्य वास्तु कला, धर्म-अध्यात्म, तथा बहुत-से अन्य विषयों पर यहाँ तथ्यपरक वीडियो प्रका...

https://youtu.be/oX5fs_AX9rY
29/05/2020

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हंस पंच महापुरुष योग देव गुरु बृहस्पति की विशेष कृपा का द्योतक है। यह योग देव गुरु बृहस्पति की कुंडली के केंद्र भा.....

नमस्कार।वैदिक एस्ट्रो केयर में आपका हार्दिक अभिनंदन है। हम आशा करते हैं कि वैश्विक महामारी कोरोना के इस भीषण कालखण्ड में...
24/05/2020

नमस्कार।
वैदिक एस्ट्रो केयर में आपका हार्दिक अभिनंदन है। हम आशा करते हैं कि वैश्विक महामारी कोरोना के इस भीषण कालखण्ड में आप परिवार सहित स्वयं का अच्छे से ध्यान रख रहे होंगे। क्योंकि सावधानी ही सुरक्षा का श्रेष्ठ उपाय है।
आज हम बात करेंगे जन्मकुंडली में उपस्थित एक ऐसे योग के बारे में जिसके उपस्थित होने पर व्यक्ति मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति से निकलकर राजा के समान अतुलनीय धनसंपदा मानसम्मान को प्राप्त करता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में अनेक प्रकार के योगों का वर्णन प्राप्त होता है,जिनमें से एक है नीच भंग राज योग।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार यह योग एक ऐसा प्रबल राजयोग है जो यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में उपस्थित हो तो उसकी समस्त समस्याओं को दूर कर राजा के समान अतुलनीय धनसंपदा देने में सक्षम होता है। जन्मकुंडली में उपस्थित नीच भंग राजयोग जातक के जीवन को काफी प्रभावित करने वाला माना जाता है और इसका प्रभाव जातक के जीवन में स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर होता है।
नीचभंग राजयोग की पूर्ण जानकारी हेतु आप वीडियो को अंत तक अवश्य देखें एवं वीडियो को लाइक कर हमारे यूट्यूब चैनल वैदिक एस्ट्रो केयर को सब्सक्राइब कर नए नोटिफिकेशन की जानकारी हेतु वैल आइकन दबाकर ऑल सेलेक्ट अवश्य करें।

https://youtu.be/mg7TH3lHM04

Neech Bhang Rajyog नीच भंग राजयोग महादशा दिलाए जीवन में ऐश्वर्यशाली, धनवान और अपार सफलता : Nichbhang Rajyoga : नीचभंग राजयोग ********************************...

https://youtu.be/qJ_3iJKd_kE
23/04/2020

https://youtu.be/qJ_3iJKd_kE

वैदिक ज्योतिष शास्त्र देवभूमि उत्तराखंड की पौराणिक धरोहर है। इसका संरक्षण हम सबका कर्तव्य है। हमारे व्यक्तित्व ....

वैदिक ज्योतिष शास्त्र देवभूमि उत्तराखंड की पौराणिक धरोहर है। इसका संरक्षण हम सबका कर्तव्य है। हमारे व्यक्तित्व पर पड़ने व...
17/04/2020

वैदिक ज्योतिष शास्त्र देवभूमि उत्तराखंड की पौराणिक धरोहर है। इसका संरक्षण हम सबका कर्तव्य है। हमारे व्यक्तित्व पर पड़ने वाले ग्रहों के प्रभाव एवं शुभ अशुभ की जिज्ञासा, आदि काल से ही मानवों में सदा ही रही है। इस संस्कृति के संरक्षण हेतु इस लिंक को खोलकर वैदिक एस्ट्रो केयर चैनल को सब्सक्राइब करने का अनुग्रह करें।
आपका एक सब्सक्राइब एक शेयर हमें इस दिशा में कार्य करने हेतु नई ऊर्जा प्रदान करता है।

वैदिक एस्ट्रो केयर आपके मंगल की कामना करता है

https://youtu.be/6vU2y0CVTYc

अपनी ग्रह स्तिथि एवं शुभ अशुभ योग जानने के लिए vedic astro care सब्सक्राइब कर वैल आइकन अवश्य दबाये हम वैदिक ज्योतिष, वास्तु, ल...

https://youtu.be/6inuHn_HhLk
12/04/2020

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In this Corona crisis we all are facing negativity here we are providing some astrological solutions to this problem in the whole world we are facing some te...

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