Mrityunjay MISSION(Official)

Mrityunjay MISSION(Official) Mrityunjay Mission is a Foundation for Vedic Medical Sciences.

Activities of Mrityunjay mission are going on to propagate the Vedic medical science specially research work was progressed in different fields of Vedic medical science. These medical systems are holistic, close to Nature and the nature of the human being and invoke all dimensions of healing, bodily and spiritual. Apart from Ayurveda, which is well-known, there are several other medical sciences of ancient Indian origin that are on our agenda for research. At present, Dr SK Joshi, Founder-President of the Mission, Haridwar, India, has researched extensively, both in academic and practical terms, on the ancient science of Marma Chikitsa. He has brought it down to present times, relating it to modern medical references, having treated thousands of patients. Marma Chikitsa is a non-invasive, non-medicinal health intervention, invoking the self-healing powers inherent in the human being.

*50 चिकित्सक को मिला मर्म चिकित्सा प्रमाण पत्र*9-11 October 2025मोतिहारी, चंपारण, बिहार, विश्व आयुर्वेद परिषद के बैनर तल...
12/10/2025

*50 चिकित्सक को मिला मर्म चिकित्सा प्रमाण पत्र*

9-11 October 2025
मोतिहारी, चंपारण, बिहार,
विश्व आयुर्वेद परिषद के बैनर तले “मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण एवं प्रमाण पत्र वितरण समारोह” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ एवं आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील जोशी द्वारा संचालित मर्म चिकित्सा एवं योग विज्ञान पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम में 20 वर्षों से अधिक अनुभव सम्पन्न गुरुजनों एवं आयुर्वेद चिकित्सकों ने भाग लिया।

डॉ. जोशी ने मर्म चिकित्सा आयुर्वेदिक चिकित्सा की वह धारा बताया जिससे बिना औषधि के भी 80 प्रतिशत तक रोगों का निदान संभव है। उन्होंने कहा कि मर्म चिकित्सा प्राचीन काल से ही भारतीय चिकित्सा प्रणाली का अभिन्न अंग रही है, जिसे आधुनिक चिकित्सा पद्धति ने लगभग भुला दिया था।

डॉ. जोशी ने कहा कि मर्म बिंदुओं के माध्यम से शरीर में प्रवाहित ऊर्जा को संतुलित कर रोगों का उपचार किया जा सकता है। यह चिकित्सा पद्धति शरीर, मन और आत्मा के संतुलन पर आधारित है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के दुखों का मूल कारण असंतुलन है, और मर्म चिकित्सा उस संतुलन को पुनः स्थापित करती है।

इस अवसर पर विश्व आयुर्वेद परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि डॉ. जोशी द्वारा किया जा रहा यह कार्य अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यह केवल चिकित्सा ही नहीं बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर को पुनः जीवित करने का प्रयास है।

कार्यक्रम के दौरान 50 चिकित्सकों को मर्म चिकित्सा का प्रमाण पत्र दिया गया। इस अवसर पर बिहार राज्य संयोजक संजय सिंह, डॉ. हरीकृष्ण शर्मा, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. शशिभूषण, डॉ. अमित, डॉ. निधि, डॉ. सुमन, डॉ. अर्चना सहित अनेक विद्वान उपस्थित रहे।

डॉ. जोशी ने कहा कि यह प्रमाण पत्र केवल एक कागज़ नहीं बल्कि एक ज़िम्मेदारी है — लोगों तक आयुर्वेद के वास्तविक स्वरूप को पहुँचाने की।

✨🌸 विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ 🌸✨यह पावन पर्व हमें सिखाता है किसत्य हमेशा असत्य पर विजयी होता है,धर्म की शक्ति अधर्म ...
01/10/2025

✨🌸 विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ 🌸✨

यह पावन पर्व हमें सिखाता है कि
सत्य हमेशा असत्य पर विजयी होता है,
धर्म की शक्ति अधर्म को परास्त करती है।

🌺 इस विजयदशमी आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन हो। 🌺

🔥 जय श्री राम! 🔥

#जयश्रीराम

🌸🙏 आपको और आपके परिवार को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🌸माँ दुर्गा की कृपा से आपके जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और स्...
01/10/2025

🌸🙏 आपको और आपके परिवार को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🌸

माँ दुर्गा की कृपा से आपके जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य बना रहे।
✨ जय माता दी ✨

#नवरात्रि

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