12/10/2025
*50 चिकित्सक को मिला मर्म चिकित्सा प्रमाण पत्र*
9-11 October 2025
मोतिहारी, चंपारण, बिहार,
विश्व आयुर्वेद परिषद के बैनर तले “मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण एवं प्रमाण पत्र वितरण समारोह” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ एवं आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील जोशी द्वारा संचालित मर्म चिकित्सा एवं योग विज्ञान पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम में 20 वर्षों से अधिक अनुभव सम्पन्न गुरुजनों एवं आयुर्वेद चिकित्सकों ने भाग लिया।
डॉ. जोशी ने मर्म चिकित्सा आयुर्वेदिक चिकित्सा की वह धारा बताया जिससे बिना औषधि के भी 80 प्रतिशत तक रोगों का निदान संभव है। उन्होंने कहा कि मर्म चिकित्सा प्राचीन काल से ही भारतीय चिकित्सा प्रणाली का अभिन्न अंग रही है, जिसे आधुनिक चिकित्सा पद्धति ने लगभग भुला दिया था।
डॉ. जोशी ने कहा कि मर्म बिंदुओं के माध्यम से शरीर में प्रवाहित ऊर्जा को संतुलित कर रोगों का उपचार किया जा सकता है। यह चिकित्सा पद्धति शरीर, मन और आत्मा के संतुलन पर आधारित है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के दुखों का मूल कारण असंतुलन है, और मर्म चिकित्सा उस संतुलन को पुनः स्थापित करती है।
इस अवसर पर विश्व आयुर्वेद परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि डॉ. जोशी द्वारा किया जा रहा यह कार्य अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यह केवल चिकित्सा ही नहीं बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर को पुनः जीवित करने का प्रयास है।
कार्यक्रम के दौरान 50 चिकित्सकों को मर्म चिकित्सा का प्रमाण पत्र दिया गया। इस अवसर पर बिहार राज्य संयोजक संजय सिंह, डॉ. हरीकृष्ण शर्मा, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. शशिभूषण, डॉ. अमित, डॉ. निधि, डॉ. सुमन, डॉ. अर्चना सहित अनेक विद्वान उपस्थित रहे।
डॉ. जोशी ने कहा कि यह प्रमाण पत्र केवल एक कागज़ नहीं बल्कि एक ज़िम्मेदारी है — लोगों तक आयुर्वेद के वास्तविक स्वरूप को पहुँचाने की।