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04/08/2025

लिवर, किडनी, दिल, दिमाग सभी की करे सफाई दिन 7 में | Full Body Detox at Home | Fatty Liver

03/08/2025

क्या आप हमेशा थकान महसूस करते हैं? जानिए 5 आदतें जो आपकी Energy को खत्म कर सकती हैं

क्या आप दिनभर सुस्ती और थकावट का अनुभव करते हैं? काम में मन नहीं लगता? बिना किसी बड़ी बीमारी के भी ये समस्या लगातार बनी रहती है? तो हो सकता है कि इसकी जड़ आपकी कुछ रोज़मर्रा की बुरी आदतों में छिपी हो।

आयुर्वेद में शरीर और मन के संतुलन को बहुत महत्व दिया गया है। अगर यह बैलेंस बिगड़ता है, तो थकावट, सुस्ती और मानसिक अशांति जैसी समस्याएं पैदा होती हैं। आइए जानते हैं ऐसी 5 आम आदतें जो आपकी थकावट की वजह बन सकती हैं — और जिन्हें आज ही छोड़ना जरूरी है।

1. दिनभर बैठकर काम करना (Sedentary Lifestyle)

अगर आपका ज्यादातर समय ऑफिस में कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठकर गुजरता है, तो यह आपकी ऊर्जा (Energy Levels) को धीरे-धीरे खत्म करता है। लगातार बैठने से शरीर में रक्त प्रवाह (Blood Circulation) धीमा हो जाता है और मांसपेशियाँ निष्क्रिय हो जाती हैं, जिससे मानसिक थकान बढ़ती है।

आयुर्वेदिक सलाह: हर 90 मिनट में 5-10 मिनट का ब्रेक लें। दिन में कम से कम 20 मिनट की सैर करें। सूर्य नमस्कार जैसे हल्के योगासन इसमें मददगार हो सकते हैं।

2. पर्याप्त पानी न पीना (Dehydration)

शरीर में केवल 2% पानी की कमी भी थकान और कमजोरी का कारण बन सकती है। पानी की कमी से मेटाबोलिज़्म धीमा हो जाता है और शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती।

क्या करें: दिनभर में कम से कम 2.5-3 लीटर पानी पिएं। नींबू पानी, नारियल पानी और हर्बल डिटॉक्स ड्रिंक्स को अपने रूटीन में शामिल करें।

3. ब्रेकफास्ट न करना (Skipping Breakfast)

सुबह का भोजन शरीर की पहली एनर्जी डोज़ होता है। अगर आप इसे स्किप करते हैं, तो शरीर को जरूरी प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और कार्बोहाइड्रेट्स नहीं मिलते। इससे दिनभर थकान और चिड़चिड़ापन बना रहता है।

आयुर्वेदिक टिप्स: ब्रेकफास्ट में अंकुरित मूंग, मूँग दाल चिला, रागी डोसा, या सत्तू जैसी चीजें शामिल करें। ये पाचन को भी बेहतर बनाते हैं।

4. सोने से पहले मोबाइल या टीवी का इस्तेमाल (Blue Light Exposure)

रात को सोने से पहले मोबाइल या लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल नींद के हार्मोन मेलाटोनिन (Melatonin) को प्रभावित करता है, जिससे नींद की क्वालिटी खराब होती है। इससे अगली सुबह भी आप थका हुआ महसूस करते हैं।

उपाय: सोने से 1.5 से 2 घंटे पहले स्क्रीन से दूरी बनाएं। इसके स्थान पर तिल के तेल से तलवों की मालिश या त्रिफला चूर्ण का सेवन लें जिससे नींद बेहतर हो।

5. धूप से दूरी बनाना (Lack of Sunlight Exposure)

धूप में निकलना केवल विटामिन D के लिए नहीं, बल्कि मानसिक ऊर्जा के लिए भी जरूरी है। सूरज की रोशनी से शरीर में मेलाटोनिन बैलेंस होता है और मूड बेहतर रहता है।

क्या करें: रोज़ सुबह 10 मिनट धूप में टहलें। आयुर्वेद कहता है कि प्रातःकालीन सूर्य किरणें शरीर को ऊर्जा और शुद्धता प्रदान करती हैं।

निष्कर्ष
थकान कोई छोटी समस्या नहीं है — यह आपके शरीर में अंदरूनी असंतुलन का संकेत हो सकता है। आयुर्वेदिक जीवनशैली अपनाकर आप इन आदतों को सुधार सकते हैं और फिर से तरोताजा और ऊर्जावान महसूस कर सकते हैं।

अगर आप लगातार थकान, कमजोरी या मानसिक थकावट से परेशान हैं, तो Adarsh Ayurvedic Pharmacy से निशुल्क परामर्श लें और जानिए शरीर के दोषों (Vata, Pitta, Kapha) का सही संतुलन कैसे पाया जा सकता है।

Dr. (Vaidhya) Deepak Kumar
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Best Iron Rich Seeds for Iron Deficiency | कमज़ोरी और थकान? आज़माएं ये बीज -
02/08/2025

Best Iron Rich Seeds for Iron Deficiency | कमज़ोरी और थकान? आज़माएं ये बीज -

02/08/2025

हरी इलायची तो अक्सर खाते होंगे, जान लें इसके 5 बेहतरीन फायदे, ये दिक्कतें भी होंगी दूर
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हार्ट रहता है दुरुस्त
हरी इलायची को रोजाना अपनी डाइट में शामिल करने से आप दिल की बीमारी से बचे रह सकते हैं. बता दें कि एंटीऑक्सीडेंट तत्वों से भरपूर हरी इलायची हार्ट को दुरुस्त रखने में मदद करती है. इसके सेवन से हार्ट रिलेटेड प्रॉब्लम्स होने का रिस्क कम हो जाता है.

ओरल हेल्थ को बेहतर बनाती है

हरी इलायची केवल मुंह की दुर्गन्ध को दूर करने में ही मदद नहीं करती है. ये ओरल इंफेक्शन, कैविटी और स्वेलिंग को दूर रखने में भी अच्छा रोल निभाती है. ओरल हेल्थ को बेहतर रखने के लिए आप रोजाना इलायची चबा सकते हैं.

लिवर को हेल्दी रखती है

हरी इलायची खाने से लिवर को हेल्दी रखने में भी मदद मिलती है. दरअसल, हरी इलायची में डिटॉक्सीफाइंग एजेंट मौजूद रहता है जो टॉक्सिन को बाहर निकालकर लीवर सम्बन्धी बीमारी होने के खतरे को कम करता है.

कैंसर दूर रखती है

कैंसर को दूर रखने में भी हरी इलायची की भूमिका काफी अच्छी होती है. दरअसल हरी इलायची एंटी-कैंसर प्रॉपर्टीज से भरपूर होती है. जो कैंसर सेल्स कम करने में मदद करती है. ऐसे में हरी इलायची का सेवन करके आप कैंसर को खुद से दूर रख सकते हैं.

कोलेस्ट्रॉल और हाइपरटेंशन कंट्रोल करती है

हरी इलायची कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में अच्छा रोल निभाती है. इसके साथ ही ये हाई बीपी की दिक्कत को भी नियंत्रित करने का काम करती है. इन दोनों दिक्कतों से जूझ रहे व्यक्ति के लिए हरी इलायची खाना बेहतर हो सकता है।

Dr. (Vaidhya) Deepak Kumar
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01/08/2025

गर्मियों में कैसे बनाएं हेल्दी और एनर्जेटिक बॉडी – आयुर्वेदिक डाइट और फिटनेस गाइड

परिचय:
गर्मियों का मौसम सिर्फ पसीना और लू ही नहीं लाता, बल्कि शरीर पर भी इसका गहरा असर होता है। इस मौसम में लोग अक्सर थकान, डिहाइड्रेशन, पेट की समस्याएं, बेचैनी और घबराहट महसूस करते हैं। ऐसे में अपने खानपान और दिनचर्या को मौसम के अनुसार ढालना बहुत जरूरी हो जाता है।

अगर आप भी गर्मियों में खुद को फिट, एक्टिव और एनर्जेटिक रखना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से यह ब्लॉग आपके लिए है।

🌿 गर्मी में कैसी हो डाइट?

1. दिन की शुरुआत कैसे करें:
सुबह हल्के गुनगुने पानी में नींबू और शहद डालकर पीना पाचन के लिए लाभदायक है। चाहें तो ग्रीन टी भी ले सकते हैं। खाली पेट लंबे समय तक रहने से बचें।

2. नारियल पानी:
यह शरीर को ठंडक देता है, कैल्शियम से भरपूर होता है और डिहाइड्रेशन से बचाता है।

3. किवी फल:
विटामिन C और B से भरपूर यह फल हृदय, किडनी, हड्डी और ब्रेन के लिए बहुत उपयोगी है।

4. दही:
ठंडक देने वाला सुपरफूड है। सुबह-दोपहर खाएं, लेकिन शाम 6 बजे के बाद ना लें।

5. नींबू पानी और आम पना:
यह शरीर को इलेक्ट्रोलाइट्स देता है और लू से बचाता है। घर में पुदीना और बेल शरबत भी रखें।

6. खीरा और तरबूज:
96% तक पानी होने की वजह से ये शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं और स्किन को भी हेल्दी बनाते हैं।

7. सत्तू:
गर्मी में रामबाण। इसे पानी में मिलाकर पीने से शरीर ठंडा रहता है और ऊर्जा मिलती है।

8. लाइट, सुपाच्य भोजन:
दालें, सब्जियां (जैसे लौकी, तोरई, गाजर, पालक) और रसीली सब्जियां जल्दी खराब होती हैं, इसलिए तुरंत बनी हुई हल्की चीजें ही खाएं।

9. चाय-कॉफी से परहेज:
इसके बजाय छाछ, लस्सी, जूस, नारियल पानी आदि लें।

🍽️ अल्पाहार का नुस्खा – Summer Light Meal Plan
मौसमी फल और सलाद भरपूर लें।

तली-भुनी और मसालेदार चीज़ों से परहेज करें।

एक दिन लिक्विड डाइट (सूप, शरबत, छाछ) लें।

डिनर लाइट रखें और खाने के बाद तुलसी-लेमन टी या आइस-टी लें।

बच्चों को दूध नहीं पसंद है तो दूध से बनी रोटी या फ्रूट आइसक्रीम दें।

🏃‍♂️ गर्मियों में फिटनेस कैसे बनाए रखें?
गर्मी वजन घटाने का आदर्श समय है। सुबह-शाम की वॉक और घर पर हल्की एक्सरसाइज से आप शरीर को एक्टिव और फिट रख सकते हैं।

फिटनेस के लिए अपनाएं ये एक्सरसाइज:

मॉर्निंग वॉक: सुबह 5 से 7 बजे तक टहलें। डिनर के बाद 15-20 मिनट वॉक ज़रूरी है।

पुशअप्स: ऊपरी शरीर के लिए लाभदायक।

बर्पीज़: फुल बॉडी वर्कआउट के लिए बेस्ट।

साइड प्लैंक्स: पेट, पीठ और कंधों के लिए फायदेमंद।

वॉकिंग लंजेस: जांघों और हिप्स की एक्सरसाइज।

ओब्लीक: कमर की चर्बी घटाने में सहायक।

सुपरमैन प्लैंक: शरीर को संतुलन और ताकत देता है।

ट्राइसेप्स डिप्स: बाहों के आसपास फैट कम करता है।

टिप: किसी बीमारी का इलाज चल रहा हो तो एक्सरसाइज से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

गर्मियों में शरीर और मन दोनों को ठंडक देना ज़रूरी होता है। आयुर्वेद कहता है कि ऋतु के अनुसार आहार-विहार को बदल लेना ही स्वास्थ्य का मूलमंत्र है। हल्का भोजन, पर्याप्त पानी, मौसमी फल, नींबू पानी, सत्तू और थोड़ी सी फिजिकल एक्टिविटी आपके शरीर को गर्मियों में भी एक्टिव रखती है।

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31/07/2025

बंद नाक और सांस में दिक्कत का अचूक इलाज | Sinusitis Causes and Home Remedy | Cold | Cough | Phlegm

31/07/2025

जोड़ों का दर्द, कमजोरी और वातरक्त जैसी समस्याओं के लिए असरदार आयुर्वेदिक नुस्खा

आजकल की बदलती जीवनशैली और खानपान की आदतों के कारण शरीर में कई तरह की समस्याएँ उभरने लगी हैं, जैसे - जोड़ों का दर्द, खून की कमी, बुखार के बाद कमजोरी, बार-बार पेशाब आना, ज्यादा सर्दी लगना, कफ का अधिक बनना आदि। इन सभी समस्याओं में एक आयुर्वेदिक शक्ति वर्धक उपाय बहुत लाभकारी हो सकता है। यह नुस्खा न केवल रक्त शुद्ध करता है, बल्कि पाचन शक्ति को भी मजबूत बनाता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

यह औषधीय योग खासतौर पर वातरक्त (gout / joint inflammation) जैसी स्थितियों में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होता है। इसमें प्रयुक्त सभी घटक आयुर्वेदिक ग्रंथों में वर्णित प्रमाणित औषधियाँ हैं, जो शरीर की संपूर्ण मजबूती और ऊर्जा के लिए जानी जाती हैं।

आयुर्वेदिक चूर्ण बनाने की विधि
इस चूर्ण को तैयार करने के लिए निम्न औषधियों की आवश्यकता होगी:

सोंठ – 10 ग्राम

काली मिर्च – 10 ग्राम

छोटी पिप्पली – 10 ग्राम

हरड़ – 10 ग्राम

बहेड़ा – 10 ग्राम

आंवला – 10 ग्राम

गिलोय सत्त्व – 10 ग्राम

लौह भस्म – 10 ग्राम

मिश्री (Sugar Candy) – 30 ग्राम

शुद्ध शिलाजीत – 30 ग्राम

गाय का घी – आवश्यकतानुसार

बनाने की विधि:
सभी औषधियों को अच्छी तरह साफ करके बारीक कूट-पीसकर चूर्ण बना लें।

इसमें गाय का घी थोड़ा-थोड़ा डालते जाएँ और हाथ से अच्छी तरह मसलते जाएँ ताकि यह एक लोई (डो) जैसा बन जाए।

अब इस लोई को आधा-आधा ग्राम की गोलियों में बाँट लें और काँच के बर्तन में सुरक्षित रखें।

यह गोलियाँ गर्म जगह पर न रखें, ठंडी और सूखी जगह पर ही स्टोर करें।

ध्यान दें: घी उतना ही मिलाएँ जिससे सभी औषधियाँ गूंथ जाएँ। बहुत अधिक घी ना मिलाएँ।

सेवन विधि:
इन गोलियों का सेवन दिन में दो बार शहद के साथ करें।

यदि गोली बनाना संभव न हो तो इस चूर्ण को 500 mg की खाली कैप्सूल में भरकर भी उपयोग किया जा सकता है।

इसे शहद या गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है।

किन रोगों में लाभकारी है?
जोड़ों का दर्द

बुखार के बाद कमजोरी

वातरक्त / Gout

सर्दी-खाँसी, कफ की अधिकता

बार-बार पेशाब आना

खून की कमी (Anemia)

शारीरिक थकावट और कमजोरी

यह योग शरीर की रक्तशुद्धि (Blood Purification) करता है, पाचन को बेहतर करता है और शरीर को बल देता है।

यह नुस्खा बताया है:
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30/07/2025

किडनी स्टोन का घरेलू इलाज – जानिए आयुर्वेदिक तरीके

किडनी स्टोन (Kidney Stone) आजकल एक आम लेकिन दर्दनाक समस्या बन चुकी है। यह तब होता है जब यूरीन में मौजूद रासायनिक तत्व – यूरिक एसिड, फॉस्फेट, कैल्शियम और ऑक्जेलेट्स – आपस में मिलकर स्टोन का निर्माण करते हैं।

ज्यादा विटामिन D का सेवन, पानी की कमी (Dehydration), अनियमित डाइट और शरीर में लवणों का असंतुलन भी इसके प्रमुख कारण हैं।

किडनी स्टोन के लक्षण
पेट या पीठ में तीव्र दर्द

बार-बार पेशाब आना

पेशाब करते समय जलन या दर्द

मतली और उल्टी

अधिक पसीना आना

हालांकि मेडिकल साइंस में इसके लिए कई तरह की दवाइयाँ और ऑपरेशन के विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन आयुर्वेद में कई असरदार घरेलू उपचार (Home Remedies) भी बताए गए हैं, जिनसे बिना सर्जरी के स्टोन को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिल सकती है।

1. नींबू का रस और ऑलिव ऑयल
Lemon Juice + Olive Oil का मिश्रण गॉलब्लैडर स्टोन के लिए लोकप्रिय है, लेकिन किडनी स्टोन में भी यह कारगर है। नींबू में मौजूद सिट्रिक एसिड स्टोन को तोड़ने में मदद करता है।

कैसे उपयोग करें:
बराबर मात्रा में नींबू का रस और ऑलिव ऑयल मिलाएं और दिन में 2-3 बार सेवन करें।

2. अनार
Pomegranate में एंटीऑक्सिडेंट्स और ऐस्ट्रिंजेंट गुण होते हैं जो किडनी के स्टोन को घोलने और पेशाब के रास्ते बाहर निकालने में मदद करते हैं।

उपयोग का तरीका:
हर दिन एक अनार खाएं या उसका फ्रेश जूस पिएं।

3. तरबूज
Watermelon में मौजूद पोटैशियम यूरीन में एसिड लेवल को बैलेंस करता है और शरीर को हाइड्रेट रखता है, जिससे स्टोन नेचुरली बाहर निकल सकता है।

सेवन विधि:
गर्मियों में नियमित रूप से तरबूज का सेवन करें।

4. राजमा (किडनी बीन्स)
Kidney Beans फाइबर से भरपूर होती हैं और किडनी व ब्लैडर से जुड़ी समस्याओं में लाभकारी मानी जाती हैं।

कैसे सेवन करें:
राजमा को उबालकर उसका सूप पिएं और जिस पानी में भिगोया गया हो, वह भी फायदेमंद होता है।

5. व्हीट ग्रास जूस
Wheatgrass में आयुर्वेदिक गुण होते हैं जो न सिर्फ स्टोन को बाहर निकालते हैं बल्कि किडनी की अन्य बीमारियों में भी उपयोगी हैं।

सेवन विधि:
व्हीट ग्रास को पानी में उबालकर छान लें। इसमें नींबू का रस मिलाकर नियमित रूप से पिएं।

अतिरिक्त सुझाव:
रोजाना कम से कम 10 गिलास पानी पिएं।

बहुत अधिक नमक, प्रोटीन और ऑक्सलेट्स वाली चीज़ों से परहेज करें।

स्ट्रेस को कम करें, क्योंकि मानसिक तनाव भी किडनी फंक्शन को प्रभावित कर सकता है।

निष्कर्ष:
किडनी स्टोन के इलाज के लिए जरूरी नहीं कि हमेशा ऑपरेशन या भारी दवाओं की जरूरत हो। आयुर्वेद और घरेलू उपायों से भी शरीर को प्राकृतिक रूप से ठीक किया जा सकता है। हां, किसी भी उपचार से पहले कुशल वैद्य की सलाह अवश्य लें।

डॉ. (वैद्य) दीपक कुमार
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28/07/2025

बरसात में बुजुर्गों की देखभाल: आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से ज़रूरी सावधानियां

बरसात का मौसम जहाँ एक ओर ठंडक और हरियाली लाता है, वहीं दूसरी ओर यह वृद्ध व्यक्तियों (Senior Citizens) के लिए कई स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ भी लेकर आता है। इस मौसम में संक्रमण, फिसलन, कमज़ोरी और बीमारी का खतरा ज़्यादा होता है। खासकर जिन बुजुर्गों की इम्यूनिटी पहले से कमजोर होती है, उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

🟢 बरसात में बुजुर्गों को अपनानी चाहिए ये सावधानियां

1. उबला हुआ और गर्म पानी पिएं
बरसात के मौसम में प्यास कम लगती है, जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन (Dehydration) हो सकता है। इसलिए दिनभर थोड़ा-थोड़ा गुनगुना या उबला हुआ पानी पीते रहें। इससे पेट भी साफ रहेगा और संक्रमण का खतरा कम होगा।

2. स्वच्छ और घर का बना भोजन ही लें
बाजार के खुले खाने और कटे फलों से परहेज करें। ताजा और हल्का भोजन, जैसे खिचड़ी, मूंग दाल, उबली सब्ज़ियाँ इत्यादि, बुजुर्गों के लिए उपयुक्त रहते हैं।

3. व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें
वृद्ध व्यक्तियों को चाहिए कि:

शौच के बाद और खाने से पहले हाथ साबुन से धोएं।

कपड़े समय पर बदलें, विशेषकर जब वे गीले हो जाएं।

नाखून और बाल साफ रखें।

4. मच्छरों से सुरक्षा जरूरी है
बरसात में Dengue, Malaria और Chikungunya जैसे vector-borne diseases का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए:

मच्छरदानी या mosquito repellent का प्रयोग करें।

कमरे में पानी इकट्ठा न होने दें।

5. फिसलन से बचने के उपाय
बारिश में बाहर निकलते समय छाता अवश्य साथ रखें।

जहां भी पानी जमा हो, वहाँ चलने से बचें।

बाथरूम में एंटी-स्लिप मैट्स का उपयोग करें।

गीले कपड़े या गीले फर्श पर न चलें।

6. दवाइयों का ध्यान रखें
अगर कोई chronic disease (जैसे डायबिटीज़, हाई BP, अस्थमा) है, तो अपनी नियमित आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन समय पर करें और डॉक्टर से परामर्श में रहें।

✅ आयुर्वेद का सुझाव – बुजुर्गों के लिए फायदेमंद है नियमित हर्बल सेवन
बरसात के समय कुछ आयुर्वेदिक औषधियाँ बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती हैं:

गिलोय (Guduchi) – इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए

त्रिकटु चूर्ण – जुकाम और पाचन के लिए

च्यवनप्राश – सम्पूर्ण स्वास्थ्य वर्धक

अदरक का काढ़ा – ठंड से बचाव हेतु

इन सभी उत्पादों को आप Adarsh Ayurvedic Pharmacy की वेबसाइट पर देख सकते हैं।

📌 निष्कर्ष
बरसात का मौसम बुजुर्गों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी और आयुर्वेदिक जीवनशैली से उन्हें बीमारियों से बचाया जा सकता है। साफ-सफाई, सही खानपान और प्राकृतिक दवाओं से बुजुर्ग स्वस्थ और सुरक्षित रह सकते हैं।

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Amazing Benefits of Bhringraj Oil for Hair Care. क्यों है भृंगराज बालों के लिए फायदेमंद?                                ...
27/07/2025

Amazing Benefits of Bhringraj Oil for Hair Care. क्यों है भृंगराज बालों के लिए फायदेमंद?

27/07/2025

फिटकरी के आयुर्वेदिक लाभ: जानिए इसके 21 चमत्कारी प्रयोग

आयुर्वेद में फिटकरी (Alum) का विशेष स्थान है। यह एक प्राकृतिक औषधि है जो प्राचीन समय से चोट लगने, घाव भरने, जलने, पसीने की दुर्गंध हटाने और कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं में उपयोग होती रही है। आज हम जानेंगे कि फिटकरी किन-किन बीमारियों (Diseases) में उपयोगी है और किस तरह इसके घरेलू नुस्खों (Home Remedies) से फायदा उठाया जा सकता है।

फिटकरी के प्रमुख उपयोग और घरेलू उपचार
1. पसीने की दुर्गंध में राहत
फिटकरी का महीन चूर्ण बनाकर पानी में मिलाएं और उससे स्नान करें। यह त्वचा पर मौजूद बैक्टीरिया को हटाकर दुर्गंध को कम करता है।

2. खांसी और दमा में उपयोगी
फिटकरी चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर चाटने से खांसी, बलगम और दमा में आराम मिलता है।

3. जुओं से छुटकारा
फिटकरी के पानी से सिर धोने पर जुएं खत्म हो जाती हैं क्योंकि इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं।

4. चोट लगने पर
चोट लगने पर फिटकरी के पानी से घाव धोने से रक्तस्राव बंद हो जाता है।

फिटकरी के अन्य चमत्कारी फायदे (21 लाभ)
गर्भपात रोकने के लिए: फिटकरी पिसकर कच्चे दूध में मिलाकर लस्सी बनाकर पिलाने से लाभ होता है।

श्वेत प्रदर और रक्त प्रदर में: पिसी फिटकरी की फंकी पानी से दिन में तीन बार लें।

खूनी बवासीर: फिटकरी पानी में घोलकर गुदा क्षेत्र पर प्रयोग करें।

सुजाक में जलन: 6 ग्राम फिटकरी एक गिलास पानी में घोलकर पिलाएं।

सर्दियों में उंगलियों की सूजन/खाज: फिटकरी के पानी से धोने पर आराम मिलता है।

नशा उतारने के लिए: 6 ग्राम फिटकरी पानी में मिलाकर पिएं।

टॉन्सिल्स और गले के दर्द में: गर्म पानी में फिटकरी और नमक मिलाकर गरारे करें।

बुखार से पहले: एक ग्राम फिटकरी में दो ग्राम चीनी मिलाकर दें।

दांत दर्द: फिटकरी को रूई में लगाकर प्रभावित दांत में रखें।

मुंह के छाले: फिटकरी पानी में मिलाकर कुल्ले करें।

कान में चींटी चली जाए: फिटकरी पानी में मिलाकर कान में डालें।

हैजा: आधा गिलास पानी में 6 ग्राम फिटकरी घोलकर दें।

आंतरिक चोट: फिटकरी पिसकर गाय के दूध में मिलाकर पिलाएं।

हाथ-पांव में पसीना: फिटकरी के पानी से धोएं।

जुएं खत्म करने के लिए: फिटकरी के पानी से सिर धोएं।

चर्म रोग: प्रभावित स्थान पर फिटकरी का पानी दिन में 3-4 बार लगाएं।

दमा और खांसी: आधा ग्राम फिटकरी शहद में मिलाकर सेवन करें।

नाक से खून: गाय के दूध में फिटकरी घोलकर 3-4 बूंद नाक में डालें।

कान का घाव: फिटकरी और शहद मिलाकर उसमें रूई लगाकर कान में रखें।

पायरिया: फिटकरी का चूर्ण पानी में मिलाकर दिन में 2 बार कुल्ले करें।

नजला-जुकाम: फिटकरी को तवे पर फुलाकर पीस लें और गुनगुने पानी से सेवन करें।

दांतों की समस्याओं में फिटकरी
मुंह से दुर्गंध आना या दांत दर्द होना — दोनों में फिटकरी लाभकारी है। यह एक प्राकृतिक माउथवॉश की तरह काम करती है। नियमित गरारे करने से दांतों और मसूड़ों को मजबूती मिलती है।

फिटकरी क्यों है आयुर्वेद में महत्वपूर्ण?
यह एक शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक औषधि है।

पानी को शुद्ध करने के लिए फिटकरी का उपयोग वर्षों से होता आया है।

कटने, जलने, घाव भरने, और त्वचा की देखभाल में यह सदियों पुरानी औषधि है।

निष्कर्ष
फिटकरी न केवल एक घरेलू उपाय है, बल्कि आयुर्वेद में एक चमत्कारी औषधि के रूप में जानी जाती है। इसका उपयोग सुरक्षित और प्रभावशाली है यदि उचित मात्रा और विधि से किया जाए।

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26/07/2025

गंजे सिर (Alopecia) पर उगाएं नये बाल – आयुर्वेदिक उपाय से

क्या आप या आपके जानने वाले किसी गंजेपन (Alopecia) से परेशान हैं? क्या कई इलाज, दवाइयाँ और तेल आज़मा चुके हैं लेकिन फायदा नहीं हुआ? अगर हाँ, तो आज हम एक पारंपरिक आयुर्वेदिक नुस्खा शेयर कर रहे हैं, जो वर्षों से प्रयोग में लाया जा रहा है और कई लोगों को लाभ मिला है।

गंजापन या एलोपीसिया क्या है?
कुछ लोगों के सिर या शरीर के कुछ हिस्सों पर बाल अचानक झड़ने लगते हैं और उस जगह पर चिकनी, सपाट त्वचा दिखाई देने लगती है। इसे मेडिकल टर्म में Alopecia कहा जाता है। कई बार ये समस्या तनाव, हार्मोनल बदलाव, पोषण की कमी या जेनेटिक कारणों से होती है।

आयुर्वेदिक तेल बनाने की विधि
इस विशेष तेल को बनाने में मुख्य भूमिका निभाता है – बरगद (बट/बड़) के पत्ते और अलसी का तेल। यह मिश्रण बालों की जड़ों को पोषण देने, खोपड़ी की त्वचा को सक्रिय करने और बालों को दोबारा उगाने में सहायक माना जाता है।

सामग्री:
1 किलो ताजे व कोमल बरगद के पत्ते

1 किलो अलसी का तेल (यदि न मिले तो तिल का तेल भी इस्तेमाल किया जा सकता है)

1 गिलास पानी

विधि:
कढ़ाही में अलसी का तेल गर्म करें।

उसमें बरगद के पत्ते डालें और तब तक गर्म करें जब तक पत्ते काले न पड़ जाएं।

अब धीमी आंच पर थोड़ा-थोड़ा करके पानी डालें और इसे पकने दें।

पकने के बाद पत्तों को अच्छी तरह निचोड़ कर निकाल लें।

तेल को छानकर किसी बोतल में भर लें।

सावधानी: जब पानी डालें तो बहुत सतर्क रहें, क्योंकि उबाल आने पर तेल उछल सकता है। धीरे-धीरे चलाते रहें।

लगाने की विधि
रोज़ सुबह और शाम सिर की पूरी त्वचा पर हल्के हाथों से मालिश करें।

कम से कम 2-3 महीने तक नियमित रूप से इस प्रक्रिया को अपनाएं।

बाल धोने के लिए क्या करें?
किसी प्रकार का साबुन या शैंपू प्रयोग नहीं करना है।

बाल धोने के लिए मुल्तानी मिट्टी या देशी मिट्टी का इस्तेमाल करें।

परिणाम
इस तेल के नियमित प्रयोग से सिर पर नए और घने बाल उग सकते हैं। यह प्रक्रिया बालों की जड़ों को फिर से सक्रिय करती है और प्राकृतिक रूप से Hair Regrowth को सपोर्ट करती है। हां, परिणाम व्यक्ति के शरीर और समस्या की गंभीरता पर निर्भर करते हैं।

Dr. (Vaidya) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy, Kankhal, Haridwar

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Mr. Deepak Kumar the talented expert Vaidya belongs to the dynasty of renowned Veteran Vaidya (Late) Shri Lallu Ji, and Late Shri Vijay Kumar Ji who laid the foundation of Adarsh Ayurvedic Aushdhalaya (Regd) in 1947. It is worth remembering that Shri DEEPAK KUMAR was honored with Rastriya Swasthaya Samman Puraskar in 2004 by Central State Minister for Science and Technology, Government of India, Honorable Bacchi Singh Rawat in auspicious Alankaran Samaroh , in presence of Shri G.B.G. Krishanmurty former Chief Election Commissioner, Shri Romesh Bhandari former U.P. Governor, Shri B. Satyanarayan Reddy, former Governor(U.P.), Dr. A.R. Kidwai former Governor, Bihar.

Vaidya Deepak Kumar has been Honored with Arch of Excellence (Medicare) Award in 2006 by All India Achievers Conference, New Delhi on the occasion of 55th National Seminar on “INDIVIDUAL ACHIEVEMENTS & NATION BUILDING”

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