Gera Ayurvedic Centre

Gera Ayurvedic Centre Dr. M.K. Gera is a highly experienced and respected Ayurvedic practitioner with over 41 years of dedicated service in the field of Ayurveda.

He is a certified Nadi Parikshak, specializing in the ancient and revered technique of pulse diagnosis To spread awareness on "Ayurvedic Medicine" , an healing system that originated in ancient India.

12/07/2025

सहजन (मोरिंगा) एक ऐसा पौधा हैं जिसके फल, पत्ते, बीज और फूल सभी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। सहजन एक प्रकार का गरीबों का मुफ्त का मल्टीविटामिन हैं, इसमें 300 से अधिक रोगों के रोकथाम के गुण पाए जाते हैं। इसमें 90 तरह के मल्टीविटामिन्स, 45 तरह के एंटीआक्सीडेंट गुण, 35 तरह के दर्द-निवारक गुण और 17 तरह के एमिनो एसिड पाये जाते हैं।

■ सहजन के कुछ प्रमुख फायदे:-

● रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार :
सहजन में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और सर्दी-जुकाम, फ्लू और अन्य संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं।

● हृदय स्वास्थ्य में सुधार :
सहजन में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।

● हड्डियों को मजबूत बनाता हैं :
सहजन में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे खनिज होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

● डायबिटीज में फायदेमंद :
सहजन में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

● पाचन में सुधार :
सहजन में फाइबर की मात्रा अधिक होती हैं, जो पाचन में सुधार करता हैं और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता हैं।

● त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद :
सहजन में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो त्वचा को निखारने और बालों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

● स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए फायदेमंद :
सहजन में लैक्टोजेनिक गुण होते हैं, जो स्तन के दूध के उत्पादन को बढ़ाते हैं।

● वजन घटाने में सहायक :
सहजन में क्लोरोजेनिक एसिड और एंटी-ओबेसिटी गुण होते हैं, जो वजन घटाने में मदद करते हैं।

● पुरुषों के लिए फायदेमंद :
सहजन इरेक्टाइल डिसफंक्शन में सुधार करने और कामेच्छा बढ़ाने में मदद करता हैं।

■ सहजन का सूप बनाने का तरीका:-
सहजन को कई छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। दो कप पानी लेकर इसे धीमी आंच पर उबलने के लिए रख दें। जब पानी उबलने लगे तो इसमें कटे हुए सहजन डाल दें। आप चाहें तो इसमें सहजन की पत्त‍ियां भी मिला सकते हैं। जब पानी आधा बचे तो सहजन की फलियों के बीच का गूदा निकाल लें और ऊपरी हिस्सा अलग कर लें। इसमें थोड़ा सा नमक और काली मिर्च मिलाकर पिएं।

अगर जानकारी पसंद आई हो तो पोस्ट को लाइक और शेयर जरूर करें, धन्यवाद

08/07/2025
07/07/2025

अर्जुन के पेड़ मानव शरीर के लिये औषधि गुण से भरा हुआ है पत्ते फल फूल छाल सभी औषधि प्रयोग में आता है ।
अगर आपका हार्ट 80% ब्लॉकेज हो गया है डॉक्टर स्टैंड लगाने का अनुमति दे चूका है तो आप इस नुस्खे को आजमाकर देखे तरीका :-
1.अर्जुन की छाल 100 ग्राम
2. दालचीनी 50 ग्राम
3. तेज पत्ता 20 ग्राम
4.मेथी दाना 50 ग्राम
5.कालोंजी 50 ग्राम
6.अलसी बीज 50 ग्राम
सभी मिलाकर कूटकर दरदरा पाउडर बना लें ज्यादा बारीक़ पाउडर ना बनाये। रात को 400ml पानी को किसी ताम्बा के बर्तन में डाल कर 10 ग्राम इस चूर्ण को भिगो दें सुबह इस पानी को छानकर दो हिस्से में बाँट लें आधा सुबह आधा शाम को खाली पेट इस्तेमाल करें। रोजाना दो से तीन महीने तक करने से किसी भी प्रकार का ब्लॉकेज ह्रदय हो या नस पूरी तरह खुल जाती है ।

गर हार्ट बिट 50 से भी कम है तो आप अनारदाना एक चम्मच , पुदीना 10 ,15 gram पत्ते और लहसुन चार दाने 1 इंच अदरक का टुकड़ा हरी मिर्च एक या दो स्वाद अनुसार इसकी सिल पर पीस का चटनी बनाकर रोज खाएं एक समय खाने के साथ जरूर खाएं ज्यादा मेहनत का काम ना करें मॉर्निंग वॉक जरूर करें लेकिन बहुत ज्यादा नहीं दौड़े नहीं और डॉक्टर से सलाह जरूर ले,,

हृदय का राजा क्यों कहा गया है अर्जुन छाल को ????

अर्जुन एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो विशेष रूप से हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानी जाती है। आयुर्वेद में अर्जुन की छाल को दिल की मांसपेशियों को मजबूत करने, उन्हें टोन करने और हृदय को ऊर्जा देने के लिए एक प्रमुख औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। अर्जुन की छाल का सेवन हृदय के सभी पहलुओं का समर्थन करने और इसके स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है।
शरीर में आई सूजन को घटाने के लिए भी अर्जुन की छाल अच्छी मानी गई है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन घटाते हैं

अर्जुन की छाल के मुख्य फायदे:

1. हृदय को मजबूत बनाती है – अर्जुन छाल रक्त संचार को सही रखती है और हृदय की धमनियों को स्वस्थ बनाए रखती है।

2. ब्लड प्रेशर कंट्रोल करती है – हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर दोनों को संतुलित करने में मददगार है।

3. कोलेस्ट्रॉल कम करती है – खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने में सहायक है।

4. दिल की धड़कन को नियंत्रित करती है – अनियमित धड़कनों (Arrhythmia) को सही करने में मदद करती है।

5. ब्लड शुगर को नियंत्रित करती है – मधुमेह के मरीजों के लिए भी यह फायदेमंद है।

6. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर – शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करके एंटी-एजिंग प्रभाव डालती है।

7. लिवर और किडनी के लिए लाभकारी – यह लिवर को डिटॉक्स करने और किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करती है।

8. तनाव और चिंता को कम करती है – यह एक प्राकृतिक एडेप्टोजेन है, जो मानसिक शांति देती है।

9. पाचन में सुधार – अपच, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं में फायदेमंद होती है।

10. घाव भरने में मदद करती है – त्वचा के घावों को जल्दी भरने में उपयोगी है।

अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करें?
आयुर्वेदिक चिकित्सक के अनुसार, अर्जुन की छाल का सबसे प्रभावी उपयोग अर्जुन की छाल की चाय के रूप में होता है।

1. अर्जुन चाय – 1 चम्मच अर्जुन की छाल पाउडर को 1 कप पानी में उबालकर दिन में 1-2 बार पिएं।

2. अर्जुन दूध – आधा चम्मच अर्जुन छाल पाउडर को 1 गिलास दूध में उबालकर सेवन करें।

3. कैप्सूल या टैबलेट – आयुर्वेदिक स्टोर्स में उपलब्ध अर्जुन कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं।

सावधानियाँ:

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

किसी भी दवा के साथ लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट दर्द या एसिडिटी हो सकती है।

अगर आप इसे अपने डेली रूटीन में शामिल करना चाहते हैं, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।।।

06/07/2025

कैंसर जैसी बीमारियों में भी कारगर – आयुर्वेद का चमत्कारी इलाज,,,

बहुत से लोग नहीं जानते कि कांचनार की छाल का काढ़ा पीने से शरीर में बनने वाली गांठें (lumps) धीरे-धीरे ठीक हो जाती हैं।

यह एक प्राचीन आयुर्वेदिक उपाय है जो थायरॉइड, ट्यूमर और गांठों जैसी समस्याओं में फायदेमंद माना गया है।
दवा से पहले देशी नुस्खा आज़माओ – फायदे खुद महसूस करो!

Kachnar Benefits: सेहत के लिए वरदान, जानिए इसके अद्भुत फायदे

Kachnar benefits: कचनार एक औषधीय पेड़ है, जिसके फूल, पत्ते और छाल सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. पेट. की समस्याओं से लेकर थायरॉइड, वजन घटाने और त्वचा रोगों तक, कचनार के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। जानिए कचनार के उपयोग और इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों के बारे में.,,,

Kachnar Benefits: कचनार (Bauhinia variegata) एक बहुत ही खास पेड़ है, जो अपनी खूबसूरत फूलों के साथ-साथ सेहतमंद गुणों के लिए भी जाना जाता है. यह पेड़ आमतौर पर भारत और अन्य एशियाई देशों में पाया जाता है, और इसके फूल, पत्ते, छाल, और यहां तक कि इसकी कलियाँ भी औषधीय गुणों से भरी होती हैं. चलिए जानते हैं कचनार के कुछ अद्भुत फायदे, जिनके बारे में शायद आपने पहले कभी नहीं सुना हो।।

पेट की समस्याओं का समाधान,,,,,
कचनार की कलियां और इसकी छाल पेट से जुड़ी समस्याओं में बहुत फायदेमंद होती हैं. अगर आपको कब्ज़ या पेट फूलने की समस्या है, तो कचनार का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. इसकी कलियों से बनी सब्जी या इसका काढ़ा पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है. कचनार पेट के गैस्ट्रिक रस को नियंत्रित करने में सहायक होता है, जिससे पाचन सही रहता है.

त्वचा रोगों में राहत,,,,,,
कचनार का पेड़ त्वचा से संबंधित समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक इलाज के रूप में काम करता है. इसकी छाल और पत्तियों में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो त्वचा की एलर्जी, दाद, और खुजली जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं. आप इसके पत्तों का पेस्ट बनाकर त्वचा पर लगा सकते हैं या इसके छाल से तैयार काढ़े से नहाने से भी त्वचा संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है.

थायरॉइड के लिए लाभदायक,,,,,,
आजकल थायरॉइड की समस्या तेजी से बढ़ रही है। कचनार की छाल को थायरॉइड के इलाज में एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसके नियमित सेवन से थायरॉइड हार्मोन का संतुलन बना रहता है। कचनार गुग्गुल नामक आयुर्वेदिक दवा थायरॉइड के इलाज में काफी प्रभावी मानी जाती है, जो कचनार की छाल से बनाई जाती है.

वजन घटाने में मददगार,,,,,,
अगर आप अपना वजन घटाने की सोच रहे हैं, तो कचनार आपके लिए एक अद्भुत उपाय साबित हो सकता है. इसका सेवन शरीर में फैट को कम करने में मदद करता है. कचनार की छाल और पत्तों से बना काढ़ा वजन कम करने के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. इसका नियमित सेवन मेटाबोलिज्म को तेज करता है और अतिरिक्त चर्बी को कम करता है.

अल्सर का इलाज,,,,,
कचनार का इस्तेमाल पेट के अल्सर के इलाज में भी किया जाता है. इसके पत्तों और छाल में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो पेट की आंतरिक दीवारों को मजबूत करते हैं और अल्सर के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं. यह पाचन में सुधार लाता है और पेट में होने वाली जलन से राहत दिलाता है.

रक्त शुद्धिकरण,,,,,
कचनार रक्त शुद्ध करने में भी मददगार साबित होता है. इसके पत्तों और छाल का सेवन करने से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और रक्त साफ होता है. यह शरीर में खून की कमी को दूर करने में भी सहायक होता है, जिससे आपकी त्वचा में निखार आता है और आप ज्यादा स्वस्थ महसूस करते हैं.

महिलाओं की सेहत के लिए लाभदायक,,,,
कचनार महिलाओं के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. इसका इस्तेमाल मासिक धर्म की समस्याओं, जैसे अनियमित मासिक धर्म या अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या में राहत देने के लिए किया जाता है. आयुर्वेद में कचनार की छाल का इस्तेमाल महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान के लिए किया जाता है. यह हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने और प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार करने में भी मदद करता है.

घावों को भरने में मदद,,,,,
कचनार के पत्तों और फूलों का इस्तेमाल पुराने घावों को भरने में किया जाता है. इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण घाव को जल्दी भरने में मदद करते हैं और संक्रमण से बचाते हैं. अगर आपको किसी चोट या घाव के कारण परेशानी हो रही है, तो कचनार के पत्तों का पेस्ट बनाकर घाव पर लगाने से काफी राहत मिल सकती है.

मधुमेह के लिए फायदेमंद,,,,,
कचनार मधुमेह रोगियों के लिए भी लाभकारी होता है. इसके पत्तों और छाल का सेवन करने से शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. इसका काढ़ा पीने से रक्त में शर्करा की मात्रा को संतुलित किया जा सकता है, जिससे मधुमेह के लक्षणों में सुधार होता है.

इम्यूनिटी बूस्टर,,,,,,
आज के समय में जब इम्यून सिस्टम का मजबूत होना बहुत जरूरी है, कचनार इस दिशा में आपकी मदद कर सकता है. इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आप बीमारियों से दूर रहते हैं. कचनार के पत्ते और फूल एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट करने में सहायक होते,,,

कचनार का काढ़ा कैसे बनाएं,,,,?
कचनार की छाल का काढ़ा बनाना बेहद सरल है। इसके लिए आपको लगभग 10 ग्राम कचनार की छाल को 150 मिलीलीटर पानी में डालकर उबालना होगा और फिर इसे रातभर के लिए इस पानी को रख दें। अगली सुबह कचनार की छाल को अलग करें और पानी को हल्का गुनगुना करके पिएं। इसके अलावा आप कचनार की छाल के काढ़े से गरारा भी कर सकते हैं। कचनार की छाल का यह काढ़ा मुंह की समस्याओं के साथ-साथ अन्य शारीरिक समस्याओं में भी लाभकारी होता है।

निष्कर्ष
हालांकि, कचनार की छाल का काढ़ा स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है, लेकिन इसे प्रयोग करने से पहले डॉक्टर या आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें, खासकर यदि आप किसी अन्य दवा का सेवन कर रहे हैं। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

06/07/2025

05/07/2025

This might seem shocking to some but we’re not suppose to consume anything cold 👀 specially if you have gut issues, eczema, psoriasis, dermatitis etc… your natural gut temperature which is around 98 degreees must be maintained to seal your gut lining and feed you gut microbiome and cold drinks are the enemy 🤷🏾‍♂️ that’s LAW 💛 💛 🧘🏾‍♂️ 🌱 🤝 🍃

02/07/2025

भोजन करते समय अक्सर हम सबने तेजपत्ते को थाली से बाहर कर दिया होगा पर जब आप इसके औषधीय मूल्य को जानेंगे तो इसको थाली से बाहर न करके बड़े चाव से इसका सेवन शुरू कर देंगे..!

तेजपत्ता को तेजपत्र, तेजपान, तमालका, तमालपत्र, तेजपात, इन्डियन केसिया आदि आदि नामों से जाना जाता है।
तेजपत्ता की खेती हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू- कश्मीर, सिक्कम और अरुणाचल प्रदेश में की जाती है, ये हमेशा हरा रहने वाले तमाल वृक्ष के पत्ते हैं जो कई सालों तक लगातार उपज देता रहता है,इस पेड़ को यदि एक बार लगाया गया तो यह 50 से 100 सालों तक उपज देकर सेवा करता रहता है।

रोपण करने के 6 साल बाद जब इसका पेड़ पूरी तरह से विकसित हो जाता है तो इसकी पत्तियों को इक्कठा कर लिया जाता है,पत्तियों को इक्कठा करने के बाद इन्हें छाया में सुखाया जाता है,तब ये पत्तियां उपयोग करने के लिए तैयार हो जाती है। फसल की कटाई करने का बाद, इसकी पत्तियों को छाया में सुखाया जाता है।

तेज पत्ते का तेल भी निकाला जाता है इसके तेल निकालने के लिए आसवन यंत्र का प्रयोग किया जाता है,इसकी पत्तियों से हमे 0.6% खुशबूदार तेल की प्राप्ति होती है,इसका तेल भी एक बहुआयामी बहुकीमती औषधि है।

👉 तेजपत्ता के औषधीय गुण🍾👌
तेजपत्ता मधुमेह, अल्ज़ाइमर्स, बांझपन, गर्भस्त्राव, स्तनवर्धक, खांसी जुकाम, जोड़ो का दर्द, रक्तपित्त, रक्तस्त्राव, दाँतो की सफाई, सर्दी जैसे अनेक रोगो में अत्यंत उपयोगी है।

👉तेजपत्ता में दर्दनाशक, एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं। आयुर्वेद में अनेक गंभीर रोगो में इसके उपयोग किये जाते रहे हैं।*

👉चाय-पत्ती की जगह तेजपात के चूर्ण की चाय पीने से सर्दी-जुकाम, छींकें आना, बुखार, नाक बहना, जलन, सिरदर्द आदि में शीघ्र लाभ मिलता है।

👉तेजपात के पत्तों का बारीक चूर्ण सुबह शाम दांतों पर मलने से दांतों पर चमक आ जाती है।

👉तेजपात के पत्रों को नियमित रूप से चूंसते रहने से हकलाहट में लाभ होता है।

👉एक चम्मच तेजपात चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है।

👉तेजपात के पत्तों का क्वाथ (काढ़ा) बनाकर पीने से पेट का फूलना व अतिसार आदि में लाभ होता है।

👉कपड़ों के बीच में तेजपात के पत्ते रख दीजिये, ऊनी, सूती, रेशमी कपडे कीड़ों से बचे रहेंगे।

👉अनाजों के बीच में 4-5 पत्ते डाल दीजिए तो अनाज में भी कीड़े नहीं लगेंगे लेकिन उनमें एक दिव्य सुगंध जरूर बस जायेगी।

👉अनेक लोगों के मोजों से दुर्गन्ध आती है, वे लोग तेजपात का चूर्ण पैर के तलुवों में मल कर मोज़े पहना करें। पर इसका मतलब ये नहीं कि आप महीनों तक मोज़े धुलें ही न.!

👉तेजपात का अपने भोजन में लगातार प्रयोग कीजिए, आपका ह्रदय मजबूत बना रहेगा, कभी हृदय रोग नहीं होंगे।

👉इसके पत्ते को जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

👉इसका धुँआ मिर्गी रोगी के लिए काफी लाभदायक होता है।

पोस्ट अच्छी लगे तो लाइक शेयर फॉलो करें🙏

30/06/2025

Patients can reach out to me for free ayurvedic consultation with prior appointment calling mobile no.9315510202 and reaching at profrea smartcare,C-1050 Sushant lok phase 1,Opp.Vyapaar kendra market,sector 43,Gurugram,Monday to Saturday 5 PM to 8 PM

Address

Haryana

Opening Hours

Monday 9am - 7:30pm
Tuesday 9am - 7:30pm
Wednesday 9am - 7:30pm
Thursday 9am - 7:30pm
Friday 9am - 7:30pm
Saturday 9am - 7:30pm

Telephone

+919315510202

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Gera Ayurvedic Centre posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Practice

Send a message to Gera Ayurvedic Centre:

Share

Category