17/05/2020
कठिनाईयां कब खत्म हुई थी पहले की अब खत्म हो जाने की उम्मीद लगाए बैठे हो?
कोरोना काल है और अब आगे भी रहेगा। अपनी राह आपको स्वयं बनानी होगी,कोई आकर नही देने वाला क्योकि सबको अपनी चिंता है।
बातें कितनी भी बड़ी बड़ी हो ,करना तुम्हे खुद है।
तुम मजदूर हो,किसान हो ,छोटे व्यपारी हो जो भी हो,सम्हालना तुम्हे स्वयं है।
अगर आज तुम स्वयं अपने बारे में नही सोचोगे तो मिट जाओगे।
इस लिए दिमाग की नसों को दबाव,जोर डालो, देखो की तुम्हारे लिये अवसर कहाँ है। ऐसा क्या है जो तुम बेहतर कर सकते हो, ऐसा क्या है जो तुम्हे असंभव नजर आता है और ऐसा क्या है जो तुम्हे संभव नजर आता है।
दिमाग को इतना निचोड़ो, इतना निचोड़ो की सामने सब साफ दिखाई देने लगे।
अवसरों की कमी नही है बहुत से नए रास्ते खुल है,नए अवसर पैदा हुए है और आगे भी होंगे।
तुम्हे सोचना है कि तुम क्या कर सकते हो और जो कर सकते हो वो कर डालो यही समय है,कल की उम्मीद में आज का बेहतर अवसर खोना मूर्खता है।
कल भी एक दिन का आज ही होगा। अतः जो है आज है ,आज ही सोच डालो, आज ही समझ डालो,और आज ही कर डालो शुरुवात।
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औषधीय खेती विकास संस्थान