08/06/2024
थायराइड रोग, थायराइड ग्रंथि से संबंधित विभिन्न स्थितियों को शामिल करता है। थायराइड एक छोटी ग्रंथि है , जो गले के सामने स्थित होती है और यह शरीर की मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने वाले हार्मोन (टी3 और टी4) का उत्पादन करती है। थायराइड के रोगों को मुख्यतः दो भागों में बांटा जा सकता है ---------
हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म।
*1- हाइपोथायरायडिज्म -------*
हाइपोथायरायडिज्म 1ब होता है जब थायराइड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायराइड हार्मोन नहीं बनाती। इसके लक्षणों में शामिल हैं ---------
थकान और कमजोरी, वजन बढ़ना, ठंड महसूस होना , त्वचा का सूखापन, बालों का झड़ना , मासिक धर्म में गड़बड़ी ।
*2- हाइपरथायरायडिज्म -------*
हाइपरथायरायडिज्म, तब होता है। जब थायराइड ग्रंथि अत्यधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन बनाती है। इसके लक्षणों में शामिल हैं ---------
तेजी से वजन घटाना, धड़कन बढ़ना, पसीना आना , घबराहट और चिड़चिड़ापन, नींद की समस्या ,
आंखों की समस्या ।
*3- अन्य थायराइड संबंधित रोग -----*----
*(1) गॉइटर (Goiter)-----* थायराइड ग्रंथि का असामान्य रूप से बढ़ना।
*(2) थायराइड नोड्यूल्स ------* थायराइड ग्रंथि में गांठों का बनना।
*(3) थायराइड कैंसर -----* थायराइड ग्रंथि में कैंसर का विकास।
*4- परीक्षण ---------*
थायराइड रोगों के निदान के लिए खून की जांच की जाती है, जिससे टीएसएच (थायराइड स्टीमुलेटिंग हार्मोन), टी3 और टी4 के स्तर का पता चलता है।
थायराइड रोगों का सही समय पर पता लगाना और उपचार करना महत्वपूर्ण है ताकि इनके प्रभाव को कम किया जा सके और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सके।
5- थायराइड का आयुर्वेद चूर्ण ----------
*(1) घटक द्रव्य और निर्माण ---------*
त्रिकूट व त्रिफला 150 - 150 ग्राम, बायविडिंग, अजवाइन व चित्रकमूल 50-50 ग्राम,
काष्ठ औषधीय का महीन चूर्ण बनाकर दें।
*(2) मात्रा और अनुपान ---------*
सुबह खाली पेट, एक चम्मच, सादा पानी से लें।
एक सप्ताह के अंदर थायराइड नियंत्रित हो जाएगा।
*(3) अन्य उपाय --------*
हरी धनिए की पत्ती का रस सुबह खाली पेट लें। यह भी नियंत्रित करता है।
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अतुल्य आयुर्वेद चिकित्सा केंद्र
3348, सैक्टर 14 पार्ट 2 हिसार
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