07/07/2025
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🌼 मत्य्स्यासन क्या है?
मत्स्यासन संस्कृत शब्द है – मत्स्य = मछली, आसन = बैठने की मुद्रा
मत्स्यासन में शरीर मछली की तरह आकार लेता है।
योग में कहा जाता है –
> “मत्स्यासनं जलरोगं च हन्ति”
मत्स्यासन जल से जुड़ी बीमारियों को भी दूर करता है।
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✅ मत्स्यासन करने की विधि
(Step-by-Step)
1️⃣ सबसे पहले दरी या योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
2️⃣ पैरों को सीधा रखें और हाथ शरीर के बगल में रखें।
3️⃣ अब दोनों हाथों को हिप्स के नीचे स्लाइड करें – हथेलियां जमीन पर।
4️⃣ कोहनियां जमीन में दबाकर छाती को ऊपर उठाएं।
5️⃣ धीरे-धीरे सिर पीछे झुकाएं और सिर का शीर्ष (crown) जमीन को छुए।
6️⃣ गर्दन को आराम दें और छाती को उभारें।
7️⃣ कुछ देर इस स्थिति में रहें – सामान्य सांस लें।
8️⃣ बाहर आने के लिए छाती नीचे करें, सिर उठाएं और पीठ सीधी कर लें।
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✅ शुरुआती लोगों के लिए आसान तरीका
✅ पद्मासन में बैठकर भी मत्स्यासन किया जाता है।
✅ अगर गर्दन दर्द हो तो सिर को पूरा नीचे न झुकाएं – बस हल्की रीढ़ की आर्क बनाएं।
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✅ मत्स्यासन के फायदे
🌿 थायरॉयड ग्रंथि को सक्रिय करता है
🌿 गले, छाती और फेफड़ों को खोलता है
🌿 श्वसन प्रणाली मजबूत होती है
🌿 रीढ़ की लचीलापन बढ़ती है
🌿 तनाव और थकान दूर होती है
🌿 मुद्रा सुधारता है (Posture Correction)
🌿 महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान दर्द कम करता है
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⚠️ सावधानियां
❌ सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस वाले लोग डॉक्टर की सलाह लें
❌ हर्निया या गंभीर पीठ दर्द में ना करें
❌ गर्भावस्था में इसे न करें
❌ हाई ब्लड प्रेशर के मरीज धीरे से करें
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✅ कब और कितनी देर करें?
✅ सुबह खाली पेट सबसे अच्छा
✅ 20 सेकंड – 2 मिनट तक कर सकते हैं
✅ 2–3 बार रिपीट करें
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✅ श्वास (Breathing) कैसे लें?
✅ सामान्य सांस लें – गहरी और धीमी
✅ ध्यान रहे सांस रोके नहीं
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✅ मत्स्यासन के बाद कौन सा आसन करें?
✅ मत्स्यासन के बाद पवनमुक्तासन या शवासन करें – इससे रीढ़ आराम पाती है।