Devi Ahilya Cancer Hospital

Devi Ahilya Cancer Hospital Devi Ahilya Cancer Hospital is the world’s best Electro Homeopathic Cancer Hospital situated in Indor
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03/12/2025

Dijiyana News Channel dwara Dr. N. L. Sinha ke 136ve janamdin par vishesh prasaaran aur Electro Homeopathy Utsav 2025

03/12/2025

Electro Homeopathy Utsav 2025: Commemoration of the 136th Birth Anniversary of Dr. N.L. Sinha at the National Institute of Electro Homeopathy (NIEH), Devi Ahilya Cancer Hospital, Indore. First Session Keynote Address by Ajay Hardia.

03/12/2025

Dijiyana News Channel par Electro Homeopathy Utsav 2025 ka vishesh karyakram

दैनिक नईदुनिया में प्रकाशित समाचार में मार्फिन निर्भरता के विरोध में प्राकृतिक और सुरक्षित इलेक्ट्रो होम्योपैथी
03/12/2025

दैनिक नईदुनिया में प्रकाशित समाचार में मार्फिन निर्भरता के विरोध में प्राकृतिक और सुरक्षित इलेक्ट्रो होम्योपैथी

02/12/2025
कार्यक्रम के दौरान मॉर्फिन-निर्भरता को भारत की कैंसर चिकित्सा की सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल ...
02/12/2025

कार्यक्रम के दौरान मॉर्फिन-निर्भरता को भारत की कैंसर चिकित्सा की सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल के निदेशक अजय हार्डिया ने कहा कि मॉर्फिन के दीर्घकालीन उपयोग से मरीजों में लत, मानसिक भ्रम, अत्यधिक नींद, सुस्ती, भावनात्मक अस्थिरता और जीवन-गुणवत्ता में भारी गिरावट जैसी गंभीर समस्याएँ देखी जाती हैं। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल के क्लिनिकल अनुभवों में कई मॉर्फिन-निर्भर मरीजों को इलेक्ट्रो होम्योपैथी देने के बाद दर्द में राहत, मानसिक संतुलन और मॉर्फिन पर निर्भरता में कमी जैसे महत्वपूर्ण सकारात्मक परिणाम दर्ज हुए हैं। निदेशक हार्डिया ने इसे मॉर्फिन-निर्भरता कम करने की दिशा में एक उपयोगी वैज्ञानिक संकेत बताते हुए केंद्र सरकार से इलेक्ट्रो होम्योपैथी आधारित मॉर्फिन-रिडक्शन पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की आधिकारिक मांग रखी। पूरे कार्यक्रम में इसे ‘मॉर्फिन-मुक्त स्वास्थ्य क्रांति’ की सबसे महत्वपूर्ण पहल के रूप में रेखांकित किया गया।

02/12/2025

Zee News ने देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल, इंदौर की इस ऐतिहासिक पहल को अपनी स्पेशल रिपोर्ट में जगह दी। कार्यक्रम में हॉस्पिटल के निदेशक अजय हार्डिया ने किए गए नवीन शोध, उपचार अनुभव और स्वास्थ्य मॉडल को बताया, जिसे विशेषज्ञों ने “स्वास्थ्य सुधार की महत्वपूर्ण पहल” करार दिया।

मॉर्फिन निर्भरता के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी चिकित्सा लड़ाई, शक्तिशाली विकल्प के रूप में सामने आई इलेक्ट्रो होम्योपैथीhtt...
01/12/2025

मॉर्फिन निर्भरता के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी चिकित्सा लड़ाई, शक्तिशाली विकल्प के रूप में सामने आई इलेक्ट्रो होम्योपैथी
https://lalluram.com/indias-biggest-medical-battle-against-morphine-dependence-electro-homeopathy-emerges-as-a-powerful-alternative/

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इलेक्ट्रो होम्योपैथी उत्सव 2025 डॉ. नन्द लाल सिन्हा की 136वीं जयंती पर शुरू हुए राष्ट्रीय चिकित्सा-अधिकार आंदोलन के रू...

01/12/2025

देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल, इंदौर के निदेशक अजय हार्डिया की ‘मॉर्फिन-मुक्त स्वास्थ्य क्रांति’ मुहिम पर विस्तार न्यूज़ की विशेष कवरेज देखें। यह कार्यक्रम डॉ. एन.एल. सिन्हा की जयंती के अवसर पर इंदौर में आयोजित किया गया था।

30 नवंबर को, डॉ. एन.एल. सिन्हा की 136वीं जयंती के अवसर पर लिया गया यह हस्ताक्षर एक ऐतिहासिक क्षण बन गया। इलेक्ट्रो होम्य...
01/12/2025

30 नवंबर को, डॉ. एन.एल. सिन्हा की 136वीं जयंती के अवसर पर लिया गया यह हस्ताक्षर एक ऐतिहासिक क्षण बन गया। इलेक्ट्रो होम्योपैथी मान्यता के इस राष्ट्रीय हस्ताक्षर अभियान में किया गया हर साइन उस विचार को आगे बढ़ाता है, जिसकी नींव डॉ. सिन्हा ने वैज्ञानिकता और मानव-सेवा पर रखी थी। तस्वीर में दर्ज यह हस्ताक्षर केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि भारत की चिकित्सा स्वतंत्रता की दिशा में उठाया गया निर्णायक कदम है। इसी एक दस्तखत ने यह साबित कर दिया कि अब देशभर के चिकित्सक और समर्थक एक आवाज़ बन चुके हैं—एक ऐसी आवाज़ जो इलेक्ट्रो होम्योपैथी को उसका संवैधानिक अधिकार दिलाकर ही रुकेगी। डॉ. एन.एल. सिन्हा की जयंती पर शुरू हुआ यह अभियान, उनकी विरासत को जन-आंदोलन में बदलता हुआ, भारतीय चिकित्सा इतिहास में एक नया अध्याय लिख रहा है।

इंदौर में हुए इलेक्ट्रो होम्योपैथी उत्सव 2025 के दौरान, इलेक्ट्रो होम्योपैथी को राष्ट्रीय स्वास्थ्य ढाँचे में शामिल करने...
01/12/2025

इंदौर में हुए इलेक्ट्रो होम्योपैथी उत्सव 2025 के दौरान, इलेक्ट्रो होम्योपैथी को राष्ट्रीय स्वास्थ्य ढाँचे में शामिल करने की ऐतिहासिक मांग के बीच पीपल के पवित्र पौधे का रोपण किया गया।

यह वही आयोजन है जहाँ —
• केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी पर भेजे गए क्लिनिकल डेटा पर पहली बार सकारात्मक प्रतिक्रिया दी
• 15,000+ कैंसर मरीजों के उपचार रिकॉर्ड आंदोलन को वैज्ञानिक आधार दे रहे हैं
• मॉर्फिन-निर्भरता कम करने के लिए “प्राकृतिक, सुरक्षित और लत-मुक्त” चिकित्सा की माँग रखी गई
• राष्ट्रीय स्तर पर हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत हुई

देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. अजय हार्डिया ने पीपल का पौधा रोपते हुए कहा— “हम आज पीपल का पौधारोपण इसलिए कर रहे हैं क्योंकि पीपल प्रकृति का वह अनमोल वृक्ष है जो 24 घंटे ऑक्सीजन देता है और वास्तविक अर्थों में धरती का ‘नेचुरल ऑक्सीजन टॉवर’ माना जाता है। यह पेड़ वातावरण में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड और सल्फर जैसे हानिकारक तत्वों को अवशोषित करने की अनोखी क्षमता रखता है।

इसके पत्तों में माइक्रो-फोटोसिंथेटिक एक्टिविटी अत्यधिक होती है, इसलिए यह वायु-शुद्धि का सबसे प्रभावी स्रोत है। आयुर्वेद में इसे ‘जीवनदायी वृक्ष’ कहा गया है, क्योंकि यह तनाव, गर्मी, प्रदूषण और मानसिक अस्थिरता तक को कम करने में सहायक माना जाता है। पीपल के नीचे बनता ‘प्राण ऊर्जा क्षेत्र’ हवा को हल्का, स्वच्छ और शरीर के लिए सहज बनाता है। सदियों तक जीवित रहने वाला यह तेज़ी से बढ़ने वाला वृक्ष हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक ऑक्सीजन बैंक है।

इसलिए हमने इसे मॉर्फिन-मुक्त, सुरक्षित और प्राकृतिक चिकित्सा की अपनी क्रांति का प्रतीक बनाया है—ताकि जैसे यह वृक्ष सबको जीवन देता है, वैसे ही हमारा आंदोलन भी देश को सुरक्षित, सस्ती और मानवीय चिकित्सा की नई दिशा दे सके।”

आज हम महान शोधकर्ता और चिकित्सक डॉ. नन्द लाल सिन्हा की 136वीं जयंती पर उन्हें सत् सत् नमन करते हैं। डॉ. सिन्हा का व्यक्त...
30/11/2025

आज हम महान शोधकर्ता और चिकित्सक डॉ. नन्द लाल सिन्हा की 136वीं जयंती पर उन्हें सत् सत् नमन करते हैं। डॉ. सिन्हा का व्यक्तित्व ज्ञान, सादगी और समर्पण का अद्भुत मिश्रण था। वे हमेशा नवाचार और शोध के प्रति उत्साही रहे, और अपने परिवार, शिष्यों और रोगियों के प्रति अत्यंत स्नेही और मार्गदर्शक थे। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि ईमानदारी और दृढ़ निश्चय किसी भी चुनौती को पार कर सकता है।

डॉ. सिन्हा ने अपने जीवन को इलेक्ट्रो होम्योपैथी के विकास और मान्यता के लिए समर्पित किया। उनका संघर्ष, उनके शोध और उनका समर्पण आज भी वैकल्पिक चिकित्सा क्षेत्र को प्रेरणा देते हैं। उनका 1953 का आमरण अनशन चिकित्सा स्वतंत्रता और समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी का प्रतीक है। उनके आदर्श और दृष्टिकोण हमें यह संदेश देते हैं कि नवाचार और सेवा से समाज में अमिट छाप छोड़ी जा सकती है।

– अजय हार्डिया, निदेशक, देवी अहिल्या कैंसर अस्पताल

Address

1. Anand Nagar, Chitawad Road, Navlakha
Indore
452001

Telephone

+919827058514

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