Devi Ahilya Cancer Hospital

Devi Ahilya Cancer Hospital Devi Ahilya Cancer Hospital is the world’s best Electro Homeopathic Cancer Hospital situated in Indor

डॉक्यूमेंट्री फिल्म: कैंसर मरीजों के इलाज के लिए   सर्वश्रेष्ठ कैंसर अस्पताल
21/08/2025

डॉक्यूमेंट्री फिल्म: कैंसर मरीजों के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ कैंसर अस्पताल

Support with Sharing !!!Devi Ahilya Hospital & Research CentreCancer Pain & Palliative Care Centre1, Anand Nagar, Nemawar Road, Indore (M.P) - 452001Contact ...

21/08/2025
डॉ. अजय हार्डिया: आने वाले 5 वर्षों में हर कैंसर अस्पताल में Electro Homeopathy को मिलेगा स्थान
20/08/2025

डॉ. अजय हार्डिया: आने वाले 5 वर्षों में हर कैंसर अस्पताल में Electro Homeopathy को मिलेगा स्थान

भारत 24 के ‘पॉडकास्ट में देवी अहिल्या कैंसर अस्पताल के निदेशक डॉ. अजय हार्डिया ने Electro Homeopathy चिकित्सा प्रणाली को लेकर अ....

घर ले जाइए... कहने वालों के बाद भी मिल रहा इलाज — इलेक्ट्रो होम्योपैथी से
20/08/2025

घर ले जाइए... कहने वालों के बाद भी मिल रहा इलाज — इलेक्ट्रो होम्योपैथी से

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19/08/2025

आज जब दुनिया अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीकों के युग में प्रवेश कर चुकी है, तब भी करोड़ों लोग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से सं...
19/08/2025

आज जब दुनिया अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीकों के युग में प्रवेश कर चुकी है, तब भी करोड़ों लोग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से संघर्ष कर रहे हैं। पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियाँ – कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी – जहाँ एक ओर जीवन बचाने का प्रयास करती हैं, वहीं दूसरी ओर अनेक मामलों में ये इतना कष्टदायक और सीमित प्रभाव वाली होती हैं कि रोगी को संपूर्ण राहत नहीं मिल पाती।

ऐसे में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति एक नई आशा की किरण बनकर उभरी है। यह पद्धति न केवल रोग के लक्षणों पर कार्य करती है, बल्कि शरीर के रक्त और लसीका तंत्र को शुद्ध कर रोग की जड़ पर प्रभाव डालती है — वो भी बिना किसी दुष्प्रभाव के, पूरी तरह प्राकृतिक रूप से।

हमारे देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल, इंदौर में हजारों कैंसर मरीजों को इस पद्धति के माध्यम से लाभ प्राप्त हुआ है। हाल ही में 74 वर्षीय श्रीमती शशि बाला जी का केस इसका साक्षात प्रमाण है, जिनका ब्रेन मेटास्टेसिस इलेक्ट्रो होम्योपैथी से पूरी तरह नियंत्रण में आ गया — बिना कीमो, बिना रेडिएशन, बिना सर्जरी।

अब समय है कि सरकार इस पद्धति को संजीदगी से ले
यह चिकित्सा पद्धति कोई नवीन प्रयोग नहीं, बल्कि डॉ. काउंट सीजर मैटी द्वारा 1865 में विकसित की गई थी और तब से लेकर आज तक हजारों रोगियों को इसका लाभ मिला है। लेकिन दुर्भाग्यवश, आज भी इसे चिकित्सा की "स्वीकृत धारा" में नहीं गिना जाता, न ही इसे पर्याप्त शोध, नियमन और संस्थागत समर्थन दिया गया है।

हाल ही में अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा जारी एक अधिसूचना ने यह स्पष्ट कर दिया कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी में डिप्लोमा या पीजी डिप्लोमा लेने वाले छात्रों को स्वतंत्र प्रैक्टिस की अनुमति नहीं है, और ऐसे छात्रों द्वारा इलाज करना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आ सकता है।

प्रश्न यह उठता है:
जब किसी चिकित्सा पद्धति का इतिहास, प्रयोग और परिणाम इतने सकारात्मक हैं, तो उसे केवल "ज्ञानवर्धन" या "जन-जागरूकता" तक सीमित क्यों किया जा रहा है?

क्या चिकित्सा शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, या समाज को योग्य चिकित्सक देना भी है?

यदि एलोपैथी, आयुर्वेद और होम्योपैथी को मान्यता दी जाती है, तो इलेक्ट्रो होम्योपैथी को क्यों नहीं?

जिन मरीजों ने इस पद्धति से जीवन की नई शुरुआत की है, उनके अनुभवों को क्या हम अनदेखा कर सकते हैं?

जब देश के प्रधानमंत्री स्वदेशी चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने की बात करते हैं, तो इस पद्धति को संस्थागत समर्थन क्यों नहीं मिल रहा?

माननीय मुख्यमंत्री से आग्रह
मध्य प्रदेश सरकार, विशेषकर माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी से मैं इस मंच के माध्यम से आग्रह करता हूँ कि:

इलेक्ट्रो होम्योपैथी को राज्य में स्वीकृत चिकित्सा पद्धति के रूप में मान्यता देने की दिशा में आवश्यक कार्यवाही की जाए।

विश्वविद्यालयों को यह निर्देशित किया जाए कि वे ऐसे पाठ्यक्रम केवल ज्ञानवर्धन हेतु न चलाएं, बल्कि इनसे प्रशिक्षित चिकित्सकों को प्रैक्टिस की वैधानिक पात्रता भी प्रदान करें।

नियामक तंत्र विकसित किया जाए जो इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सकों की योग्यता, पंजीकरण और अभ्यास की निगरानी कर सके — ताकि गुणवत्ता बनी रहे और जनता को सुरक्षित इलाज मिले।

पूरे देश में इलेक्ट्रो होम्योपैथी के प्रचार-प्रसार के लिए राष्ट्रीय अभियान चलाया जाए, जिससे अधिक से अधिक मरीजों तक यह पद्धति पहुंचे।

चिकित्सा अनुसंधान संस्थानों को यह निर्देशित किया जाए कि वे इलेक्ट्रो होम्योपैथी की प्रभावशीलता पर वैज्ञानिक शोध करें और इसे प्रमाणिकता प्रदान करें।

आज जब देश "आत्मनिर्भर भारत" की दिशा में अग्रसर है, तब यह जरूरी है कि हम अपनी परंपरागत और प्रभावी चिकित्सा पद्धतियों को भी आत्मनिर्भरता की कसौटी पर खरा उतरने का अवसर दें।

इलेक्ट्रो होम्योपैथी कोई विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन चुकी है — विशेष रूप से उन रोगियों के लिए, जो पारंपरिक चिकित्सा से निराश हो चुके हैं।

इसलिए, अब समय आ गया है कि हम इस पद्धति को केवल "वैकल्पिक" नहीं, बल्कि "वैकल्पिक के बराबर प्रभावशाली" के रूप में स्वीकारें और इसे संस्थागत वैधता प्रदान करें।

माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि इस विषय को राज्य कैबिनेट में लाकर, एक ठोस नीति निर्माण की पहल करें, जिससे देशभर में इस क्रांतिकारी चिकित्सा पद्धति को सम्मान और स्थान मिल सके।

– डॉ. अजय हार्डिया
निदेशक, देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल, इंदौर

16/08/2025

: देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल में 74 वर्षीय महिला का सफल उपचार: इलेक्ट्रो होम्योपैथी से ब्रेन मेटास्टेसिस पर प्रभावी नियंत्रण

दिल्ली की रहने वाली 74 वर्षीय श्रीमती शशि बाला अमद, जो फेफड़ों के कैंसर (एडेनोकार्सिनोमा) से मस्तिष्क में फैले ब्रेन मेटास्टेसिस से पीड़ित थीं, ने देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल, दिल्ली में इलेक्ट्रो होम्योपैथी पद्धति के माध्यम से सफल इलाज प्राप्त किया। यह इलाज पारंपरिक कीमोथेरेपी या रेडिएशन के बिना किया गया, और इसके नतीजे न केवल MRI रिपोर्ट में बल्कि रोगी की संपूर्ण स्थिति में भी स्पष्ट रूप से दिखाई दिए।

भर्ती से डिस्चार्ज तक का सफर
भर्ती तिथि: 2 मई 2025
डिस्चार्ज तिथि: 8 मई 2025

इलाज की शुरुआत में शशि बाला जी बेहद कमजोर थीं, उन्हें चलने-फिरने में कठिनाई थी, भूख नहीं लग रही थी, और थकान अत्यधिक थी। प्रारंभिक MRI रिपोर्ट (दिनांक 4 मार्च 2025) में मस्तिष्क में गंभीर स्थिति दिखाई दी थी — सबड्यूरल संग्रह, सूजन, और मिडलाइन शिफ्ट जैसे लक्षण मौजूद थे।
इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अस्पताल की विशेषज्ञ टीम ने उनका इलाज इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से प्रारंभ किया — जो बिना साइड इफेक्ट के रोग के मूल कारण पर कार्य करती है।

इलाज के प्रमुख बिंदु (Electro Homeopathy Approach):
रक्त और लसीका को शुद्ध कर शरीर से दूषित तत्वों का निष्कासन
कैंसर कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि पर नियंत्रण
सामान्य कोशिकाओं में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ावा
दर्द, सूजन, भूख में कमी जैसी शिकायतों में तत्काल राहत
किसी भी कीमो, रेडिएशन या सर्जरी के बिना पूर्णतः प्राकृतिक और सुरक्षित उपचार

इलाज के बाद की MRI रिपोर्ट (दिनांक 1 अगस्त 2025):
मस्तिष्क में पहले पाया गया सबड्यूरल संग्रह पूर्णतः समाप्त
कोई नया मेटास्टेटिक फोकस नहीं दिखा
मिडलाइन शिफ्ट अब नहीं रहा, मस्तिष्क पर कोई दबाव नहीं
सर्जिकल क्षेत्र में हल्का ग्लायोसिस — जो सामान्य सर्जिकल परिवर्तन है

फॉलो-अप के दौरान रोगी की प्रतिक्रिया

शशि बाला जी ने अपनी बात साझा करते हुए कहा:

"जब मैं यहां इलाज के लिए आई थी, तब मैं बहुत कमजोर थी। चल भी नहीं पा रही थी। भूख नहीं लगती थी, और थकान हावी रहती थी। लेकिन अब इलाज के तीन महीने बाद, मुझे बहुत फर्क महसूस हो रहा है। बिना सहारे चल पा रही हूं, थकान नहीं होती, और भूख भी लगती है — जो पहले कभी नहीं होती थी। यह मेरे लिए बहुत बड़ा बदलाव है। मैं यहां के डॉक्टरों, स्टाफ और पूरे हॉस्पिटल की टीम की बहुत आभारी हूं।"

देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल की CEO श्रीमती मनीषा शर्मा ने शशि बाला जी के सफल उपचार पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,

"हमारा उद्देश्य कैंसर जैसी जटिल बीमारी से जूझ रहे हर मरीज को सम्मानपूर्वक, सुरक्षित और प्रभावशाली इलाज उपलब्ध कराना है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी पद्धति के माध्यम से हमने बिना कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी के भी मरीजों को राहत दी है। शशि बाला जी का केस इस बात का प्रमाण है कि अगर इलाज सही दिशा में हो, तो उम्र और स्थिति बाधा नहीं बनती।"

डॉ. अजय हार्डिया, भारत के अग्रणी इलेक्ट्रो होम्योपैथी ऑन्कोलॉजिस्ट, और अस्पताल के निदेशक, कहते हैं:
"इलेक्ट्रो होम्योपैथी का मूल उद्देश्य शरीर के रक्त और लसीका तंत्र को शुद्ध करना है। कैंसर कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि को रोकना और शरीर की स्वाभाविक चिकित्सा क्षमता को जागृत करना इसका मुख्य आधार है। यह पद्धति आज उन मरीजों के लिए आशा की किरण बन चुकी है, जिन्हें पारंपरिक चिकित्सा में निराशा मिली थी।"

इस केस के तकनीकी पहलुओं पर बोलते हुए, देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल ने उप निदेशक डॉ. आशीष हार्डिया ने बताया:

"श्रीमती शशि बाला जी के केस में प्रारंभिक MRI में जो सबड्यूरल कलेक्शन, मिडलाइन शिफ्ट और प्रेशर इफेक्ट्स दिखाई दिए थे, वो सभी क्लिनिकली भी गंभीर लक्षणों के रूप में प्रकट हो रहे थे — जैसे सिरदर्द, कमजोरी, असंतुलन और थकान। इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा से इलाज के तीन महीने बाद फॉलो-अप MRI में ये सभी गंभीर लक्षण न केवल पूरी तरह से समाप्त हो गए, बल्कि मस्तिष्कीय संरचना भी अब सामान्य स्थिति में आ गई है। सबसे महत्वपूर्ण यह रहा कि कोई भी नया मेटास्टेटिक फोकस नहीं मिला, और मिडलाइन अब पूर्णतः केंद्र में है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उपचार न केवल रोग के लक्षणों को कम करता है, बल्कि रोग की जड़ पर प्रभाव डालता है — और वो भी बिना किसी सर्जरी या कीमोथेरेपी के।"

शशि बाला जी की यह सफल यात्रा दर्शाती है कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी, आज के दौर में कैंसर जैसी जटिल बीमारियों के लिए एक प्रभावी, सुरक्षित और संवेदनशील विकल्प बनकर उभरी है। देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल, दिल्ली न केवल शरीर को उपचार देता है, बल्कि मरीजों को मानसिक संबल और नई आशा भी प्रदान करता है।

16/08/2025
देवी अहिल्या कैंसर अस्पताल में स्वतंत्रता दिवस पर हर्षोल्लास से ध्वजारोहण, डॉ. अजय हार्डिया ने गर्व और श्रद्धा के साथ ति...
15/08/2025

देवी अहिल्या कैंसर अस्पताल में स्वतंत्रता दिवस पर हर्षोल्लास से ध्वजारोहण, डॉ. अजय हार्डिया ने गर्व और श्रद्धा के साथ तिरंगे को शान से लहराया

स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर आज देवी अहिल्या कैंसर अस्पताल, इंदौर में एक भव्य ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया गया। अस्पताल के निदेशक डॉ. अजय हार्डिया ने गर्व से राष्ट्रध्वज फहराया और उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। इस गरिमामयी अवसर पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के वीर महापुरुषों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को स्मरण करते हुए सभी को प्रेरित किया।

डॉ. अजय हार्डिया ने कहा,

"यह दिन सिर्फ जश्न का नहीं, बल्कि आत्ममंथन और सेवा के संकल्प का दिन है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने जो बलिदान दिए, उनके कारण आज हम इस खुले आकाश के नीचे सांस ले पा रहे हैं। आज़ादी की लड़ाई में चिकित्सा क्षेत्र ने भी योगदान दिया, और अब हमारा कर्तव्य है कि हम सेवा, समर्पण और संवेदनशीलता के साथ हर मरीज़ की देखभाल करें। देवी अहिल्या कैंसर अस्पताल एक मिशन है — जीवन बचाने का, और मानवता की सेवा का।"

कार्यक्रम की गरिमा को और अधिक ऊँचाई मिली जब अस्पताल की CEO, श्रीमती मनीषा शर्मा ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा:

"स्वतंत्रता का सही अर्थ है — हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना। हम यहां केवल इलाज नहीं, बल्कि उम्मीद बाँटते हैं। हमारी पूरी टीम इस सोच के साथ काम करती है कि कोई भी मरीज़ केवल एक संख्या नहीं, बल्कि एक परिवार का सपना है।"

इस समारोह में डॉ. आशीष हार्डिया (उप-निदेशक) ने भी अपने विचार रखे:

"स्वतंत्रता दिवस सिर्फ झंडा फहराने का नहीं, बल्कि नई ऊँचाइयों तक पहुँचने का प्रण लेने का दिन है। हम यहाँ चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम कर रहे हैं और हर वर्ष हम और अधिक बेहतर करने की कोशिश करते हैं।"

कार्यक्रम में डॉ. मोनिका हार्डिया, योगेश उपाध्याय, डॉ. शिल्पा हार्डिया, डॉ. राजनंदिनी हार्डिया, सहित अस्पताल के समस्त वरिष्ठ चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, प्रशासनिक अधिकारी, टेक्निकल स्टाफ और मरीजों के परिजन भी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर राष्ट्रगान गाया और फिर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से देशभक्ति की भावना को और प्रगाढ़ किया।

अंत में डॉ. अजय हार्डिया ने सभी स्टाफ को धन्यवाद दिया और एकजुट होकर देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत बनाने का संकल्प लिया।

15/08/2025

कैंसर के खिलाफ बिगुल में गूंजी मनीषा शर्मा की संवेदना और संकल्प की आवाज़

15/08/2025

स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ डॉ. अजय हार्डिया ने छेड़ा 'कैंसर के खिलाफ बिगुल

स्वतंत्रता दिवस पर 'कैंसर के खिलाफ बिगुल': डॉ. अजय हार्डिया देंगे स्वास्थ्य जागरूकता का संदेश, 15 अगस्त को सुबह 7 बजे दे...
13/08/2025

स्वतंत्रता दिवस पर 'कैंसर के खिलाफ बिगुल': डॉ. अजय हार्डिया देंगे स्वास्थ्य जागरूकता का संदेश, 15 अगस्त को सुबह 7 बजे देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल के फेसबुक पेज पर होगा प्रसारण

देश की आज़ादी की 78वीं वर्षगांठ पर इस बार एक विशेष पहल के माध्यम से स्वास्थ्य को आज़ादी की असली पहचान बनाने की कोशिश की जा रही है। देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल के निदेशक और देश के प्रतिष्ठित कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय हार्डिया 15 अगस्त 2025 को 'कैंसर के खिलाफ बिगुल' कार्यक्रम के तहत राष्ट्र को एक महत्वपूर्ण संदेश देंगे। इस कार्यक्रम का प्रसारण सुबह 7 बजे से अस्पताल के आधिकारिक फेसबुक पेज पर किया जाएगा।

डॉ. हार्डिया का मानना है कि आजादी का असली मतलब तभी है जब देश का हर नागरिक स्वस्थ हो। वे कहते हैं, "हमने राजनीतिक स्वतंत्रता तो प्राप्त कर ली, लेकिन अब सबसे बड़ी चुनौती स्वास्थ्य की स्वतंत्रता है।" यही कारण है कि उन्होंने इस संदेश को स्वतंत्रता दिवस समारोह की औपचारिक शुरुआत से ठीक पहले प्रसारित करने का निर्णय लिया — ताकि स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का स्पष्ट संकेत देश को मिले।

इस कार्यक्रम में डॉ. हार्डिया कैंसर के उपचार के लिए इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की प्रभावशीलता पर प्रकाश डालेंगे। उनके अनुसार, इस पद्धति से कई थर्ड और फोर्थ स्टेज के कैंसर रोगियों को जीवनदान मिला है। उन्होंने इसे एक नई उम्मीद की किरण बताते हुए कहा कि अगर समय रहते सही दिशा में इलाज मिले, तो कैंसर से जंग जीती जा सकती है।

कार्यक्रम के दौरान देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती मनीषा शर्मा और उप निदेशक डॉ. आशीष हार्डिया भी अपने विचार साझा करेंगे। यह कार्यक्रम न केवल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने का प्रयास है, बल्कि यह बताता है कि आज़ादी का मतलब सिर्फ बाहरी बंधनों से मुक्ति नहीं, बल्कि बीमारियों से आज़ादी भी है।

कार्यक्रम विवरण:
दिनांक: 15 अगस्त 2025 (शुक्रवार)
समय: प्रातः 7:00 बजे से
स्थान: देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल का आधिकारिक फेसबुक पेज

देशवासियों से अनुरोध है कि वे इस महत्वपूर्ण संदेश को अवश्य सुनें और स्वस्थ भारत की दिशा में इस मुहिम का हिस्सा बनें।

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1. Anand Nagar, Chitawad Road, Navlakha
Indore
452001

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