Panchkarma Ayurvita

Panchkarma Ayurvita आयुर्वेद, हर्बल और घरेलू उपचार से संबंधित दैनिक स्वास्थ्य सुझाव -
Daily health tips related to ayurveda, herbs & home remedies.

आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा का भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान है। विभिन्न स्वास्थ्य संबंधित मसलों के लिए ऐसे कई हर्बल, आयुर्वेदिक उपचार और घरेलू नुस्खे हैं जिनके माध्यम से उत्तम स्वास्थ्य और सुंदर जीवन पाया जा सकता है।
Ayurvedic and natural treatments hold a special place in Indian history. There are many herbal, ayurvedic remedies and home remedies for different health related issues which ensure good health and beautiful life.

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03/01/2022

आयुर्वेद, हर्बल और घरेलू उपचार से संबं

यौन रोगों के कारण आप हेल्दी सेक्स लाइफ को एन्जॉय नहीं कर सकते. यौन रोग शारीरिक या मनोवैज्ञानिक समस्या ही है जिसके कारण आ...
30/12/2021

यौन रोगों के कारण आप हेल्दी सेक्स लाइफ को एन्जॉय नहीं कर सकते. यौन रोग शारीरिक या मनोवैज्ञानिक समस्या ही है जिसके कारण आपको या आपके साथी को यौन संतुष्टि नहीं हो पाती.

यौन रोग किसी भी उम्र के पुरुषों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ यौन समस्याएं अधिक बढ़ने लगती हैं, लेकिन इनका सही समय पर उपचार यौन रोग से निजात दिलाने में मदद कर सकता है.

और कई जड़ी-बूटियां हैं जो ना सिर्फ सेक्स क्षमता बढ़ा सकती हैं बल्कि यौन रोगों से छुटकारा दिलाने में भी मदद कर सकती हैं, जैसे -

जिन्कगो बिलोबा (Ginkgo biloba)
• एल-आर्जिनिन (L-arginine)
• क्रिसिन (पैसिफ्लोरा इनकैरेनेट) (Chrysin (Passiflora incarnata))
• सॉ पाल्मेटो (सेरेनोआ रिपेन्स) (Saw palmetto (Serenoa repens))
• बसेला अल्बा (Basella alba)
• ट्रिब्युलस टेरेस्ट्रिस एक्सट्रैक्ट (tribulus terrestris extract)
• क्लोरोफाइटम बोरिविलियनम (Chlorophytum borivilianum)
• मोंडिया व्हाइटी (Mondia whitei)
• क्रोकस सैटिवस (Crocus sativus)
• मिरिस्टिका फ्रैगरेंस (Myristica fragrans)
• फीनिक्स डेक्टाइलिफेरा (Phoenix dactylifera)
• लेपिडियम मेयेनि (Lepidium meyenii)
• काम्फेरिया परविफ्लोरा (Kaempferia parviflora)
• यूरीकोमा लॉन्गिफोलिया (Eurycoma longifolia)
• सतेरेजा खुज़ेस्टानिका (Satureja khuzestanica)
• फडोगिया एग्रेसिस (Fadogia agrestis)
• मोंटानोआ टोमेंटोसा (Montanoa tomentosa)
• टर्मिनलिया कटप्पा (Terminalia catappa)
• कासिमिरोआ एडुलिस (Casimiroa edulis)
• टर्नरा डिफ्यूसा (Turnera diffusa)

🙏 #गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं। इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है। कहते हैं ...
29/11/2021

🙏 #गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं। इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है।

कहते हैं कि देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहां-जहां छलकीं, वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई।

#इसका वानस्पिक नाम( Botanical name) टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया (tinospora cordifolia है। इसके पत्ते पान के पत्ते जैसे दिखाई देते हैं और जिस पौधे पर यह चढ़ जाती है, उसे मरने नहीं देती। इसके बहुत सारे लाभ आयुर्वेद में बताए गए हैं, जो न केवल आपको सेहतमंद रखते हैं, बल्कि आपकी सुंदरता को भी निखारते हैं।

ानते_हैं_गिलोय_के_फायदे…....

#गिलोय बढ़ाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

गिलोय एक ऐसी बेल है, जो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर उसे बीमारियों से दूर रखती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। यह खून को साफ करती है, बैक्टीरिया से लड़ती है। लिवर और किडनी की अच्छी देखभाल भी गिलोय के बहुत सारे कामों में से एक है। ये दोनों ही अंग खून को साफ करने का काम करते हैं।

#ठीक करती है बुखार

अगर किसी को बार-बार बुखार आता है तो उसे गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करती है। इसलिए डेंगू के मरीजों को भी गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है। डेंगू के अलावा मलेरिया, स्वाइन फ्लू में आने वाले बुखार से भी गिलोय छुटकारा दिलाती है।

#गिलोय के फायदे – डायबिटीज के रोगियों के लिए

गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है यानी यह खून में शर्करा की मात्रा को कम करती है। इसलिए इसके सेवन से खून में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है, जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है।

#पाचन शक्ति बढ़ाती है

यह बेल पाचन तंत्र के सारे कामों को भली-भांति संचालित करती है और भोजन के पचने की प्रक्रिया में मदद कती है। इससे व्यक्ति कब्ज और पेट की दूसरी गड़बडिय़ों से बचा रहता है।

#कम करती है स्ट्रेस

गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय एडप्टोजन की तरह काम करती है और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है। इसकी मदद से न केवल याददाश्त बेहतर होती है बल्कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी दुरूस्त रहती है और एकाग्रता बढ़ती है।

#बढ़ाती है आंखों की रोशनी

गिलोय को पलकों के ऊपर लगाने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके लिए आपको गिलोय पाउडर को पानी में गर्म करना होगा। जब पानी अच्छी तरह से ठंडा हो जाए तो इसे पलकों के ऊपर लगाएं।

#अस्थमा में भी फायदेमंद

मौसम के परिवर्तन पर खासकर सर्दियों में अस्थमा को मरीजों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से गिलोय की मोटी डंडी चबानी चाहिए या उसका जूस पीना चाहिए। इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा।

#गठिया में मिलेगा आराम

गठिया यानी आर्थराइटिस में न केवल जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। गिलोय में एंटी आर्थराइटिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह जोड़ों के दर्द सहित इसके कई लक्षणों में फायदा पहुंचाती है।

#अगर हो गया हो एनीमिया, तो करिए गिलोय का सेवन

भारतीय महिलाएं अक्सर एनीमिया यानी खून की कमी से पीडि़त रहती हैं। इससे उन्हें हर वक्त थकान और कमजोरी महसूस होती है। गिलोय के सेवन से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है।

#बाहर निकलेगा कान का मैल

कान का जिद्दी मैल बाहर नहीं आ रहा है तो थोड़ी सी गिलोय को पानी में पीस कर उबाल लें। ठंडा करके छान के कुछ बूंदें कान में डालें। एक-दो दिन में सारा मैल अपने आप बाहर जाएगा।

#कम होगी पेट की चर्बी

गिलोय शरीर के उपापचय (मेटाबॉलिजम) को ठीक करती है, सूजन कम करती है और पाचन शक्ति बढ़ाती है। ऐसा होने से पेट के आस-पास चर्बी जमा नहीं हो पाती और आपका वजन कम होता है।

#खूबसूरती बढ़ाती है गिलोय

गिलोय न केवल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, बल्कि यह त्वचा और बालों पर भी चमत्कारी रूप से असर करती है….

#जवां रखती है गिलोय

गिलोय में एंटी एजिंग गुण होते हैं, जिसकी मदद से चेहरे से काले धब्बे, मुंहासे, बारीक लकीरें और झुर्रियां दूर की जा सकती हैं। इसके सेवन से आप ऐसी निखरी और दमकती त्वचा पा सकते हैं, जिसकी कामना हर किसी को होती है। अगर आप इसे त्वचा पर लगाते हैं तो घाव बहुत जल्दी भरते हैं। त्वचा पर लगाने के लिए गिलोय की पत्तियों को पीस कर पेस्ट बनाएं। अब एक बरतन में थोड़ा सा नीम या अरंडी का तेल उबालें। गर्म तेल में पत्तियों का पेस्ट मिलाएं। ठंडा करके घाव पर लगाएं। इस पेस्ट को लगाने से त्वचा में कसावट भी आती है।

#बालों की समस्या भी होगी दूर

अगर आप बालों में ड्रेंडफ, बाल झडऩे या सिर की त्वचा की अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं तो गिलोय के सेवन से आपकी ये समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।

#गिलोय का प्रयोग ऐसे करें :--

अब आपने गिलोय के फायदे जान लिए हैं, तो यह भी जानिए कि गिलोय को इस्तेमाल कैसे करना है…

#गिलोय जूस

गिलोय की डंडियों को छील लें और इसमें पानी मिलाकर मिक्सी में अच्छी तरह पीस लें। छान कर सुबह-सुबह खाली पेट पीएं। अलग-अलग ब्रांड का गिलोय जूस भी बाजार में उपलब्ध है।

#काढ़ा

चार इंच लंबी गिलोय की डंडी को छोटा-छोटा काट लें। इन्हें कूट कर एक कप पानी में उबाल लें। पानी आधा होने पर इसे छान कर पीएं। अधिक फायदे के लिए आप इसमें लौंग, अदरक, तुलसी भी डाल सकते हैं।

#पाउडर

यूं तो गिलोय पाउडर बाजार में उपलब्ध है। आप इसे घर पर भी बना सकते हैं। इसके लिए गिलोय की डंडियों को धूप में अच्छी तरह से सुखा लें। सूख जाने पर मिक्सी में पीस कर पाउडर बनाकर रख लें।

#गिलोय वटी

बाजार में गिलोय की गोलियां यानी टेबलेट्स भी आती हैं। अगर आपके घर पर या आस-पास ताजा गिलोय उपलब्ध नहीं है तो आप इनका सेवन करें।

साथ में अलग-अलग बीमारियों में आएगी काम

अरंडी यानी कैस्टर के तेल के साथ गिलोय मिलाकर लगाने से गाउट(जोड़ों का गठिया) की समस्या में आराम मिलता है।इसे अदरक के साथ मिला कर लेने से रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या से लड़ा जा सकता है।खांड के साथ इसे लेने से त्वचा और लिवर संबंधी बीमारियां दूर होती हैं।आर्थराइटिस से आराम के लिए इसे घी के साथ इस्तेमाल करें।कब्ज होने पर गिलोय में गुड़ मिलाकर खाएं।

#साइड इफेक्ट्स का रखें ध्यान

वैसे तो गिलोय को नियमित रूप से इस्तेमाल करने के कोई गंभीर दुष्परिणाम अभी तक सामने नहीं आए हैं लेकिन चूंकि यह खून में शर्करा की मात्रा कम करती है। इसलिए इस बात पर नजर रखें कि ब्लड शुगर जरूरत से ज्यादा कम न हो जाए।

#गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए। पांच साल से छोटे बच्चों को गिलोय न दें।

🙏 #एक निवेदन :-- अपने घर में बड़े गमले या आंगन में जंहा भी उचित स्थान हो गिलोय की बेल अवश्य लगायें यह बहु उपयोगी वनस्पति ही नही बल्कि आयुर्वेद का अमृत और ईश्वरीय वरदान है। हमसे जुड़िये आइये आयुर्वेद को जाने और निरोग रहे
🙏❤🙏

26/10/2021
क्या सोरायसिस अपने आप दूर हो सकता है?सोरायसिस एक त्वचा रोग है जिसमें लाल, खुजलीदार और रूखी त्वचा के लक्षण दिखाई देते हैं...
06/09/2021

क्या सोरायसिस अपने आप दूर हो सकता है?

सोरायसिस एक त्वचा रोग है जिसमें लाल, खुजलीदार और रूखी त्वचा के लक्षण दिखाई देते हैं। ज्यादातर मामलों में, इसे उपचार से गुजरना पड़ता है जबकि कुछ मामलों में स्पॉनटेनियस रीमिशन के साथ एसोसिएटेड हो सकता है। ऐसी त्वचा की स्थिति में फ्लेयर-उप गायब हो सकता है या अपने आप और बिना किसी उपचार के ठीक हो सकता है। संभवतः स्पॉनटेनियस रीमिशन, इम्मयून सिस्टम का परिणाम है जो त्वचा पर हमला करना बंद कर सकती है, जिससे लक्षण दूर हो जाते हैं। इलाज कराने के बाद भी दोबारा होने की संभावना रहती है।

सोरायसिस का निदान कैसे करें?

आपका डॉक्टर जांच कर सकता है कि क्या आपको सोरायसिस है या यदि आपके कान, नाखून, कोहनी, स्कैल्प, पेट और घुटनों पर प्लाक हैं या नहीं। यदि डॉक्टर अभी भी इस बारे में स्पष्ट नहीं है, तो वह आपकी त्वचा(स्किन) का एक छोटा सा सैंपल लेगा जिसे बायोप्सी के रूप में जाना जाता है। बाद में, इसे एक लैब में भेजा जाएगा और माइक्रोस्कोप के तहत आपकी त्वचा के नमूने की जांच की जाएगी।

इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि आपको किस प्रकार का सोरायसिस है या आप किस अन्य प्रकार के इन्फेक्शन या बीमारी से पीड़ित हैं।

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