03/09/2025
WHO की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग मानसिक विकारों से पीड़ित हैं, जिसमें एंग्ज़ायटी और डिप्रेशन सबसे आम मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां हैं । महिलाओं पर इन बीमारियों का असर पुरुषों की तुलना में अधिक है, करीब 58.15 करोड़ महिलाएँ मानसिक स्वास्थ्य विकारों से ग्रसित हैं जबकि पुरुषों की संख्या 51.39 करोड़ है ।
रिपोर्ट में बताया गया है कि आत्महत्या लगातार बड़ा चिंता का विषय बनी हुई है। 2021 में करीब 7,27,000 लोगों ने आत्महत्या की, जो युवा (15-29 वर्ष) लोगों के लिए तीसरी प्रमुख मृत्यु का कारण है । हर आत्महत्या के मामले में लगभग 20 बार प्रयास किए जाते हैं और वैश्विक स्तर पर पुरुषों द्वारा आत्महत्या करने की संभावना महिलाओं की तुलना में दोगुनी है ।
मानसिक स्वास्थ्य विकार लंबे समय तक अक्षमता के लिए दूसरा सबसे बड़ा कारण हैं और ये सभी देशों व समुदायों में हर उम्र के लोगों को प्रभावित करते हैं । ये बीमारियां स्वस्थ जीवन जीने में बाधक होती हैं और प्रभावित व्यक्ति ही नहीं, उनके परिवारों को भी सामाजिक नुकसान पहुंचाती हैं ।
रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों में ADHD और बौद्धिक विकास में बाधा (idiopathic) जैसी समस्याएं अधिक होती हैं, जबकि महिलाओं में डिप्रेशन और एंग्ज़ायटी ज्यादा आम हैं । WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश सिर्फ पूर्वाग्रह दूर करने के लिए नहीं, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है कि उसे मानसिक स्वास्थ्य देखभाल मिले।
वैश्विक स्तर पर आत्महत्या की दर में कमी लाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इसमें अपेक्षित प्रगति नहीं हुई है। वर्तमान रुझान के अनुसार, 2030 तक आत्महत्या की दर में लक्ष्य के मुताबिक केवल 12% कम ही की जा सकेगी ।
इसलिए मानसिक स्वास्थ्य पर निवेश को सभी देशों, सरकारों और समुदायों को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि हर व्यक्ति को बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हो सकें!