30/09/2024
प्रेम जीवन मे समस्या बड़ी कब होती है...
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1-जब शुक्र वक्री होकर क्रूर ग्रह शनि, राहु, केतु, मंगल और सूर्य से पीड़ित हो।
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2-यदि 2 नम्वर का जन्म है और चन्द्रमा राहु से पीड़ित होकर अष्टम भाव मे हो।
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3-जब नवांश मे पंचमेश अपने भाव से 6 तथा 8 की दूरी पर होकर अशुभ राशि(1,8,10,11) मे हो और पाप ग्रह से दृष्ट हो।
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4-जब पंचमेश वक्री हो और पाप ग्रह से दृष्ट हो।
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5-पंचम भाव मे अष्टमेश हो तो प्रेम जीवन मे धोखा मिलना बहुत बार होता है।
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6-लग्नेश अष्टम हो और क्रूर तथा वक्री ग्रह के साथ हो।
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7-वक्री ग्रह पंचम मे हो और उसपर पाप दृष्टि हो।
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8-पंचम मे राहु अथवा केतु हों और पंचमेश शत्रु राशि मे हो और पाप दृष्ट हो।
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9-राहु देव अष्टम मे हो और शुक्र तथा चंद्र दोनों पीड़ित हों और अशुभ दृष्ट हों तो धोखा अवश्य मिले।
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10-अष्टम स्थान का स्वामी और 12 का स्वामी पंचम मे हो और किसी क्रूर ग्रह से दृष्ट हो।
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11-6 भाव का स्वामी पंचम मे हो तो किसी बाहरी इंसान की वजह से धोखा का योग हो।
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12-यदि सप्तम का स्वामी अष्टम मे हो और पंचम का स्वामी द्वादश मे हो और पंचम भाव पाप करतरी मे हो।
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क्या करें उपाय
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1-पंचम के स्वामी का मन्त्र जाप तथा कमजोर होने पर उसका रत्न पहने।
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2-शुक्र के मंत्रो का जाप करें।
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3-बुध तथा गुरु को बली करें जिससे बातों मे कम्युनिकेशन गप ना हो।
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4-यदि राहु पंचम हो तो अति विश्वास से बचें।
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5-यदि पंचमेश वक्री हो तो उसका रत्न ना पहने उसके मंत्रो का जाप करें।
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6-चन्द्रमा को मजबूत बनाएं।
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आचार्य अमित मिश्रा