09/03/2023
विभिन्न ग्रहों के नंवाश में स्थित सूर्यफल
1 सूर्य अपने ही नवांश में होने पर जातक दुःखी, दूसरी की आधीनता में रहने वाला कलह प्रिय, प्रभावहीन दुष्ट व कुटिल
स्वभाव तथा विविध रोगों से पीड़ित होता है।
2 चन्द्रमा के नवांश में सूर्य हो तो जातक कार्य करने में दक्ष स्थिर मति बुद्धिमान ज्ञान यश व धन से परिपूर्ण पुत्र का सुख पाने वाला, जाति प्रमुख तथा राजा ( उच्चाधिकारियों) का स्नेह भाजन व कृपा पात्र होता है।
3 मंगल के नवाश में स्थित सूर्य से जातक दीन, दुःखी दरिद्र व रोग ग्रस्त हुआ करता है। वह वात रोग से पीड़ित तथा अपमान उपेक्षा पाने वाला होता है।
4 बुद्ध के नवाश में स्थित सूर्य जातक को सुख सुविधा व सम्पन्नता देता है। ऐसा जातक शत्रुओं पर विजय पाने वाला, पुत्री से विशेष स्नेह करने वाला तथा जीवन में सभी प्रकार के सुख सहज रूप से पाने वाला होता है। उसे वात रोग जन्य कष्ट व पीड़ा का भय हुआ करता है।
5 गुरु के नवाश में स्थित सूर्य जातक को सत्यनिष्ठ, तपस्वी (जनहित के लिए कष्ट सहने वाला) पवित्र, आस्तिक, लौकिक सुखों में अनासक्त जितेन्द्रिय सुखी व धनी बनाता है।
6 शुक्र के नवाश में स्थित सूर्य जातक को भाई बंधुओं का मुखिया, विवेकशील, धार्मिक आस्था से युक्त व शत्रुहंता बनाता है। ऐसा जातक आत्म विश्वास से पूर्ण साहसी विजेता, यशस्वी तथा रोगी होता है। कभी जातक के शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति 1 की कमी भी हुआ करती है।
7 शनि के नवाश में स्थित सूर्य जातक को पराजय धन की कमी व दुर्बलता देता है। ऐसा जातक भाई बंधुओं के वियोग से दुखी, अभागा, अपमान व दुर्गति को पाने वाला तथा दुष्ट प्रकृति का मनुष्य होता है।